नोएडा । विनय शिशोदिया ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की तैयारी शुरू करके पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहे पंकज बिजल्वान की मुसीबतों को और बढ़ा दिया है । मजे की बात यह है कि विनय शिशोदिया पिछले लायन वर्ष की चुनावी लड़ाई में पंकज बिजल्वान के समर्थन में थे - और खासे आक्रामक तरीके से उन्हें चुनाव जितवाने के अभियान में लगे हुए थे । पिछले लायन वर्ष की चुनावी लड़ाई में पंकज बिजल्वान को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की पगड़ी बँधवाने के लिए विनय शिशोदिया ने उन्हें ठीक पीछे से कस कर पकड़ा हुआ था, फिर भी वह पगड़ी लेकिन बँध गई रजनीश गोयल के सिर पर । विनय शिशोदिया को पता नहीं क्यों ऐसा लगता है कि वह पंकज बिजल्वान को तो सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव नहीं जितवा सके, लेकिन वह खुद सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन सकते हैं ! विनय शिशोदिया के नजदीकियों का कहना/बताना है कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज से शह मिली है, और उसी शह के चलते विनय शिशोदिया ने पंकज बिजल्वान का साथ छोड़ कर अपनी उम्मीदवारी के लिए प्रयास तेज कर दिया है । विनय शिशोदिया के सक्रिय होने की जानकारी मिलने के बाद, सुस्त पड़े पंकज बिजल्वान ने भी करवट ली है और दौड़भाग तेज की है ।
पंकज बिजल्वान और विनय शिशोदिया ने हाल ही में सत्ता खेमे के पूर्व गवर्नर्स से मुलाकातें की हैं, और दोनों की ही तरफ से दावे सुने गए हैं कि पूर्व गवर्नर्स की तरफ से उन्हें उचित प्रोत्साहन मिला है । मजे की बात यह है कि यह दोनों ही पिछले लायन वर्ष में सत्ता खेमे के खिलाफ थे; लेकिन अब दोनों की ही तरफ से कहा/बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष जो हुआ, सो हुआ - अब इस वर्ष उन्होंने सत्ता खेमे के नेताओं के बीच अपना समर्थन बना लिया है । विनय शिशोदिया ने तो कुछेक लोगों को अपनी 'घर वापसी' की सूचना भी दी है । उल्लेखनीय है कि विनय शिशोदिया को डिस्ट्रिक्ट में विनय मित्तल ने ही 'आगे बढ़ाया' है, लेकिन पिछले वर्ष की चुनावी राजनीति में वह विनय मित्तल को चुनौती देने वाले लोगों के साथ थे । विनय शिशोदिया को लगता है कि सत्ता खेमे के कुछेक नेता अलग अलग कारणों से पंकज बिजल्वान को 'स्वीकार' नहीं कर सकेंगे, इसलिए सत्ता खेमे में उनकी दाल गल सकती है । हालाँकि सत्ता खेमे के कुछेक नेताओं को लगता है और उनका मानना/कहना है कि यदि इन दोनों में से ही किसी एक को चुनना है तो पंकज बिजल्वान को चुनना चाहिए - क्योंकि डिस्ट्रिक्ट में उनकी 'पहचान' ज्यादा है, विनय शिशोदिया को तो डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग अभी जानते/पहचानते भी नहीं हैं । सत्ता खेमे के कुछेक नेताओं का यह भी मानना और कहना है कि इन दोनों में से चुनने की बजाये, उन्हें 'अपना' कोई उम्मीदवार लाना चाहिए ।
सत्ता खेमे में अभी चूँकि किसी एक पर एकराय बनती नहीं दिख रही है, इसलिए वह जल्दबाजी में फैसला नहीं लेना चाहते हैं - और इंतजार करना चाहते हैं कि अपनी अपनी उम्मीदवारी को लेकर पंकज बिजल्वान और विनय शिशोदिया का कैसा क्या 'रवैया' रहता है । वह विरोधी खेमे के नेताओं की चाल का भी इंतजार करना चाहते हैं, जो बड़ी तेजी से उम्मीदवार की खोज में हैं - लेकिन जो उन्हें मिल नहीं रहा है । विरोधी खेमे के नेता उम्मीद कर रहे हैं कि सत्ता खेमे के नेता किसी एक को अपने उम्मीदवार के रूप में चुनें - तो दूसरा खुद-ब-खुद उनके पास आ जाए । पंकज बिजल्वान और विनय शिशोदिया तथा अन्य संभावित उम्मीदवार भी मान/समझ रहे हैं कि विरोधी खेमे के नेताओं से जुड़ने पर तो उन्हें सिर्फ पराजय ही मिलेगी - इसलिए हर कोई सत्ता खेमे का ही उम्मीदवार होना/बनना चाहता है, और विरोधी खेमे के नेताओं की छाया से भी बच रहा है । सत्ता खेमे के नेताओं के अभी फैसला न करने के रवैये ने पंकज बिजल्वान और विनय शिशोदिया के सामने चुनौती व समस्या यह खड़ी कर दी है कि वह सत्ता खेमे के नेताओं की हरी झंडी मिलने तक चुप बैठे रहें और या अपनी अपनी 'ताकत' दिखाते हुए पलड़ा अपने पक्ष में झुकाने के लिए प्रयास करें । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज के समर्थन का दावा करते हुए विनय शिशोदिया ने अपनी उम्मीदवारी में 'वजन' तो पैदा किया है, लेकिन फिर भी यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वर्ष वह पंकज बिजल्वान को पीछे से पकड़ेंगे या आगे से ?