Friday, August 28, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा वरिष्ठ पूर्व गवर्नर दीपक तलवार पर लगाए आरोप का सुबूत प्रस्तुत करने की चुनौती से बचने/छिपने के कारण एक बार फिर रोटेरियंस के बीच फजीहत का शिकार हुए 

नई दिल्ली । संजीव राय मेहरा सिर्फ डाँट खाने, लताड़ सुनने और फजीहत झेलने के लिए ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने हैं क्या ? लोगों के बीच यह सवाल दरअसल इसलिए चर्चा में है, क्योंकि अभी उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार संभाले दो महीने भी नहीं हुए हैं - कि तीन बड़े कांड में उन्हें डाँट खाना पड़ी है और फजीहत झेलना पड़ी है । ताजा प्रकरण में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक तलवार ने उन्हें चुनौती दी है कि रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड से उन्हें चेतावनी मिलने की जो बात उन्होंने कही/लिखी है, वह उसके सुबूत दें - अन्यथा माफी माँगे । संजीव राय मेहरा अपनी ही कही/लिखी बात का न कोई सुबूत दे रहे हैं, और न माफी माँग रहे हैं - बल्कि मुँह छिपाते फिर रहे हैं । इस प्रकरण पर वरिष्ठ पूर्व गवर्नर विनय अग्रवाल ने मजे लेते हुए संजीव राय मेहरा को बड़ी मीठी मीठी सी 'पिटाई' करते हुए चिट्ठी लिखी है । फजीहत के पिछले मामलों की तरह इस मामले में भी संजीव राय मेहरा ने मुसीबत खुद ही बुलाई और एक बार फिर साबित किया कि उम्र में वह भले ही बड़े हो गए हैं, लेकिन सोच/समझ और व्यवहार में वह बहुत 'छोटे' हैं ।
दीपक तलवार अगले रोटरी वर्ष, यानि वर्ष 2021-22 के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर हैं । इस नाते काम करते हुए उन्होंने क्लब्स के पदाधिकारियों से संपर्क किया । संपर्क करते हुए उन्होंने जो पत्र लिखा, उसमें उन्होंने अपने आप को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर तो लिखा/बताया - लेकिन वर्ष नहीं लिखा/बताया । इस तरह की चूक और या लापरवाही रोटरी में अधिकतर पदाधिकारी करते रहते हैं, और इसे प्रायः अनदेखा किया जाता है । अपनी सोच/समझ व व्यवहार के 'छोटेपन' को दर्शाते हुए संजीव राय मेहरा लेकिन दीपक तलवार की इस चूक और या लापरवाही पर जैसे आगबबूला हो गए, और बात का बतंगड़ बनाते हुए उन्होंने दीपक तलवार को तो बुरा-भला कहते हुई चिट्ठी लिख ही दी - और उससे भी जैसे उनका मन नहीं भरा, तो दीपक तलवार को लिखी अपनी चिट्ठी उन्होंने तमाम छोटे/बड़े पदाधिकारियों को भी भेज दी । संजीव राय मेहरा चाहते तो अपनी, अपने पद की, डिस्ट्रिक्ट की और रोटरी की गरिमा बनाये रखते हुए दीपक तलवार को उनकी चूक और या लापरवाही के प्रति आगाह करते हुए उसमें सुधार करवा सकते थे - लेकिन तब वह अपनी फजीहत का मौका कैसे बनाते ? संजीव राय मेहरा यदि दीपक तलवार को उनकी चूक और या लापरवाही पर ही घेरने तक टिकते, तब भी गनीमत होती और वह फजीहत से बच जाते । संजीव राय मेहरा लेकिन दीपक तलवार पर आरोप लगा बैठे कि वर्ष 2015-16 में डिस्ट्रिक्ट की कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के लिए रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड उन्हें चेतावनी दे चुका है । दीपक तलवार ने इसी बात को मुद्दा बना कर संजीव राय मेहरा पर पलट वार किया है और आरोप लगाया है कि संजीव राय मेहरा झूठे आरोप लगा कर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की और डिस्ट्रिक्ट की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । दीपक तलवार ने संजीव राय मेहरा को चुनौती दी है कि वह रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा उन्हें चेतावनी देने वाला सुबूत प्रस्तुत करें । सुबूत प्रस्तुत करने की बजाये संजीव राय मेहरा लेकिन मुँह छिपाते फिर रहे हैं ।
दीपक तलवार पर झूठा आरोप लगाने के मामले में फजीहत का शिकार हो रहे संजीव राय मेहरा, इससे पहले रोटरी इंटरनेशनल के नियमों का मजाक बनाते हुए रंजन ढींगरा की जगह विनय भाटिया को डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन बनाने के मामले में पहले रोटरी इंटरनेशनल के साउथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों से और फिर इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या से लताड़ खाकर फजीहत करा चुके हैं । उससे भी पहले, रोटरी ब्लड बैंक की एक मीटिंग में एक्स-ऑफिसो सदस्य के रूप में संजीव राय मेहरा को अनाप-शनाप बोलने पर ब्लड बैंक के वरिष्ठ पदाधिकारी रूपक जैन द्वारा लगभग डाँटते/फटकारते हुए चुप कराने का मामला सुना/बताया गया था । इस तरह, अपने दो महीने से भी कम के अभी तक के गवर्नर-काल में संजीव राय मेहरा ने तीन बड़े मामलों में डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स से लेकर रोटरी के बड़े पदाधिकारियों तक से डाँट, लताड़ और फटकार खा ली है - और सभी मामलों में उनका बचकाना रवैया ही जिम्मेदार रहा है । इसी को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट में तथा बड़े रोटरी नेताओं के बीच चर्चापूर्ण सवाल है कि संजीव राय मेहरा क्या डाँट, लताड़, फटकार खाने और फजीहत का शिकार बनने के लिए ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने हैं ?