Saturday, August 29, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के अभियान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई दीपक गुप्ता की हापुड़ की पार्टी बदइंतजामी के आरोपों में फँसी, तो गाजियाबाद की पार्टी बहुत कम उपस्थिति के चलते खासी फजीहत का शिकार बनी

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए गाजियाबाद में समर्थन जुटाने/बनाने तथा 'दिखाने' के उद्देश्य से दीपक गुप्ता द्वारा आयोजित की गई पार्टी के बुरी तरह फ्लॉप होने से दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के अभियान को जोर का झटका लगा है । कल शाम आयोजित हुई पार्टी के लिए दीपक गुप्ता ने करीब सौ रोटेरियंस का जमाबड़ा करने और दिखाने की तैयारी की थी, लेकिन पार्टी में कुल दो प्रेसीडेंट्स सहित 15 से 20 रोटेरियंस ही जुटे - जिनमें से 4/5 रोटेरियंस तो सोनीपत से दीपक गुप्ता के साथ ही आए थे । 'कोढ़ में खाज' वाली बात यह हुई कि जो लोग पार्टी में समय से पहुँच गए थे, उन्हें बहुत देर इंतजार करने के बाद भी जब ड्रिंक्स खुलती हुई नहीं दिखीं - तो वह नाराजगी दिखाते हुए लौट गए । दीपक गुप्ता का कहना था कि कुछ और लोग आ जाएँ, तब पार्टी को आगे बढ़ाया जाए - लेकिन डेढ़/दो घंटे तक इंतजार करने के बाद तक भी जब दीपक गुप्ता को रोटेरियंस का इंतजार ही करते हुए देखा/पाया गया, तो पार्टी करने पहुँचे रोटेरियंस नाराज हो गए और अपना गुस्सा प्रकट करते हुए पार्टी से वापस लौटे । दीपक गुप्ता ने रोटेरियंस के पार्टी में न पहुँचने के लिए कोरोना के कारण बने डर के माहौल को बहानेबाजी की तरह इस्तेमाल करते हुए जिम्मेदार ठहराया है ।
मजे की बात लेकिन यह है कि दीपक गुप्ता के संभावित समर्थकों को ही उनका यह तर्क हजम नहीं हो रहा है । उनका कहना है कि दीपक गुप्ता ने जब इस पार्टी की योजना बनाई थी, तब कोरोना के कारण बने डर के माहौल को देखते हुए उन्हीं रोटेरियंस को पार्टी में बुलाने के लिए चिन्हित किया गया था, जो काफी सक्रिय रहते हैं तथा जिन्हें संभावित सहयोगी/समर्थक के रूप में पहचाना गया है । दीपक गुप्ता के लिए झटके वाली बात यह रही कि जिन रोटेरियंस ने पार्टी के निमंत्रण को खूब उत्साह के साथ स्वीकार किया था, वह भी पार्टी में नहीं पहुँचे । दीपक गुप्ता के नजदीकियों का ही मानना और कहना है कि इससे आभास मिलता है कि बात करने पर जो रोटेरियंस दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी को लेकर उत्साह दिखाते हैं, वह जरूरत पड़ने पर उनके साथ खड़े होने/दिखने से बचते हैं - और इसलिए दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी उनके उत्साह के भरोसे नहीं रह सकती है । कुछेक लोगों का यह भी मानना/कहना है कि दीपक गुप्ता की हापुड़ में की गई पार्टी की बदइंतजामी की सूचना के चलते भी रोटेरियंस ने गाजियाबाद की पार्टी से दूर रहने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी । 

कल शाम गाजियाबाद में आयोजित हुई पार्टी दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के अभियान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से खासी महत्त्वपूर्ण थी, और इसलिए दीपक गुप्ता ने उसके लिए अच्छे से तैयारी की थी । उन्होंने गाजियाबाद क्षेत्र के कुछेक ऐसे वरिष्ठ व प्रमुख रोटेरियंस की पार्टी में उपस्थिति सुनिश्चित करने की तैयारी की थी, जो चुनावी राजनीति को कुछ हद तक प्रभावित सकते थे । लेकिन सहमति देने के बाद भी उनके पार्टी में न पहुँचने से दीपक गुप्ता की सारी तैयारी पर पानी फिर गया है, जिसे कोरोना के कारण बने हालात की बहानेबाजी से छिपाने की दीपक गुप्ता की कोशिश भी छिपा नहीं पा रही है । हापुड़ की पार्टी बदइंतजामी के आरोपों में फँसी, तो गाजियाबाद की पार्टी रोटेरियंस के न पहुँचने तथा पहुँचे गिने-चुने रोटेरियंस के भी नाराज होकर वापस लौटने से खासी फजीहत शिकार बनी । इस तरह, पहले हापुड़ में और फिर गाजियाबाद में पार्टी का आयोजन करके दीपक गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी के अभियान को आगे बढ़ाने की जो तैयारी की थी, उसने उनके अभियान को वास्तव में पीछे धकेलने का ही काम किया है ।