नई दिल्ली । इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की
सेंट्रल काउंसिल की सदस्यता के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने वाले अतुल
कुमार गुप्ता को अपने ही लोगों से गंभीर चुनौती मिलने से एक अजीब तरह की
समस्या का सामना करना पड़ रहा है । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ अलग-अलग
रूपों में नौकरी करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दूसरों के सामने अपना
दुखड़ा रोते सुने गए हैं कि अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ उनकी नौकरी तो बस
चुनाव तक ही है और चुनाव हो जाने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल ही दिया
जाना है । उल्लेखनीय है कि अतुल कुमार गुप्ता ने पिछले कुछेक महीनों
में कई युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अपने यहाँ नौकरी पर रखा है - ऐसा करते
हुए उन्होंने दिखाने/जताने का प्रयास यह किया था कि उन्हें युवा चार्टर्ड
एकाउंटेंट्स की कितनी फिक्र है; और कि उन्हें जैसे ही कुछ करने का मौका
मिलेगा वह युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए करेंगे । उन्होंने
दिखाया/जताया कि उन्हें अपने काम - अपने प्रोफेशनल काम के लिए जैसे ही
लोगों की जरूरत महसूस हुई, उन्होंने युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को चुना तथा
उन्हें मौका दिया । लेकिन अब पोल खुल रही है कि उन्होंने अपने
प्रोफेशनल काम के लिए नहीं, बल्कि अपने चुनावी काम के लिए युवा चार्टर्ड
एकाउंटेंट्स को अपने यहाँ नौकरी दी हुई है ।
अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अपने दोस्तों व नजदीकियों के बीच कहते/शिकायत करते हुए सुना गया है कि उनसे प्रोफेशनल काम तो कोई कराया ही नहीं जाता है, उनसे तो सिर्फ चुनावी काम ही कराया जाता है । उनके यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के ही अनुसार, प्रोफेशनल काम के लिए अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ पहले से ही पर्याप्त नेटवर्क था और उन्हें उतने लोगों की जरूरत थी ही नहीं, जितने कि उन्होंने रख लिए हैं । इस बीच उनके काम में इतना और ऐसा इजाफा भी नहीं हुआ है कि उन्हें कई लोगों की जरूरत पड़े; उनका काम सिर्फ इस रूप में ही बढ़ा है कि वह सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवार हो गए हैं - जिस कारण उनकी व्यस्तता बढ़ गई और चुनावी काम के लिए उन्हें हेल्पिंग हेंड्स की जरूरत पड़ी । इसलिए पिछले दिनों एक साथ काम पर रखे गए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स किन्हीं प्रोफेशनल कामों में नहीं, बल्कि चुनावी काम में लगाये गए हैं । चुनावी काम मुश्किल से दस दिन का और बचा है - इसलिए अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को चिंता होने लगी है और वह समझ रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ उनके दिन अब गिने-चुने ही बचे हैं । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स चूंकि अपनी चिंता दूसरे लोगों के बीच व्यक्त कर रहे हैं इसलिए अतुल कुमार गुप्ता का खेल बिगड़ रहा है । अतुल कुमार गुप्ता ने यह जो खेल किया है, पिछले चुनाव में यही खेल सुधीर कुमार अग्रवाल ने भी किया था - लेकिन उम्मीदवार के रूप में उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ था । अतुल कुमार गुप्ता के लिए मुश्किल कुछ ज्यादा इसलिए है क्योंकि उन्होंने अपने आप को बहुत जेनुइन रूप में पेश किया और यह दिखाने/जताने का प्रयास किया कि उन्हें प्रोफेशन की और युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सचमुच बड़ी फ़िक्र है - लेकिन उनके यहाँ काम पर रखे गए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं वह बता रही हैं कि अतुल कुमार गुप्ता युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ही कर रहे हैं । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे और कुछ ही दिन बाद उनके यहाँ से निकाले जाने की आशंका से घिरे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स कह भी रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ होने की बजाये वह यदि अन्य किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के यहाँ नौकरी करते तो इतने दिनों में प्रोफेशन से जुड़ी बारीकियों को समझते/पहचानते, अनुभव प्राप्त करते और अपने कैरियर में कुछ कदम आगे बढ़ चुके होते । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करते हुए, उनके चुनाव अभियान से जुड़े काम करते हुए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अपने ठगे जाने का अहसास हो रहा है, क्योंकि इतने दिन काम करने के बदले में उन्हें कुछ भी मिलने नहीं जा रहा है - उनके लिए अपनी नौकरी तक बचा पाना भी मुश्किल ही होगा ।
अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का यह 'अहसास' और मुखर रूप में प्रकट की जा रही उनकी चिंता अतुल कुमार गुप्ता के लिए मुसीबत बन गई है । उन्हें और उनके समर्थकों व शुभचिंतकों को लग रहा है कि इस तरह की बातें युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अतुल कुमार गुप्ता की स्थिति को कमजोर करेंगी । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स यदि अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, और मान रहे हैं तथा दूसरे लोगों से बता भी रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता ने अपने चुनावी लाभ के लिए उन्हें इस्तेमाल किया है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, तो चुनाव में वोट देने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स पर कोई अच्छा असर तो नहीं ही पड़ेगा और अतुल कुमार गुप्ता को नुकसान ही पहुंचाएगा ।
अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अपने दोस्तों व नजदीकियों के बीच कहते/शिकायत करते हुए सुना गया है कि उनसे प्रोफेशनल काम तो कोई कराया ही नहीं जाता है, उनसे तो सिर्फ चुनावी काम ही कराया जाता है । उनके यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के ही अनुसार, प्रोफेशनल काम के लिए अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ पहले से ही पर्याप्त नेटवर्क था और उन्हें उतने लोगों की जरूरत थी ही नहीं, जितने कि उन्होंने रख लिए हैं । इस बीच उनके काम में इतना और ऐसा इजाफा भी नहीं हुआ है कि उन्हें कई लोगों की जरूरत पड़े; उनका काम सिर्फ इस रूप में ही बढ़ा है कि वह सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवार हो गए हैं - जिस कारण उनकी व्यस्तता बढ़ गई और चुनावी काम के लिए उन्हें हेल्पिंग हेंड्स की जरूरत पड़ी । इसलिए पिछले दिनों एक साथ काम पर रखे गए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स किन्हीं प्रोफेशनल कामों में नहीं, बल्कि चुनावी काम में लगाये गए हैं । चुनावी काम मुश्किल से दस दिन का और बचा है - इसलिए अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को चिंता होने लगी है और वह समझ रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ उनके दिन अब गिने-चुने ही बचे हैं । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स चूंकि अपनी चिंता दूसरे लोगों के बीच व्यक्त कर रहे हैं इसलिए अतुल कुमार गुप्ता का खेल बिगड़ रहा है । अतुल कुमार गुप्ता ने यह जो खेल किया है, पिछले चुनाव में यही खेल सुधीर कुमार अग्रवाल ने भी किया था - लेकिन उम्मीदवार के रूप में उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ था । अतुल कुमार गुप्ता के लिए मुश्किल कुछ ज्यादा इसलिए है क्योंकि उन्होंने अपने आप को बहुत जेनुइन रूप में पेश किया और यह दिखाने/जताने का प्रयास किया कि उन्हें प्रोफेशन की और युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सचमुच बड़ी फ़िक्र है - लेकिन उनके यहाँ काम पर रखे गए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं वह बता रही हैं कि अतुल कुमार गुप्ता युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ ही कर रहे हैं । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम कर रहे और कुछ ही दिन बाद उनके यहाँ से निकाले जाने की आशंका से घिरे युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स कह भी रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ होने की बजाये वह यदि अन्य किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के यहाँ नौकरी करते तो इतने दिनों में प्रोफेशन से जुड़ी बारीकियों को समझते/पहचानते, अनुभव प्राप्त करते और अपने कैरियर में कुछ कदम आगे बढ़ चुके होते । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करते हुए, उनके चुनाव अभियान से जुड़े काम करते हुए युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को अपने ठगे जाने का अहसास हो रहा है, क्योंकि इतने दिन काम करने के बदले में उन्हें कुछ भी मिलने नहीं जा रहा है - उनके लिए अपनी नौकरी तक बचा पाना भी मुश्किल ही होगा ।
अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का यह 'अहसास' और मुखर रूप में प्रकट की जा रही उनकी चिंता अतुल कुमार गुप्ता के लिए मुसीबत बन गई है । उन्हें और उनके समर्थकों व शुभचिंतकों को लग रहा है कि इस तरह की बातें युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अतुल कुमार गुप्ता की स्थिति को कमजोर करेंगी । अतुल कुमार गुप्ता के यहाँ काम करने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स यदि अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, और मान रहे हैं तथा दूसरे लोगों से बता भी रहे हैं कि अतुल कुमार गुप्ता ने अपने चुनावी लाभ के लिए उन्हें इस्तेमाल किया है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, तो चुनाव में वोट देने वाले युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स पर कोई अच्छा असर तो नहीं ही पड़ेगा और अतुल कुमार गुप्ता को नुकसान ही पहुंचाएगा ।