Friday, November 30, 2012

जीसी मिश्र के साथ की गई अनुज गोयल की चालबाजी ने रीजनल काउंसिल के लिए राघवेन्द्र की उम्मीदवारी के प्रति लोगों के बीच स्वीकार्यता और समर्थन के भाव को और मजबूत बना दिया है

गाजियाबाद । अनुज गोयल ने फिसल कर गिरने से लगी चोट को 'दिखा' 'दिखा' कर सहानुभूति जुटाने में इंस्टीट्यूट की गाजियाबाद ब्राँच के प्रमुख पदाधिकारी जीसी मिश्र का जैसा जो इस्तेमाल करने की कोशिश की, उसके कारण सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के लिए राघवेन्द्र की उम्मीदवारी को खासी धमक मिली है । उल्लेखनीय है कि जीसी मिश्र सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के चुनाव में राघवेन्द्र की उम्मीदवारी के प्रमुख समर्थकों में हैं और चुनावी राजनीति की खेमेबाजी में अनुज गोयल के धुर विरोधी हैं । अभी पिछले दिनों ही गाजियाबाद ब्राँच में अनुज गोयल ने जब फर्जी तिकड़मों से अपने भाई जितेंद्र गोयल को को-ऑप्ट करवाया था तो ब्राँच में एक अकेले जीसी मिश्र ने ही उनकी इस भाई-भतीजा वाली कार्यवाई का विरोध किया था । रीजनल काउंसिल के चुनाव में अनुज गोयल ने मुकेश बंसल को उम्मीदवार बनाया है । लेकिन उम्मीदवार के रूप में मुकेश बंसल की पतली हालत को देखते हुए अनुज गोयल ने उनके समर्थन से हाथ खींच लिए हैं और जीसी मिश्र/राघवेन्द्र के नजदीक आने की कोशिश कर रहे हैं ।
अनुज गोयल ने फिसल कर गिरने से लगी सामान्य सी चोट पर खुद रो-रो कर और अपनी पत्नी को दूसरों के सामने रुला-रुला कर सहानुभूति जुटाने का जो ड्रामा रचा, उसमें जीसी मिश्र को शामिल करने के पीछे अनुज गोयल की यही समझ काम कर रही थी कि मुकेश बंसल उनके किसी काम नहीं आयेंगे, और उन्हें जीसी मिश्र/राघवेन्द्र की मदद ही लेनी पड़ेगी । अनुज गोयल को सिर्फ सहानुभूति ही जुटानी होती तो उन्हें जीसी मिश्र के नाम का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ती । अनुज गोयल किंतु अपनी चोट का दो तरह से फायदा उठाना चाहते थे । एक तरफ तो उन्होंने लोगों के बीच सहानुभूति जुटाने की कोशिश की; और दूसरी तरफ उन्होंने जीसी मिश्र/राघवेन्द्र को अपने साथ दिखाने की चाल चली । अपनी इस चाल के लिए अनुज गोयल ने अपनी पत्नी का इस्तेमाल किया । अनुज गोयल ने फिसल कर गिरने से लगी चोट का उपचार हो जाने के कई घंटे बाद अपनी पत्नी से जीसी मिश्र को फोन करवाया । अनुज गोयल की पत्नी ने रोते-रोते जीसी मिश्र को अनुज गोयल के अस्पताल में होने की बात बताई । अनुज गोयल की पत्नी ने जैसा जो बताया उससे ऐसा लगा जैसे अनुज गोयल का कोई भारी एक्सीडेंट हुआ है और वह बड़ी क्रिटिकल स्थिति में हैं । अनुज गोयल की पत्नी का रोना-धोना सुन कर जीसी मिश्र ने राघवेन्द्र को खबर की और दोनों ने ही तय किया कि उनके अनुज गोयल के साथ राजनीतिक रिश्ते भले ही जो भी हों, किंतु इस मुश्किल घड़ी में उन्हें अनुज गोयल की मदद में खड़े होना चाहिए । जीसी मिश्र और राघवेन्द्र तुरंत अस्पताल दौड़े । जीसी मिश्र अपनी पत्नी को भी अपने साथ लाये ।
अस्पताल पहुँच कर जो नजारा इन्होंने वहाँ देखा, तो यह हक्के-बक्के रह गए । चोट का उपचार करा चुके अनुज गोयल फोन पर लोगों को अपने अस्पताल में होने की जानकारी दे रहे थे । कुछेक दूसरे लोग भी फोन पर यही सूचना लगातार प्रचारित करने में लगे हुए थे । वह बाकायदा एक दूसरे से टिप्स ले/दे रहे थे कि फलाँ को फोन हो गया या नहीं । यह नजारा देख कर जीसी मिश्र और राघवेन्द्र ने अपने आप को ठगा हुआ पाया । इन्हें यह समझने में देर नहीं लगी कि अनुज गोयल ने इन्हें इस्तेमाल किया है । इन्हें लेकिन अनुज गोयल की अगली चाल की भनक नहीं हो पाई । इन्हें यह तो पहले भी पता था, और यह साबित भी हो रहा था कि अनुज गोयल बहुत ही धूर्त किस्म का व्यक्ति है - लेकिन उसकी धूर्तता की हद क्या है, इसका अंदाजा नहीं था । इसका एक आभास तब हुआ जब जीसी मिश्र को पता चला कि उनके नाम से अनुज गोयल की सहानुभूति में एक एसएमएस रीजन के लोगों को भेजा गया है । अनुज गोयल को ऐसा फर्जीवाड़ा करने की जरूरत क्यों पड़ी ? सिर्फ इसलिए ताकि वह रीजन के लोगों को बता/दिखा सकें कि जीसी मिश्र और राघवेन्द्र उनके साथ हैं । अनुज गोयल की यह चालबाजी सामने आते ही जीसी मिश्र ने रीजन के लोगों को एसएमएस करके जानकारी दी कि अनुज गोयल के जो चोट लगी है, उसका उन्हें दुःख है और वह प्रार्थना करते हैं कि अनुज गोयल जल्दी स्वस्थ हों, लेकिन वह लोगों को बताना चाहते हैं कि पहले वाला एसएमएस उन्होंने नहीं किया था ।
जीसी मिश्र के इस एसएमएस से अनुज गोयल की किरकिरी तो खूब हुई - लेकिन उनकी किरकिरी ने राघवेन्द्र की उम्मीदवारी की धमक भी पैदा की । अनुज गोयल ने जो हरकत की, उससे साबित हुआ कि अनुज गोयल भी मान गए हैं कि राघवेन्द्र की उम्मीदवारी को लोगों के बीच अच्छा समर्थन मिल रहा है; लोगों के बीच राघवेन्द्र की उम्मीदवारी को मिल रहे समर्थन का फायदा उठाने के लिए ही उन्होंने जीसी मिश्र के नाम का धोखाधड़ी के साथ इस्तेमाल किया । अनुज गोयल की इस हरकत ने उनके समर्थन के भरोसे उम्मीदवार बने मुकेश बंसल की उम्मीदवारी के लिए अजीब समस्या पैदा कर दी है । रीजन में लोगों को लग रहा है कि मुकेश बंसल को उम्मीदवार बनाने वाले अनुज गोयल को ही जब उन पर भरोसा नहीं रह गया है और अनुज गोयल तीन-तिकड़म से राघवेन्द्र के नजदीकियों के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं - तो दूसरों को उनसे जुड़ने में फिर क्या दिलचस्पी होगी । अनुज गोयल की इस हरकत से मुकेश बंसल के समर्थकों को भी लग रहा है कि अनुज गोयल ने उनके साथ धोखा किया है । मुकेश बंसल की उम्मीदवारी को अपने खिलाफ अनुज गोयल का षड़यंत्र बताने वाले विनय मित्तल इस मामले में मजा ले रहे हैं । उन्हें लोगों को यह बताने का मौका मिला है कि अनुज गोयल ने पहले उनके साथ धोखा किया और अब अपने धोखे का शिकार उन्होंने मुकेश बंसल को बनाया है । अनुज गोयल के रवैये को लेकर अनुज गोयल के भूतपूर्व सहयोगी रहे विनय मित्तल के इस तरह के विचार और अनुज गोयल के भरोसे अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने वाले मुकेश बंसल के समर्थकों की आशंका ने राघवेन्द्र की उम्मीदवारी को मिलने वाले समर्थन का स्पेस बढ़ाने का ही काम किया है । अनुज गोयल ने अपने स्वार्थ में जीसी मिश्र के साथ जो चालबाजी खेली, उसने राघवेन्द्र की उम्मीदवारी के प्रति लोगों के बीच स्वीकार्यता और समर्थन के भाव को और मजबूत बनाने का ही काम किया है ।