Thursday, March 6, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में विशाल सिन्हा के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बन' जाने से अनुपम बंसल की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस का कबाड़ा हुआ

लखनऊ । विशाल सिन्हा ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए राह के क्लियर होते ही जो रवैया अपनाया है, उसके चलते डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच निराशा और असंतोष-सा पैदा होने लगा है और इसका नतीजा यह होता दिख रहा है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के प्रति लोगों में कोई उत्साह नहीं बन रहा है । इस स्थिति को देख कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनुपम बंसल को अपनी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के बुरी तरह पिटने का आभास हो गया है । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी को लेकर अनुपम बंसल पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं और उन्हें किसी से भी कोई 'सहयोग' नहीं मिल रहा है । गुरनाम सिंह ने हालाँकि उन्हें आश्वस्त किया था कि प्रमोद चंद्र सेठ चूँकि अपनी पत्नी मीरा सेठ को अगले लायन वर्ष में उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, इसलिए वह 'सहयोग' करेंगे । प्रमोद चंद्र सेठ ने भी लेकिन 'सहयोग' को लेकर कोई उत्सुकता नहीं दिखाई है । उनका कहना है कि यदि डिस्ट्रिक्ट के सभी नेता लोग मिल कर यह आश्वासन दे दें कि अगले लायन वर्ष में वह मीरा सेठ की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे तथा और किसी की उम्मीदवारी को अवसर नहीं देंगे, तब तो वह इस बार की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में सहयोग कर सकते हैं, अन्यथा अभी कुछ करने का कोई मतलब नहीं होगा । दूसरे लोगों का भी कहना है कि इस बार विशाल सिन्हा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन रहे हैं, इसलिए कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी उन्हें लेनी चाहिए ।
विशाल सिन्हा के तेवर लेकिन ऐसे हैं जैसे वह कह रहे हैं कि वह तो सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन ही गए हैं, अब उन्हें कुछ करने की जरूरत क्या है ? अनुपम बंसल को लगता है कि यह आभास था, कि विशाल सिन्हा के लिए यदि निर्विरोध चुने जाने का मौका बना तो ऐसा ही होगा । इसीलिए वह एके सिंह की उम्मीदवारी को हवा दे रहे थे । विशाल सिन्हा और उनके राजनीतिक गुरु गुरनाम सिंह को भी अच्छी तरह पता था कि एके सिंह के साथ चुनाव की नौबत यदि आई तो इस बार फिर से उनका हारना निश्चित है, इसलिए उन्होंने अपना सारा जोर एके सिंह को चुनावी मैदान से हटाने पर लगाया । इसके लिए उन्होंने केएस लूथरा और नीरज बोरा पर डोरे डाले । पिछले लायन वर्ष में जिन केएस लूथरा की ऐसी-तैसी करने, उन्हें परेशान करने और तरह-तरह से उन्हें अपमानित करने में लगे रहने वाले गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा इसीलिए इस बार उन्हीं केएस लूथरा की खुशामद में जुटे । नीरज बोरा की भी खासी मिजाज पुर्सी की गई और अंततः एके सिंह की उम्मीदवारी को वापस कराने में सफलता प्राप्त की । एके सिंह की उम्मीदवारी के वापस होते ही लेकिन अनुपम बंसल के दुर्दिन शुरू हो गए । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को लेकर उत्सुक डिस्ट्रिक्ट के लोग अनुपम बंसल से वहाँ के इंतजाम को लेकर कुछ पूछते हैं तो अनुपम बंसल उन्हें जबाव देते हैं कि यह बात तो उन्हें विशाल सिन्हा से पूछना चाहिए, क्योंकि वही उम्मीदवार हैं । इस पर लोग उन्हें बताते हैं कि उन्होंने यह पहले विशाल सिन्हा से ही पूछा था, और विशाल सिन्हा ने ही उनसे कहा है कि यह अनुपम बंसल से पूछो ।
उल्लेखनीय है कि विशाल सिन्हा को कई गवर्नरों के साथ कई उम्मीदवारों के लिए 'इंतजाम' करने का अनुभव है । पिछले कई वर्षों से वह उम्मीदवारों की तरफ से डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों के लिए 'इंतजाम' करते रहे हैं; इस नाते से उनसे उम्मीद की जाती है कि वह जानते ही हैं कि एक उम्मीदवार को क्या क्या करना होता है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनुपम बंसल को तथा डिस्ट्रिक्ट के खास व आम लोगों को शिकायत यही है कि सब कुछ जानते हुए भी विशाल सिन्हा अब जब खुद गवर्नर हैं तो उसी तरह के इंतजाम क्यों नहीं कर रहे हैं, जैसे वह दूसरे उम्मीदवारों से करवाते रहे हैं । विशाल सिन्हा तक भी चूँकि इस तरह की बातें पहुँची हैं तो उन्होंने इसका टका-सा जबाव दे दिया है कि एक उम्मीदवार को जो कुछ करना होता है उसे वह पिछले वर्ष कर चुके हैं, अब बार-बार थोड़े ही वह सब करेंगे । विशाल सिन्हा के इस जबाव से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और इस वर्ष के क्लब-अध्यक्ष अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं । लेकिन वह मजबूर हैं । उन्हें लग रहा है कि यदि चुनाव हो रहे होते तो वह विशाल सिन्हा को मजा चखा देते; लेकिन चूँकि चुनाव ही नहीं हो रहे हैं इसलिए वह विशाल सिन्हा के तेवरों को झेलने के लिए मजबूर हैं ।
गुरनाम सिंह ने विशाल सिन्हा का 'बोझ' प्रमोद चंद्र सेठ के सिर पर डालने की और तरह अनुपम बंसल की मदद करने की कोशिश की, तो प्रमोद चंद्र सेठ उसमें कोई दिलचस्पी लेते हुए नहीं दिखे । गुरनाम सिंह की तरफ से उन पर ज्यादा दबाव पड़ा तो उन्होंने माँग रख दी कि गुरनाम सिंह डिस्ट्रिक्ट के सभी नेताओं से अगले लायन वर्ष में मीरा सेठ की उम्मीदवारी के लिए खुला समर्थन घोषित करवाएँ तो वह विशाल सिन्हा का कुछ 'बोझ' उठा सकते हैं । गुरनाम सिंह ऐसा कुछ करने की स्थिति में हैं नहीं, लिहाजा उनका मामला अटक गया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनुपम बंसल के लिए सचमुच चुनौती पैदा हो गई है कि अपनी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को वह कैसे अच्छे से आयोजित करें, क्योंकि विशाल सिन्हा ने तो मान लिया है कि वह तो सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन ही गए हैं, इसलिए उन्हें तो कुछ करने की जरूरत नहीं है । अनुपम बंसल को लग रहा है कि एके सिंह की उम्मीदवारी को वापस करा कर गुरनाम सिंह ने उनकी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस का कबाड़ा कर दिया है और डिस्ट्रिक्ट के लोग भी अपने आप को ठगा हुआ पा रहे हैं ।