Tuesday, March 18, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में पैसों की घपलेबाजी के बाबत डिस्ट्रिक्ट कार्यालय की भूमिका को लेकर सुशील अग्रवाल और सुनील जैन मुश्किल में फँसे

देहरादून/गाजियाबाद । सुशील अग्रवाल और सुनील जैन को गुरी जनमेजा को कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवाना खासा भारी पड़ रहा है । कई लोगों ने इनसे कहा है और बार-बार कहा है कि इन्होंने गुरी जनमेजा को कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो चुनवा दिया है, लेकिन अब इन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गुरी जनमेजा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारियों का निर्वाह भी जिम्मेदारी के साथ करें । सुशील अग्रवाल और सुनील जैन हालाँकि यह कह कर बचने की कोशिश तो कर रहे हैं कि कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने के बाद गुरी जनमेजा अपने तरीके से ही फैसले कर रही हैं और उनकी नहीं सुन रही हैं - लेकिन लोगों को यही लग रहा है कि यह सिर्फ इनकी बहानेबाजी ही है । उधर गुरी जनमेजा के नजदीकियों को लग रहा है कि सुशील अग्रवाल और सुनील जैन ही गुरी जनमेजा को बदनाम करने वाली कहानियाँ फैला रहे हैं । मामला डिस्ट्रिक्ट अकाउंट के पैसों का है । उल्लेखनीय है कि कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए गुरी जनमेजा की उम्मीदवारी सामने आने से चकित हुए लोगों को यही बताया गया था कि गुरी जनमेजा को राजी करने के लिए सुशील अग्रवाल और सुनील जैन ने सिर्फ एक ही तर्क इस्तेमाल किया था; और वह यह कि कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन कर ही उन्हें डिस्ट्रिक्ट अकाउंट की रकम मिल सकेगी । अब यह कहानियाँ सुनी जा रही हैं कि कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में गुरी जनमेजा इसलिए कुछ करने को तैयार नहीं हैं क्योंकि कुछ भी करने में पैसे खर्च होंगे । कुछ न करके डिस्ट्रिक्ट अकाउंट के पैसे बचाने से लेकर पैसों संबंधी कई तरह के घालमेलों के आरोप सुधीर जनमेजा पर भी थे ।
आकस्मिक रूप से दिवंगत हो चुकने से कुछ ही दिन पहले सुधीर जनमेजा को रीजन चेयरपर्सन अमर बोस गुप्ता का अपने 21 हजार रुपये वापस करने की माँग करता हुआ पत्र मिला था, जिसकी प्रतियाँ अमर बोस गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को भेजी थीं । उनका पत्र सामने आने के बाद अन्य कई लोग अपने अपने पैसे माँगने के लिए पत्र लिखने/भेजने की बात करते सुने जाने लगे थे । लोगों का आरोप रहा कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर जनमेजा ने मोटी रकम तो जुटाई, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारियों को निभाने में वह कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं - इसलिए उन्हें जुटाई गई रकम लोगों को वापस कर देनी चाहिए । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर जनमेजा ने 18 रीजन चेयरमैनों से 31-31 हजार रुपये; 34 जोन चेयरमैनों से 21-21 हजार रुपये; अधिकृत 24 कमेटी चेयरमैनों से 21-21 हजार रुपये; 15 डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरों से 15-15 हजार रुपये के हिसाब से 20 लाख रुपये से अधिक की रकम जुटाई । प्रत्येक लायन सदस्य से मिलने वाले 350 रुपये के डिस्ट्रिक्ट ड्यूज को जोड़ लें तो डिस्ट्रिक्ट के करीब 4800 लायन सदस्यों के करीब 17 लाख रुपये और डिस्ट्रिक्ट अकाउंट में आते हैं । डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के लिए विज्ञापन के जरिये मोटी रकम जुटाई गई है । डिस्ट्रिक्ट कार्यालय से जुड़े लोगों का ही कहना रहा है कि डिस्ट्रिक्ट अकाउंट में करीब 50 लाख रुपये जमा होने चाहिए ।
डिस्ट्रिक्ट कार्यालय द्धारा हुए खर्च की जहाँ तक बात है तो लायन क्वेस्ट के कार्यक्रमों में जो पैसा खर्च हुआ उसका एक हिस्सा लायंस इंटरनेशनल कार्यालय से मिला और बाकी पैसा शिव कुमार चौधरी द्धारा देने का दावा किया गया । गाजियाबाद में आयोजित हुए फर्स्ट कैबिनेट मीटिंग और डिस्ट्रिक्ट अधिष्ठापन में हुए खर्च को जुटाने के लिए रजिस्ट्रेशन लिया गया था । हरिद्धार में आयोजित हुई दूसरी और शामली में आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग का खर्चा उम्मीदवारों से लिया गया । जाहिर है कि डिस्ट्रिक्ट कार्यालय से कोई पैसा खर्च हुआ ही नहीं । यह मुद्दा और हिसाब-किताब तीसरी कैबिनेट मीटिंग में उस समय सामने आया था जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर जनमेजा ने वहाँ मौजूद लोगों के बीच घोषणा की कि डिस्ट्रिक्ट कार्यालय तीन-चार लाख रुपये के घाटे में चल रहा है । लोगों ने यह सुना तो सकते में आ गए । वह जानते ही थे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुधीर जनमेजा ने सिर्फ और सिर्फ पैसे इकट्ठे करने का ही काम किया है और पचासों लाख रूपये इकट्ठे कर लिए हैं; तथा खर्च करने के नाम पर इकन्नी नहीं खर्च की है - और अब वह घाटे की बात कर रहे हैं । घाटे की इस बात को लोगों से और रकम ऐंठने की उनकी बहानेबाजी के रूप में देखा/पहचाना गया । इसके बाद, सुधीर जनमेजा ने कुछेक पदाधिकारियों को हटा कर उनकी जगह दूसरे लोगों को पद देने की जो कोशिश की, उस कोशिश में और पैसा जुटाने की उनकी तरकीब सामने आ गई । इसी तरकीब के नतीजे के रूप में अमर बोस गुप्ता का पत्र सामने आया और सुधीर जनमेजा का भांडा फूटा ।
सुधीर जनमेजा पैसों की घपलेबाजी के आरोपों में घिरना शुरू ही हुए थे कि एक दुखद घटनाचक्र में काल के शिकार हो गए । उनकी चिता में सिर्फ उनका शरीर ही नहीं जला, उनके ऊपर लग रहे आरोप और उनसे हो रही मांगें भी जल गईं । लेकिन उनकी चिता की राख के ठंडी होने से पहले ही जिस तरह उनकी पत्नी गुरी जनमेजा का नाम कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुनाई देने लगा, उससे मामले ने एक बार फिर सिर उठाना शुरू कर दिया । गुरी जनमेजा को कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए तैयार करने से लेकर बनवाने तक की जिम्मेदारी चूँकि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील अग्रवाल और फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील जैन ने निभाई थी, इसलिए जिन लोगों को डिस्ट्रिक्ट कार्यालय से अपना पैसा वापस चाहिए और या पैसों का हिसाब-किताब चाहिए - वह इन्हीं दोनों को घेर रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी में विज्ञापन के नाम पर जिन लोगों ने पैसा दिया है, वह अपना पैसा वापस दिलाने के लिए सुशील अग्रवाल और सुनील जैन का दरवाजा खटखटा रहे हैं । अपना अपना पैसा वापस माँगने वालों की बातों से ही यह भेद भी खुला कि सुधीर जनमेजा ने ताशकंद में पिकनिक मनाने जाने के कार्यक्रम के नाम पर भी मोटी रकम इकठ्ठा की थी, लेकिन कार्यक्रम का कोई अता-पता ही नहीं है । ऐसे लोगों ने भी सुशील अग्रवाल और सुनील जैन को पकड़ा है और उनसे कहा है कि जब ताशकंद जाने के कार्यक्रम का कुछ अता-पता ही नहीं है, तो उस पैसे को वापस करवाया जाये ।
सुशील अग्रवाल और सुनील जैन यह कहते हुए अपने को बचाने की कोशिश कर रहे हैं कि गुरी जनमेजा अपने तरीके से काम कर रही हैं और डिस्ट्रिक्ट अकाउंट के बारे में सच्चाई वही जानती हैं, इसलिए इस संबंध में उनसे ही संपर्क किया जाये । इनका यह जबाव लेकिन किसी को हजम नहीं हो रहा है - क्योंकि गुरी जनमेजा को कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवाने में इन्हीं लोगों ने अपना दिन-रात एक किया हुआ था । लोगों को लगता है कि अपना अपना काम निकालने/बनाने के लिए इन्होंने गुरी जनमेजा को कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवाया है, लेकिन लोगों के काम करवाने से यह बचने की कोशिश कर रहे हैं । पैसों की घपलेबाजी के बाबत डिस्ट्रिक्ट कार्यालय की भूमिका को लेकर लोगों की नाराजगी जिस तरह बढ़ती जा रही है, उससे लगता है कि सुशील अग्रवाल और सुनील जैन के लिए आने वाले दिन खासे चुनौतीपूर्ण होंगे ।