Thursday, May 14, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में जो हुआ, और उसके बाद जो हो रहा है - वह है तो शर्मनाक ! किंतु सवाल यह है कि शर्म आयेगी किसे ? और आयेगी भी कि नहीं ?

चंडीगढ़ । राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स 11 मई को संपन्न हुई कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग के बाद रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसादेवी द्वारा की गई इलेक्शन कम्प्लेंट के साथ गईं कॉन्करेंस को वापस कराने के काम में जुट गए हैं । इस बात का तो पता नहीं चल सका है कि इस काम में जुटने लिए उन्हें राजा साबू से निर्देश मिला है या नहीं, लेकिन यह बात जरूर साफ हो गई है कि इस काम में जुटने वाले पूर्व गवर्नर्स को सफल होने पर राजा साबू की गुडबुक में आने का विश्वास जरूर है । कॉन्करेंस वापस कराने के काम में जुटे पूर्व गवर्नर्स को पक्का भरोसा है कि जो जितनी ज्यादा कॉन्करेंस वापस करवायेगा, वह राजा साबू के उतना ही ज्यादा नजदीक पहुँच जायेगा । मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू के जो दूसरे समर्थक व शुभचिंतक हैं वह पूर्व गवर्नर्स की इस हरकत को शर्मनाक बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि राजा साबू के नजदीक आने/पहुँचने के अपने स्वार्थ को पूरा करने के चक्कर में यह पूर्व गवर्नर्स वास्तव में राजा साबू के लिए बदनामी और फजीहत पैदा कर रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट में बहुत से लोग अब यह मानने/समझने लगे हैं कि डिस्ट्रिक्ट में जो तमाशा खड़ा हुआ है, उसे राजा साबू का नाम लेकर कुछेक पूर्व गवर्नर्स ने अपने स्वार्थ को पूरा करने और अपनी निजी खुन्नस निकालने के उद्देश्य से खड़ा किया है । तमाशा तो उन्होंने खड़ा कर दिया लेकिन उस तमाशे को समेटना उनके लिए भारी पड़ रहा है । तमाशे को समेटने में वह जो हरकतें कर रहे हैं उससे रोटरी और डिस्ट्रिक्ट की ही नहीं, राजा साबू की भी फजीहत हो रही है । 
राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में - और डिस्ट्रिक्ट के बाहर जो दूसरे समर्थक व शुभचिंतक हैं, वह कहने भी लगे हैं कि इन जैसे समर्थकों व तथाकथित मददगारों के होते राजा साबू को विरोधियों या दुश्मनों की जरूरत नहीं पड़ेगी । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में और रोटरी में राजा साबू के विरोधियों या दुश्मनों की कमी नहीं है, लेकिन कोई भी उनका बाल भी बाँका नहीं कर सका है । उनकी साख और प्रतिष्ठा में उनके विरोधी या दुश्मन एक खरोंच भी पैदा नहीं कर सके । लेकिन असंभव सा लगने वाला जो काम उनके विरोधी और दुश्मन नहीं कर सके, उसे उनके समर्थक व मददगार पूर्व गवर्नर्स ने कर दिखाया है । मजे की बात यह है कि मामला जितना ज्यादा बढ़ता जा रहा है, वह राजा साबू की साख और प्रतिष्ठा के संदर्भ में उतना ही और ज्यादा संगीन होता जा रहा है । जो पूर्व गवर्नर्स राजा साबू को आश्वस्त कर रहे हैं कि वह मामले को सँभाल लेंगे, मामला उनसे संभलना तो दूर बल्कि और भी ज्यादा बिगड़ता जा रहा है । इससे सबक लेने और सावधान होने की बजाये, सच्ची स्थिति को स्वीकारने तथा उसके अनुरूप काम करने की बजाये ये पूर्व गवर्नर्स अभी भी दावा कर रहे हैं और अपने दावे को सही साबित करने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं जिससे हालात शर्मनाक स्थिति में पहुँच गए हैं । 
रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसादेवी द्वारा दर्ज कराई गई इलेक्शन कम्प्लेंट के साथ गईं कॉन्करेंस वापस कराने के लिए कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स जिस तरह की ओछी हरकतों पर उत्तर आये हैं; तथा कॉन्करेंस देने वाले क्लब्स के अध्यक्षों/सचिवों पर जिस तरह से दबाव बना कर उन्हें अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं - उसने डिस्ट्रिक्ट में वास्तव में एक शर्मनाक दृश्य पैदा कर दिया है । इन कुछेक पूर्व गवर्नर्स की हरकत से डिस्ट्रिक्ट का पूरा माहौल न सिर्फ तनावपूर्ण हो गया है, बल्कि अशालीन भी हो गया है । जो लोग अभी कल तक इन पूर्व गवर्नर्स को इज्जत की निगाह से देखते थे, वह आज इनके बारे में बहुत ही खराब तरीके से बातें कर रहे हैं । कॉन्करेंस वापस कराने के काम में नीचे स्तर तक गिरे इन पूर्व गवर्नर्स ने अपनी हरकतों से लोगों के बीच अपनी इज्जत तो गँवाई ही है, राजा साबू के लिए भी बहुत ही बुरी स्थिति पैदा कर दी है । बुरी स्थिति पैदा होने का सुबूत यह है कि आज चौथे दिन तक भी इन पूर्व गवर्नर्स को एक भी कॉन्करेंस वापस कराने में सफलता नहीं मिली है । सुनने में तो यहाँ तक आ रहा है कि इन पूर्व गवर्नर्स की इन हरकतों से डिस्ट्रिक्ट में इतना रोष पैदा हुआ है कि कई एक क्लब्स ने रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसादेवी के पदाधिकारियों को अपनी अपनी कॉन्करेंस ऑफर की हैं । 
दुर्भाग्य की और निहायत शर्म की बात यह है कि 11 मई की कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग नेपाल में आए भूकंप से उजड़े लोगों को मदद पहुँचाने के उपायों पर बात करने के उद्देश्य से बुलाई गई थी; लेकिन इस बारे में मीटिंग में कोई बात ही नहीं हुई । बात सिर्फ रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसादेवी द्वारा दर्ज कराई गई इलेक्शन कम्प्लेंट के बारे में हुई । कुछेक पूर्व गवर्नर्स इस बात पर बुरी तरह बौखलाए हुए थे कि इस इलेक्शन कम्प्लेंट के समर्थन में डिस्ट्रिक्ट के दूसरे कई क्लब्स ने कॉन्करेंस कैसे दे दीं । मीटिंग में उपस्थित कुछेक पूर्व गवर्नर्स ने मीटिंग के मुख्य एजेंडे - नेपाल में भूकंप से उजड़े लोगों की मदद के उपायों पर बात करने की कोशिश की भी तो उन्हें चुप करा दिया गया; और सारी चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि कॉन्करेंस वापस कैसे करवाई जाएँ ? कुछेक पूर्व गवर्नर्स ने अपने आप ही ड्यूटियाँ बाँट लीं कि फलाँ फलाँ क्लब्स की कॉन्करेंस फलाँ फलाँ पूर्व गवर्नर वापस करवायेंगे । मीटिंग खत्म होने के तुरंत बाद से कुछेक पूर्व गवर्नर्स काम पर लग भी गए । सफलता अभी चार दिन बाद तक भी किसी को नहीं मिली है - लेकिन उनके अहंकारपूर्ण दावे पहले जैसे ही बने हुए हैं । पूर्व गवर्नर्स की इस हरकत पर रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसादेवी की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दिलीप पटनायक को लिखा ईमेल पत्र डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को मिला है; जिससे पूर्व गवर्नर्स की हरकत डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच चर्चा का विषय तो बन ही गई है, उनकी जमकर थुक्काफजीहत भी हो रही है । 
डिस्ट्रिक्ट के लोगों को लेकिन राजा साबू के रवैये पर ज्यादा हैरानी और निराशा हो रही है । लोगों को लग रहा है कि राजा साबू ने जिस तरह से इस मामले को लेकर आँखों पर पट्टी बाँध कर धृतराष्ट का रूप अपना लिया है, उससे खुद उनकी ही पहचान और प्रतिष्ठा धूल में मिली जा रही है । किसी के लिए भी यह समझना मुश्किल हो रहा है कि राजा साबू कुछेक पूर्व गवर्नर्स के हाथों इतना मजबूर क्यों हो गए हैं कि अपने भले-बुरे को देखने का विवेक भी खो बैठे हैं ? उनकी शह या उनकी चुप्पी से प्रोत्साहन पाकर कुछेक पूर्व गवर्नर्स ने जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट में रोटरी भावना और रोटरी आदर्शों को तार-तार किया हुआ है - उससे डिस्ट्रिक्ट, रोटरी और खुद राजा साबू के लिए स्थितियाँ शर्मनाक बन गईं हैं । किंतु सवाल यही है कि शर्म आयेगी किसे ? और आयेगी भी कि नहीं ?