Wednesday, May 6, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुनील गुप्ता से समर्पण करवा कर योगेश मोहन गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट में और रोटरी में अपनी स्थिति सुधारने की जो कोशिश शुरू की है; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए मनोज जैन को सुनील गुप्ता का उम्मीदवार बनवा कर उसी कोशिश को उन्होंने और ऊँचे मुकाम पर पहुँचाने का दाँव चला है

मेरठ । रोटरी क्लब मेरठ के मनोज जैन की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत हुई उम्मीदवारी ने डिस्ट्रिक्ट की ठंडी पड़ी चुनावी राजनीति में गर्मी तो पैदा कर दी है । यह गर्मी इसलिए पैदा हुई है, क्योंकि मनोज जैन को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने जा रहे सुनील गुप्ता के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । उल्लेखनीय है कि अगले रोटरी वर्ष में होने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में अभी तक रोटरी क्लब मेरठ डायमण्ड की मंजु गुप्ता तथा रोटरी क्लब मुरादाबाद ब्राइट की दीपा खन्ना का नाम ही लोगों के बीच चर्चा में था । इन दोनों की रोटरी में अच्छी संलग्नता और सक्रियता रही है, तथा रोटरी के प्रति इनके उत्साहपूर्ण लगाव से प्रायः सभी परिचित रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर लोगों का मानना और कहना रहा है कि मंजु गुप्ता और दीपा खन्ना की ही उम्मीदवारी यदि रहती है तो चुनाव साफ-सुथरे तरीके से और एक-दूसरे के समर्थकों को बिना बेइज्जत किए संपन्न हो सकेगा तथा डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के लिए यह एक शुभअवसर होगा । हालाँकि कुछेक लोगों को पूरा पूरा भरोसा था कि डिस्ट्रिक्ट में चुनावी राजनीति के कुछेक खिलाड़ियों को यह स्थिति रास नहीं आयेगी, तथा वह कुछ न कुछ अवश्य ऐसा करेंगे जिससे चुनाव में 'रौनक' पैदा हो । रोटरी में दरअसल एक ऐसा तबका संगठित हो गया है, जो चुनाव को मेले-ठेले से ज्यादा महत्त्व नहीं देता है और चुनाव को गला गीला करने के एक वार्षिक उत्सव के रूप में देखता है । 
अन्य कुछेक लोगों का यह भी मानना और कहना था कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के कुछेक खिलाड़ी घोर पुरुषवादी सोच के हैं और वह किसी महिला को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न बनने देने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं । यहाँ संगीता कुमार और योगेश मोहन गुप्ता के बीच हुए चुनाव को याद करना प्रासंगिक होगा । यूँ तो डिस्ट्रिक्ट के हर चुनाव में गंदगी हुई ही है, किंतु उस चुनाव में योगेश मोहन गुप्ता के सौजन्य से गंदगी के जिन मुकामों को छुआ गया, वह घटियापने के शर्मनाक उदाहरण के रूप में दर्ज हैं । उस चुनाव में सारा चुनावी समीकरण संगीता कुमार की उम्मीदवारी के पक्ष में था, लेकिन फिर भी वह चुनाव हार गईं थीं तो उसका एक बड़ा कारण यही था कि पुरुषवादी सोच के घटियापने का मुकाबला करने की वह कोई तैयारी नहीं कर पाई थीं । हो सकता है कि उस चुनाव में संगीता कुमार के साथ जो हुआ था, उसी को ध्यान में रखते हुए कुछेक लोगों को लगा हो कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के कुछेक खिलाड़ी अगले रोटरी वर्ष के चुनावी मुकाबले को मंजु गुप्ता और दीपा खन्ना के बीच ही सीमित न रहने दें तथा उसमें कुछ तड़का डालने का प्रयास करेंगे । मनोज जैन की उम्मीदवारी की चर्चा के साथ यह आशंका सच साबित हो गई है । एक मजेदार संयोग यह बना है कि मनोज जैन की जो एकमात्र खूबी डिस्ट्रिक्ट के लोगों की जुबान पर अभी है और उनके बीच चर्चा में है, वह यह कि वह योगेश मोहन गुप्ता के गवर्नर-काल के अध्यक्ष हैं तथा योगेश मोहन गुप्ता के बड़े चहेते अध्यक्ष होते थे ।
तो क्या मनोज जैन, योगेश मोहन गुप्ता के ही नए संस्करण साबित होंगे, और उन्हीं की तर्ज पर चुनाव लड़ेंगे ? इसका तो पता बाद में चलेगा, किंतु मनोज जैन की उम्मीदवारी की चर्चा से सुनील गुप्ता की बाँछे जरूर खिल गई हैं; और अब उन्हें पक्का विश्वास हो चला है कि उनका गवर्नर-काल पूरा हिट रहेगा । मेरठ में सुनील गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि मनोज जैन की उम्मीदवारी सुनील गुप्ता से विचार विमर्श करने के बाद ही चर्चा में आई है; और मनोज जैन पूरी तरह सुनील गुप्ता के भरोसे ही चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजी हुए हैं । मनोज जैन की उम्मीदवारी के जरिए सुनील गुप्ता को अपना गवर्नर-काल रौनकपूर्ण हो जाने का विश्वास है, तो योगेश मोहन गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में अपनी वापसी करने की उम्मीद है । पिछले दिनों डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी और पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ललित मोहन गुप्ता के कारण योगेश मोहन गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट में और रोटरी में भारी फजीहत का शिकार होना पड़ा तथा बहुत ही बुरे दिन देखने पड़े हैं । सुनील गुप्ता के साथ भी योगेश मोहन गुप्ता के अच्छे संबंध नहीं थे, पिछले दिनों तो वह और भी खराब हो गए थे; लेकिन पता नहीं सुनील गुप्ता  के साथ उनकी फिर क्या सौदेबाजी हुई कि सुनील गुप्ता ने उनके सामने समर्पण कर दिया । सुनील गुप्ता से समर्पण करवा कर योगेश मोहन गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट में और रोटरी में अपनी स्थिति सुधारने की जो कोशिश शुरू की है; मनोज जैन को सुनील गुप्ता का उम्मीदवार बनवा कर उसी कोशिश को और ऊँचे मुकाम पर पहुँचाने का दाँव उन्होंने चला है । इस दाँव की कामयाबी हालाँकि इस बात पर निर्भर करेगी कि मनोज जैन अपनी उम्मीदवारी के अभियान को कैसे आगे बढ़ाते हैं और सुनील गुप्ता का समर्थन उन्हें वास्तव में फायदा पहुँचाता भी है या नहीं ।