Tuesday, January 26, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 के रोटरी क्लब वैशाली में मनोज भदोला व उनके संगी-साथी अब अपनी कारस्तानियों को तो 'रासलीला' समझने तथा प्रेम दास माहेश्वरी के कदम को उनके 'करेक्टर के ढीला' होने के सुबूत के तौर पर देखे जाने की माँग कर रहे हैं

गाजियाबाद । रोटरी क्लब वैशाली के अध्यक्ष मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों ने सेक्रेटरी प्रेम दास माहेश्वरी के खिलाफ जो मोर्चा खोला है, उसके चलते न सिर्फ मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों की दबी-छिपी कारस्तानियाँ सामने आ रही हैं, उनके बीच आपस में भी मनमुटाव पैदा हो रहे हैं - बल्कि रोटरी क्लब वैशाली का भविष्य और अनिश्चित होता जा रहा है । मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों के बीच रमणीक तलवार की भूमिका को लेकर भी मनमुटाव पैदा हो रहा है । रमणीक तलवार ने दरअसल दूसरे डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3011 में जाने का फार्मूला देकर आग में घी डालने का जो काम किया है, उससे मनोज भदोला के कुछेक साथी ही खुश नहीं हैं । क्लब के कुछेक सदस्य ही अब कहने लगे हैं कि क्लब के झगड़े को अब खत्म होना/करवाना चाहिए और एक-दूसरे के प्रति आपसी शिकायतों पर खुले मन से विचार होना चाहिए । क्लब के ही सदस्यों का मानना/कहना है कि तथ्यात्मक रूप से देखें तो गलतियाँ दोनों तरफ से हुई हैं, इसलिए कोई एक पक्ष दूसरे पक्ष के लोगों को सजा देने/दिलवाने की जिद पर अड़े - तो यह उचित नहीं होगा; ऐसे में उचित यह होगा कि क्लब में ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे कि आपसी मनभेद किसी बड़े टकराव का माहौल न बना सकें । क्लब के सत्ता खेमे के कुछेक सदस्य लेकिन किसी न किसी की बलि लेकर ही मामले को खत्म करना चाहते हैं; उनका कहना है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनकी बहुत ही फजीहत होगी । ऐसे सदस्यों ने ही अब प्रसून चौधरी तथा विकास चोपड़ा को छोड़ कर प्रेम दास माहेश्वरी को निशाने पर ले लिया है । 
मजे की बात यह है कि मनोज भदोला और उनके संगी-साथी जब प्रसून चौधरी तथा विकास चोपड़ा से लोहा ले रहे थे, तब प्रेम दास माहेश्वरी उनके ही साथ थे; लेकिन इसके साथ साथ सच यह भी है कि यह प्रेम दास माहेश्वरी ही हैं जिनके एक 'कदम' ने मामले की दशा-दिशा ही बदल दी और मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों को ऐसी पटखनी दी कि उनसे न रोते बन रहा है, और न अपनी 'चोटों' को सहलाते बन रहा है । कुछेक लोगों को प्रेम दास माहेश्वरी के 'बदले' रवैये पर हैरानी जरूर है, लेकिन क्लब के ही सदस्यों का कहना है कि क्लब के कामकाज और फैसलों को लेकर मनोज भदोला व प्रेम दास माहेश्वरी के बीच तालमेल कभी भी नहीं बन पाया; और मनोज भदोला ने हमेशा ही प्रेम दास माहेश्वरी को अलग-थलग रखने का काम किया । प्रेम दास माहेश्वरी दरअसल नियम/व्यवस्था से काम करने और फैसले लेने की बात करते, मनोज भदोला लेकिन मनमर्जी चलाते; प्रेम दास माहेश्वरी क्लब को रोटरी भावना से चलाने की बात करते, मनोज भदोला के लिए रोटरी का मतलब लेकिन तफ़रीह व मौज़-मज़ा रहा - क्लब के ही सदस्यों का आरोप रहा कि मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों ने रोटरी क्लब को शराब-बाजी का अड्डा बना रख छोड़ा था । कई मामलों में मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों की कारस्तानियों पर प्रेम दास माहेश्वरी की गहरी नाराजगी थी, किंतु क्लब-अनुशासन के चलते वह चुप रहे । दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए कॉन्करेंस देने का फैसला जिस गुपचुप तरीके से हुआ, उससे भी प्रेम दास माहेश्वरी को ऐतराज था - किंतु क्लब अनुशासन के चलते वह इस मामले में भी चुप रहे । वह तो जब यह पोल खुली कि कॉन्करेंस के लिए मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों ने सौदेबाजी की है और क्लब को 'बेच' दिया है, तब प्रेम दास माहेश्वरी को लगा कि पानी अब सिर से ऊपर जा पहुँचा है - और अब चुप नहीं रहा जा सकता है । 
मनोज भदोला व उनके संगी-साथी प्रेम दास माहेश्वरी की भलमनसाहत को उनकी कमजोरी समझ बैठे थे; किंतु प्रेम दास माहेश्वरी ने जैसे भी अपने अधिकार का प्रयोग किया, वैसे ही मनोज भदोला और उनके संगी-साथी जमीन सूँघते नजर आए । दरअसल इसीलिए मनोज भदोला और उनके संगी-साथी चाहते हैं कि प्रेम दास माहेश्वरी के खिलाफ अवश्य ही कार्रवाई हो । मनोज भदोला व उनके संगी-साथी चाहते हैं कि क्लब में गड़बड़ी की शुरुआत वहाँ से देखी जाए, जहाँ से प्रेम दास माहेश्वरी ने सेक्रेटरी के रूप में अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मनोज भदोला के खिलाफ कार्रवाई की - और उससे पहले की सारी घटनाओं को अनदेखा कर दिया जाए । मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों की बातों से लगता है जैसे कि वह चाहते हैं कि उनकी कारस्तानियों को तो 'रासलीला' समझा जाए, तथा प्रेम दास माहेश्वरी के कदम को उनके 'करेक्टर के ढीला' होने का सुबूत माना जाए । क्लब के कुछेक सदस्यों का हालाँकि यह भी कहना है कि जिन तर्कों के आधार पर प्रेम दास माहेश्वरी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की जा रही है, उन तर्कों के आधार पर तो मनोज भदोला के खिलाफ भी कार्रवाई बनती है - इसलिए बेहतर यही होगा कि जो हुआ उसे भुलाकर मामले को ख़त्म किया जाए । 
रोटरी क्लब वैशाली में कुछेक लोगों को लेकिन लगता है कि रमणीक तलवार मामले को खत्म नहीं होने देंगे, और वह मामले को तरह-तरह से भड़काए हुए हैं । उल्लेखनीय है कि रमणीक तलवार क्लब के संस्थापक सदस्यों में हैं, लेकिन पिछले काफी समय से क्लब में अलग-थलग बने हुए थे - जिस कारण वह क्लब के कार्यक्रमों व मीटिंग्स में कम ही शामिल हो रहे थे; किंतु क्लब में झगड़ा शुरू होने के बाद से वह अचानक से खूब सक्रिय हो गए हैं । समझा जाता है कि मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों के गाइड आजकल रमणीक तलवार ही बने हुए हैं । रमणीक तलवार ने मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों में यह कहते/बताते हुए हवा भरी हुई है कि यदि डिस्ट्रिक्ट 3012 में उनकी नहीं सुनी गई, तो वह डिस्ट्रिक्ट 3011 में उनका क्लब बनवा देंगे । क्लब के कई एक सदस्यों के बीच इस बात पर नाराजगी है; उनका कहना है कि उनकी डिस्ट्रिक्ट 3011 के पदाधिकारियों से बात हुई है - जिनका कहना है कि नया क्लब तो किसी का भी बन जायेगा, उसके लिए रमणीक तलवार की सिफारिश की जरूरत थोड़े ही पड़ेगी । मुकेश अरनेजा के विरोध के बावजूद मुकेश अरनेजा के क्लब से निकले लोगों का नया क्लब यहाँ बन ही रहा है; वैशाली के भी जो भी लोग यहाँ नया क्लब बनाना चाहेंगे, उनका क्लब भी बन जायेगा; ऐसे में रमणीक तलवार नाहक ही अपनी नेतागिरी दिखा रहे हैं । क्लब के कई एक सदस्यों का कहना है कि क्लब के जिन सदस्यों को लगता है कि उनके लिए क्लब में और डिस्ट्रिक्ट 3012 में रहना संभव नहीं है, उन्हें यहाँ से निकल कर डिस्ट्रिक्ट 3011 में अपना नया क्लब बना लेना चाहिए - तथा यहाँ और गंदगी नहीं करना/फैलाना चाहिए । मनोज भदोला व उनके संगी-साथियों को भी यह बात तो समझ में आने लगी है कि मामला उनके हाथ से निकल गया है, तथा उनके पास अब बहुत सीमित विकल्प ही बचे हैं - और यह भी कि मामले को वह जितना खींचेंगे, उतना ही अपनी फजीहत और ज्यादा करवायेंगे ।