Thursday, February 11, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में सुब्रमनियन के सुझाव तथा समर्थन देने/दिलवाने के बावजूद हरिहरन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर असमंजस में

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के बाबत हरिहरन के असमंजस भरे रवैये ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुब्रमनियन के लिए खासी समस्या खड़ी कर दी है । डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर्स अगले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार पर एक राय बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इस प्रयास में हरिहरन के कारण सुब्रमनियन अपनी कोई राय ही नहीं दे पा रहे हैं । सुब्रमनियन ने दरअसल हरिहरन को उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का सुझाव दिया था, हरिहरन ने जिसे बहुत उत्साह से लिया । सुब्रमनियन ने अपने नजदीकियों को कहा/बताया है कि हरिहरन ने उनके सुझाव को जिस उत्साह से लिया है - उससे उन्होंने अंदाज लगाया है कि हरिहरन के मन में गवर्नर बनने की इच्छा जोर मारने लगी है । हरिहरन के नजदीकियों का भी कहना है कि जब से सुब्रमनियन गवर्नर 'बने' हैं, तब से हरिहरन की बातों में गवर्नर पद के लिए लालसा झलकने/दिखने लगी है । रवि चौधरी और विनय भाटिया को देख कर तो हरिहरन की यह लालसा इसलिए और बढ़ी है, क्योंकि उन्हें लगने लगा है और कुछेक मौकों पर उन्होंने कहा भी है कि जब इनके जैसे लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन सकते हैं, तो भला वह क्यों नहीं बन सकते ? सुब्रमनियन के अनुसार, गवर्नर पद के प्रति हरिहरन की बढ़ती दिलचस्पी को भाँप कर ही उन्होंने हरिहरन को उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का सुझाव दिया । सुब्रमनियन के लिए यह समझना हालाँकि मुश्किल हो रहा है कि उनके सुझाव पर उत्साह दिखाने के बावजूद हरिहरन आखिर फैसला कर क्यों नहीं रहे हैं ?
सुब्रमनियन को यह भी पता है कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर हरिहरन ने अपने क्लब के प्रमुख सदस्यों से बात भी की है और उनके क्लब के सभी प्रमुख सदस्यों ने उन्हें उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित भी किया है । हरिहरन को अनूप मित्तल की तरफ से फच्चर फँसने का डर था । दरअसल अनूप मित्तल को संभावनाशील उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जाता है; सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में उनकी जिस तरह की सक्रियता रही और तमाम आयोजनों में उन्होंने जिस तरह से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया - उसे देख/जान कर कई लोगों को लगा कि अनूप मित्तल कहीं अपनी उम्मीदवारी की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं ? इसी बिना पर हरिहरन ने अनूप मित्तल को लेकर आशंका व्यक्त की थी, जिस पर सुब्रमनियन ने उन्हें अनूप मित्तल से बात करने की सलाह दी थी । हरिहरन ने सुब्रमनियन को बता भी दिया कि उनकी अनूप मित्तल से बात हो गई है और अनूप मित्तल ने उन्हें साफ कर दिया है कि वह अभी उम्मीदवार नहीं हो रहे हैं । सभी तरफ से अनुकूल रिपोर्ट मिलने के बाद भी हरिहरन अपनी उम्मीदवारी के मामले में आगे बढ़ते नहीं दिख रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुब्रमनियन के लिए समस्या की बात यह है कि हरिहरन अपनी उम्मीदवारी की बात से इंकार भी नहीं कर रहे हैं । 
सुब्रमनियन को इसीलिए गवर्नर्स की मीटिंग में चुप रह जाना पड़ा । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए एक राय पर पहुँचने के लिए हुई मीटिंग में अशोक घोष और विनोद बंसल ने संजीव राय मेहरा का नाम लिया; आशीष घोष और संजय खन्ना ने रवि दयाल की वकालत की; और दमनजीत सिंह ने अशोक कंतूर की बात की । सुशील खुराना और रवि चौधरी ने सुब्रमनियन पर मामला छोड़ दिया - सुब्रमनियन ने कोई साफ बात नहीं की । उन्होंने साफ बात इसलिए ही नहीं की कि हरिहरन की तरफ से उन्हें स्पष्ट रूप से हाँ या ना नहीं की है । हरिहरन की उम्मीदवारी को लेकर परेशान नजर आ रहे सुब्रमनियन को उनके नजदीकियों ने हालाँकि हरिहरन के चक्कर में न पड़ने की सलाह दी है । उनका कहना है कि हरिहरन के बस की उम्मीदवार बनना नहीं है, और इसलिए ही वह तरह-तरह की बहानेबाजियाँ करके अपनी उम्मीदवारी की बात से पीछे हटते रहे हैं । अब की बार हरिहरन अपनी उम्मीदवारी को लेकर हालाँकि ज्यादा उत्साहित लग रहे हैं, किंतु उनका यह उत्साह भी उनमें उम्मीदवार बनने की हिम्मत नहीं पैदा कर पा रहा है । सुब्रमनियन ने उन्हें उम्मीदवार बनने का सुझाव दिया है, और उनकी उम्मीदवारी को दूसरे नेताओं का भी समर्थन दिलवाने का उन्हें भरोसा दिया है - इससे हरिहरन को अपनी उम्मीदवारी के लिए मौका तो अनुकूल लग रहा है, किंतु फिर भी वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर सकारात्मक फैसला नहीं कर पा रहे हैं । हालाँकि वह इंकार भी नहीं कर रहे हैं । अपनी उम्मीदवारी को लेकर हरिहरन की इस असमंजसता ने सुब्रमनियन के लिए खासी दुविधा की स्थिति बना दी है ।