Saturday, May 14, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में वोटों की गिनती में निकलने वाली डीसी बंसल की जीत क्या एक बार फिर यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे लोगों की हरकतों का शिकार बनेगी ?

चंडीगढ़ । डीसी बंसल की चुनावी जीत का जश्न मनाने को लेकर उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों में गंभीर विवाद पैदा हो गया है - इस विवाद में एक तरफ उनकी उम्मीदवारी के समर्थक यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे बड़े नेता हैं; तो दूसरी तरह उनके क्लब के सदस्य व अन्य नजदीकी हैं । मजे की बात यह है कि डीसी बंसल की जीत की घोषणा अभी हुई नहीं है, किंतु उनकी जीत का जश्न मनाने को लेकर उनके समर्थक आपस में भिड़े नजर आ रहे हैं । उल्लेखनीय है कि रोटरी वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के लिए टीके रूबी व डीसी बंसल के बीच हुए चुनाव का नतीजा आना अभी बाकी है - वास्तव में अभी तो चुनाव ही पूरा होना बाकी है, जिसके बाद वोटों की गिनती होगी; लेकिन यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे बड़े नेता अभी से दावा कर रहे हैं कि डीसी बंसल भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे । डीसी बंसल की जीत के जरिए इन्हें चूँकि डिस्ट्रिक्ट में अपने दबदबे को दिखाने व साबित करने का मौका मिलेगा, इसलिए यह चाहते हैं कि इस जीत का बड़ा जश्न हो । डीसी बंसल की भारी जीत के अपने दावे के प्रति लोगों को विश्वास दिलाने के लिए ये यह बताने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं कि क्लब्स के वोट तो इन्होंने ही इकट्ठे किए हैं, इसलिए वोट खुलने के बाद होने वाली गिनती तो जब होगी, तब होगी - इन्हें लेकिन अभी ही पता है कि किसको कितने वोट मिल रहे हैं । टीके रूबी व डीसी बंसल के बीच हुआ चुनाव इतने 'खुल्ला खेल फर्रुख्खावादी' स्टाइल में हुआ है कि यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे नेताओं की बातों व उनके दावों पर किसी को शक नहीं है - और सभी ने मान लिया है कि टीके रूबी के मुकाबले डीसी बंसल अच्छे अंतर से चुनाव जीतने जा रहे हैं ।
डीसी बंसल की चुनावी जीत के दावों को विश्वसनीय मानते हुए कुछेक लोग तो बल्कि कहने भी लगे हैं कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने/करने का जो नाटक किया जा रहा है, उसकी अब क्या जरूरत बची है - उसे अधबीच में ही खत्म करो और रमन अनेजा की डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी घोषित करो । डिस्ट्रिक्ट में - राजा साबू के इस डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं, शायद किसी भी डिस्ट्रिक्ट में यह पहला और अनोखा मौका होगा कि जिस गवर्नर की असेम्बली हो रही है, उसके आगे के दो गवर्नर्स का कोई अतापता ही नहीं है - जो कि स्वाभाविक रूप से होना चाहिए था ! इस 'अनोखेपन' को खत्म करने के लिए ही, कुछेक लोगों का कहना है कि जब यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे डिस्ट्रिक्ट के बड़े कर्ताधर्ता दावा कर रहे हैं कि खुद उन्होंने डीसी बंसल के पक्ष में वोट इकट्ठा किए हैं और डीसी बंसल भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे - तो रमन अनेजा की डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में डीसी बंसल की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी के रूप में ताजपोशी कर देनी चाहिए ।
मजे की बात यह है कि डीसी बंसल की चुनावी जीत को लेकर उनके समर्थक डिस्ट्रिक्ट के बड़े नेताओं में जिस तरह का जोश दिखाई पड़ रहा है, वैसा जोश लेकिन डीसी बंसल के क्लब के सदस्यों तथा उनके अन्य नजदीकियों में दिखाई नहीं दे रहा है । दरअसल वह पहले भी एक बार चुनावी जीत की खुशी मना चुके हैं, लेकिन जो मुश्किल से तीन महीने ही टिकी रह पाई थी - इसलिए 'दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है' वाली तर्ज पर अबकी बार की चुनावी जीत को लेकर वह बहुत उत्साहित नहीं हैं । डीसी बंसल के क्लब के सदस्यों व उनके अन्य नजदीकियों को भी अच्छी तरह से पता है कि वोटों की गिनती जब शुरू होगी, तब डीसी बंसल के वोट ही ज्यादा निकलेंगे और वही विजेता घोषित किए जायेंगे - लेकिन फिर भी वह बहुत खुश नजर नहीं आ रहे हैं; तो इसका कारण नतीजा घोषित होने के बाद का संभावित घटनाक्रम है । डीसी बंसल के क्लब के सदस्यों व अन्य नजदीकियों को लग रहा है कि चुनावी नतीजा आने के बाद टीके रूबी चुप नहीं बैठेंगे और चुनावी प्रक्रिया को निश्चित ही रोटरी इंटरनेशनल में चुनौती देंगे - और कहीं इस बार भी वैसा ही न हो जैसा कि पिछली बार हुआ था, जबकि डीसी बंसल को मिलीमिलाई जीत ज्यादा देर उनके पास नहीं रह पाई थी । डीसी बंसल के समर्थकों व शुभचिंतकों में ही कई एक ऐसे लोग हैं, जो मानते हैं कि इस बार की चुनावी प्रक्रिया में ऐसे ऐसे झोल हैं, जिनके कारण चुनावी प्रक्रिया और चुनाव को निरस्त किया/करवाया जा सकेगा । उन्हें लगता है कि टीके रूबी ने मामले को यदि रोटरी इंटरनेशनल में ठीक से रिपोर्ट किया, तो रोटरी वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के लिए हुए चुनाव को एक बार निरस्त होना पड़ेगा । जाहिर है कि वोटों की गिनती में डीसी बंसल की जो जीत निकलेगी, वह ज्यादा दिन तक टिकी नहीं रह पायेगी ।
दरअसल इसीलिए डीसी बंसल के क्लब के सदस्य तथा उनके अन्य नजदीकी वोटों की गिनती में निकलने वाली जीत को लेकर उत्साहित नहीं हैं । अपनी आशंका को लेकर वह यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर जैसे नेताओं को कोस भी रहे हैं । उनका कहना है कि पिछली बार भी इन्हीं लोगों की कारस्तानियों के कारण रोटरी इंटरनेशनल ने डीसी बंसल से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का पद वापस ले लिया था, जिसके कारण उनकी भारी फजीहत हुई थी और व्यक्तिगत रूप से भी डीसी बंसल के लिए भी यह काफी परेशान करने वाली बात बनी थी । डीसी बंसल के नजदीकियों का कहना है कि इन नेताओं ने उस हादसे से कोई सबक नहीं सीखा और इस बार की चुनावी प्रक्रिया में फिर से ऐसी कई हरकतें की हैं, जिनसे डीसी बंसल का चुना जाना फिर से खतरे में पड़ जायेगा । ऐसे में वोटों की गिनती में निकलने वाली डीसी बंसल की जीत कितने दिनों की मेहमान होगी - इसका किसे पता है ? डीसी बंसल के नजदीकियों का कहना है कि इसलिए वोटों की गिनती में निकलने वाली जीत का जश्न मनाने का औचित्य भला क्या है ? यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर आदि नेताओं के साथ मजाक यह हो रहा है कि डीसी बंसल की उम्मीदवारी को सफल बनाने के लिए क्लब्स के पदाधिकारियों की खुशामद करने से लेकर दूसरी तरह की तीन-तिकड़में इन्होंने कीं और इस सब के लिए बदनामी भी मोल ली, लेकिन डीसी बंसल के नजदीकी फिर भी इन्हें ही कोस रहे हैं - और पिछली बार हुई फजीहत के लिए तथा आगे होने वाली संभावित फजीहत के लिए इन्हें ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । ऐसे में वोटों की गिनती में निकलने वाली डीसी बंसल की जीत डीसी बंसल के समर्थकों व नजदीकियों को उत्साहित ही नहीं कर पा रही है ।