Tuesday, May 31, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट के परिचय सम्मेलन में अजय सिंघल से झटका खाने के बावजूद शिव कुमार चौधरी को उम्मीद है कि आगे जल्दी ही वह अजय सिंघल को मुकेश गोयल की 'पकड़' से छुड़ा लेंगे

मुज़फ्फरनगर । संजीवा अग्रवाल को इस्तेमाल करते हुए शिव कुमार चौधरी ने अजय सिंघल को पटाने और डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट के परिचय सम्मेलन में आने के लिए राजी करने का प्रयास तो खूब किया, लेकिन अजय सिंघल उनके जाल में फँसे नहीं - और इस तरह मुकेश गोयल व विनय मित्तल को अलग-थलग करने की शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथियों की चाल फेल हो गई । आगामी लायन वर्ष की डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट के परिचय सम्मलेन में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अजय सिंघल व सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय मित्तल की अनुपस्थिति पर लोगों का ध्यान खासतौर से गया । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शिव कुमार चौधरी के साथ इन दोनों ने जिस तरह से दूरी बनाई हुई है - उसके चलते परिचय सम्मलेन में हर किसी की निगाह अजय सिंघल व विनय मित्तल को खोज रही थी । ये कार्यक्रम के अंत तक जब नहीं दिखे, तब हर किसी ने अपने अपने नजरिए से उनकी अनुपस्थिति की व्याख्या की । वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कुञ्ज बिहारी अग्रवाल ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए अजय सिंघल व विनय मित्तल की अनुपस्थिति का जिक्र किया तथा उन कारणों की पड़ताल करने व उन्हें दूर करने की जरूरत को रेखांकित किया, जिनके चलते डिस्ट्रिक्ट में यह नौबत आई है । लोग तो 'इस' स्थिति की अपनी अपनी तरह से व्याख्या करके निकल गए, किंतु 'इस' स्थिति ने शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथियों को बुरी तरह से निराश किया । इसलिए भी निराश किया क्योंकि उन्होंने परिचय सम्मेलन में अजय सिंघल की उपस्थिति को संभव बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ था ।
अजय सिंघल की उपस्थिति को संभव बनाने के लिए शिव कुमार चौधरी और उनके संगी-साथियों ने संजीवा अग्रवाल को भी इस्तेमाल किया - जिसके तहत उन्हें लायंस इंटरनेशनल से अधिकृत कमेटी का चेयरमैन बनाया गया । हालाँकि पहले संजीवा अग्रवाल को कैबिनेट से बाहर रखने का फैसला किया गया था । संजीवा अग्रवाल अगले लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने की दौड़ में हैं, और लोगों के बीच मुकेश गोयल के उम्मीदवार के रूप में पहचाने जा रहे हैं । मुकेश गोयल का उम्मीदवार होने के नाते संजीवा अग्रवाल को शिव कुमार चौधरी ने निशाने पर लिया हुआ है, और इस निशानेबाजी के चक्कर में ही उन्हें कैबिनेट से बाहर रखने की तैयारी थी । संजीवा अग्रवाल चूँकि अजय सिंघल के क्लब के सदस्य हैं, इसलिए अजय सिंघल को पटाने में लगे शिव कुमार चौधरी ने संजीवा अग्रवाल के जरिए अजय सिंघल को पटाने का उपक्रम किया और इस उपक्रम के चलते आनन-फानन में संजीवा चौधरी को अधिकृत कमेटी का चेयरमैन पद दे दिया । शिव कुमार चौधरी के नजदीकियों के अनुसार, इस उपक्रम तथा अन्य तरकीबों से अजय सिंघल 'पटते' हुए दिखे थे और उन्होंने परिचय सम्मेलन में आने के लिए सहमति भी दे दी थी - लेकिन शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथी इंतजार ही करते रह गए और अजय सिंघल परिचय सम्मेलन में नहीं पहुँचे । शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथियों ने अजय सिंघल के रवैये को धोखाधड़ी कहा/बताया, हालाँकि उनकी तरफ से ऐसे संकेत भी मिले जिनसे लगता है कि वह अजय सिंघल को पटाने की अपनी कोशिशें जारी रखेंगे । 
अजय सिंघल को पटाना शिव कुमार चौधरी को कई कारणों से जरूरी लग रहा है : एक तो, उन्हें लगता है कि मुकेश गोयल को नीचा दिखाने के लिए अजय सिंघल को उनसे दूर करना बहुत जरूरी है; अभी की स्थिति में अजय सिंघल ने मुकेश गोयल का पलड़ा भारी बनाया हुआ है । दूसरी बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट व मल्टीपल में ही नहीं, बल्कि लायन-समाज में अपने आपको फजीहत से बचाने के लिए उन्हें अजय सिंघल से अपनी दूरी को पाटने की जरूरत नजर आ रही है । अभी हाल ही में चेन्नई में मल्टीपल ऑफीसर्स के लिए आयोजित हुए ऑल इंडिया स्कूलिंग कार्यक्रम में लायन लीडर्स के बीच इस बात की खूब चर्चा रही कि शिव कुमार चौधरी की अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से नहीं बनती है, और इस कारण से लायन लीडर्स के बीच उनकी काफी किरकिरी हुई । लायन समाज में इस बात को बहुत ही बुरे रूप में देखा/पहचाना जाता है कि किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की अपने ही वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से व्यावहारिक संबंध भी न हों । सवाल उठता है कि ऐसा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर क्या लीडर बनेगा और डिस्ट्रिक्ट के लोगों को क्या संदेश देगा ? इसीलिए जिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की अपने अपने वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से नहीं भी बनती है, वह भी कम से कम 'दिखाने' के लिए तो अपने वाइस से संबंध बनाता ही है । चेन्नई में शिव कुमार चौधरी को यह अहसास हुआ कि अपने वाइस से संबंध ठीक ठीक बनाने और दिखाने की 'जिम्मेदारी' उनकी ही है, अन्यथा लायन समाज में फजीहत उनकी ही होगी । अजय सिंघल को पटाने की जरूरत का तीसरा कारण उनका लायंस क्लब गाजियाबाद का सदस्य होना भी है । लायंस क्लब गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट का एक बड़ा और प्रमुख क्लब है । शिव कुमार चौधरी दूसरे क्लब्स में तो बदतमीजी कर लेते हैं, लेकिन लोगों ने देखा/पाया है कि लायंस क्लब गाजियाबाद से वह 'डर' कर रहते हैं । लायंस क्लब गाजियाबाद से उनके संबंध ठीक बने रहें, इसके लिए उन्हें अजय सिंघल से भी संबंध ठीक रखने की जरूरत महसूस होती है ।
इन कारणों में हालाँकि सबसे महत्वपूर्ण कारण मुकेश गोयल को नीचा दिखाने वाला कारण ही है । शिव कुमार चौधरी की एक बड़ी हसरत मुकेश गोयल को नीचा दिखाने की है । इस बाबत किए गए उनके अभी तक के प्रयास लगातार पिटते रहे हैं : सबसे पहले उन्होंने कोशिश की थी कि वह मुकेश गोयल की मदद के बिना गवर्नर चुन लिए जाएँ, लेकिन अपने पहले चुनाव में वह सुनील निगम जैसे तीन/चार बार हारे/भागे उम्मीदवार से जिस बुरी तरह से चुनाव हारे - उससे उन्हें समझ में आ गया कि मुकेश गोयल की शरण में गए बिना वह जीवन में कभी गवर्नर नहीं बन सकेंगे, सो उन्होंने अगली बार ही मुकेश गोयल के सामने समर्पण कर दिया । मुकेश गोयल के समर्थन की कृपा से शिव कुमार चौधरी को चुनावी जीत तो मिल गई, लेकिन मुकेश गोयल को नीचा दिखाने की उनकी हसरत नहीं मिटी । अगले वर्ष मुकेश गोयल के उम्मीदवार अजय सिंघल के खिलाफ उम्मीदवार लाने की उन्होंने कोशिश तो बहुत की, किंतु उनकी दाल गली नहीं । उसके अगले वर्ष, यानि इस वर्ष मुकेश गोयल के उम्मीदवार विनय मित्तल के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने में तो शिव कुमार चौधरी को सफलता मिल गई - लेकिन उनके उम्मीदवार के रूप में रेखा गुप्ता को जिस करारी हार का सामना करना पड़ा, उससे उनकी ही फजीहत हुई । शिव कुमार चौधरी की इससे भी ज्यादा फजीहत इस कारण से हुई कि वह डिस्ट्रिक्ट के सबसे ज्यादा नेगेटिव वोट पाने वाले गवर्नर बनेंगे । कोढ़ में खाज वाली बात यह हुई कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अजय सिंघल व सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय मित्तल उन्हें कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथी अजय सिंघल को एक कमजोर कड़ी के रूप में देख/पहचान रहे हैं; उन्हें लगता है कि वह अजय सिंघल को 'तोड़' कर अपनी तरफ कर लेंगे । इसी चक्कर में परिचय सम्मेलन में अजय सिंघल की उपस्थिति को संभव बनाने के लिए शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथियों ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया था । यह जोर अभी तो उनके काम नहीं आया है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आगे जल्दी ही वह अजय सिंघल को मुकेश गोयल की 'पकड़' से अवश्य ही छुड़ा लेंगे । अपने इस जरूरी 'काम' में वह संजीवा अग्रवाल की उम्मीदवारी से भी 'उम्मीद' लगाए हुए हैं ।
अजय सिंघल को पटाने के लिए शिव कुमार चौधरी व उनके संगी-साथी संजीवा अग्रवाल को जिस तरह की तवज्जो देते नजर आ रहे हैं, उससे रेखा गुप्ता तथा उनकी उम्मीदवारी के शुभचिंतकों को अपनी स्थिति डांवाडोल होती हुई दिख रही है । उनके बीच डर पैदा हुआ है कि अजय सिंघल को पटाने के चक्कर में शिव कुमार चौधरी कहीं उन्हें तो धोखा नहीं दे देंगे ?