Thursday, May 26, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डेविड हिल्टन ने अपनी पक्षपाती हरकतों से रोटरी और डिस्ट्रिक्ट तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद को तो कलंकित किया ही है, साथ ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए डीसी बंसल की जीत पर भी तलवार लटका दी है

देहरादून । डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जितवाने में अपनी एड़ीचोटी लगाने वाले पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स नेताओं के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है कि डीसी बंसल की 'जीत' पर वह आखिर किस तरह खुशी मनाएँ ? डीसी बंसल की 'जीत' चुनावी इतिहास की ऐसी अनोखी जीत है, कि इस पर खुश और जोश से भर जाने वाले लोगों के बीच हताशा और निराशा नजर आ रही है - और उन्हें लोगों से मुँह छिपाना पड़ रहा है । डीसी बंसल की 'जीत' को संभव बनाने के लिए जिन पूर्व गवर्नर्स नेताओं ने अपनी मर्यादा व अपनी इज्जत तक को दाँव पर लगा दिया, उन्हें भी लग रहा है कि उन्होंने डीसी बंसल को जबर्दस्ती जितवा तो दिया है, लेकिन जबर्दस्ती की यह 'जीत' डीसी बंसल के पास ज्यादा दिन तक रह नहीं पाएगी । उल्लेखनीय है कि डीसी बंसल एक बार पहले भी फर्जी तरीके से प्राप्त की गई जीत से बेदखल किए जा चुके हैं । उस प्रकरण से डीसी बंसल ने खुद को बहुत अपमानित व लज्जित महसूस किया था, इसलिए इस बार की 'जीत' को लेकर तो वह और भी ज्यादा सशंकित हैं । डीसी बंसल से व्यक्तिगत किस्म की हमदर्दी रखने वाले कुछेक लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने डीसी बंसल को सुझाव दिया है कि रोटरी इंटरनेशनल उनकी इस फर्जी तरीके से पाई गई जीत को निरस्त करे, और उन्हें डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच दोबारा से अपमानित व लज्जित होना पड़े - उससे पहले ही उन्हें इस 'जीत' से इस्तीफा दे कर अपनी इज्जत बचा लेनी चाहिए । यह सुझाव देने वाले लोगों का कहना है कि डीसी बंसल आज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी हैं - कल रोटरी इंटरनेशनल उन्हें पहले ही तरह इस पद से हटाता है, उससे बेहतर व सम्मानजनक तरीका होगा कि डीसी बंसल खुद इस पद को छोड़ दें । ऐसा करके वह लोगों का ज्यादा विश्वास व गर्व के साथ सामना कर सकेंगे । 'जीत' के बावजूद हताशा व निराशा से घिरे डीसी बंसल को हौंसला देने वाले लोगों की भी हालाँकि कमी नहीं है, जिनका कहना है कि पहले जो हुआ सो हुआ - अब की बार राजा साबू रोटरी इंटरनेशनल से ऐसा कोई फैसला नहीं होने देंगे जिससे कि डीसी बंसल को लोगों के बीच दोबारा से अपमानित व लज्जित होना पड़े ।
डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जितवाने में अपनी एड़ीचोटी लगाने वाले पूर्व गवर्नर्स नेताओं के लिए शर्मनाक स्थिति इस कारण बनी कि अपनी तमाम बेशर्म कोशिशों के बावजूद वह डीसी बंसल को सिर्फ इतने वोट दिलवा सके, जिनसे डीसी बंसल अपने प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार टीके रूबी को मिले वोटों की बराबरी भर कर सके । पूर्व गवर्नर्स के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और भला क्या होगी कि राजा साबू के नेतृत्व में उन्होंने हर उपाय आजमाते हुए डीसी बंसल की उम्मीदवारी के समर्थन में वोट जुटाने का प्रयास किया; अपने प्रयासों पर वह पूरा भरोसा कर रहे थे - और इसी भरोसे के भरोसे वह डीसी बंसल को अस्सी से ज्यादा वोट मिलने का दावा कर रहे थे; लेकिन वोटों की गिनती पूरी होने पर पता चला कि डीसी बंसल को कुल 39 वोट ही मिले हैं । जो जानकारियाँ मिल रही हैं, उनसे पता चल रहा है कि टीके रूबी की उम्मीदवारी को वोट देने वाले कई एक क्लब्स के वोट रहस्यपूर्ण व षड्यंत्रकारी रूप से या तो पहुँचे ही नहीं और या गड़बड़ी करके उन्हें अवैध कर/करवा दिया गया । इस तरह की कुछेक शिकायतें डीसी बंसल की उम्मीदवारी के पक्ष में भी हैं - लेकिन जब चुनावी प्रक्रिया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन की पक्षपातपूर्ण देखरेख में पूरी हुई है, तो यह समझना मुश्किल नहीं है कि अनुपस्थित व अवैध घोषित हुए कौन से वोट जेनुइन तरीके से 'ऐसे' हुए और कौन से वोटों को षड्यंत्रकारी तरीके से अनुपस्थित व अवैध किया/बनाया गया । समझा जाता है कि टीके रूबी की हार को बड़ी और बुरी हार के रूप में दिखाने की तैयारी में टीके रूबी को मिले वोटों को हेराफेरी करके या तो गायब कर दिया गया और या उन्हें अवैध बना दिया गया ।
समझा जा रहा है कि वोटों में हेराफेरी करने का अवसर बनाए रखने के लिए ही डेविड हिल्टन ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराने की माँग को मानने से इंकार कर दिया था । डेविड हिल्टन ने बैलेटिंग कमेटी से टीके रूबी के प्रतिनिधि को बाहर रखने/करने की हर संभव कोशिश की । वह तो उनकी इस कोशिश पर रोटरी इंटरनेशनल का तगड़ा वाला डंडा उन पर पड़ा, जिस कारण वह अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो सके - अन्यथा डेविड हिल्टन की तैयारी तो टीके रूबी को मिलने वाले सभी वोटों को अनुपस्थित या अवैध 'कर' देने की थी । टीके रूबी के प्रति डेविड हिल्टन का दुश्मन वाला रवैया कोई छिपी हुई बात नहीं रही है । क्लब्स में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपनी आधिकारिक मीटिंग्स में उन्होंने टीके रूबी के खिलाफ जो जहर उगला और लोगों को टीके रूबी के खिलाफ भड़काने के जो प्रयास किए, उन्हें यदि अनदेखा भी कर दें - तो यह बात तो बाकायदा रिकॉर्ड पर है कि टीके रूबी के खिलाफ हुई शिकायत के समर्थन में उन्होंने कॉन्करेंस दी और इस तरह पार्टी बने । जोनल इलेक्शन रिव्यू कमेटी ने डीसी बंसल का पिछला चुनाव जब रिजेक्ट किया था, तब कमेटी के फैसले के खिलाफ अपील करके डेविड हिल्टन एक बार फिर पार्टी बने । डेविड हिल्टन ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का दुरूपयोग करते हुए टीके रूबी को रोटरी से ही निकालने के प्रयास किए । पहले तो उन्होंने टीके रूबी की सदस्यता रद्द करवाने का प्रयास किया, लेकिन इस प्रयास के विफल हो जाने पर उन्होंने टीके रूबी के क्लब का चार्टर ही रद्द करवा देने की चाल चली । यह कुछ तथ्य ऐसे हैं, जिनके कारण टीके रूबी तथा उनके क्लब को चुनाव में डेविड हिल्टन की भूमिका पर भरोसा नहीं था, और इसीलिए उन्होंने चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग करवाने की माँग की थी । राजा साबू के नेतृत्व में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के दिशा-निर्देश में चुनावी-व्यवस्था को अंजाम दे रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन ने समझ लिया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में उनके लिए बेईमानी कर पाना संभव नहीं होगा - लिहाजा टीके रूबी की माँग पर रोटरी इंटरनेशनल द्धारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने के सुझाव को स्वीकार करने से डेविड हिल्टन ने इंकार कर दिया । टीके रूबी को 'मिले' वोटों के गायब हो जाने और या अवैध हो जाने को लेकर जो आरोप सुने जा रहे हैं, उससे यह समझना कोई मुश्किल नहीं है कि डेविड हिल्टन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के लिए राजी आखिर क्यों नहीं हुए थे ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डेविड हिल्टन ने जिस तरह की पक्षपाती हरकतें कीं, उससे रोटरी और डिस्ट्रिक्ट तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद को भी उन्होंने कलंकित किया है । इसे रोटरी व डिस्ट्रिक्ट 3080 का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि इन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डेविड हिल्टन जैसा व्यक्ति मिला, जो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाने की बजाए राजा साबू तथा उनका नाम लेकर राजनीति करने वाले पूर्व गवर्नर्स की कठपुतली बनने के लिए तैयार हो गए - और रोटरी के इतिहास की एक कलंक-कथा के 'नायक' बने । इतने सब के बाद भी, डीसी बंसल को ऐसी सम्मानजनक जीत नहीं दिलवाई जा सकी - जिसे मिलने की खुशी जाहिर की जा सके । डीसी बंसल को मिली जीत, वास्तव में ऐसी जीत है - जिसे लेकर हर कोई मान/जान रहा है कि यह ज्यादा दिन तक डीसी बंसल के पास बनी नहीं रह पायेगी । टीके रूबी के नजदीकियों की तरफ से बता दिया गया है कि इस चुनाव में जो धांधलियाँ हुई हैं, उन्हें मुद्दा बना कर डीसी बंसल की जीत के फैसले को रोटरी इंटरनेशनल में चेलैंज किया जायेगा । डीसी बंसल की जीत को संभव बनाने में एड़ीचोटी लगा देने वाले लोगों को इससे तगड़ा झटका लगा है । ऐसे में, डीसी बंसल की जीत पर जिन लोगों को खुश होना चाहिए था और जोश के साथ जश्न मनाते हुए दिखना चाहिए था, उन्हें हताश व निराश देख कर कुछेक लोगों का यह सुझाव महत्वपूर्ण हो उठा है कि जिस जीत को पहले की तरह ही रोटरी इंटरनेशनल वापस ले लगा, उस जीत को डीसी बंसल को खुद ही रोटरी इंटरनेशनल को वापस कर देना चाहिए ।