Wednesday, May 11, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट डॉक्टर सुब्रमनियम पर डिस्ट्रिक्ट की पहचान को बद से बदतर करने/बनाने का काम करने का आरोप पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता की उपस्थिति में लगा

नई दिल्ली । डॉक्टर सुब्रमनियम को अपनी डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में मुख्य अतिथि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता के सामने अपने ही डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख लोगों की जिस तरह की आलोचना का शिकार होना पड़ा है, उससे संकेत मिल रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डॉक्टर सुब्रमनियम की राह खासी मुश्किलों भरी है । उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में संपन्न हुई डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता के सामने ही कई मौकों पर अलग अलग लोगों ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट डॉक्टर सुब्रमनियम को अलग अलग कारणों से निशाना बनाया : किसी ने व्यवस्था को लेकर शिकायत की, तो किसी ने असेम्बली के स्तर को लेकर तथा किसी ने असेम्बली में ज्यादा लोगों की भागीदारी न हो पाने का ठीकरा डॉक्टर सुब्रमनियम के सिर फोड़ा, गंभीर आरोप यह भी सुनाई दिया कि डॉक्टर सुब्रमनियम के नजदीकी कार्यक्रम की आड़ में पैसों का भी घपला कर रहे हैं । डॉक्टर सुब्रमनियम के लिए खासी फजीहत की स्थिति उस समय हुई, जब किन्हीं लोगों ने तमाम खामियों के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रंजन ढींगरा को भी जिम्मेदार ठहराना शुरू किया - लेकिन रंजन ढींगरा यह कहते/बताते हुए बचने की कोशिश करते दिखे कि बहुत सी बातों की तो उन्हें भी बाद में ही जानकारी मिलती है, और वह तो बस कहने भर के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर हैं । डॉक्टर सुब्रमनियम पर यह आरोप तो कई लोगों की तरफ से सुना गया है कि अपने गवर्नर-काल के कामकाज को लेकर वह किसी से कोई विचार-विमर्श ही नहीं करते हैं, और बस दो-एक लोगों ही के भरोसे वह गवर्नरी करने/चलाने का काम कर रहे हैं - लेकिन वह अपने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर से भी विचार-विमर्श नहीं करते हैं - इस सूचना ने तो लोगों को डॉक्टर सुब्रमनियम पर भड़कने का और मौका दे दिया ।
डॉक्टर सुब्रमनियम के तौर-तरीकों से नाराज होने/रहने वाले लोगों की दो कैटेगरी हैं : एक तरफ तो ऐसे लोग हैं जिन्हें तवज्जो न मिलने की शिकायत है; उनका कहना है कि डॉक्टर सुब्रमनियम जब उम्मीदवार थे, तब तो उनकी खुशामद किया करते थे और तरह तरह से उनकी मदद लिया करते थे - किंतु डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी तक पहुँचते पहुँचते वह उन्हें पूरी तरह भुला बैठे हैं । ऐसे लोगों में डॉक्टर सुब्रमनियम के अपने क्लब के लोगों की संख्या ज्यादा है । क्लब के कई सदस्यों का कहना है कि क्लब में रवि भाटिया की बजाए डॉक्टर सुब्रमनियम की उम्मीदवारी को क्लियर करवाने में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी, लेकिन अब उन्हें लगता है कि उनसे गलती हुई । क्लब के कई सदस्यों को लगता है कि डॉक्टर सुब्रमनियम की बजाए वह यदि रवि भाटिया की उम्मीदवारी पर ध्यान देते तो उन्हें इतना उपेक्षित व अपमानित न होना पड़ता । डॉक्टर सुब्रमनियम से नाराज होने वाले लोगों की दूसरी कैटेगरी में वह लोग हैं, जो यह देख कर बेहद निराश हैं कि डॉक्टर सुब्रमनियम ने दीपक तलवार, सुशील खुराना, रवि चौधरी, विनय भाटिया जैसे लोगों को शह दी हुई है - जो रोटरी व डिस्ट्रिक्ट में अपने नकारात्मक रवैये के कारण बदनाम ज्यादा हैं । इनकी भूमिका की रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड तक ने अभी हाल की अपनी मीटिंग में भर्त्सना की है । डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में इन्हीं चार लोगों को आगे आगे देखा गया । लोगों का कहना/पूछना है कि डिस्ट्रिक्ट में जो लोग अपनी नकारात्मकता के लिए, और अपनी कम काबिलियत के लिए जाने/पहचाने जाते हैं - उन्हें आगे रख कर व तवज्जो देकर डॉक्टर सुब्रमनियम डिस्ट्रिक्ट को आखिर कहाँ ले जाना चाहते हैं ? डिस्ट्रिक्ट के कई महत्वपूर्ण पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने जिस तरह से अपने आप को डिस्ट्रिक्ट असेम्बली से दूर रखा, उसे डॉक्टर सुब्रमनियम के रवैये के परिणाम के रूप में देखा गया है और डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के लिए इसे आत्मघाती माना गया है ।
डॉक्टर सुब्रमनियम के रवैये से उन लोगों को ज्यादा झटका लगा है, जो उनके समर्थक व शुभचिंतक रहे हैं । ऐसे लोगों का मानना और कहना है कि उन्होंने उम्मीद की थी कि डॉक्टर सुब्रमनियम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में एक मिसाल कायम करेंगे, लेकिन अभी तक के उनके रवैये से लग रहा है कि उनकी दिलचस्पी सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने में थी, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में काम करने में उनकी ज्यादा दिलचस्पी नहीं है - और इसीलिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के काम को भगवान भरोसे छोड़ दिया है । इसी का फायदा उठाकर कुछेक नकारात्मक सोच रखने वाले कम काबिल लोगों ने डिस्ट्रिक्ट पर 'कब्ज़ा' कर लिया है । इनमें से कुछेक लोगों पर तो पैसा बनाने का आरोप भी है । लोगों के बीच शिकायत है कि कुछेक आयोजनों में रजिस्ट्रेशन के नाम पर जितने पैसे लिए गए, उतने की लोगों को 'सर्विस' नहीं मिली - जिससे लगता है कि डॉक्टर सुब्रमनियम के कुछेक नजदीकियों ने कार्यक्रमों को पैसा बनाने का जरिया भी बना लिया है । इस तरह की बातों की पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता के सामने जिस तरह से चर्चा हुई, उससे डिस्ट्रिक्ट की बदनामी के डिस्ट्रिक्ट की सीमाओं से बाहर तक फैलने के संकेत मिले । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट को लेकर दर्ज हुई प्रतिकूल टिप्पणी ने डिस्ट्रिक्ट 3011 की पहचान को पहले से ही संदिग्ध बना दिया है; उम्मीद की गई थी कि उससे सबक लेकर डॉक्टर सुब्रमनियम संभल कर काम करेंगे - उनके तौर-तरीकों ने लेकिन डिस्ट्रिक्ट की पहचान को बद से बदतर बनाने/करने की दिशा में मोड़ दिया लगता है ।