मुरादाबाद
। दीपक बाबु रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर
रवींद्रन को 'धमका' कर अपनी गवर्नरी वापस पाने की जो कोशिश कर रहे हैं,
उसने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को बुरी तरह डरा दिया है । लोगों के बीच डर यह पैदा हुआ है कि दीपक बाबु की मनमानी, स्वार्थपूर्ण व बेवकूफीभरी हरकतों से डिस्ट्रिक्ट पहले से ही मुसीबत में फँसा हुआ
है - अब जो वह नया कारनामा करने जा रहे हैं, उससे पता नहीं डिस्ट्रिक्ट का
और क्या हाल हो ? उल्लेखनीय है कि दीपक बाबु ने कल कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की
मीटिंग बुलाई थी, जिसमें उन्होंने अपनी तरफ से सुझाव रखा कि रोटरी
इंटरनेशनल को एक कर्रा सा पत्र लिखा जाए कि वह यदि डिस्ट्रिक्ट 3100 को नॉन
डिस्ट्रिक्ट स्टेटस से बाहर नहीं निकालता है, तो डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस
कोई इंटरनेशनल ड्यूज नहीं देंगे और रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी यदि फिर
भी नहीं माने तो डिस्ट्रिक्ट के सभी रोटेरियंस रोटरी छोड़ देंगे । दीपक
बाबु ने दावा किया कि इस तरह का पत्र रोटरी इंटरनेशल कार्यालय जायेगा, तो
रोटरी इंटरनेशल कार्यालय अवश्य ही संज्ञान लेगा और तुरंत से डिस्ट्रिक्ट को
बहाल कर देगा । दीपक बाबु की बातें सुनकर मीटिंग में मौजूद कुछेक पूर्व
गवर्नर्स ने कहा भी कि रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को पलटवाने के लिए प्रयास
करने का अभी उचित समय नहीं है, और अभी हमें ईमानदारी से अपनी गलतियों की
पहचान करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि हमसे आखिर क्या क्या गलतियाँ हुईं
हैं - जो हमें इस मुकाम पर ला खड़ा करने के लिए जिम्मेदार हैं । दीपक
बाबु ने लेकिन इन बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और वह रोटरी इंटरनेशनल को
धमकीभरा पत्र लिखने की बात करते रहे । मीटिंग में मौजूद पूर्व गवर्नर्स ने
जब देखा कि दीपक बाबु किसी की सुन ही नहीं रहे हैं, और अपनी ही हाँके जा
रहे हैं - तो वह चुप लगा गए । पूर्व गवर्नर्स की चुप को दीपक बाबु ने
उनकी सहमति माना और उन्होंने घोषणा कर दी कि वह दो एक दिन में रोटरी
इंटरनेशनल को धमकीभरा पत्र लिख भेजेंगे ।
दीपक बाबु की
इस घोषणा ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को बुरी तरह डरा दिया है । लोगों को लग
रहा है कि दीपक बाबु अपनी स्वार्थपूर्ण मूर्खता में डिस्ट्रिक्ट का और बेड़ा
गर्क करेंगे । लोगों को लग रहा है कि दरअसल दीपक बाबु चाहते हैं कि किसी
भी तरह से कुछ भी करके एक जुलाई से उन्हें गवर्नरी मिल जाए; और पता नहीं
क्यों उन्हें यह लगता है कि धमकी देकर वह रोटरी इंटरनेशनल को एक जुलाई से
उन्हें गवर्नरी सौंप देने के लिए मजबूर कर देंगे ? रोटरी इंटरनेशनल की
व्यवस्था से परिचित लोग जानते हैं कि ऐसा हो पाना असंभव है । इसकी उम्मीद
तो एक बार को फिर भी की जा सकती है कि अगला रोटरी वर्ष शुरू होने के बाद
डिस्ट्रिक्ट के लोग आपसी एकजुटता व सकारात्मक सोच/व्यवहार का परिचय दें, तो
दो-चार महीने में रोटरी इंटरनेशनल अपने फैसले पर पुनर्विचार कर ले - और हो
सकता है कि छह/आठ महीने के लिए दीपक बाबु को गवर्नरी मिल जाए । लेकिन
दीपक बाबु का जो व्यवहार कल की कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में देखने को
मिला, उससे लगता नहीं है कि दीपक बाबु अपनी हरकतों से हालात को सुधरने
देंगे । मीटिंग में नीरज अग्रवाल तथा बृज भूषण से लताड़ सुनने के बाद कहने
को तो उन्होंने 'अभी तक की' अपनी गलतियों के लिए माफी माँगी, लेकिन माफी
माँगने के उनके अंदाज़ तथा उनकी बातों व उनके रवैये से किसी को भी लगा नहीं
कि उन्होंने अपनी गलतियों को वास्तव में पहचाना/समझा भी है ?
डिस्ट्रिक्ट
के लोगों के अनुसार, दीपक बाबु की दो बड़ी गलतियाँ रहीं : एक तो उन्होंने
कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में हुए फैसले को नहीं माना - इसलिए नहीं माना
क्योंकि पूर्व गवर्नर्स के प्रति उनके मन में कोई सम्मान ही नहीं था,
जिसके चलते कई एक पूर्व गवर्नर्स को उन्होंने अलग अलग तरह से अपमानित तक
किया; दूसरी गलती उनकी यह रही कि रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय तथा
इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन की तरफ से समय समय पर जो संकेत उन्हें
मिले, उन्होंने न तो उन्हें समझने की कोशिश की और न उनसे सबक लेने का प्रयास किया । इसका नतीजा जो निकला, वह अब जगजाहिर है ।
दीपक
बाबु ने कल की कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में भी इन्हीं गलतियों को
दोहराने वाले तेवर दिखाए । 'अभी तक की' अपनी गलतियों के लिए माफी माँगने के
बावजूद, एक बार फिर वह पूर्व गवर्नर्स की बातों की अनसुनी करने तथा
कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में सर्वानुमति बनाने का प्रयास करने की बजाए
अपनी ही बात थोपते हुए नजर आए । उनके इस रवैये को देखते हुए ही पूर्व
गवर्नर्स ने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी, क्योंकि उन्हें डर रहा कि
उनके कुछ कहने पर दीपक बाबु उन्हें अपमानित न कर दें । रोटरी इंटरनेशनल
कार्यालय तथा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को लेकर भी दीपक बाबु के
रवैये में मूर्खता की उपस्थित को देखा/पहचाना गया । दीपक बाबु के प्रति तथा
डिस्ट्रिक्ट 3100 के प्रति केआर रवींद्रन के रवैये को देखते/समझते हुए थोड़ी
सी भी कॉमन सेंस रखने वाला व्यक्ति समझ लेगा कि धमकी देने से तो बात और
बिगड़ेगी ही - लेकिन अपनी कुर्सी वापस पाने की फिराक में लगे दीपक बाबु को
लगता है कि वह धमकी देकर केआर रवींद्रन से फैसला पलटवा लेंगे ।
दीपक बाबु सहित जिन भी लोगों को ऐसा लगता है, उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3011 के एक घटना-प्रसंग से सबक लेना चाहिए : डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व गवर्नर्स केआर रवींद्रन की पहल से रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा लिए गए एक फैसले से बुरी तरह खफा हैं, जिसे पलटवाने के लिए उन्होंने अपने डिस्ट्रिक्ट की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में एक प्रस्ताव पास किया । गौर करने वाली बात यह है कि इस प्रस्ताव को पास करने के बावजूद उन्होंने अभी इसे इंटरनेशनल कार्यालय नहीं भेजने का फैसला किया - क्योंकि उन्होंने इस बात को समझा कि केआर रवींद्रन के प्रेसीडेंट रहते हुए इंटरनेशनल बोर्ड के उक्त फैसले को पलटवाना संभव नहीं होगा; उन्होंने फैसला किया कि वह अपने प्रस्ताव को जुलाई में इंटरनेशनल कार्यालय भेजेंगे । किंतु उनके बीच भी कोई दीपक बाबु जैसी सोच रखने वाला व्यक्ति था - उसने केआर रवींद्रन को लिख दिया कि इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले के खिलाफ हमारे यहाँ काफी रोष है और अपनी एकजुटता के जरिए हमने उस फैसले का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है । जबाव में केआर रवींद्रन का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को संबोधित फड़फड़ाता पत्र मिला, जिसमें साफ चेताया गया कि बदमाशी भी करोगे और उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई का विरोध भी करोगे, मैं कोशिश करूँगा कि आपके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो । केआर रवींद्रन के इस पत्र ने डिस्ट्रिक्ट 3011 के गवर्नर्स के बीच हड़कंप मचा दिया । अलग अलग तरीकों से केआर रवींद्रन को संदेश भेजा गया व उन्हें समझाया गया कि जो प्रस्ताव पास हुआ है, वह लोगों की भावनाओं का इज़हार भर है, और उसे आधिकारिक रूप से रोटरी इंटरनेशनल को नहीं भेजा गया है - इसलिए रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय उसका संज्ञान नहीं ले सकता है । इसके बाद कहीं जाकर डिस्ट्रिक्ट 3010 के लोगों की जान छूटी । इस प्रसंग से सहज ही समझा जा सकता है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक बाबु यदि आधिकारिक रूप से रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय को धमकी भरा पत्र लिखे/भेजेंगे, तो फिर केआर रवींद्रन क्या हाल करेंगे ?
इसीलिए रोटरी इंटरनेशनल
कार्यालय व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को 'धमका' कर अपनी गवर्नरी
वापस पाने का दीपक बाबु ने जो फार्मूला सोचा है, उसने डिस्ट्रिक्ट के लोगों
को बेचैन कर दिया है, और उन्हें फ़िक्र होने लगी है कि दीपक बाबु की हरकतें
आगे न जाने और क्या गुल खिलाएँ ? कुछेक लोगों को हालाँकि दीपक बाबु से
हमदर्दी भी है : उन्हें लगता है कि बेचारे दीपक बाबु ने बड़े
झंझटों-झगड़ों-आफ़तों के बाद तो चुनाव जीता था, अब जब उस जीत का फल खाने का
मौका आया - तो फल उनसे छीन लिया गया है । ऐसे लोगों का मानना और कहना है कि दीपक बाबु के लिए रास्ता अभी भी हालाँकि पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है, किंतु रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए उनके लिए सबसे पहली जरूरत यह
है कि वह कोई अच्छे सलाहकार खोजें - जो उन्हें मामले की व स्थितियों की
नाजुकता व गंभीरता से परिचित कराएँ तथा उन्हें नकारात्मक सोच व घेरेबंदी से
बाहर निकालने में मदद करें । दीपक बाबु के प्रति हमदर्दी रखने वाले लोगों का कहना है कि दीपक बाबु की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्होंने अपने रवैये व व्यवहार से अपने तमाम तरह के दुश्मन बनाए हुए हैं, और तमाम लोगों के बीच अपनी एक नकारात्मक पहचान बना ली है; वह यदि ईमानदारी से व सोच-समझ कर थोड़ा सा भी प्रयास करें तो
अपने दुश्मनों की संख्या को भी कम कर सकेंगे तथा अपनी पहचान की नकारात्मकता
के गाढ़ेपन को भी कुछ पनीला कर लेंगे । कल की मीटिंग में उन्होंने जिस तरह
से 'अभी तक की' गलतियों के लिए माफी माँगी, उससे ऐसा तो लगता है कि वह अपनी ऐंठ से जैसे बाहर निकलने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन उनके यह प्रयास अभी भी नकलीपन लिए हुए नजर आ रहे हैं - इसीलिए अपने मामले को सँभालने की बजाए वह बिगाड़ते हुए ज्यादा दिख रहे हैं । और इसी कारण से उनके प्रयासों में हालात और खराब होने का खतरा देखा/पहचाना जा रहा है ।दीपक बाबु सहित जिन भी लोगों को ऐसा लगता है, उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3011 के एक घटना-प्रसंग से सबक लेना चाहिए : डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व गवर्नर्स केआर रवींद्रन की पहल से रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा लिए गए एक फैसले से बुरी तरह खफा हैं, जिसे पलटवाने के लिए उन्होंने अपने डिस्ट्रिक्ट की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में एक प्रस्ताव पास किया । गौर करने वाली बात यह है कि इस प्रस्ताव को पास करने के बावजूद उन्होंने अभी इसे इंटरनेशनल कार्यालय नहीं भेजने का फैसला किया - क्योंकि उन्होंने इस बात को समझा कि केआर रवींद्रन के प्रेसीडेंट रहते हुए इंटरनेशनल बोर्ड के उक्त फैसले को पलटवाना संभव नहीं होगा; उन्होंने फैसला किया कि वह अपने प्रस्ताव को जुलाई में इंटरनेशनल कार्यालय भेजेंगे । किंतु उनके बीच भी कोई दीपक बाबु जैसी सोच रखने वाला व्यक्ति था - उसने केआर रवींद्रन को लिख दिया कि इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले के खिलाफ हमारे यहाँ काफी रोष है और अपनी एकजुटता के जरिए हमने उस फैसले का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है । जबाव में केआर रवींद्रन का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला को संबोधित फड़फड़ाता पत्र मिला, जिसमें साफ चेताया गया कि बदमाशी भी करोगे और उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई का विरोध भी करोगे, मैं कोशिश करूँगा कि आपके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई हो । केआर रवींद्रन के इस पत्र ने डिस्ट्रिक्ट 3011 के गवर्नर्स के बीच हड़कंप मचा दिया । अलग अलग तरीकों से केआर रवींद्रन को संदेश भेजा गया व उन्हें समझाया गया कि जो प्रस्ताव पास हुआ है, वह लोगों की भावनाओं का इज़हार भर है, और उसे आधिकारिक रूप से रोटरी इंटरनेशनल को नहीं भेजा गया है - इसलिए रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय उसका संज्ञान नहीं ले सकता है । इसके बाद कहीं जाकर डिस्ट्रिक्ट 3010 के लोगों की जान छूटी । इस प्रसंग से सहज ही समझा जा सकता है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक बाबु यदि आधिकारिक रूप से रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय को धमकी भरा पत्र लिखे/भेजेंगे, तो फिर केआर रवींद्रन क्या हाल करेंगे ?