Tuesday, September 13, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सतीश सिंघल ने एक फर्जी किस्म के आयोजन के जरिए अपनी फजीहत तो करवाई ही, साथ ही दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की मुसीबतों को भी बढ़ाया

नोएडा । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सतीश सिंघल ने अगले रोटरी वर्ष के अपने गवर्नर-काल के असिस्टेंट गवर्नर्स घोषित करके कई लोगों को जिस तरह का झटका दिया है, उसके कारण दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के अभियान के लिए भारी समस्या खड़ी हो गई है । सतीश सिंघल के खिलाफ पैदा हुई नाराजगी के कारण दरअसल दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने उन कई लोगों का समर्थन खोने का खतरा पैदा हो गया है, जिन्होंने पिछले वर्ष के चुनाव में उनका साथ दिया था - और जिन्हें इस वर्ष भी दीपक गुप्ता और उनके समर्थक अपने साथ मान रहे हैं । उल्लेखनीय है कि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी का साथ देने वाले लोगों को विश्वास था कि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी का साथ/समर्थन करने के कारण सतीश सिंघल के गवर्नर-काल में उन्हें महत्त्वपूर्ण पद मिलेंगे - लेकिन सतीश सिंघल जो और जिस तरह से करते हुए दिखे हैं, उससे उन लोगों का विश्वास भंग हुआ है । कई लोग तो शिकायत करते हुए सुने जा रहे हैं कि सतीश सिंघल ने उन्हें असिस्टेंट गवर्नर का पद देने का वायदा किया था, लेकिन अब जब पद देने का समय आया - तो उनके तेवर ही बदले हुए हैं । इस बिना पर कई लोगों ने सतीश सिंघल पर धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगाया है । सबसे ज्यादा फजीहत रोटरी क्लब वैशाली के लोगों की हुई है । पिछले वर्ष इस क्लब में भारी झगड़े का कारण ही यह था कि क्लब के पदाधिकारी सतीश सिंघल के गवर्नर-काल में असिस्टेंट गवर्नर का पद पाने के बदले में क्लब के वोट दीपक गुप्ता को देने को तैयार हो गए थे । किंतु अब जब पद देने का नंबर आया तो सतीश सिंघल ने रोटरी क्लब वैशाली के लोगों को बाबा जी ठुल्लू थमा दिया है । रोटरी क्लब वैशाली के लोगों की समझ में ही नहीं आ रहा है कि इसका वह करें तो क्या करें ? हाँ, यह उन्हें अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि सतीश सिंघल ने उन्हें ठगते हुए उन्हें मजाक का विषय जरूर बना दिया है ।
सतीश सिंघल की तरफ से कुछेक लोगों को जब डिस्ट्रिक्ट कोर टीम मीट में शामिल होने का निमंत्रण मिला, तब कई लोगों की उम्मीदों ने बड़ी जोरों की अँगड़ाई ली - उन्हें लगा कि सतीश सिंघल के आश्वासन पर पिछले वर्ष उन्होंने दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी का जो समर्थन किया था, उसके लिए पुरुस्कृत होने का समय आ गया है । इसी उम्मीद और विश्वास के साथ लोग डिस्ट्रिक्ट कोर टीम मीट में शामिल होने के लिए पहुँचे । लेकिन डेढ़ दिन के कार्यक्रम के नाम पर वहाँ जो कुछ भी हुआ, उसे देख कर अधिकतर लोगों को यही लगा कि उन्होंने अपना समय और पैसा नाहक ही बर्बाद किया है । पूरा कार्यक्रम जिस तरह से डिजाईन किया गया था, उसे अधिकतर लोगों ने मूर्खता के चरम प्रदर्शन के रूप में ही देखा/पहचाना । कार्यक्रम में शामिल हुए रोटेरियंस को तो छोड़िए, वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रूपक जैन के साथ वहाँ जो सुलूक हुआ - उसमें ही मूर्खता के चरम प्रदर्शन का सुबूत देखा/पाया जा सकता है । रूपक जैन को सतीश सिंघल ने हालाँकि अपने गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट के मार्ग-दर्शक की भूमिका दी है - किंतु डिस्ट्रिक्ट के मार्ग-दर्शक को कोर टीम के तथाकथित सदस्यों को संबोधित करने का मौका सबसे आखिर में बचे-खुचे समय में तब दिया गया, जब कार्यक्रम ख़त्म होने की मनोदशा में आ चुका था, और लोगों ने अपने अपने घर वापस लौटने की तैयारी करना शुरू कर दिया था । रूपक जैन ने स्वयं इस स्थिति का शिकायती स्वर में जिक्र किया और यह शिकायत करते हुए ही आगे कुछ भी कहने से इंकार कर दिया । लोगों ने पाया/देखा कि वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रूपक जैन का ऐसा अपमान इससे पहले शायद ही कभी हुआ हो - और उन्होंने रूपक जैन को इससे पहले शायद ही कभी इतना खिन्न और नाराज देखा हो ।
दरअसल यह पूरा आयोजन ही रोटरी को अपमानित करने वाला फर्जी किस्म का आयोजन था । एक सीधी सी कॉमनसेंस की बात है कि सतीश सिंघल ने अभी जब अपने गवर्नर-काल के लिए कोर टीम तय ही नहीं की है, कोर टीम के बारे में - कौन कौन लोग कोर टीम में होंगे तथा किसके पास क्या पद और क्या जिम्मेदारी होगी आदि इत्यादि - किसी को कुछ अतापता ही नहीं है : तब फिर 'डिस्ट्रिक्ट कोर टीम मीट' का मतलब भला क्या है ? कई लोगों ने सतीश सिंघल का उपहास उड़ाते हुए टिप्पणियाँ कीं कि सतीश सिंघल को इतनी सी अक़्ल भी नहीं है क्या कि कोर टीम की मीटिंग करने से पहले वह कोर टीम का गठन तो कम से कम कर लें ? कोढ़ में खाज वाली बात यह हुई है कि डिस्ट्रिक्ट कोर टीम मीट हो जाने के बाद भी - सतीश सिंघल के गवर्नर-काल की कोर टीम का अभी भी कोई अतापता नहीं है ।  
इसी बात ने वास्तव में आयोजन में समय और पैसा खर्च करने वाले लोगों को निराश किया और भड़काया हुआ है । आयोजन में लोग दरअसल शामिल ही इसलिए हुए थे, ताकि वह सतीश सिंघल की कोर टीम में अपनी जगह सुनिश्चित करवा लें और अपने लिए महत्त्वपूर्ण पद का जुगाड़ कर लें । कोर टीम में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों को लगा कि वह यदि इस आयोजन में शामिल नहीं होंगे, तो कहीं ऐसा न हो कि कोर टीम में उन्हें जगह ही न मिले और मनचाहा पद कोई और ले उड़े । पद तो छोड़िए, पूरे आयोजन में लेकिन जब कोर टीम की घोषणा ही नहीं हुई - तो लोगों ने अपने आप को पूरी तरह से लुटा-पिटा महसूस किया । लुटे-पिटे लौटे रोटेरियंस का कहना है कि इससे पहले किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट ने रोटेरियंस को इतना बेवकूफ नहीं बनाया होगा, जितना सतीश सिंघल ने बनाया है ।
आयोजन की एकमात्र उपलब्धि यह रही कि अगले रोटरी वर्ष में असिस्टेंट गवर्नर्स का पद सँभालने वाले लोगों के नाम घोषित हुए । इस घोषणा ने लेकिन सतीश सिंघल की मदद के सहारे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जीतने की उम्मीद लगाए दीपक गुप्ता के लिए गंभीर समस्या पैदा कर दी है । पिछले रोटरी वर्ष में दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए वोट इकट्ठा करने की मुहिम में सतीश सिंघल ने जिन जिन लोगों को अपने गवर्नर-काल में असिस्टेंट गवर्नर बनाने का ऑफर दिया था, उनमें से अधिकतर को उन्होंने ठेंगा दिखा दिया है । असिस्टेंट गवर्नर के पद की उम्मीद लगाए लोगों ने सतीश सिंघल द्धारा की गई इस धोखाधड़ी का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में बदला लेने की बातें करना शुरू किया है । इस तरह की बातों से संकेत मिल रहा है कि सतीश सिंघल की बातों में आकर जिन लोगों ने पिछले वर्ष दीपक गुप्ता को वोट दिया था, अब की बार वह उसका उल्टा करेंगे । पिछले रोटरी वर्ष में सतीश सिंघल अपने गवर्नर-काल के पदों का सौदा करके भी दीपक गुप्ता को चुनाव नहीं जितवा सके थे - ऐसे में, सतीश सिंघल की अभी की कार्रवाई से तो दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के सामने और ज्यादा मुश्किलें खड़ी हो जाने का खतरा पैदा हो गया है ।