Tuesday, October 4, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को रोटरी इंटरनेशनल से एक बार फिर मार पड़ी

चंडीगढ़ । दमन बावेजा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा को आज शाम साढ़े चार बजे जो ईमेल भेजा है, वह रोटरी क्लब हिमालयन रेंजेस मनसा देवी द्धारा की गई चुनावी शिकायत पर लिए गए फैसले की जानकारी भर नहीं है - बल्कि राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए चुल्लू भर पानी भी है । दमन बावेजा रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस में क्लब व डिस्ट्रिक्ट सपोर्ट टीम के को-ऑर्डीनेटर हैं । राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों ने जिस तरह की बेईमानियाँ करके टीके रूबी को चुनाव हरवाया था, दमन बावेजा ने अपने ईमेल संदेश में बताया है कि रोटरी इंटरनेशनल के तीन सदस्यीय पैनल ने उस चुनावी नतीजे को पलट दिया है - और वर्ष 2017-18 के लिए टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर घोषित किया है । पैनल ने उक्त चुनाव की निगरानी करने वाले तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन की जिन शब्दों में भर्त्सना की है, वह किसी भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए बेहद शर्म की बात होनी चाहिए । डेविड हिल्टन के बारे में पैनल द्धारा की गई टिप्पणी वास्तव में इस बात का सुबूत है कि डेविड हिल्टन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारियाँ निभाने की बजाए राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के हाथों की कठपुतली बने हुए थे - और उनका हुक्म बजा रहे थे । उनसे पहले, इसी मामले में दिलीप पटनायक ने खासी फजीहत झेली । इस मामले ने अब जो टर्न लिया है, उसमें तीसरे गवर्नर के रूप में रमन अनेजा के लिए भी फजीहत के संकेत नज़र आ रहे हैं । तीन तीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए जिल्लत और बदनामी का सबब बने इस सारे तमाशे में बेचारे डीसी बंसल की और फजीहत हो रही है - जिन्हें राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की हरकतों के चलते 'गवर्नर' की कुर्सी से बेइज्जत होकर दूसरी बार उतरना पड़ा है ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए टीके रूबी के मामले में मुसीबत की बात यह हुई है कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से भी और रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से भी - लगातार मार पड़ रही है । डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से पड़ने वाली मार से बचने और उसे छिपाने के लिए वह बेईमानी करते हैं, तो रोटरी इंटरनेशनल उनकी बजा देता है । उनकी बेशर्मी की लेकिन तारीफ करनी पड़ेगी कि इतनी थुक्का -फजीहत के बाद भी वह बाज नहीं आ रहे हैं । यही कारण है कि वर्ष 2017-18 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का जो फैसला फरवरी 2015 में हो जाना चाहिए था, वह राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में बीस महीने के बाद भी अभी अनिश्चय में पड़ा है । रोटरी इंटरनेशनल के 34 जोन्स में फैले करीब 530 डिस्ट्रिक्ट्स में इस समय, अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार सँभालने वाले अपने अपने उद्देश्य/लक्ष्य तय कर रहे हैं और अपनी अपनी टीम के लिए लोगों को चयन कर रहे हैं; किंतु राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में अभी तक भी यही तय नहीं हो सका है कि अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होगा कौन ? वर्ष 2017-18 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद को लेकर जिन कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स में विवाद या झगड़े थे भी, वह सुलट गए हैं - लेकिन राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में इस बात को लेकर शुरू हुआ झगड़ा सुलटने की बजाए उलझता और जा रहा है । इसे लेकर रोटरी समुदाय में राजा साबू तथा उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की भारी बदनामी हो रही है, और लोग उनके नाम ले ले कर चुस्कियाँ ले रहे हैं - लेकिन वह निर्लज्ज किस्म की बेशर्मी के साथ अपनी हरकतों को जारी रखे हुए हैं । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने अपनी हरकतों से सिर्फ अपना ही नहीं - डिस्ट्रिक्ट का और रोटरी का भी मजाक बना/बनवा दिया है ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स जब कहीं रोटेरियंस के बीच भाषण देते हैं - तो उच्च आचरण, सदाचार, नियमों के पालन, नैतिकता आदि की ऐसी ऊँची ऊँची बातें कहते/करते हैं, जिन्हें सुन कर लगता है जैसे कि यह लोग ऋषियों/मुनियों के सगे वाले नाना/फूफा/मामा हैं; लेकिन इनकी कारस्तानियाँ देख/जान का साबित होता है कि 'शैतान' को भी इनसे ट्रेनिंग लेने की जरूरत पड़ जाए । वर्ष 2017-18 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के चुनाव को लेकर पिछले करीब बीस महीनों में जो जो हुआ है, उससे इनका असली रूप लोगों के सामने आ गया है । कई लोग हैं जो इस बात को पूरी स्पष्टता के साथ और दो टूक तरीके से कहते हैं कि राजा साबू के प्रति उनके मन में बड़ा सम्मान था, लेकिन अब उन्हें पता चला है कि उनसे घटिया आदमी तो कोई हो ही नहीं सकता है । उल्लेखनीय है कि राजा साबू ने अपने डिस्ट्रिक्ट में यह प्रथा स्थापित की थी कि नोमीनेटिंग कमेटी द्धारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज नहीं किया जायेगा और उसे ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनने दिया जायेगा । राजा साबू ने पिछले तमाम वर्षों में बहुत सुनियोजित तरीके से यह दिखाने का प्रयास किया कि वह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में किसी का पक्ष नहीं लेते हैं, और जो फैसला होता है उसका सम्मान करते हैं । वर्ष 2017-18 के लिए लेकिन नोमीनेटिंग कमेटी ने उनके पसंदीदा व्यक्ति की बजाए जब टीके रूबी को अधिकृत उम्मीदवार चुन लिया, तो राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में न सिर्फ अधिकृत उम्मीदवार के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनने की प्रथा टूट गई और अधिकृत उम्मीदवार चेलैंज हुआ - बल्कि लोगों ने यह भी देखा कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स चेलैंज करने वाले उम्मीदवार की हर तरीके से मदद करने के लिए खुलकर सामने आ गए ।
टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी तक पहुँचने से रोकने के लिए राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने जो कुछ किया, उससे उनकी कलई तो उतरी ही है - साथ ही निवर्तमान इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन की भी पोल खुली है । उल्लेखनीय है कि रोटरी में राजनीति को हतोत्साहित करने के लिए पिछले रोटरी वर्ष में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के रूप में केआर रवींद्रन ने बड़े कठोर मानक बनाए थे; और राजनीति करने वाले पदाधिकारियों पर तेजी से हंटर चलाए थे । डिस्ट्रिक्ट 3100 और डिस्ट्रिक्ट 3011 के कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को उनके हंटर की चोट भी पड़ी, और डिस्ट्रिक्ट 3100 तो नॉन-डिस्ट्रिक्ट स्टेटस में भी चला गया था । किंतु डिस्ट्रिक्ट 3080 के मामले में लोगों ने केआर रवींद्रन की सारी हंटरबाजी की फूँक सरकते हुए देखी । डिस्ट्रिक्ट 3011 के मामले में तो पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत भी नहीं थी, फिर भी उन्हें केआर रवींद्रन के कोप का शिकार होना पड़ा । राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू सहित अन्य कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की चुनावी धांधलियों की सुबूतों के साथ औपचारिक शिकायतें हैं; उन शिकायतों और सुबूतों के आधार पर ही रोटरी इंटरनेशनल की विभिन्न कमेटियों ने फैसले लिए हैं - लेकिन फिर भी केआर रवींद्रन की हिम्मत नहीं हो पाई कि वह राजा साबू और या उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स पर  कार्रवाई कर सकें । इस प्रकरण से लोगों ने मान/समझ लिया है कि केआर रवींद्रन सिर्फ उन लोगों पर ही हंटर चला सकते हैं, जिनके कोई 'माई-बाप' नहीं हैं; और राजा साबू तो दूर की बात, उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स तक के खिलाफ कार्रवाई कर सकने की केआर रवींद्रन की 'औकात' नहीं है । राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में पिछले करीब बीस महीने से जो तमाशा हो रहा है, उससे परिचित लोगों का मानना और कहना है कि केआर रवींद्रन यदि शुरू में ही राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में भी अपने द्धारा तय किए गए मानकों का पालन करवाते, तो मामला यहाँ तक नहीं खिंचता ।
अभी भी कोई बहुत देर नहीं हुई है ! केआर रवींद्रन यदि अभी भी इस बात की जरूरत समझ लें कि उनके द्धारा तय मानकों का पालन राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में भी होगा - तो मामला और खराब होने से बच सकता है । अन्यथा राजा साबू के गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की बयानबाजियाँ संकेत दे रही हैं कि लगातार पड़ती मार से भी उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा है । यानि अभी और तमाशे देखने को मिलेंगे ।