नई
दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग को अपने
ही डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह की
सक्रियता में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की अपनी योजना और तैयारी खटाई
में पड़ती नजर आ रही है । डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में तथा मल्टीपल
डिस्ट्रिक्ट 321 में चर्चा सुनने को मिल रही है कि विनय गर्ग के पटाखे को
फुस्स करने का काम जेपी सिंह ने किया है । विनय गर्ग के नजदीकियों के
अनुसार, विनय गर्ग को दरअसल दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लोगों से ही सुनने को
मिला है कि इंद्रजीत सिंह अपने कलीग फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को
सलाह दे रहे हैं कि उन्हें अभी मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए किसी भी
उम्मीदवार से 'वायदा' नहीं कर लेना चाहिए और अभी 'देखो और इंतजार करो' की
नीति का पालन करना चाहिए । मजे की बात है कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर्स से यही बात तेजपाल खिल्लन भी कहते फिर रहे हैं - जो हालाँकि हैं
तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, लेकिन वह खुद
को मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के 'ख़ुदा' से कम नहीं समझते - और इसीलिए वह हर
डिस्ट्रिक्ट में अपनी नाक या टाँग घुसाने की कोशिश करते रहते हैं । लोग
उन्हें 'सत्ता' के यानि नरेश अग्रवाल एंड कंपनी के एक एजेंट के रूप में
देखते हैं । विनय गर्ग ने तेजपाल खिल्लन की बातों की तो परवाह नहीं की;
उनका कहना रहा कि उनकी पहुँच जब सीधी नरेश अग्रवाल तक है, तब उन्हें तेजपाल
खिल्लन की बातों की परवाह करने की जरूरत क्या है ? लेकिन इंद्रजीत सिंह
को भी तेजपाल खिल्लन की 'भाषा' बोलते सुन कर विनय गर्ग का माथा ठनका है और
मल्टीपल चेयरमैन बनने की अपनी योजना और तैयारी उन्हें मुसीबत में पड़ती दिख
रही है ।
इंद्रजीत सिंह के रवैये में दरअसल अगले लायन वर्ष में खुद मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की महत्त्वाकाँक्षा को देखा/पहचाना जा रहा है । मल्टीपल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की जिस तरह की सक्रियताएँ हैं, उनमें उनकी इच्छाओं को पढ़ने/देखने वालों का मानना और कहना है कि इंद्रजीत सिंह अगले लायन वर्ष में सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की ही नहीं, बल्कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की भी तैयारी कर रहे हैं । उनके नजदीकियों का कहना है कि उनमें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन का बीज जेपी सिंह ने रोपा है, जो सत्ता के यानि नरेश अग्रवाल एंड कंपनी के एक दूसरे एजेंट के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं । जेपी सिंह ने जो बीज रोपा है, वह अच्छी तरह से खिल सके और उसकी जड़ें मजबूत हों - इसके लिए जेपी सिंह ने 'सिंचाई' की पक्की व्यवस्था की और इंद्रजीत सिंह को समझाया कि विनय गर्ग यदि इस वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बन गए, तो फिर अगले वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने का सपना देखना बंद ही कर दो - क्योंकि हर वर्ष एक ही डिस्ट्रिक्ट से चेयरमैन थोड़े ही बनेगा । समझा जाता है कि जेपी सिंह से राजनीति का यह महत्त्वपूर्ण पाठ सीख कर ही इंद्रजीत सिंह ने तेजपाल खिल्लन वाली लाइन पकड़ ली है । इसका नतीजा यह हुआ कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स में समर्थन के लिए जुगाड़ लगाने वाले विनय गर्ग को सुनने को मिल रहा है कि पहले अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन तो पक्का करो ।
विनय गर्ग के पटाखे को फुस्स करने की योजना को क्रियान्वित करने के जरिए जेपी सिंह ने वास्तव में एक तीर से दो शिकार करने की चाल चली है : इससे, एक तरफ तो उन्हें विनय गर्ग से बदला लेने का मौका मिला है, और दूसरी तरफ इससे उन्हें इंद्रजीत सिंह को पुनः अपने नजदीक लाने का अवसर मिला है । जेपी सिंह को पिछले लायन वर्ष में अपने ही डिस्ट्रिक्ट में जिस भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था, उसके लिए जिम्मेदार 'आरोपियों' की उनके द्धारा बनाई गई सूची में विनय गर्ग का नाम भी है; जेपी सिंह को विनय गर्ग से बदला लेने का चूँकि अच्छा मौका मिल रहा है, इसलिए वह इस मौके को चूकना नहीं चाहते हैं । इस मौके में उन्हें इंद्रजीत सिंह को पुनः अपने नजदीक लाने का जो अवसर दिखाई दे रहा है, उसके चलते तो उक्त मौका उनके लिए दोहरे फायदे का सबब बना है । उल्लेखनीय है कि इंद्रजीत सिंह पहले जेपी सिंह के 'आदमी' के रूप में ही देखे/पहचाने जाते थे; किंतु कुछ जेपी सिंह की हरकतों के चलते और कुछ डिस्ट्रिक्ट की राजनीति में जेपी सिंह को कमजोर पड़ता देख कर इंद्रजीत सिंह ने उनके 'आदमी' का तमगा उतार फेंका था । जेपी सिंह को विश्वास है कि अब जब वह इंद्रजीत सिंह को अगले लायन वर्ष में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनवाने का जिम्मा संभालेंगे, तो इंद्रजीत सिंह उनके 'आदमी' वाली टोपी फिर से पहन लेंगे ।
जेपी सिंह ने इंद्रजीत सिंह को 'बागी' बना कर मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की विनय गर्ग की योजना व तैयारी को झटका तो जोर का दिया है, लेकिन विनय गर्ग ने उम्मीद अभी पूरी तरह से छोड़ी नहीं है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 321 ई के अनिल तुलस्यान व डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के योगेश सोनी के साथ उनका मुकाबला होने की जो उम्मीद की जा रही है, उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को अपने साथ करने के उन्होंने गंभीर प्रयास किए हैं । विनय गर्ग के नजदीकियों का कहना है कि जिस 'राजनीति' के तहत इंद्रजीत सिंह को विनय गर्ग के खिलाफ कर दिया गया है, उसी 'राजनीति' का इस्तेमाल करते हुए विनय गर्ग ने डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल के साथ तार जोड़ने का प्रयास किया है । दरअसल अजय सिंघल भी अगले लायन वर्ष में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने के इच्छुक बताए/देखे जा रहे हैं, और उनका मुकाबला इंद्रजीत सिंह से होना माना जा रहा है । ऐसे में, अजय सिंघल को समझाया जा रहा है कि वह इस वर्ष यदि विनय गर्ग को मल्टीपल चेयरमैन बनवाते हैं - तो अगले वर्ष में उनका 'काम' तो अपने आप आसान हो जायेगा ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर बनते/बिगड़ते समीकरणों के बीच सत्ताधारी नेताओं - यानि नरेश अग्रवाल और उनके सहारे लायनिज्म में कुछ पा लेने की कोशिशों में लगे बड़े नेताओं का रवैया चूँकि अभी स्पष्ट नहीं है; इसलिए मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठेगा, इस बारे में अभी कोई पक्का अनुमान लगाना संभव नहीं है । लेकिन जेपी सिंह की शह पर इंद्रजीत सिंह ने जो तेवर दिखाना शुरू किया है, उसके कारण विनय गर्ग के लिए मामला खासा मुश्किल जरूर हो गया है ।
इंद्रजीत सिंह के रवैये में दरअसल अगले लायन वर्ष में खुद मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की महत्त्वाकाँक्षा को देखा/पहचाना जा रहा है । मल्टीपल के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की जिस तरह की सक्रियताएँ हैं, उनमें उनकी इच्छाओं को पढ़ने/देखने वालों का मानना और कहना है कि इंद्रजीत सिंह अगले लायन वर्ष में सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की ही नहीं, बल्कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की भी तैयारी कर रहे हैं । उनके नजदीकियों का कहना है कि उनमें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन का बीज जेपी सिंह ने रोपा है, जो सत्ता के यानि नरेश अग्रवाल एंड कंपनी के एक दूसरे एजेंट के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं । जेपी सिंह ने जो बीज रोपा है, वह अच्छी तरह से खिल सके और उसकी जड़ें मजबूत हों - इसके लिए जेपी सिंह ने 'सिंचाई' की पक्की व्यवस्था की और इंद्रजीत सिंह को समझाया कि विनय गर्ग यदि इस वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बन गए, तो फिर अगले वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने का सपना देखना बंद ही कर दो - क्योंकि हर वर्ष एक ही डिस्ट्रिक्ट से चेयरमैन थोड़े ही बनेगा । समझा जाता है कि जेपी सिंह से राजनीति का यह महत्त्वपूर्ण पाठ सीख कर ही इंद्रजीत सिंह ने तेजपाल खिल्लन वाली लाइन पकड़ ली है । इसका नतीजा यह हुआ कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स में समर्थन के लिए जुगाड़ लगाने वाले विनय गर्ग को सुनने को मिल रहा है कि पहले अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन तो पक्का करो ।
विनय गर्ग के पटाखे को फुस्स करने की योजना को क्रियान्वित करने के जरिए जेपी सिंह ने वास्तव में एक तीर से दो शिकार करने की चाल चली है : इससे, एक तरफ तो उन्हें विनय गर्ग से बदला लेने का मौका मिला है, और दूसरी तरफ इससे उन्हें इंद्रजीत सिंह को पुनः अपने नजदीक लाने का अवसर मिला है । जेपी सिंह को पिछले लायन वर्ष में अपने ही डिस्ट्रिक्ट में जिस भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था, उसके लिए जिम्मेदार 'आरोपियों' की उनके द्धारा बनाई गई सूची में विनय गर्ग का नाम भी है; जेपी सिंह को विनय गर्ग से बदला लेने का चूँकि अच्छा मौका मिल रहा है, इसलिए वह इस मौके को चूकना नहीं चाहते हैं । इस मौके में उन्हें इंद्रजीत सिंह को पुनः अपने नजदीक लाने का जो अवसर दिखाई दे रहा है, उसके चलते तो उक्त मौका उनके लिए दोहरे फायदे का सबब बना है । उल्लेखनीय है कि इंद्रजीत सिंह पहले जेपी सिंह के 'आदमी' के रूप में ही देखे/पहचाने जाते थे; किंतु कुछ जेपी सिंह की हरकतों के चलते और कुछ डिस्ट्रिक्ट की राजनीति में जेपी सिंह को कमजोर पड़ता देख कर इंद्रजीत सिंह ने उनके 'आदमी' का तमगा उतार फेंका था । जेपी सिंह को विश्वास है कि अब जब वह इंद्रजीत सिंह को अगले लायन वर्ष में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनवाने का जिम्मा संभालेंगे, तो इंद्रजीत सिंह उनके 'आदमी' वाली टोपी फिर से पहन लेंगे ।
जेपी सिंह ने इंद्रजीत सिंह को 'बागी' बना कर मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की विनय गर्ग की योजना व तैयारी को झटका तो जोर का दिया है, लेकिन विनय गर्ग ने उम्मीद अभी पूरी तरह से छोड़ी नहीं है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 321 ई के अनिल तुलस्यान व डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के योगेश सोनी के साथ उनका मुकाबला होने की जो उम्मीद की जा रही है, उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को अपने साथ करने के उन्होंने गंभीर प्रयास किए हैं । विनय गर्ग के नजदीकियों का कहना है कि जिस 'राजनीति' के तहत इंद्रजीत सिंह को विनय गर्ग के खिलाफ कर दिया गया है, उसी 'राजनीति' का इस्तेमाल करते हुए विनय गर्ग ने डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल के साथ तार जोड़ने का प्रयास किया है । दरअसल अजय सिंघल भी अगले लायन वर्ष में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने के इच्छुक बताए/देखे जा रहे हैं, और उनका मुकाबला इंद्रजीत सिंह से होना माना जा रहा है । ऐसे में, अजय सिंघल को समझाया जा रहा है कि वह इस वर्ष यदि विनय गर्ग को मल्टीपल चेयरमैन बनवाते हैं - तो अगले वर्ष में उनका 'काम' तो अपने आप आसान हो जायेगा ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर बनते/बिगड़ते समीकरणों के बीच सत्ताधारी नेताओं - यानि नरेश अग्रवाल और उनके सहारे लायनिज्म में कुछ पा लेने की कोशिशों में लगे बड़े नेताओं का रवैया चूँकि अभी स्पष्ट नहीं है; इसलिए मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की राजनीति का ऊँठ किस करवट बैठेगा, इस बारे में अभी कोई पक्का अनुमान लगाना संभव नहीं है । लेकिन जेपी सिंह की शह पर इंद्रजीत सिंह ने जो तेवर दिखाना शुरू किया है, उसके कारण विनय गर्ग के लिए मामला खासा मुश्किल जरूर हो गया है ।