गाजियाबाद । मुकेश गोयल की प्रेरणा से और उनके नेतृत्व में होने जा रहे लीडरशिप सेमीनार को होने से पहले ही डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जो अपार समर्थन व सफलता मिली है, वह डिस्ट्रिक्ट ही नहीं - बल्कि लायनिज्म के इतिहास की अनोखी घटना है । सफलता की ऐसी कहानियाँ यदा-कदा ही सुनने को मिलती हैं । डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन ही नहीं, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में सफलता का ऐसा नजारा शायद ही कभी/कहीं घटा हो ।
लायनिज्म के इतिहास में भी सफलता की ऐसी घटनाएँ गिनी-चुनी ही मिलेंगी । यूँ
तो हर उपलब्धि ही सफलता होती है - किंतु हर सफलता इतिहास नहीं बनती/बनाती
है और इतिहास में दर्ज नहीं होती है; इतिहास में वही सफलता दर्ज होती है
- जो विरोधों/प्रतिरोधों का सामना करती है, जिसे षड्यंत्रों का शिकार
बनाने की कोशिशें होती हैं, जिसे सफल होने से रोकने के लिए तमाम तरह की
शक्तियाँ अपने अपने तरीके से प्रयास करती हैं । कोई भी काम जब तमाम तरह
के प्रतिरोधों तथा षड्यंत्री हथकंडों का सामना करते हुए और उन्हें विफल
करते हुए संपन्न होता है - तभी वह सफलताओं के इतिहास में अपनी जगह बनाता है
। मसूरी में 19/20 नबंवर को होने जा रहा लीडरशिप सेमीनार एक ऐसा ही
आयोजन है, जिसे शुरू दिन से ही विरोध का सामना करना पड़ा - लेकिन विरोध के
हर हथकंडे को धूल चटाते हुए यह सफलता की और ऊँची सीढ़ियाँ चढ़ता गया है ।
मजे की बात यह है कि लीडरशिप सेमीनार की तैयारी में शुरू से जुटे कुछेक लोगों तक को सफलता की ऐसी उम्मीद नहीं थी । उनका कहना है कि इस आयोजन के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया, और इसमें अपनी अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जिस तरह की होड़ रही है - उसे देख कर वास्तव में वह भी हैरान और अचंभित हैं । मुकेश गोयल की प्रेरणा व उनके नेतृत्व में होने जा रहे लीडरशिप सेमीनार की सफलता का आधार सिर्फ यह नहीं है - कि इसमें भागीदारी निभाने के लिए चार सौ से ज्यादा लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, सौ से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं, तथा अभी भी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन आते जा रहे हैं । लायनिज्म में आयोजन तो इससे भी अधिक संख्या/उपस्थिति वाले हुए हैं - लेकिन लायनिज्म के इतिहास में ऐसा आयोजन शायद ही कभी कहीं हुआ होगा, जिसे फेल करने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और उनके संगी-साथियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई हो, और जिसमें उन्हें डिस्ट्रिक्ट के कई प्रमुख व सक्रिय पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का सहयोग भी मिल रहा हो; और उसके बावजूद डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स से लोग जिसमें शामिल होने के लिए टूटे पड़ रहे हों ।
उल्लेखनीय है कि मुकेश गोयल के नेतृत्व में हो रहे इस लीडरशिप सेमीनार को पहले दिन से ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी की चालबाजियों का शिकार होना पड़ा है । इस आयोजन को फेल करने के लिए शिव कुमार चौधरी ने पहले तो लोगों को आगाह किया कि यह डिस्ट्रिक्ट का कार्यक्रम नहीं है । लीडरशिप सेमीनार के आयोजकों ने इसे डिस्ट्रिक्ट का कार्यक्रम कभी कहा भी नहीं; लेकिन फिर भी - दरअसल लोगों को भ्रमित करने तथा भड़काने के लिए शिव कुमार चौधरी ने यह पैंतरा चला । यह पैंतरा सिरे नहीं चढ़ सका, तो शिव कुमार चौधरी ने दूसरी चाल चली और पैकेज को महँगा बता कर लोगों को बरगलाने की कोशिश की । लोगों को असलियत पता चली, तो ज्ञात हुआ कि पैकेज तो बहुत सस्ता है - और इससे सस्ता पैकेज हो ही नहीं सकता है । तब शिव कुमार चौधरी ने यह अफ़वाह उड़ा कर कार्यक्रम को बदनाम करने की कोशिश की कि कई लोगों ने गलतफहमी में रजिस्ट्रेशन करा लिया है, और इसके लिए वह पछता रहे हैं; कार्यक्रम के आयोजकों ने तुरंत घोषणा की कि रजिस्ट्रेशन करवा कर जो कोई भी पछता रहा है, वह रजिस्ट्रेशन कैंसिल करवा सकता है - उसके पैसे तत्काल वापस कर दिए जायेंगे । शिव कुमार चौधरी के लिए फजीहत की बात यह हुई कि एक भी लायन सदस्य रजिस्ट्रेशन कैंसिल करवाने के लिए आगे नहीं आया । लीडरशिप सेमीनार की खिलाफत में अपनी सार्वजनिक कोशिशों को मुहँकी खाती देख कर शिव कुमार चौधरी ने अंदरखाने की कोशिशें शुरू कीं, और अपने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने का वास्ता देकर लोगों पर दबाव बनाना शुरू किया कि वह इस कार्यक्रम से दूर रहे । यहाँ उन्हें लोगों की तरफ से लेकिन लताड़ और सुनने को मिली । लोगों ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि तुम खुद तो कोई ढंग का कार्यक्रम कर नहीं सकते हो, जो हो रहा है - उसकी खिलाफत क्यों रहे हो ? लोगों की इस प्रतिक्रिया ने शिव कुमार चौधरी को खासा निराश किया, हालाँकि उन्होंने अपनी कोशिशों को पूरी तरह से छोड़ा नहीं है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी के खुले/छिपे भारी विरोध के बावजूद, लीडरशिप सेमीनार में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की लगातार बढ़ती संख्या को देख कर अनुभवी वरिष्ठ लायन सदस्यों का कहना रहा कि शिव कुमार चौधरी के खुन्नसी विरोधी रवैये ने भी इस कार्यक्रम को सफलता दिलवाने में भूमिका निभाई है । कई लोग ऐसे हैं, जो सामान्य परिस्थितियों में इस कार्यक्रम में शायद न जाते; लेकिन शिव कुमार चौधरी की हरकतों को देख कर उन्हें लगा कि उनके न जाने का अर्थ लगाया जायेगा - जैसे कि वह शिव कुमार चौधरी की बातों में आ गए हैं, सो उन्होंने रजिस्ट्रेशन करा कर दरअसल इस 'कलंक' से मुक्ति का रास्ता बनाया । रजिस्ट्रेशन बंद हो जाने के बाद भी, अभी भी लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं - तो इसका एक बड़ा कारण यही है कि लोग चाहते हैं कि मुकेश गोयल खेमा उन्हें अपने खिलाफ न समझे, बल्कि अपने साथ ही माने । एक कारण यह भी रहा कि डिस्ट्रिक्ट का प्रत्येक कार्यक्रम चूँकि बुरी तरह से फ्लॉप रहा और डिस्ट्रिक्ट के लोगों को कोई उम्मीद नहीं रही है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी अपना कोई भी कार्यक्रम ढंग से कर पायेंगे, इसलिए भी लोगों ने लीडरशिप सेमीनार से जुड़ने में उत्साह दिखाया है । इस तरह अपनी नाकारा छवि व पहचान के साथ शिव कुमार चौधरी द्धारा किया गया विरोध लीडरशिप सेमीनार के आयोजकों के लिए फायदेमंद ही साबित हुआ । इस फायदेमंदी ने मुकेश गोयल खेमे को डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य में खासी राजनीतिक ऊँचाई भी दी, तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी तथा उनके सहारे अपनी अपनी राजनीति जमाने की कोशिशों में लगे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नेताओं का तगड़ा राजनीतिक झटका भी दिया ।
लीडरशिप सेमीनार को सफल बनाने में मुकेश गोयल की नेतृत्व-क्षमता के साथ-साथ फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल और इस वर्ष के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार संजीवा अग्रवाल की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही । दरअसल इन तीनों के बीच की एकजुटता ने तथा उनके बीच के आपसी तालमेल ने मुकेश गोयल खेमे को गुणात्मक मजबूती दी है । यूँ तो अजय सिंघल, विनय मित्तल और संजीवा अग्रवाल के स्वभाव, लोगों के बीच उनकी अपील तथा लायनिज्म में उनके 'लक्ष्य' अलग अलग हैं - किंतु तीनों ने आपसी तालमेल बना कर अपने आप को जिस तरह से एक-दूसरे का पूरक बना लिया है; उससे लोगों के बीच उनकी पहचान व साख और समृद्ध व विश्वसनीय हुई है । लीडरशिप सेमीनार में शामिल होने के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जो होड़ मची है - उसमें वास्तव में अजय सिंघल, विनय मित्तल और संजीवा अग्रवाल के साथ निकटता बनाने/दिखाने की लोगों की इच्छा और कोशिश भी छिपी हुई है । इन तीनों ने आपसी तालमेल बना कर डिस्ट्रिक्ट में मुकेश गोयल के समर्थन-आधार और उनकी राजनीतिक विरासत के साथ जिस तरह से तार जोड़े हैं - उसने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक नियंत्रित किया है । 19/20 नबंवर को मसूरी में होने जा रहे लीडरशिप सेमीनार की अनोखी व ऐतिहासिक सफलता डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य में मुकेश गोयल खेमे के नियंत्रण का एक उदाहरण और सुबूत भी है ।
मजे की बात यह है कि लीडरशिप सेमीनार की तैयारी में शुरू से जुटे कुछेक लोगों तक को सफलता की ऐसी उम्मीद नहीं थी । उनका कहना है कि इस आयोजन के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया, और इसमें अपनी अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जिस तरह की होड़ रही है - उसे देख कर वास्तव में वह भी हैरान और अचंभित हैं । मुकेश गोयल की प्रेरणा व उनके नेतृत्व में होने जा रहे लीडरशिप सेमीनार की सफलता का आधार सिर्फ यह नहीं है - कि इसमें भागीदारी निभाने के लिए चार सौ से ज्यादा लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, सौ से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं, तथा अभी भी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन आते जा रहे हैं । लायनिज्म में आयोजन तो इससे भी अधिक संख्या/उपस्थिति वाले हुए हैं - लेकिन लायनिज्म के इतिहास में ऐसा आयोजन शायद ही कभी कहीं हुआ होगा, जिसे फेल करने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और उनके संगी-साथियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई हो, और जिसमें उन्हें डिस्ट्रिक्ट के कई प्रमुख व सक्रिय पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का सहयोग भी मिल रहा हो; और उसके बावजूद डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स से लोग जिसमें शामिल होने के लिए टूटे पड़ रहे हों ।
उल्लेखनीय है कि मुकेश गोयल के नेतृत्व में हो रहे इस लीडरशिप सेमीनार को पहले दिन से ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी की चालबाजियों का शिकार होना पड़ा है । इस आयोजन को फेल करने के लिए शिव कुमार चौधरी ने पहले तो लोगों को आगाह किया कि यह डिस्ट्रिक्ट का कार्यक्रम नहीं है । लीडरशिप सेमीनार के आयोजकों ने इसे डिस्ट्रिक्ट का कार्यक्रम कभी कहा भी नहीं; लेकिन फिर भी - दरअसल लोगों को भ्रमित करने तथा भड़काने के लिए शिव कुमार चौधरी ने यह पैंतरा चला । यह पैंतरा सिरे नहीं चढ़ सका, तो शिव कुमार चौधरी ने दूसरी चाल चली और पैकेज को महँगा बता कर लोगों को बरगलाने की कोशिश की । लोगों को असलियत पता चली, तो ज्ञात हुआ कि पैकेज तो बहुत सस्ता है - और इससे सस्ता पैकेज हो ही नहीं सकता है । तब शिव कुमार चौधरी ने यह अफ़वाह उड़ा कर कार्यक्रम को बदनाम करने की कोशिश की कि कई लोगों ने गलतफहमी में रजिस्ट्रेशन करा लिया है, और इसके लिए वह पछता रहे हैं; कार्यक्रम के आयोजकों ने तुरंत घोषणा की कि रजिस्ट्रेशन करवा कर जो कोई भी पछता रहा है, वह रजिस्ट्रेशन कैंसिल करवा सकता है - उसके पैसे तत्काल वापस कर दिए जायेंगे । शिव कुमार चौधरी के लिए फजीहत की बात यह हुई कि एक भी लायन सदस्य रजिस्ट्रेशन कैंसिल करवाने के लिए आगे नहीं आया । लीडरशिप सेमीनार की खिलाफत में अपनी सार्वजनिक कोशिशों को मुहँकी खाती देख कर शिव कुमार चौधरी ने अंदरखाने की कोशिशें शुरू कीं, और अपने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने का वास्ता देकर लोगों पर दबाव बनाना शुरू किया कि वह इस कार्यक्रम से दूर रहे । यहाँ उन्हें लोगों की तरफ से लेकिन लताड़ और सुनने को मिली । लोगों ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि तुम खुद तो कोई ढंग का कार्यक्रम कर नहीं सकते हो, जो हो रहा है - उसकी खिलाफत क्यों रहे हो ? लोगों की इस प्रतिक्रिया ने शिव कुमार चौधरी को खासा निराश किया, हालाँकि उन्होंने अपनी कोशिशों को पूरी तरह से छोड़ा नहीं है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी के खुले/छिपे भारी विरोध के बावजूद, लीडरशिप सेमीनार में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की लगातार बढ़ती संख्या को देख कर अनुभवी वरिष्ठ लायन सदस्यों का कहना रहा कि शिव कुमार चौधरी के खुन्नसी विरोधी रवैये ने भी इस कार्यक्रम को सफलता दिलवाने में भूमिका निभाई है । कई लोग ऐसे हैं, जो सामान्य परिस्थितियों में इस कार्यक्रम में शायद न जाते; लेकिन शिव कुमार चौधरी की हरकतों को देख कर उन्हें लगा कि उनके न जाने का अर्थ लगाया जायेगा - जैसे कि वह शिव कुमार चौधरी की बातों में आ गए हैं, सो उन्होंने रजिस्ट्रेशन करा कर दरअसल इस 'कलंक' से मुक्ति का रास्ता बनाया । रजिस्ट्रेशन बंद हो जाने के बाद भी, अभी भी लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं - तो इसका एक बड़ा कारण यही है कि लोग चाहते हैं कि मुकेश गोयल खेमा उन्हें अपने खिलाफ न समझे, बल्कि अपने साथ ही माने । एक कारण यह भी रहा कि डिस्ट्रिक्ट का प्रत्येक कार्यक्रम चूँकि बुरी तरह से फ्लॉप रहा और डिस्ट्रिक्ट के लोगों को कोई उम्मीद नहीं रही है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी अपना कोई भी कार्यक्रम ढंग से कर पायेंगे, इसलिए भी लोगों ने लीडरशिप सेमीनार से जुड़ने में उत्साह दिखाया है । इस तरह अपनी नाकारा छवि व पहचान के साथ शिव कुमार चौधरी द्धारा किया गया विरोध लीडरशिप सेमीनार के आयोजकों के लिए फायदेमंद ही साबित हुआ । इस फायदेमंदी ने मुकेश गोयल खेमे को डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य में खासी राजनीतिक ऊँचाई भी दी, तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी तथा उनके सहारे अपनी अपनी राजनीति जमाने की कोशिशों में लगे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नेताओं का तगड़ा राजनीतिक झटका भी दिया ।
लीडरशिप सेमीनार को सफल बनाने में मुकेश गोयल की नेतृत्व-क्षमता के साथ-साथ फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल और इस वर्ष के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार संजीवा अग्रवाल की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही । दरअसल इन तीनों के बीच की एकजुटता ने तथा उनके बीच के आपसी तालमेल ने मुकेश गोयल खेमे को गुणात्मक मजबूती दी है । यूँ तो अजय सिंघल, विनय मित्तल और संजीवा अग्रवाल के स्वभाव, लोगों के बीच उनकी अपील तथा लायनिज्म में उनके 'लक्ष्य' अलग अलग हैं - किंतु तीनों ने आपसी तालमेल बना कर अपने आप को जिस तरह से एक-दूसरे का पूरक बना लिया है; उससे लोगों के बीच उनकी पहचान व साख और समृद्ध व विश्वसनीय हुई है । लीडरशिप सेमीनार में शामिल होने के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जो होड़ मची है - उसमें वास्तव में अजय सिंघल, विनय मित्तल और संजीवा अग्रवाल के साथ निकटता बनाने/दिखाने की लोगों की इच्छा और कोशिश भी छिपी हुई है । इन तीनों ने आपसी तालमेल बना कर डिस्ट्रिक्ट में मुकेश गोयल के समर्थन-आधार और उनकी राजनीतिक विरासत के साथ जिस तरह से तार जोड़े हैं - उसने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक नियंत्रित किया है । 19/20 नबंवर को मसूरी में होने जा रहे लीडरशिप सेमीनार की अनोखी व ऐतिहासिक सफलता डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य में मुकेश गोयल खेमे के नियंत्रण का एक उदाहरण और सुबूत भी है ।