पानीपत
। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा के लिए यह तय करना एक बड़ी भारी मुसीबत बन
गया है कि वह रोटरी इंटरनेशनल की बात मानें या राजा साबू और उनके गिरोह के
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की ? हालाँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप
में वह प्रतिनिधि/पदाधिकारी तो रोटरी इंटरनेशनल के हैं, गवर्नरी करने के
लिए उन्हें पैसे भी रोटरी इंटरनेशनल से मिलते हैं या मिलेंगे - इसलिए बात
तो उन्हें रोटरी इंटरनेशनल की ही माननी चाहिए; लेकिन डिस्ट्रिक्ट में राजा
साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का जैसा 'आतंक' हैं और
बात न मानने वालों के खिलाफ वह नीचता की जिस हद तक जाने में गुरेज नहीं
करते हैं - उसे देखते/जानते हुए रमन अनेजा के लिए उनकी बात मानने से इंकार
करना भी आसान नहीं है । रमन अनेजा के सामने अपने पूर्ववर्ती दो
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स - डेविड हिल्टन और दिलीप पटनायक का उदाहरण भी है;
जिन्होंने राजा साबू और उनके गिरोह के चक्कर में अपनी जो फजीहत और बदनामी
कराई - रमन अनेजा उससे भी डरे हुए हैं । राजा साबू और उनके गिरोह के रवैये
ने रमन अनेजा के सामने सचमुच विकल्प नहीं छोड़ा है । दिलीप पटनायक और
डेविड हिल्टन की तरह वह राजा साबू और उनके गिरोह की कठपुतली बनते हैं, तो
फजीहत व बदनामी का शिकार बनते हैं; रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को यदि वह
नहीं मानते हैं, तो रोटरी इंटरनेशनल पता नहीं उनके साथ क्या करेगा; राजा
साबू और उनके गिरोह की यदि नहीं मानते हैं, तो वह उनका और भी बुरा हाल
करेंगे । ऐसे में, रमन अनेजा के लिए यह समझना वास्तव में मुश्किल बना हुआ है कि वह आखिर करें तो क्या करें ?
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स दोगलापन चाहें जितना दिखाएँ, वह भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कमेटी का जो फैसला है उसकी पूरी पूरी अहमियत और मान्यता है - इसीलिए वह डीसी बंसल से फैसले को अवश्य ही चेलैंज करवायेंगे । डीसी बंसल को इसका पूरा अधिकार है । कमेटी का फैसला भी डीसी बंसल को यह अधिकार देता है । लेकिन कमेटी का फैसला यह भी कहता/बताता है कि इस समय टीके रूबी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट हैं । यह फैसला चेलैंज होगा, इस आधार पर टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मानने से इंकार नहीं किया जा सकता है । टीके रूबी की तरफ से डीसी बंसल के चुने जाने को चेलैंज करने के बावजूद डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट माना जाता रहा था न; उसी तर्क और व्यवस्था से डीसी बंसल की तरफ से चेलैंज होने के बावजूद टीके रूबी ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट होने चाहिए । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा पर दबाव बनाए हुए हैं कि वह डीसी बंसल को ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मानें/समझें और टीके रूबी को कोई तवज्जो न दें । उन्होंने रमन अनेजा को आश्वस्त किया है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई और या रोटरी इंटरनेशनल के किसी अन्य पदाधिकारी से डरने की कोई जरूरत नहीं है; और जैसा हम कह रहे हैं, वैसा ही करो । जो लोग रमन अनेजा को जानते हैं, उनका कहना है कि रमन अनेजा भी दिलीप पटनायक और डेविड हिल्टन के 'रास्ते' पर ही चलेंगे और वही करेंगे जो राजा साबू और उनके गिरोह के गवर्नर उनसे करने के लिए कहेंगे ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को न मानने के जो तेवर दिखाएँ हैं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमन अनेजा की तरफ से भी रोटरी इंटरनेशनल के फैसले की अवमानना करने के जो संकेत मिल/दिख रहे हैं, उस पर इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई, रोटरी में नियम-कानून के पालन होने की चिंता करने वाले निवर्त्तमान इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन और रोटरी इंटरनेशनल के अन्य पदाधिकारी क्या प्रतिक्रिया देते हैं - यह देखना दिलचस्प होगा ।
मामला
वर्ष 2017-18 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का है । रोटरी इंटरनेशनल ने हाल ही
में अपने एक फैसले में वर्ष 2017-18 के लिए टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर घोषित किया है । रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले के चलते टीके रूबी अब
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट हुए । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व
गवर्नर्स ने लेकिन घोषणा की है कि वह रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले को नहीं
मानेंगे और टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में मान्यता
नहीं देंगे । उन्होंने रमन अनेजा से भी साफ बता दिया है कि वह टीके रूबी को
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में कतई तवज्जो न दें । यह राजा
साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के नीचता की हद की नई
ऊँचाई पर पहुँचने का उदाहरण है, जहाँ से वह रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को भी
मानने से इंकार कर रहे हैं । इस बारे में दिया जा रहा उनका तर्क भी मजेदार
है : उनका कहना है कि फैसला करने वाली कमेटी के जो सदस्य हैं, वह बहुत ही
इम्मैच्योर किस्म के लोग हैं और रोटरी के बारे में सही समझ नहीं रखते हैं,
इसलिए उनके द्धारा लिए गए फैसले को स्वीकार व लागू नहीं किया जा सकता है । अब
यदि इस तर्क को और आगे बढ़ाएँ, तो यह भी कहा जा सकता है कि रोटरी की सही
समझ न रखने वाले इम्मैच्योर किस्म के लोगों को कमेटी का सदस्य नियुक्त करने
वाले वरिष्ठ रोटरी पदाधिकारी तो और भी ज्यादा इम्मैच्योर तथा रोटरी की सही
समझ न रखने वाले हुए । ऐसे वरिष्ठ पदाधिकारियों को कमेटी सदस्य नियुक्त
करने की जिम्मेदारी देने वाले रोटरी इंटरनेशनल के और बड़े अधिकारी तो और भी
ज्यादा इम्मैच्योर तथा रोटरी की सही समझ न रखने वाले हुए । यानि रोटरी
इंटरनेशनल में ऊपर से नीचे तक हर कोई इम्मैच्योर तथा रोटरी की सही समझ न
रखने वाला है । यानि रोटरी में मैच्योर तथा रोटरी की सही समझ रखने वाले
सिर्फ राजा साबू और उनकी हाँ में हाँ मिलाने वाले उनके गिरोह के पूर्व
गवर्नर्स ही हैं बस !
बात दरअसल मैच्योर/इम्मैच्योर या रोटरी की सही समझ रखने या न रखने की नहीं है; बात सिर्फ इतनी है कि कमेटी ने ऐसा फैसला दिया है, जो
राजा साबू और उनके गुर्गे पूर्व गवर्नर्स को पसंद नहीं है - और इसलिए
उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है । इनका दोगलापन
इससे भी जाहिर है कि फैसले के एक हिस्से को स्वीकार करने से तो यह इंकार कर
रहे हैं, लेकिन फैसले के दूसरे हिस्से को यह शब्दशः स्वीकार कर रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस में
क्लब व डिस्ट्रिक्ट सपोर्ट टीम के को-ऑर्डीनेटर दमन बावेजा ने रमन अनेजा को
भेजे ईमेल संदेश में रोटरी इंटरनेशनल के तीन सदस्यीय पैनल द्धारा लिए गए
फैसले के बारे में जो जानकारी दी है, उसमें दो बातें मुख्य हैं : पहली के
अनुसार, वर्ष 2017-18 के लिए टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर घोषित करना;
और दूसरी के अनुसार, इस फैसले को 21 दिन के भीतर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में
चेलैंज करने का अधिकार देना । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स
बता रहे हैं कि वह डीसी बंसल से इस फैसले को चेलैंज करवायेंगे । इनसे
कोई पूछे कि आप जब कमेटी के फैसले को स्वीकार ही नहीं कर रहे हैं, तो फिर
कमेटी ने फैसले को चेलैंज करने का जो अधिकार दिया है, उसे क्यों इस्तेमाल
कर रहे हैं ? इन्हें यदि सचमुच कमेटी का फैसला न मानने की अपनी बात और अपना
तर्क सही लगता है, तो यह कहें कि फैसले को न स्वीकार करने के कारण यह डीसी
बंसल को ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (इलेक्ट) मानेंगे और उनसे फैसले को चेलैंज
नहीं करवायेंगे । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ऐसा नहीं
करेंगे, क्योंकि मनमानी करने के नाम पर निरंतर दोगलापन दिखाते रहना ही इनका असली चरित्र
है । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स दोगलापन चाहें जितना दिखाएँ, वह भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कमेटी का जो फैसला है उसकी पूरी पूरी अहमियत और मान्यता है - इसीलिए वह डीसी बंसल से फैसले को अवश्य ही चेलैंज करवायेंगे । डीसी बंसल को इसका पूरा अधिकार है । कमेटी का फैसला भी डीसी बंसल को यह अधिकार देता है । लेकिन कमेटी का फैसला यह भी कहता/बताता है कि इस समय टीके रूबी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट हैं । यह फैसला चेलैंज होगा, इस आधार पर टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मानने से इंकार नहीं किया जा सकता है । टीके रूबी की तरफ से डीसी बंसल के चुने जाने को चेलैंज करने के बावजूद डीसी बंसल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट माना जाता रहा था न; उसी तर्क और व्यवस्था से डीसी बंसल की तरफ से चेलैंज होने के बावजूद टीके रूबी ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट होने चाहिए । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा पर दबाव बनाए हुए हैं कि वह डीसी बंसल को ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मानें/समझें और टीके रूबी को कोई तवज्जो न दें । उन्होंने रमन अनेजा को आश्वस्त किया है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई और या रोटरी इंटरनेशनल के किसी अन्य पदाधिकारी से डरने की कोई जरूरत नहीं है; और जैसा हम कह रहे हैं, वैसा ही करो । जो लोग रमन अनेजा को जानते हैं, उनका कहना है कि रमन अनेजा भी दिलीप पटनायक और डेविड हिल्टन के 'रास्ते' पर ही चलेंगे और वही करेंगे जो राजा साबू और उनके गिरोह के गवर्नर उनसे करने के लिए कहेंगे ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को न मानने के जो तेवर दिखाएँ हैं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमन अनेजा की तरफ से भी रोटरी इंटरनेशनल के फैसले की अवमानना करने के जो संकेत मिल/दिख रहे हैं, उस पर इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई, रोटरी में नियम-कानून के पालन होने की चिंता करने वाले निवर्त्तमान इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन और रोटरी इंटरनेशनल के अन्य पदाधिकारी क्या प्रतिक्रिया देते हैं - यह देखना दिलचस्प होगा ।