वाराणसी
। प्रकाश मिश्र के बाद राधे मारवाह के हाथों डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल
तुलस्यान की जो फजीहत हुई, उसका सीधा असर डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट
मीटिंग पर पड़ा - जिसका अधिकतर कैबिनेट सदस्यों ने बहिष्कार किया । कैबिनेट
सदस्यों ने ही नहीं, पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने भी डिस्ट्रिक्ट की
दूसरी कैबिनेट मीटिंग से अपनी दूरी बनाई/दिखाई । फर्स्ट वाइस
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कुँवर बीएम सिंह ने भी कैबिनेट मीटिंग में शामिल होने
की जरूरत नहीं समझी, और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रभात चतुर्वेदी
कैबिनेट मीटिंग में शामिल तो हुए, लेकिन बड़े बेमन से हुए - और
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आयोजन के दौरान बड़े उखड़े उखड़े से रहे । उल्लेखनीय
है कि अनिल तुलस्यान ने 600/650 सदस्यों की तो भारी भरकम कैबिनेट बनाई हुई
है; 250 के करीब पीएसटी होते हैं - लेकिन सिंगरौली के ऑफीसर्स क्लब में
आयोजित हुई डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में मुश्किल से सवा सौ लोग
ही जुटे, और मीटिंग-स्थल की ज्यादातर कुर्सियाँ खाली ही पड़ी रह गईं ।
जो लोग मीटिंग में थे भी, उनमें भी बहुतायत आसपास के क्लब्स के लोगों की थी
। पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स में वीरेंद्र गोयल और निधि कुमार भी - शायद
स्थानीय होने के नाते ही मीटिंग में शक्ल दिखाने पहुँचे । जो लोग पिछले
लायन वर्ष में भी डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट में थे, और कैबिनेट मीटिंग्स में
शामिल होते रहे थे - उन्होंने तुलनात्मक अध्ययन करते हुए बताया कि निवर्तमान
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रकाश जी अग्रवाल की चारों कैबिनेट मीटिंग्स उपस्थिति
के लिहाज से भी और व्यापक सक्रियता के लिहाज से भी बेहतरीन रही थीं; और
उनके मुकाबले मौजूदा लायन वर्ष में अनिल तुलस्यान की दूसरी कैबिनेट मीटिंग ही बुरी तरह पिट गई और फ्लॉप
रही ।
डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में अनिल तुलस्यान को डिस्ट्रिक्ट के आम और खास - दोनों तरह के लोगों से जो झटका लगा है, उसके लिए अनिल तुलस्यान के व्यवहार और रवैये को ही जिम्मेदार बताया/ठहराया जा रहा है । लोगों की तरफ से, विशेष कर डिस्ट्रिक्ट के 'खास' लोगों की तरफ से एक आम शिकायत यह रही कि अनिल तुलस्यान ने उन्हें उचित सम्मान के साथ मीटिंग के लिए आमंत्रित ही नहीं किया । इस मामले में बेचारे पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर जगदीश गुलाटी के साथ तो बहुत ही बुरी बीती । अनिल तुलस्यान ने उन्हें मीटिंग में उदबोधन देने के लिए राजी कर लिया था । उसी दिन हालाँकि जगदीश गुलाटी के क्लब का भी इलाहबाद में एक कार्यक्रम था, लेकिन फिर भी जगदीश गुलाटी ने अपने क्लब के कार्यक्रम की बजाए डिस्ट्रिक्ट की कैबिनेट मीटिंग को प्रमुखता दी, और अनिल तुलस्यान के निमंत्रण पर अपनी सहमति प्रकट कर दी थी । जगदीश गुलाटी लेकिन यह देख कर हैरान रह गए कि सहमति मिलने के बाद अनिल तुलस्यान ने फिर उनसे न तो कोई बात की, और न मीटिंग को लेकर सलाह/विचार किया । जगदीश गुलाटी मीटिंग में देने वाले उदबोधन का मैटर ड्राफ्ट भी कर चुके थे, लेकिन अनिल तुलस्यान के उपेक्षापूर्ण रवैये से खुद को अपमानित महसूस करते हुए जगदीश गुलाटी ने ऐन मौके पर कैबिनेट मीटिंग में जाने का विचार त्याग दिया । अन्य कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स तथा अन्य प्रमुख लोगों की भी शिकायत रही कि अनिल तुलस्यान ने उन्हें चूँकि उचित तरीके से मीटिंग के लिए निमंत्रित नहीं किया, इसलिए उन्होंने मीटिंग से दूर रहने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी ।
डिस्ट्रिक्ट की इलाहबाद में हुई पहली कैबिनेट मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनिल तुलस्यान ने कैबिनेट के कई प्रमुख पदाधिकारियों के साथ चूँकि बहुत ही बदतमीजीपूर्ण व्यवहार किया था, और धौंसभरी बातों से उन्हें बुरी तरह अपमानित व जलील किया था - इसलिए कैबिनेट के तमाम प्रमुख पदाधिकारियों ने दूसरी कैबिनेट मीटिंग से दूर रहने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी । लायंस इंटरनेशनल के जो प्रमुख प्रोग्राम व प्रोजेक्ट्स हैं, उनसे जुड़े पदाधिकारी ही जब कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुँचे - तो समझा जा सकता है कि कैबिनेट मीटिंग में फिर क्या काम हुआ होगा ? जाहिर तौर पर कैबिनेट मीटिंग सिर्फ एक औपचारिकता भर बन कर रह गई । डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ लायन सदस्यों का कहना है कि गवर्नरी के चौथे महीने में ही अनिल तुलस्यान की लोगों के बीच जैसी बुरी गत बन गई है, वैसा तो डिस्ट्रिक्ट में इससे पहले किसी भी गवर्नर के साथ नहीं हुआ । मजे की बात यह है कि इस स्थिति के लिए खुद अनिल तुलस्यान को ही जिम्मेदार ठहराया/बताया जा रहा है । आरोप है कि अनिल तुलस्यान अपने आप को लोगों पर जबर्दस्ती थोपते हैं, और अपनी बातें मनवाने के लिए लोगों पर दबाव बनाते/बढ़ाते हैं - लेकिन जब कोई उन्हें उनके दबाव में आने से बचने का प्रयास करता नज़र आता है, तो वह उस पर भड़क उठते हैं तथा उसे अपमानित करने का प्रयास करते हैं । अपने इस रवैये से अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट में तमाम लोगों को अपने खिलाफ कर लिया है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनिल तुलस्यान के इस रवैये के पहले शिकार उनके अपने क्लब के निवर्तमान अध्यक्ष प्रकाश मिश्र बने । उल्लेखनीय है कि प्रकाश मिश्र के साथ उनके वर्षों से अच्छे संबंध रहे हैं; दोनों एक ही क्लब में थे - अनिल तुलस्यान के चुनाव में प्रकाश मिश्र ने तन-मन के साथ-साथ धन से भी सहयोग किया था । प्रकाश मिश्र वाराणसी के जाने-माने पंडित हैं, और इस नाते शहर के लोगों के बीच उनकी अच्छी व प्रभावी पहचान तथा प्रतिष्ठा है । उनकी पहचान व प्रतिष्ठा का अनिल तुलस्यान ने अपने चुनाव में जमकर फायदा उठाया । अनिल तुलस्यान के चुनाव में प्रकाश मिश्र की जो महत्त्वपूर्ण भूमिका रही, उसने दोनों के बीच के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाया । इसी प्रगाढ़ता का नतीजा रहा कि पिछले लायन वर्ष में अनिल तुलस्यान ने अपने कुछेक साथियों के साथ मिलकर जब नया क्लब बनाया तो प्रकाश मिश्र भी उनके साथ पुराना क्लब छोड़ कर नए क्लब में आए - प्रकाश मिश्र बल्कि नए क्लब के चार्टर प्रेसीडेंट बने । सिर्फ इतना ही नहीं, अनिल तुलस्यान ने अपनी कैबिनेट बनाई तो उन्होंने प्रकाश मिश्र को जोन चेयरमैन बनाया । एक तरफ तो यह हो रहा था, इसके साथ-साथ दूसरी तरफ लेकिन गवर्नरी की कुर्सी की तरफ बढ़ते हुए अनिल तुलस्यान के दिमाग में 'गर्मी' भी पैदा होने लगी थी - और इस गर्मी के कारण उन्होंने लोगों के साथ बदतमीजियाँ भी करना शुरू कर दिया था । लोगों के लिए हैरानी की बात यह रही कि उनकी गवर्नरी की 'गर्मी' का पहला शिकार प्रकाश मिश्र ही बने । गवर्नरी के दूसरे महीने में ही प्रकाश मिश्र के साथ उनके संबंध इतने विवादपूर्ण हो गए कि उन्होंने प्रकाश मिश्र को जोन चेयरमैन पद से ही हटा दिया । प्रकाश मिश्र का गुनाह सिर्फ इतना रहा कि उन्होंने अनिल तुलस्यान की बदतमीजियों को बर्दाश्त करने से इंकार किया । प्रकाश मिश्र ही नहीं, अभी पिछले दिनों ही अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ सदस्य राधे मारवाह तक के साथ सार्वजनिक रूप से तू तू मैं मैं की । राधे मारवाह का गुस्सा अभी तक भी शांत नहीं हुआ है, जिसकी अभिव्यक्ति के रूप में दूसरी कैबिनेट मीटिंग में लोगों की कम उपस्थिति पर सोशल मीडिया में उनके द्धारा ली गई चुटकी को देखा/पढ़ा गया ।
डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान को डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों की तरफ से जो तगड़ा वाला झटका लगा है, वह अनिल तुलस्यान के लिए सबक भी है, और चुनौती भी है - देखना दिलचस्प होगा कि इससे सबक लेते हुए उनके रवैये व व्यवहार में कोई फर्क पड़ेगा या फिर वह अपनी और फजीहत करवायेंगे ?
डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में अनिल तुलस्यान को डिस्ट्रिक्ट के आम और खास - दोनों तरह के लोगों से जो झटका लगा है, उसके लिए अनिल तुलस्यान के व्यवहार और रवैये को ही जिम्मेदार बताया/ठहराया जा रहा है । लोगों की तरफ से, विशेष कर डिस्ट्रिक्ट के 'खास' लोगों की तरफ से एक आम शिकायत यह रही कि अनिल तुलस्यान ने उन्हें उचित सम्मान के साथ मीटिंग के लिए आमंत्रित ही नहीं किया । इस मामले में बेचारे पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर जगदीश गुलाटी के साथ तो बहुत ही बुरी बीती । अनिल तुलस्यान ने उन्हें मीटिंग में उदबोधन देने के लिए राजी कर लिया था । उसी दिन हालाँकि जगदीश गुलाटी के क्लब का भी इलाहबाद में एक कार्यक्रम था, लेकिन फिर भी जगदीश गुलाटी ने अपने क्लब के कार्यक्रम की बजाए डिस्ट्रिक्ट की कैबिनेट मीटिंग को प्रमुखता दी, और अनिल तुलस्यान के निमंत्रण पर अपनी सहमति प्रकट कर दी थी । जगदीश गुलाटी लेकिन यह देख कर हैरान रह गए कि सहमति मिलने के बाद अनिल तुलस्यान ने फिर उनसे न तो कोई बात की, और न मीटिंग को लेकर सलाह/विचार किया । जगदीश गुलाटी मीटिंग में देने वाले उदबोधन का मैटर ड्राफ्ट भी कर चुके थे, लेकिन अनिल तुलस्यान के उपेक्षापूर्ण रवैये से खुद को अपमानित महसूस करते हुए जगदीश गुलाटी ने ऐन मौके पर कैबिनेट मीटिंग में जाने का विचार त्याग दिया । अन्य कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स तथा अन्य प्रमुख लोगों की भी शिकायत रही कि अनिल तुलस्यान ने उन्हें चूँकि उचित तरीके से मीटिंग के लिए निमंत्रित नहीं किया, इसलिए उन्होंने मीटिंग से दूर रहने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी ।
डिस्ट्रिक्ट की इलाहबाद में हुई पहली कैबिनेट मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनिल तुलस्यान ने कैबिनेट के कई प्रमुख पदाधिकारियों के साथ चूँकि बहुत ही बदतमीजीपूर्ण व्यवहार किया था, और धौंसभरी बातों से उन्हें बुरी तरह अपमानित व जलील किया था - इसलिए कैबिनेट के तमाम प्रमुख पदाधिकारियों ने दूसरी कैबिनेट मीटिंग से दूर रहने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी । लायंस इंटरनेशनल के जो प्रमुख प्रोग्राम व प्रोजेक्ट्स हैं, उनसे जुड़े पदाधिकारी ही जब कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुँचे - तो समझा जा सकता है कि कैबिनेट मीटिंग में फिर क्या काम हुआ होगा ? जाहिर तौर पर कैबिनेट मीटिंग सिर्फ एक औपचारिकता भर बन कर रह गई । डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ लायन सदस्यों का कहना है कि गवर्नरी के चौथे महीने में ही अनिल तुलस्यान की लोगों के बीच जैसी बुरी गत बन गई है, वैसा तो डिस्ट्रिक्ट में इससे पहले किसी भी गवर्नर के साथ नहीं हुआ । मजे की बात यह है कि इस स्थिति के लिए खुद अनिल तुलस्यान को ही जिम्मेदार ठहराया/बताया जा रहा है । आरोप है कि अनिल तुलस्यान अपने आप को लोगों पर जबर्दस्ती थोपते हैं, और अपनी बातें मनवाने के लिए लोगों पर दबाव बनाते/बढ़ाते हैं - लेकिन जब कोई उन्हें उनके दबाव में आने से बचने का प्रयास करता नज़र आता है, तो वह उस पर भड़क उठते हैं तथा उसे अपमानित करने का प्रयास करते हैं । अपने इस रवैये से अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट में तमाम लोगों को अपने खिलाफ कर लिया है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनिल तुलस्यान के इस रवैये के पहले शिकार उनके अपने क्लब के निवर्तमान अध्यक्ष प्रकाश मिश्र बने । उल्लेखनीय है कि प्रकाश मिश्र के साथ उनके वर्षों से अच्छे संबंध रहे हैं; दोनों एक ही क्लब में थे - अनिल तुलस्यान के चुनाव में प्रकाश मिश्र ने तन-मन के साथ-साथ धन से भी सहयोग किया था । प्रकाश मिश्र वाराणसी के जाने-माने पंडित हैं, और इस नाते शहर के लोगों के बीच उनकी अच्छी व प्रभावी पहचान तथा प्रतिष्ठा है । उनकी पहचान व प्रतिष्ठा का अनिल तुलस्यान ने अपने चुनाव में जमकर फायदा उठाया । अनिल तुलस्यान के चुनाव में प्रकाश मिश्र की जो महत्त्वपूर्ण भूमिका रही, उसने दोनों के बीच के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाया । इसी प्रगाढ़ता का नतीजा रहा कि पिछले लायन वर्ष में अनिल तुलस्यान ने अपने कुछेक साथियों के साथ मिलकर जब नया क्लब बनाया तो प्रकाश मिश्र भी उनके साथ पुराना क्लब छोड़ कर नए क्लब में आए - प्रकाश मिश्र बल्कि नए क्लब के चार्टर प्रेसीडेंट बने । सिर्फ इतना ही नहीं, अनिल तुलस्यान ने अपनी कैबिनेट बनाई तो उन्होंने प्रकाश मिश्र को जोन चेयरमैन बनाया । एक तरफ तो यह हो रहा था, इसके साथ-साथ दूसरी तरफ लेकिन गवर्नरी की कुर्सी की तरफ बढ़ते हुए अनिल तुलस्यान के दिमाग में 'गर्मी' भी पैदा होने लगी थी - और इस गर्मी के कारण उन्होंने लोगों के साथ बदतमीजियाँ भी करना शुरू कर दिया था । लोगों के लिए हैरानी की बात यह रही कि उनकी गवर्नरी की 'गर्मी' का पहला शिकार प्रकाश मिश्र ही बने । गवर्नरी के दूसरे महीने में ही प्रकाश मिश्र के साथ उनके संबंध इतने विवादपूर्ण हो गए कि उन्होंने प्रकाश मिश्र को जोन चेयरमैन पद से ही हटा दिया । प्रकाश मिश्र का गुनाह सिर्फ इतना रहा कि उन्होंने अनिल तुलस्यान की बदतमीजियों को बर्दाश्त करने से इंकार किया । प्रकाश मिश्र ही नहीं, अभी पिछले दिनों ही अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ सदस्य राधे मारवाह तक के साथ सार्वजनिक रूप से तू तू मैं मैं की । राधे मारवाह का गुस्सा अभी तक भी शांत नहीं हुआ है, जिसकी अभिव्यक्ति के रूप में दूसरी कैबिनेट मीटिंग में लोगों की कम उपस्थिति पर सोशल मीडिया में उनके द्धारा ली गई चुटकी को देखा/पढ़ा गया ।
डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान को डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों की तरफ से जो तगड़ा वाला झटका लगा है, वह अनिल तुलस्यान के लिए सबक भी है, और चुनौती भी है - देखना दिलचस्प होगा कि इससे सबक लेते हुए उनके रवैये व व्यवहार में कोई फर्क पड़ेगा या फिर वह अपनी और फजीहत करवायेंगे ?