Thursday, October 13, 2016

दुबई इंस्टीट्यूट में रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दिनेश शर्मा की स्थिति को क्लियर करने से बचने की मनोज देसाई की कोशिश में कहीं दिनेश शर्मा का शिकार करने की उनकी मंशा तो नहीं छिपी है ?

सिकंदराबाद । इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई, डिस्ट्रिक्ट 3100 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दिनेश शर्मा के साथ जो खेल खेल रहे हैं, उसके कारण लोगों के बीच यह सवाल एक बार फिर मुखर हो गया है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 को लेकर मनोज देसाई की नीयत और राजनीति वास्तव में है क्या ? उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 को नॉन-डिस्ट्रिक्ट स्टेटस की बर्बादी तक पहुँचाने में डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर लोग मनोज देसाई को ही प्रमुख रूप से जिम्मेदार मानते/समझते हैं - और बातचीत में वह इसे जब-तब मुखर होकर प्रकट भी करते हैं । समझा जाता है कि पिछले कुछेक वर्षों में डिस्ट्रिक्ट में अपनी आवभगत ठीक से न होने की शिकायतों के साथ-साथ मनोज देसाई को अपने चुनाव में डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की भूमिका को लेकर भी 'गहरी चोट' लगी हुई है, जिसके 'दर्द' के कारण उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3100 के प्रति दुश्मनी वाला भाव रखा हुआ है । इस भाव के चलते वह सुनील गुप्ता और दीपक बाबू की राजनीतिक बलि लेने के साथ-साथ कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स व पूरे डिस्ट्रिक्ट को भी सबक सिखा चुके हैं; और लोगों को ऐसा लगता है कि अब दिनेश शर्मा का नंबर है । सुनील गुप्ता, दीपक बाबू और कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट को जो सबक मिला, उसके लिए बहुत हद तक ये लोग खुद भी जिम्मेदार रहे हैं; इसलिए मनोज देसाई के खिलाफ तमाम शिकायतें व नाराजगी होने के बावजूद मनोज देसाई सीधे निशाने पर नहीं आ पाए । किंतु दिनेश शर्मा की तरफ से चूँकि अभी तक कोई नकारात्मक काम होता हुआ नहीं दिखा है, इसलिए उनके मामले ने डिस्ट्रिक्ट 3100 के प्रति मनोज देसाई की नीयत तथा उनकी राजनीति को सीधे निशाने पर ला दिया है । 
 दिनेश शर्मा का मामला बड़ा सीधा और आसान सा है, लेकिन मनोज देसाई के रवैये ने उसे बड़ा क्रिटिकल बना दिया है । दिनेश शर्मा दिसंबर में दुबई में होने जा रहे रोटरी इंस्टीट्यूट में अपनी भूमिका को लेकर मनोज देसाई से स्पष्टीकरण माँग रहे हैं, मनोज देसाई लेकिन उनकी इतनी सी बात पर चुप्पी साधे हुए हैं । दरअसल दिनेश शर्मा दुबई इंस्टीट्यूट के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं । उनके सामने सवाल लेकिन यह है कि दुबई इंस्टीट्यूट में उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट की पहचान और मान्यता मिलेगी या नहीं ? दिनेश शर्मा यह जानना चाहते हैं कि इंस्टीट्यूट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के लिए होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने का मौका उन्हें मिलेगा या नहीं ? इंस्टीट्यूट में जाने का दिनेश शर्मा के लिए उक्त प्रोग्राम में शामिल होना ही एकमात्र उद्देश्य है । दिनेश शर्मा को उक्त प्रोग्राम में शामिल होने के लिए चूँकि अभी तक कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है; इसलिए वह इंस्टीट्यूट के संदर्भ में अपनी पूरी स्थिति को, अपने स्टेटस को जान/समझ लेना चाहते हैं । मनोज देसाई इंटरनेशनल डायरेक्टर होने के साथ-साथ चूँकि उक्त इंस्टीट्यूट के कन्वेनर भी हैं, इसलिए दिनेश शर्मा उनसे अपने स्टेटस को क्लियर करने की बात कर रहे हैं । मनोज देसाई लेकिन पूरे मामले में चुप बने हुए हैं और उन्हें कोई जबाव ही नहीं दे रहे हैं । दिनेश शर्मा ने लोगों को बताया है कि उन्होंने कई प्रमुख पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से भी गुहार लगाई हुई है कि वह मनोज देसाई से उनकी स्थिति स्पष्ट करवाएँ - लेकिन दिनेश शर्मा अपनी स्थिति, अपने स्टेटस को लेकर अभी भी अँधेरे में ही हैं । दिनेश शर्मा ने लोगों को बताया है कि उन्होंने मनोज देसाई को साफ साफ लिखा/कहा है कि इंस्टीट्यूट में यदि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में शामिल नहीं किए जा सकते हैं, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करके उनका पैसा वापस कर दिया जाए; मनोज देसाई की तरफ से लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है ।
मनोज देसाई के इस रवैये ने दिनेश शर्मा तथा उनके साथियों को ही नहीं, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के दूसरे लोगों को भी हैरान किया हुआ है । उनकी हैरानी का कारण यही है कि दिनेश शर्मा ने ऐसी कोई माँग तो नहीं ही की है, जिसे पूरा करने में मनोज देसाई को पसीने छूट रहे हों । इस हैरानी के चलते ही लोगों को लग रहा है कि दिनेश शर्मा की साधारण सी बात/माँग को अनसुना करके मनोज देसाई लगता है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 के संदर्भ में अपनी किसी योजना को क्रियान्वित करना चाहते हैं । लोगों के बीच की चर्चाओं में जो कुछ कहा/बताया जा रहा है, उसके अनुसार लोगों को लग रहा है कि दिनेश शर्मा की बात/माँग को अनसुना करके मनोज देसाई दरअसल दिनेश शर्मा को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि दिनेश शर्मा कोई ऐसी हरकत कर बैठें - जिसे आधार बना कर फिर वह सुनील गुप्ता और दीपक बाबू की तरह दिनेश शर्मा का भी शिकार कर सकें । लोगों को लग रहा है कि संजय खन्ना के प्रयासों से डिस्ट्रिक्ट में हालात सामान्य होने की तरफ जिस तरह से बढ़ते हुए दिख रहे हैं, उससे लगता है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर होने के बावजूद मनोज देसाई खुश नहीं हैं;  इसलिए वह डिस्ट्रिक्ट में कोई नया बखेड़ा खड़ा करने/करवाने के हालात पैदा करने के प्रयास कर रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी इंटरनेशनल के विशेष प्रतिनिधि के रूप में डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय खन्ना ने डिस्ट्रिक्ट 3100 में हालात को सामान्य बनाने की तरफ मोड़ने में आश्चर्यजनक रूप से सफलता प्राप्त की है । वह एक तरफ तो डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स को सक्रिय करने तथा रोटरी के काम करने व अपनी जिम्मेदारियाँ निभाने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे हैं, और दूसरी तरफ रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को इस बात पर आश्वस्त कर पाने में सफल हुए हैं कि डिस्ट्रिक्ट 3100 में लोग रोटरी के कामों व उद्देश्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं । इन दो-तरफ़ा सफलताओं के कारण ही संजय खन्ना डिस्ट्रिक्ट में मैचिंग ग्रांट व ग्लोबल ग्रांट का काम फिर से शुरू करवाने में कामयाब हुए हैं । संजय खन्ना की इस कामयाबी ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को आश्वस्त किया है कि संजय खन्ना के सद्प्रयत्नों से डिस्ट्रिक्ट का नॉन-डिस्ट्रिक्ट स्टेटस जल्दी ही हैट जायेगा, और डिस्ट्रिक्ट 3100 जल्दी ही रोटरी की मुख्य धारा का हिस्सा हो जायेगा । लोगों की इस आश्वस्ती ने दिनेश शर्मा और उनके नजदीकियों व समर्थकों को उत्साहित किया है, जिसकी प्रतिक्रिया में उनके बीच उम्मीद पैदा हुई है कि दिनेश शर्मा को गवर्नरी करने का मौका मिल जायेगा । इस उम्मीद के साथ-साथ उन्हें लेकिन इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई का रवैया डरा भी रहा है । मनोज देसाई के तौर-तरीके देख कर दिनेश शर्मा व उनके नजदीकियों/समर्थकों को ही नहीं, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के दूसरे लोगों को भी शक व डर हो रहा है कि डिस्ट्रिक्ट में सामान्य होते माहौल को फिर से बिगाड़ने के लिए मनोज देसाई लगता है कि कोई चाल खोज रहे हैं । दुबई इंस्टीट्यूट में दिनेश शर्मा के स्टेटस को क्लियर करने से बचने की मनोज देसाई की कोशिश को ऐसी ही किसी चाल को खोजने की कोशिश के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा कि मनोज देसाई की चाल में दिनेश शर्मा फँसते हैं, या उससे बच निकलते हैं ।