Sunday, February 5, 2017

लायंस इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में अंबाला के पाँच क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह में गुरचरण सिंह भोला का चेयरपर्सन बनना उक्त क्लब्स के अध्यक्षों के लिए मुसीबत बना

अंबाला । गुरचरण सिंह भोला की चेयरपर्सनी में अपने अपने क्लब का अधिष्ठापन कराने के लिए वर्षा मल्होत्रा, वरिंदर सिंह ढिल्लों, चंद्रगुप्त बंसल, राजिंदर कंसल तथा कुलभूषण गुप्ता को अपने अपने क्लब में तथा अंबाला और डिस्ट्रिक्ट के लायन सदस्यों के बीच भारी फजीहत और बदनामी का सामना करना पड़ रहा है । इनके क्लब्स के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से भी इन पर अपने अपने क्लब तथा लायनिज्म को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार गुरचरण सिंह भोला को 'बेचने' के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं । इनके क्लब्स के सदस्यों का तो यहाँ तक आरोप है कि क्लब के ड्यूज तथा आयोजन के नाम पर यह एक तरफ तो सदस्यों से भी पैसे ले रहे हैं, और दूसरी तरफ सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार गुरचरण सिंह भोला की भी जेब ढीली करवा रहे हैं - और इस तरह लायनिज्म के नाम पर दोनों हाथों से लूट मचाए हुए हैं । यह पाँचों क्रमशः लायंस क्लब अंबाला, लायंस क्लब अंबाला सेंट्रल, लायंस क्लब अंबाला सिटी ग्लोबल, लायंस क्लब अंबाला गैलेक्सी तथा लायंस क्लब अंबाला मिडटाउन के अध्यक्ष हैं ।
अंबाला के इन पाँच क्लब्स के अध्यक्षों की फजीहत और बदनामी का सिलसिला 25 जनवरी को अंबाला-चंडीगढ़ रोड पर स्थित ड्राइव इन 22 में आयोजित हुए संयुक्त अधिष्ठापन समारोह के बाद शुरू हुआ । इसका कारण वास्तव में इस संयुक्त अधिष्ठापन समारोह का अधिष्ठापन चेयरपर्सन गुरचरण सिंह भोला का बनना रहा । उल्लेखनीय है कि लायनिज्म में क्लब्स के संयुक्त अधिष्ठापन समारोह होना कोई नई या अनोखी बात नहीं है; उक्त समारोह में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के किसी उम्मीदवार का कोई 'भूमिका' निभाना भी आश्चर्य की बात नहीं है - और यह बात भी अब दबी-छिपी नहीं रह गई है कि संयुक्त अधिष्ठापन समारोहों में किसी न किसी उम्मीदवार का आर्थिक सहयोग भी होता है, जिसके बदले में उसे उन क्लब्स का समर्थन मिलने की उम्मीद होती है । लेकिन 25 जनवरी को अंबाला के पाँच क्लब्स का जो संयुक्त अधिष्ठापन हुआ, उसमें नई और अनोखी बात यह हुई कि अधिष्ठापन चेयरपर्सन गुरचरण सिंह भोला नाम के उस व्यक्ति को बनाया गया, जिसका इन क्लब्स से किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है । गुरचरण सिंह भोला लायंस क्लब दिल्ली साऊथ के सदस्य हैं - अंबाला के क्लब्स के संयुक्त अधिष्ठापन समारोह में उनका अधिष्ठापन चेयरपर्सन बनना हर किसी के लिए हैरानी की बात थी । यह बात तो हर किसी को समझ में आई कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार होने के नाते गुरचरण सिंह भोला ने उक्त अधिष्ठापन समारोह के आयोजन में कुछ आर्थिक सहयोग किया होगा; लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतरी कि उक्त आर्थिक सहयोग के बदले में गुरचरण सिंह भोला को अधिष्ठापन चेयरपर्सन क्यों बना दिया गया ? इस पद का अधिकारी तो अधिष्ठापित होने वाले पॉँच क्लब्स में से ही कोई हो सकता था ।
अब यह बात चली तो पोल खुली कि गुरचरण सिंह भोला ने उक्त अधिष्ठापन समारोह का खर्चा देना इसी शर्त पर स्वीकार किया था कि वही अधिष्ठापन चेयरपर्सन बनेंगे । उक्त समारोह की तैयारी से जुड़े एक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के अनुसार, उन्होंने कहा था कि गुरचरण सिंह भोला को अधिष्ठापन चेयरपर्सन की बजाए और किसी रूप में 'रखा' जाए - लेकिन गुरचरण सिंह भोला इसके लिए तैयार नहीं हुए; उन्होंने साफ कहा कि समारोह का सारा खर्चा जब मैं दे रहा हूँ तो मैं ही अधिष्ठापन चेयरपर्सन बनूँगा । इस बात के सामने आने से अधिष्ठापित होने वाले क्लब्स के सदस्य चकराए कि समारोह का सारा खर्चा यदि गुरचरण सिंह भोला ने दिया था, तो फिर समारोह के खर्च के नाम पर उनसे पैसे क्यों लिए गए - और जो लिए गए, तो उनका हुआ क्या हुआ ? वह किसकी जेब में गए ? क्लब्स के सदस्यों के इन सवालों ने अधिष्ठापित होने वाले क्लब्स के अध्यक्षों को लपेटे में ले लिया । उन पर आरोप लगे कि अधिष्ठापन समारोह के आयोजन के नाम पर उन्होंने अपनी अपनी जेबें भरने का काम किया है - अधिष्ठापन समारोह के आयोजन के नाम पर उन्होंने क्लब के सदस्यों से भी पैसे ले लिए और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार गुरचरण सिंह भोला से पैसे झटक लिए ।
अधिष्ठापित होने वाले क्लब्स के अध्यक्षों के लिए मुसीबत सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में उनके समर्थन को लेकर गुरचरण सिंह भोला की आश्वस्ति व निश्चिंतता से भी बढ़ी । उनके समर्थन को लेकर गुरचरण सिंह भोला जितने आश्वस्त दिखे, उससे क्लब्स के सदस्यों को यह भी आशंका हुई है कि उनके अध्यक्षों ने गुरचरण सिंह भोला के साथ अपने वोटों की सौदेबाजी कर ली है, और उसके बदले में क्लब के ड्यूज चुकाने की जिम्मेदारी गुरचरण सिंह भोला को ही सौंप दी है । इसी से क्लब्स के सदस्यों का गुस्सा भड़का हुआ है । उनका आरोप है कि क्लब के अध्यक्ष एक तरफ तो सदस्यों से ड्यूज के पैसे ले रहे हैं, और दूसरी तरफ क्लब के वोटों को 'बेच' कर गुरचरण सिंह भोला से भी पैसे ऐंठ रहे हैं - और इस तरह न सिर्फ क्लब की, बल्कि लायनिज्म की भी सौदेबाजी कर रहे हैं । वर्षा मल्होत्रा, वरिंदर सिंह ढिल्लों, चंद्रगुप्त बंसल, राजिंदर कंसल तथा कुलभूषण गुप्ता को अपने अपने क्लब के सदस्यों के इस तरह के आरोपों के चलते न सिर्फ क्लब में बल्कि अंबाला और डिस्ट्रिक्ट के लायन सदस्यों के बीच भारी फजीहत और बदनामी झेलनी पड़ रही है । ऐसी स्थिति में, गुरचरण सिंह भोला से पैसे लेकर क्लब का अधिष्ठापन करना तथा क्लब के वोटों का सौदा करना उन्हें खासा भारी पड़ रहा है ।