वाराणसी
। अनिल तुलस्यान की मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की तैयारी शुरू होते ही
दम तोड़ती हुई नजर आ रही है, और अनिल तुलस्यान इसके लिए पूर्व इंटरनेशनल
डायरेक्टर जगदीश गुलाटी तथा फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कुँवर बीएम
सिंह को कोसते सुने जा रहे हैं । अनिल तुलस्यान अभी पिछले दिनों ही दो
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ मल्टीपल के कुछेक बड़े नेताओं से उनके
घर/शहर जा कर मिले थे, और उन्होंने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की अपनी
मंशा और अपनी रणनीति के बारे में उनसे बात की थी । अनिल तुलस्यान के
नजदीकियों के अनुसार, मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर अनिल तुलस्यान का
रणनीतिक फंडा बड़ा क्लियर है - उनका मानना और कहना है कि मल्टीपल काउंसिल
चेयरमैन बनने के लिए पाँच फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को 'खरीदना'
है, बस ! अनिल तुलस्यान पाँच फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को
खरीदने की कीमत देने के लिए तैयार हैं - मल्टीपल की लीडरशिप से वह बस इतनी
मदद चाहते हैं कि यह 'खरीद' वह करवाएँ । अनिल तुलस्यान को डर है कि
उन्होंने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की यदि सीधे ही खरीद की, तो
कहीं ऐसा न हो कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स उनसे पैसे भी ले लें -
और फिर उन्हें वोट भी न दें; जैसा कि सहजीव रतन जैन के साथ हुआ था ।
उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू के तत्कालीन
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सहजीव रतन जैन ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन की सीट पक्की
करने के लिए तबके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को महँगे 'गिफ्ट' दिए
थे, लेकिन चुनाव के समय गिफ्ट लेने वाले फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स
जब उन्हें धोखा देते दिखे - तो सहजीव रतन जैन ने उन सभी से अपने गिफ्ट
वापस ले लिए थे । अनिल तुलस्यान का मानना/कहना है कि सहजीव रतन जैन के
साथ धोखा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने लीडरशिप के नेताओं को 'सौदेबाजी' में
शामिल नहीं किया था ।
अनिल तुलस्यान ने सहजीव रतन जैन वाली गलती से बचने के लिए पहले मल्टीपल की लीडरशिप से बात की । लीडरशिप से बात करना उन्हें इसलिए भी जरूरी लगा, क्योंकि लीडरशिप अभी मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के गवर्नर योगेश सोनी के समर्थन में 'सुनी' जा रही है । लीडरशिप को उन्हें यह समझाने की जरूरत महसूस हो रही थी कि योगेश सोनी के लिए फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का समर्थन 'जुटाना' मुश्किल होगा - और यह 'काम' तो वही कर सकते हैं । लीडरशिप के साथ उनकी बात यूँ तो उत्साहवर्धक रही, लेकिन एक मामले में उनके लिए समस्या खड़ी हो गई । अनिल तुलस्यान के लिए फजीहत की बात यह रही कि मल्टीपल में हर किसी को यह पता है कि उनके अपने डिस्ट्रिक्ट का फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उनके साथ नहीं है, इसलिए लीडरशिप ने उनसे कहा कि पहले अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन पक्का करो । अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल के लोगों को तो यह कहते हुए टरकाया/निपटाया कि उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन उन्हें दिलवाने का काम जगदीश गुलाटी करेंगे; उन्होंने मल्टीपल के लोगों को आश्वस्त किया कि जगदीश गुलाटी का कहना कुँवर बीएम सिंह हरगिज नहीं टाल पायेंगे, और इस तरह उन्हें अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन मिल ही जायेगा ।
कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल के लोगों को तो जगदीश गुलाटी का नाम लेकर आश्वस्त कर दिया - किंतु वह खुद कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर आश्वस्त नहीं हो सके हैं । कुँवर बीएम सिंह ने यह कहते हुए उनकी चिंता/परेशानी को और बढ़ा दिया है कि अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की उम्मीदवारी को लेकर पहले कभी कोई बात ही नहीं की, इसलिए उन्होंने दूसरे संभावित उम्मीदवारों से कमिट कर लिया है - जिन्हें अब वह धोखा नहीं दे सकेंगे । अनिल तुलस्यान का कहना है कि यह तर्क कुँवर बीएम सिंह का सिर्फ एक बहाना है; वह उन्हें मल्टीपल के लोगों के बीच नीचा दिखाना चाहते हैं और उन्हें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन नहीं बनने देना चाहते हैं - इसीलिए वह इस तरह की बहानेबाजी कर रहे हैं । कुँवर बीएम सिंह से भी ज्यादा नाराज अनिल तुलस्यान, जगदीश गुलाटी से हैं । अनिल तुलस्यान का कहना है कि जगदीश गुलाटी उन्हें पहले तो मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करते रहे और आश्वस्त करते रहे कि कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर चिंता मत करो - उनका समर्थन 'मैं दिलवाऊँगा', किंतु अब जब समय और जरूरत आन पड़ी है, तो वह पीछे हटते नजर आ रहे हैं ।
जगदीश गुलाटी की समस्या दूसरी है - वह तो कुँवर बीएम सिंह को अनिल तुलस्यान के समर्थन के लिए राजी करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, समस्या वास्तव में यह है कि कुँवर बीएम सिंह उनकी बात मान नहीं रहे हैं । इलाहाबाद के प्रमुख लायंस सदस्यों का कहना/बताना है कि डिस्ट्रिक्ट में और मल्टीपल में कुँवर बीएम सिंह को भले ही जगदीश गुलाटी के 'आदमी' के रूप देखा/पहचाना जाता हो, लेकिन कुँवर बीएम सिंह उनसे खुश नहीं हैं । उनकी नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें लगता है कि उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बनवा कर जगदीश गुलाटी ने अपना राजनीतिक उल्लू सीधा किया था, और उनका मोटा पैसा खर्च करवा दिया था । कुँवर बीएम सिंह को लगता है कि जगदीश गुलाटी की लड़ाई अशोक सिंह से थी, जिसमें जगदीश गुलाटी ने उन्हें मोहरा बनाया और इस्तेमाल किया । इलाहाबाद के प्रमुख लोगों का मानना और कहना है कि कुँवर बीएम सिंह को अनिल तुलस्यान से कोई ज्यादा शिकायत नहीं है; वह तो जगदीश गुलाटी की राजनीति को फेल करने के लिए अनिल तुलस्यान का समर्थन न करने की जिद पर अड़े हुए हैं । कुँवर बीएम सिंह को लगता है कि अनिल तुलस्यान मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर कभी भी उत्सुक नहीं थे; जगदीश गुलाटी ने अपनी राजनीति के चक्कर में उन्हें उकसा कर उम्मीदवार बना/बनवा दिया है - और अब जगदीश गुलाटी उन्हें भी 'अपना' आदमी दिखा/जता कर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने की जुगाड़ में हैं । अनिल तुलस्यान को समर्थन न देकर कुँवर बीएम सिंह वास्तव में अनिल तुलस्यान को नहीं - बल्कि जगदीश गुलाटी को सबक सिखाना चाहते हैं ।
जगदीश गुलाटी से निपटने की कुँवर बीएम सिंह की इस कोशिश में अनिल तुलस्यान को लेकिन अपनी फजीहत होती नजर आ रही है ।
अनिल तुलस्यान ने सहजीव रतन जैन वाली गलती से बचने के लिए पहले मल्टीपल की लीडरशिप से बात की । लीडरशिप से बात करना उन्हें इसलिए भी जरूरी लगा, क्योंकि लीडरशिप अभी मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के गवर्नर योगेश सोनी के समर्थन में 'सुनी' जा रही है । लीडरशिप को उन्हें यह समझाने की जरूरत महसूस हो रही थी कि योगेश सोनी के लिए फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का समर्थन 'जुटाना' मुश्किल होगा - और यह 'काम' तो वही कर सकते हैं । लीडरशिप के साथ उनकी बात यूँ तो उत्साहवर्धक रही, लेकिन एक मामले में उनके लिए समस्या खड़ी हो गई । अनिल तुलस्यान के लिए फजीहत की बात यह रही कि मल्टीपल में हर किसी को यह पता है कि उनके अपने डिस्ट्रिक्ट का फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उनके साथ नहीं है, इसलिए लीडरशिप ने उनसे कहा कि पहले अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन पक्का करो । अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल के लोगों को तो यह कहते हुए टरकाया/निपटाया कि उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन उन्हें दिलवाने का काम जगदीश गुलाटी करेंगे; उन्होंने मल्टीपल के लोगों को आश्वस्त किया कि जगदीश गुलाटी का कहना कुँवर बीएम सिंह हरगिज नहीं टाल पायेंगे, और इस तरह उन्हें अपने डिस्ट्रिक्ट के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का समर्थन मिल ही जायेगा ।
कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल के लोगों को तो जगदीश गुलाटी का नाम लेकर आश्वस्त कर दिया - किंतु वह खुद कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर आश्वस्त नहीं हो सके हैं । कुँवर बीएम सिंह ने यह कहते हुए उनकी चिंता/परेशानी को और बढ़ा दिया है कि अनिल तुलस्यान ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की उम्मीदवारी को लेकर पहले कभी कोई बात ही नहीं की, इसलिए उन्होंने दूसरे संभावित उम्मीदवारों से कमिट कर लिया है - जिन्हें अब वह धोखा नहीं दे सकेंगे । अनिल तुलस्यान का कहना है कि यह तर्क कुँवर बीएम सिंह का सिर्फ एक बहाना है; वह उन्हें मल्टीपल के लोगों के बीच नीचा दिखाना चाहते हैं और उन्हें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन नहीं बनने देना चाहते हैं - इसीलिए वह इस तरह की बहानेबाजी कर रहे हैं । कुँवर बीएम सिंह से भी ज्यादा नाराज अनिल तुलस्यान, जगदीश गुलाटी से हैं । अनिल तुलस्यान का कहना है कि जगदीश गुलाटी उन्हें पहले तो मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करते रहे और आश्वस्त करते रहे कि कुँवर बीएम सिंह के समर्थन को लेकर चिंता मत करो - उनका समर्थन 'मैं दिलवाऊँगा', किंतु अब जब समय और जरूरत आन पड़ी है, तो वह पीछे हटते नजर आ रहे हैं ।
जगदीश गुलाटी की समस्या दूसरी है - वह तो कुँवर बीएम सिंह को अनिल तुलस्यान के समर्थन के लिए राजी करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, समस्या वास्तव में यह है कि कुँवर बीएम सिंह उनकी बात मान नहीं रहे हैं । इलाहाबाद के प्रमुख लायंस सदस्यों का कहना/बताना है कि डिस्ट्रिक्ट में और मल्टीपल में कुँवर बीएम सिंह को भले ही जगदीश गुलाटी के 'आदमी' के रूप देखा/पहचाना जाता हो, लेकिन कुँवर बीएम सिंह उनसे खुश नहीं हैं । उनकी नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें लगता है कि उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार बनवा कर जगदीश गुलाटी ने अपना राजनीतिक उल्लू सीधा किया था, और उनका मोटा पैसा खर्च करवा दिया था । कुँवर बीएम सिंह को लगता है कि जगदीश गुलाटी की लड़ाई अशोक सिंह से थी, जिसमें जगदीश गुलाटी ने उन्हें मोहरा बनाया और इस्तेमाल किया । इलाहाबाद के प्रमुख लोगों का मानना और कहना है कि कुँवर बीएम सिंह को अनिल तुलस्यान से कोई ज्यादा शिकायत नहीं है; वह तो जगदीश गुलाटी की राजनीति को फेल करने के लिए अनिल तुलस्यान का समर्थन न करने की जिद पर अड़े हुए हैं । कुँवर बीएम सिंह को लगता है कि अनिल तुलस्यान मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर कभी भी उत्सुक नहीं थे; जगदीश गुलाटी ने अपनी राजनीति के चक्कर में उन्हें उकसा कर उम्मीदवार बना/बनवा दिया है - और अब जगदीश गुलाटी उन्हें भी 'अपना' आदमी दिखा/जता कर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने की जुगाड़ में हैं । अनिल तुलस्यान को समर्थन न देकर कुँवर बीएम सिंह वास्तव में अनिल तुलस्यान को नहीं - बल्कि जगदीश गुलाटी को सबक सिखाना चाहते हैं ।
जगदीश गुलाटी से निपटने की कुँवर बीएम सिंह की इस कोशिश में अनिल तुलस्यान को लेकिन अपनी फजीहत होती नजर आ रही है ।