Tuesday, February 21, 2017

लायंस इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी मल्टीपल ड्यूज के लिए जेसी वर्मा को तो झाँसा दिए ही हुए हैं, डिस्ट्रिक्ट के एमजेएफ लोगों को भी फूल देकर 'फूल' बनाने की तैयारी कर रहे हैं

देहरादून । एमजेएफ बनने के लिए आवश्यक रकम देने वाले कई लायन सदस्य एमजेएफ प्लेट और पिन न मिलने के कारण इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उनके द्धारा दी गई रकम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी ने अपनी जेब में तो नहीं कर ली है ? पैसे ऐंठने और हड़पने के मामले में शिव कुमार चौधरी ने चूँकि काफी नाम कमाया हुआ है, इसलिए एमजेएफ बनने के लिए रकम देने वाले लोग और ज्यादा डरे हुए हैं । लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के एमजेएफ की जो लिस्ट है, उसमें भी चूँकि इस वर्ष किसी का नाम नहीं जुड़ा है - इसलिए भी लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि एमजेएफ के लिए दिया गया पैसा आखिर गया कहाँ ? शिव कुमार चौधरी लोगों को लगातार आश्वासन तो देते रहे हैं कि एमजेएफ की आधिकारिक लिस्ट में नाम भी आ जायेगा, और प्लेट व पिन भी मिल जाएगी - लेकिन उनका आश्वासन पूरा होने में ही नहीं आ रहा है । ऐसे में लोगों को अपना हाल लायंस क्लब मसूरी के सतीश अग्रवाल जैसा होता हुआ दिख रहा है - जिनके पैसे लौटाने का शिव कुमार चौधरी आश्वासन तो कई बार दे चुके हैं, लेकिन सतीश अग्रवाल को अपने पैसे मिले नहीं हैं । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जेसी वर्मा तक के साथ शिव कुमार चौधरी यही हरकत रहे हैं । जेसी वर्मा मल्टीपल ड्यूज के लिए कई बार तकादा कर चुके हैं, लेकिन शिव कुमार चौधरी के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी है, और उन्होंने मल्टीपल ड्यूज के खाते में एक पैसा तक जमा नहीं कराया है ।
मल्टीपल ड्यूज जमा करने की अंतिम तारीख 15 जनवरी थी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन जेसी वर्मा ने कई रिमाइंडर भेजे । उन्होंने यहाँ तक कहा कि मल्टीपल के नरेश अग्रवाल इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने जा रहे हैं, इसलिए मल्टीपल में ऐसी कोई हरकत नहीं होनी चाहिए जिससे मल्टीपल का और नरेश अग्रवाल का नाम खराब हो - इस नाते ड्यूज समय पर जमा होना जरूरी है, लेकिन शिव कुमार चौधरी ने न उनके रिमाइंडर की परवाह की और न मल्टीपल व नरेश अग्रवाल का नाम खराब होने की चिंता की । उल्लेखनीय तथ्य यह है कि मल्टीपल के बाकी सभी डिस्ट्रिक्ट्स ने अपने अपने हिस्से के मल्टीपल ड्यूज की आधे से ज्यादा और कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स ने तो पूरी रकम जमा करा दी है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन ने मल्टीपल ड्यूज के खाते में इकन्नी भी जमा नहीं करवाई है । प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए लोगों की मदद के लिए लायंस इंटरनेशनल से मिली इमरजेंसी ग्रांट को लेकर शिव कुमार चौधरी ने कैसी घपलेबाजी की है, यह बात अब जगजाहिर है ।
इन्हीं बातों/तथ्यों के आलोक में एमजेएफ बनने के लिए पैसा देने वालों को डर हुआ है कि गरीबों और पीड़ितों की मदद के लिए दिया गया उनका पैसा कहीं शिव कुमार चौधरी ही तो नहीं हड़प जायेंगे ? एमजेएफ बनने के लिए पैसा देने वाले लायन सदस्यों का कहना है कि शिव कुमार चौधरी ने उनसे 900 डॉलर के बराबर रुपये यह बताते हुए लिए हैं कि बाकी के सौ डॉलर फाउंडेशन के लिए इकट्ठा हुए पैसों से दिए जायेंगे । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में पिछले कुछेक वर्षों से एमजेएफ बनने/बनाने को लेकर यही व्यवस्था चली आ रही है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी ने इसी व्यवस्था को अपनाने की कोई सार्वजनिक घोषणा तो नहीं की है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से एमजेएफ बनने वालों को उन्होंने यही व्यवस्था बताई है, और इसी के अनुसार पैसे लिए हैं । लोगों से लिए गए पैसे लेकिन उन्होंने अभी तक लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन को नहीं भेजे हैं, इसी से लोगों को डर लगा है कि उनके पैसे आखिर गए कहाँ ? एमजेएफ के पैसे लेने/देने की प्रक्रिया से परिचित जानकारों का कहना है कि लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन को पैसे मिलते ही आठ/दस दिन में पैसे देने वाले का नाम एमजेएफ लिस्ट में दर्ज हो जाता है, और तुरंत ही एमजेएफ की प्लेट व पिन रिलीज हो जाती है । इस आधार पर एमजेएफ बनने के लिए पैसे दे चुके लोगों का नाम लिस्ट में आ जाने के साथ साथ उनके नाम की प्लेट व पिन आ जाना चाहिए थी, लेकिन लोगों को सिर्फ शिव कुमार चौधरी का आश्वासन मिल रहा है ।
शिव कुमार चौधरी का आश्वासन इसलिए भी डरा रहा है, क्योंकि वह लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन के लिए प्रत्येक सदस्य से कम से कम दो डॉलर के अपेक्षित दान को जबरन बसूलने की कोशिश कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन लायन सदस्यों से अनुरोध करता है कि वह कम से कम दो डॉलर तो फाउंडेशन के लिए दान करें ही । जाहिर है कि यह अनुरोध है, जिसे मानने और पूरा करने के लिए सदस्यों पर बाध्यता नहीं है । लेकिन शिव कुमार चौधरी ने इसे जरूरी बना दिया है । उन्होंने कहा है कि जो क्लब्स दो डॉलर प्रति सदस्य के हिसाब से लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन के लिए पैसे नहीं देंगे, वह उन क्लब्स को नो-ड्यूज सर्टीफिकेट नहीं देंगे । उनकी इस कार्रवाई को लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन के पैसों में हेराफेरी करने की तिकड़म के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । आरोप है कि इसीलिए वह एमजेएफ के लिए मिली रकम को दबा कर बैठे हैं । कहा जा रहा है कि प्रत्येक सदस्य से दो दो डॉलर लेकर इकट्ठा हुई रकम से वह एमजेएफ के लिए पैसा देने वालों को एमजेएफ बनवा देंगे, और उनसे मिली हुई रकम को अपनी जेब में कर लेंगे । यह 'खेल' और इस खेल का 'हिसाब-किताब' चूँकि बाद में ही हो पायेगा, इसलिए एमजेएफ बनने के लिए मिली रकम को उन्होंने अभी लायंस इंटरनेशनल फाउंडेशन को नहीं भेजा है ।
एमजेएफ बनने के लिए पैसा देने वाले लोग ज्यादा परेशान न हों और शोर न करें - इसके लिए शिव कुमार चौधरी ने उनका सम्मान करने का एक कार्यक्रम करने की बात शुरू की है - जिसमें गेंदे के फूलों की माला पहना कर वह एमजेएफ बनने के लिए पैसा देने वालों को 'फूल' बनाने का काम करेंगे ।