वाराणसी । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार क्षितिज शर्मा के जरिए मसूरी में कमरे बुक करा लेने के बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान ने विद्ययुत विहार में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तारीखों का ऐलान करके क्षितिज शर्मा के साथ गठजोड़ करने का संकेत तो दे दिया है, लेकिन अनिल तुलस्यान के रवैये से क्षितिज शर्मा के परेशान और निराश होने की खबरें भी लोगों को सुनने को मिल रही हैं । कुछेक
लोगों के बीच क्षितिज शर्मा ने कहा है कि उम्मीदवार होने के नाते वह
'लुटेंगे' नहीं, और डिस्ट्रिक्ट में यदि कोई यह समझ रहा है कि वह उम्मीदवार
होने के नाते उनका आर्थिक दोहन कर लेगा - तो वह बहुत गलतफहमी में है ।
क्षितिज शर्मा के नजदीकियों का कहना है कि क्षितिज शर्मा इस तरह की बातें
कहने/करने वाले व्यक्ति नहीं हैं, वह बहुत दिल खोल कर काम करने वाले
व्यक्ति हैं - लेकिन फिर भी वह इस तरह की बात कह रहे हैं तो इसका मतलब है
कि अनिल तुलस्यान तथा डिस्ट्रिक्ट के सत्ता खेमे के नेताओं के रवैये से वह
बुरी तरह आहत हुए हैं । क्षितिज शर्मा के नजदीकियों के अनुसार, मसूरी में कमरे बुक कराने से पहले अनिल तुलस्यान ने क्षितिज शर्मा को कमरों का तथा लोगों के टिकट के खर्चे का अनुमान
बताया था - जिसे चुकाने के लिए क्षितिज शर्मा ने अपनी सहमति दे दी थी;
किंतु फिर अनिल तुलस्यान का मुँह जिस तरह से खुलता गया और उनकी माँग बढ़ती
गई, उससे क्षितिज शर्मा को लगा कि उम्मीदवार के रूप में उन्हें जैसे लूटने
की तैयारी हो रही है । इसी के बाद क्षितिज शर्मा को कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में वह लुटेंगे नहीं !
क्षितिज शर्मा के नजदीकियों के अनुसार, दो मामलों में क्षितिज शर्मा उखड़े हुए हैं : एक मामला देहरादून रेलवे स्टेशन से मसूरी तक लोगों के आने-जाने का है, और दूसरा मामला डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में नाच-गाने तथा दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स से आने वाले अतिथियों के इंतजाम का है । क्षितिज शर्मा वाराणसी से और या अपने अपने शहरों से देहरादून जाने वाले लोगों का किराया खर्च करने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन अनिल तुलस्यान ने उन्हें देहरादून से मसूरी तक ले जाने और फिर मसूरी से देहरादून वापस लाने के लिए कारों की व्यवस्था का खर्चा और बता दिया है । क्षितिज शर्मा इस काम के लिए बस बुक करना/कराना चाहते हैं, लेकिन अनिल तुलस्यान कारों की बात कर रहे हैं । दूसरा मामला इससे भी ज्यादा गंभीर है : अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डिस्ट्रिक्ट में एक नया अध्याय मनोरंजन का जोड़ा है; वह मनोरंजन प्रिय व्यक्ति हैं, और इस नाते से वह अपने कार्यक्रमों में नाच-गाने की खास व्यवस्था रखते हैं - कुछ लोगों का आरोप है कि इस व्यवस्था की आड़ में वह कुछ दूसरे गुल भी खिलाते हैं । यही व्यवस्था वह डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में करना चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में वह मल्टीपल के दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स से आने वाले अतिथियों, खासतौर से फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए विशेष इंतजाम करना चाहते हैं; समझा जाता है कि अनिल तुलस्यान मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की अपनी संभावित उम्मीदवारी के लिए अपनी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में अच्छा माहौल बनाना चाहते हैं ।
अनिल तुलस्यान डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में लगता है कि डिस्ट्रिक्ट के अधिष्ठापन समारोह में हुए नुकसान की पूरी भरपाई करना चाहते हैं । उल्लेखनीय है कि उन्होंने डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारियों के अधिष्ठापन समारोह में भी व्यवस्था तो अच्छी की थी, लेकिन निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रकाश अग्रवाल के साथ की गई बदतमीजीपूर्ण हरकत के चलते उसमें जो बबाल हुआ - उससे मल्टीपल के दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लोगों तक उनकी भारी फजीहत हुई थी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की उम्मीद में अनिल तुलस्यान लेकिन अब बहुत सावधानी के साथ कदम बढ़ाना चाहते हैं । पिछले दिनों आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग में उन्होंने प्रकाश अग्रवाल को जो तवज्जो दी, उससे भी लोगों को संकेत मिला है कि अब वह किसी को नाराज नहीं रखना/छोड़ना चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में जैसे वह अपने सारे 'पाप' धो लेना चाहते हैं । इसमें समस्या की बात लेकिन यह हो गई है कि इसकी 'कीमत' वह क्षितिज शर्मा से बसूलना चाहते हैं । क्षितिज शर्मा ने अपने नजदीकियों से रोना रोया है कि अनिल तुलस्यान डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में अपने राजनीतिक स्वार्थ में जो इंतजाम करना चाहते हैं, उसके खर्चे का बोझ भी वह उनके सिर पर मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं - और इसीलिए क्षितिज शर्मा को कहने की जरूरत पड़ी है कि वह लुटेंगे नहीं ।
अनिल तुलस्यान और क्षितिज शर्मा के बीच 'लूटने' और 'लुटने से बचने' का जो खेल चल रहा है, वह वास्तव में सत्ता खेमे के नेताओं और क्षितिज शर्मा के बीच बने रहने वाले परस्पर अविश्वास का नतीजा भी है । क्षितिज शर्मा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के लालच में सत्ता खेमे के नेताओं के नजदीक चले तो गए हैं, लेकिन सत्ता खेमे के नेताओं की हरकतें न उन्हें पहले पसंद थीं और न अब हैं; उधर सत्ता खेमे के नेताओं ने एक मालदार उम्मीदवार होने के नाते उन्हें 'स्वीकार' तो कर लिया है, लेकिन साथ-साथ वह यह भी अच्छी तरह समझ रहे हैं कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के बाद क्षितिज शर्मा उनके साथ रहेंगे नहीं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक सिंह के साथ क्षितिज शर्मा की नजदीकी सत्ता खेमे के नेताओं को और भी आशंकित कर रही है । उल्लेखनीय है कि अशोक सिंह के कारण ही क्षितिज शर्मा को पिछले वर्ष के प्रकाश अग्रवाल के गवर्नर-काल में रीजन चेयरमैन का पद मिला था । प्रकाश अग्रवाल किसी और को रीजन चेयरमैन बना रहे थे, लेकिन अशोक सिंह ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दखल दिया और क्षितिज शर्मा को रीजन चेयरमैन बनवाया - जिसके कारण क्षितिज शर्मा की लायन-यात्रा तेजी से आगे बढ़ी । मौजूदा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रभात चतुर्वेदी तो घोषित रूप से अशोक सिंह के नजदीक हैं; ऐसे में सत्ता खेमे के नेताओं के सामने सवाल यह भी है कि क्षितिज शर्मा को सफल करवा कर कहीं वह अपने प्रतिद्धंद्धी अशोक सिंह को तो मजबूत नहीं बना रहे हैं ? सत्ता खेमे के नेताओं और क्षितिज शर्मा के बीच पल रहे इसी अविश्वास के बीच 'लूटने' और 'लुटने से बचने' का खेल खासा दिलचस्प हो गया है - और लोगों को लग रहा है कि विद्ययुत विहार में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान द्धारा कॉल निकालने के बाद डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति का परिदृश्य अभी और करवट लेगा तथा चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा ।
क्षितिज शर्मा के नजदीकियों के अनुसार, दो मामलों में क्षितिज शर्मा उखड़े हुए हैं : एक मामला देहरादून रेलवे स्टेशन से मसूरी तक लोगों के आने-जाने का है, और दूसरा मामला डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में नाच-गाने तथा दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स से आने वाले अतिथियों के इंतजाम का है । क्षितिज शर्मा वाराणसी से और या अपने अपने शहरों से देहरादून जाने वाले लोगों का किराया खर्च करने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन अनिल तुलस्यान ने उन्हें देहरादून से मसूरी तक ले जाने और फिर मसूरी से देहरादून वापस लाने के लिए कारों की व्यवस्था का खर्चा और बता दिया है । क्षितिज शर्मा इस काम के लिए बस बुक करना/कराना चाहते हैं, लेकिन अनिल तुलस्यान कारों की बात कर रहे हैं । दूसरा मामला इससे भी ज्यादा गंभीर है : अनिल तुलस्यान ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डिस्ट्रिक्ट में एक नया अध्याय मनोरंजन का जोड़ा है; वह मनोरंजन प्रिय व्यक्ति हैं, और इस नाते से वह अपने कार्यक्रमों में नाच-गाने की खास व्यवस्था रखते हैं - कुछ लोगों का आरोप है कि इस व्यवस्था की आड़ में वह कुछ दूसरे गुल भी खिलाते हैं । यही व्यवस्था वह डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में करना चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में वह मल्टीपल के दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स से आने वाले अतिथियों, खासतौर से फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए विशेष इंतजाम करना चाहते हैं; समझा जाता है कि अनिल तुलस्यान मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की अपनी संभावित उम्मीदवारी के लिए अपनी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में अच्छा माहौल बनाना चाहते हैं ।
अनिल तुलस्यान डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में लगता है कि डिस्ट्रिक्ट के अधिष्ठापन समारोह में हुए नुकसान की पूरी भरपाई करना चाहते हैं । उल्लेखनीय है कि उन्होंने डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारियों के अधिष्ठापन समारोह में भी व्यवस्था तो अच्छी की थी, लेकिन निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रकाश अग्रवाल के साथ की गई बदतमीजीपूर्ण हरकत के चलते उसमें जो बबाल हुआ - उससे मल्टीपल के दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लोगों तक उनकी भारी फजीहत हुई थी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की उम्मीद में अनिल तुलस्यान लेकिन अब बहुत सावधानी के साथ कदम बढ़ाना चाहते हैं । पिछले दिनों आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग में उन्होंने प्रकाश अग्रवाल को जो तवज्जो दी, उससे भी लोगों को संकेत मिला है कि अब वह किसी को नाराज नहीं रखना/छोड़ना चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में जैसे वह अपने सारे 'पाप' धो लेना चाहते हैं । इसमें समस्या की बात लेकिन यह हो गई है कि इसकी 'कीमत' वह क्षितिज शर्मा से बसूलना चाहते हैं । क्षितिज शर्मा ने अपने नजदीकियों से रोना रोया है कि अनिल तुलस्यान डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में अपने राजनीतिक स्वार्थ में जो इंतजाम करना चाहते हैं, उसके खर्चे का बोझ भी वह उनके सिर पर मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं - और इसीलिए क्षितिज शर्मा को कहने की जरूरत पड़ी है कि वह लुटेंगे नहीं ।
अनिल तुलस्यान और क्षितिज शर्मा के बीच 'लूटने' और 'लुटने से बचने' का जो खेल चल रहा है, वह वास्तव में सत्ता खेमे के नेताओं और क्षितिज शर्मा के बीच बने रहने वाले परस्पर अविश्वास का नतीजा भी है । क्षितिज शर्मा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के लालच में सत्ता खेमे के नेताओं के नजदीक चले तो गए हैं, लेकिन सत्ता खेमे के नेताओं की हरकतें न उन्हें पहले पसंद थीं और न अब हैं; उधर सत्ता खेमे के नेताओं ने एक मालदार उम्मीदवार होने के नाते उन्हें 'स्वीकार' तो कर लिया है, लेकिन साथ-साथ वह यह भी अच्छी तरह समझ रहे हैं कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के बाद क्षितिज शर्मा उनके साथ रहेंगे नहीं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक सिंह के साथ क्षितिज शर्मा की नजदीकी सत्ता खेमे के नेताओं को और भी आशंकित कर रही है । उल्लेखनीय है कि अशोक सिंह के कारण ही क्षितिज शर्मा को पिछले वर्ष के प्रकाश अग्रवाल के गवर्नर-काल में रीजन चेयरमैन का पद मिला था । प्रकाश अग्रवाल किसी और को रीजन चेयरमैन बना रहे थे, लेकिन अशोक सिंह ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दखल दिया और क्षितिज शर्मा को रीजन चेयरमैन बनवाया - जिसके कारण क्षितिज शर्मा की लायन-यात्रा तेजी से आगे बढ़ी । मौजूदा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रभात चतुर्वेदी तो घोषित रूप से अशोक सिंह के नजदीक हैं; ऐसे में सत्ता खेमे के नेताओं के सामने सवाल यह भी है कि क्षितिज शर्मा को सफल करवा कर कहीं वह अपने प्रतिद्धंद्धी अशोक सिंह को तो मजबूत नहीं बना रहे हैं ? सत्ता खेमे के नेताओं और क्षितिज शर्मा के बीच पल रहे इसी अविश्वास के बीच 'लूटने' और 'लुटने से बचने' का खेल खासा दिलचस्प हो गया है - और लोगों को लग रहा है कि विद्ययुत विहार में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान द्धारा कॉल निकालने के बाद डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति का परिदृश्य अभी और करवट लेगा तथा चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा ।