Tuesday, October 22, 2019

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में मलकीत सिंह जस्सर तथा अपने ही क्लब की तरफ से मुकेश गोयल को मिला दोहरा झटका सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाता दिख रहा है

हापुड़ । पंकज बिजल्वान की सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी का झंडा उठाए मुकेश गोयल को हाल ही में दो झटके एक साथ लगे हैं, जिसने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को गहरे संकट में फँसा दिया है । मुकेश गोयल को पहला झटका पूर्व गवर्नर मलकीत सिंह जस्सर ने दिया, जो मुकेश गोयल कैम्प छोड़ कर सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के झंडे को ऊँचा किए हुए विनय मित्तल कैम्प के साथ जा जुड़े दिखाई दिए हैं । इससे भी बड़ा झटका मुकेश गोयल को अपने ही क्लब के प्रेसीडेंट राकेश वर्मा से मिला, जिनके बगावती तेवर के कारण मुकेश गोयल को पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को बड़े स्तर पर प्रमोट करने के उद्देश्य से किए जा रहे अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह को रद्द कर देने के लिए मजबूर होना पड़ा है । मजे की बात यह देखने को मिल रही है कि मुकेश गोयल कैम्प की तरफ से मलकीत सिंह जस्सर के मामले में तो लीपापोती करने तथा डैमेज-कंट्रोल की कोशिश की जा रही है, लेकिन मुकेश गोयल के क्लब की तरफ से जो झटका लगा है - उस पर मुकेश गोयल और उनके कैम्प के लोगों की बोलती पूरी तरफ बंद है । इन दोनों मामलों को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में मुकेश गोयल के घटते राजनीतिक असर के नतीजे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है और माना/समझा जा रहा है कि मुकेश गोयल को लगने वाले यह झटके वास्तव में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने वाले हैं ।
मलकीत सिंह जस्सर के जरिये लगे झटके के मामले में डैमेज-कंट्रोल की कोशिश करते हुए मुकेश गोयल कैम्प की तरफ से मलकीत सिंह जस्सर को लेकर दुष्प्रचार शुरू कर दिया गया है; जिसके तहत कभी यह कहा/बताया जाता है कि मलकीत सिंह जस्सर 'हमारे ही साथ हैं', रजनीश गोयल के कार्यक्रम में तो वह 'हमारे' जासूस के रूप में गए थे; कभी कहा जाता है कि मलकीत सिंह जस्सर के पास है क्या, और उनके जाने से से क्या फर्क पड़ता है; कभी बताया जाता है कि मलकीत सिंह जस्सर जल्दी ही 'हमारे' साथ दिखेंगे; आदि-इत्यादि । मुकेश गोयल कैम्प के ही कुछेक अन्य लोगों का कहना है कि मलकीत सिंह जस्सर दरअसल मुकेश गोयल कैम्प में अपनी उपेक्षा से नाराज हुए और इसलिए वह विनय मित्तल कैम्प में शिफ्ट कर गए हैं । मलकीत सिंह जस्सर यह देख कर भी मुकेश गोयल कैम्प में निराश हुए कि उनके क्लब - लायंस क्लब गाजियाबाद के अधिकतर लोग विनय मित्तल के साथ हैं, और मुकेश गोयल के आयोजनों में क्लब के दो/एक लोग ही शामिल होते हैं । मलकीत सिंह जस्सर का मुकेश गोयल कैम्प छोड़ कर विनय मित्तल कैम्प में शामिल होना चुनाव के गणित को बड़े स्तर पर भले ही प्रभावित न करता हो, लेकिन मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक रूप से मुकेश गोयल कैम्प तथा पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान को जोर का झटका देता है । 
मुकेश गोयल तथा पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को इससे भी बड़ा झटका मुकेश गोयल के क्लब से मिला है । इस झटके के चलते मुकेश गोयल को मल्टीपल के डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों तथा प्रमुख पूर्व गवर्नर्स के बीच ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल थर्ड वाइस प्रेसीडेंट पद के एंडॉर्सी एपी सिंह तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर संगीता जटिया तक के सामने फजीहत का शिकार होना पड़ा है । हर जगह खबर फैल गई है कि डिस्ट्रिक्ट पर अपना प्रभुत्व वापस पाने की कोशिश करने वाले मुकेश गोयल का अपने क्लब में ही प्रभुत्व नहीं रह गया है और बड़े जोरशोर से तैयारी करने के बावजूद वह अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह को रद्द कर देने के लिए मजबूर हुए हैं । मजे की बात यह है कि उक्त समारोह होने की जानकारी तो मुकेश गोयल लोगों को प्रतिदिन दे रहे थे और समारोह का भारी भरकम निमंत्रण पत्र बार बार लोगों को दिखा व भेज रहे थे; लेकिन समारोह के रद्द हो जाने की सूचना को लेकर वह चुप्पी बनाए हुए हैं । अपने ही क्लब में मुसीबत व फजीहत झेलने के लिए मुकेश गोयल किस तरह खुद ही जिम्मेदार हैं, इससे जुड़े तथ्यों को 'रचनात्मक संकल्प' की 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है । इस किस्से से एक बात यह जरूर साबित हुई है कि मुकेश गोयल के पास इस समय न कोई रणनीति है और न उनके पास कोई ढंग के सलाहकार हैं, जिस कारण से वह सेल्फ-गोल करने में तथा खुद ही अपने लिए मुसीबतें पैदा करने तथा उन्हें बढ़ाने में लगे हुए हैं । लोगों को लगता है कि मुकेश गोयल यदि थोड़ी सी समझदारी से काम लेते तो अपने क्लब में पैदा हुए झंझट से अपने आप को बचा सकते थे तथा उससे होने वाले नुकसान से बच सकते थे । किसी रणनीति के अभाव में, खुद ही अपने लिए मुसीबतें पैदा करने तथा उन्हें बढ़ाने के मुकेश गोयल के 'फैसलों' तथा उनके नतीजों ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को मुसीबत में फँसा दिया है ।