Sunday, October 13, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में शेखर मेहता के स्वागत-समारोह की बागडोर थामने की विनोद बंसल की कोशिशों को सुरेश भसीन के रवैये से जो झटका लगा है, उसमें विनोद बंसल को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का अभियान मुश्किल में फँसता दिख रहा है

नई दिल्ली । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में शेखर मेहता के दिल्ली में होने वाले स्वागत-समारोह के मुखिया बनने की विनोद बंसल की कोशिशों को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन ने तगड़ा झटका दिया है । विनोद बंसल के लिए इससे भी ज्यादा बुरी बात यह हुई है कि सुरेश भसीन ने शेखर मेहता के स्वागत समारोह की कमान रंजन ढींगरा के हाथों में सौंप दी है । शेखर मेहता के स्वागत समारोह की कमान अपने हाथ में रख कर विनोद बंसल दरअसल शेखर मेहता को यह दिखाना/जताना चाहते हैं कि अपने डिस्ट्रिक्ट में उनकी खूब चलती है । विनोद बंसल को लगता है कि शेखर मेहता यह देखेंगे, तो इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए तैयार हो जायेंगे - और शेखर मेहता के समर्थन का जुगाड़ करके वह इंटरनेशनल डायरेक्टर बन जायेंगे । लेकिन सुरेश भसीन उनकी इस जुगाड़बाजी में बाधा बनते नजर आ रहे हैं । शेखर मेहता के स्वागत-समारोह की तैयारी के लिए वह पूरी तरह रंजन ढींगरा पर निर्भर कर रहे हैं, और उन्हीं से विचार-विमर्श कर रहे हैं । विनोद बंसल ने उक्त तैयारी में जब भी जबरन 'घुसने' की कोशिश की, तो सुरेश भसीन ने दो-टूक तरीके से उन्हें बता दिया कि 'यह' रंजन ढींगरा देख/कर लेंगे । विनोद बंसल ने दो एक बार शेखर मेहता का नाम लेकर सुरेश भसीन को दबाव में लेने की कोशिश की, लेकिन सुरेश भसीन ने यह कहते हुए उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया कि वह और/या रंजन ढींगरा - शेखर मेहता से बात कर लेंगे ।           
विनोद बंसल ने शेखर मेहता के स्वागत-समारोह की तैयारी में प्रमुख भूमिका पाने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संजीव राय मेहरा तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अनूप मित्तल की मदद लेने का प्रयास भी किया, लेकिन सुरेश भसीन की तगड़ी घेराबंदी के चलते उनका यह प्रयास भी सफल नहीं हो सका है । सुरेश भसीन के इस रवैये से विनोद बंसल को यह चिंता हो चली है कि शेखर मेहता के स्वागत-समारोह में उनकी कोई भूमिका यदि नहीं बनी/दिखी तो इसका शेखर मेहता तथा उनके नजदीकियों पर बहुत ही खराब असर पड़ेगा और इससे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का अभियान मुश्किल में फँसेगा । विनोद बंसल दरअसल इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए पूरी तरह शेखर मेहता पर निर्भर कर रहे हैं; ऐसे में उन्हें आशंका हो चली है कि शेखर मेहता जब देखेंगे कि उनकी अपने डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं चल रही है तथा डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर्स उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं - तब फिर शेखर मेहता भी उनकी उम्मीदवारी में दिलचस्पी लेने से बचेंगे । विनोद बंसल को लग रहा है कि इससे शेखर मेहता के भरोसे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने की उनकी प्लानिंग फेल ही हो जाएगी ।
विनोद बंसल को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में तथा प्रशासनिक व्यवस्था में पिछले करीब एक वर्ष से झटके पर झटके लग रहे हैं । पिछले रोटरी वर्ष में अनूप मित्तल व अशोक कंतूर के बीच हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में विनोद बंसल जिन अशोक कंतूर की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे थे; उन अशोक कंतूर की हार तथा अनूप मित्तल की जीत से विनोद बंसल को तगड़ा झटका लगा था । मौजूदा रोटरी वर्ष में विनोद बंसल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए जिन अजीत जालान की उम्मीदवारी को हवा दी हुई है, उनकी स्थिति कमजोर तो चल ही रही है - उन पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के गंभीर आरोप भी लग रहे हैं, और डिस्ट्रिक्ट में चर्चा है कि अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से उनके द्वारा किए गए कुछेक 'कामों' की रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करने की तैयारी की जा रही है । उल्लेखनीय है कि विनोद बंसल पहले भी, केआर रविंद्रन के प्रेसीडेंट-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड से फटकार खा चुके हैं । इस सब के बीच सुरेश भसीन का रवैया उनके लिए मुसीबत भरा बना हुआ है । अभी पिछले दिनों ही रोटरी कैंसर फाउंडेशन के मुखिया पद से अजय नारायण को हटाने की सुरेश भसीन की कार्रवाई का विनोद बंसल ने विरोध करते हुए अजय नारायण को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन सुरेश भसीन के कड़े रवैये को देखते विनोद बंसल को फिर चुप रह जाने के लिए मजबूर होना पड़ा । शेखर मेहता के स्वागत-समारोह की तैयारी की बागडोर थामने की कोशिश करते हुए विनोद बंसल ने सुरेश भसीन को यह भरोसा भी दिया कि समारोह के खर्च की व्यवस्था वह कर लेंगे, और डिस्ट्रिक्ट एकाउंट से कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा; सुरेश भसीन ने लेकिन फिर भी स्वागत-समारोह की कमान उन्हें सौंपने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है । विनोद बंसल ने हालाँकि अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है, और वह लगातार प्रयास में हैं कि अपने डिस्ट्रिक्ट में होने वाले शेखर मेहता के स्वागत-समारोह में उन्हें कोई ऐसी भूमिका मिल जाए, जिसके जरिये वह अपने डिस्ट्रिक्ट में अपनी महत्ता दिखा सकें ।