Sunday, October 20, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में अजीत जालान को रोटरी के पैसे से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव लड़वाने की विनोद बंसल की तैयारी ने उनके अपने क्लब में बबाल पैदा किया, जहाँ लोगों को डर हुआ है कि अजीत जालान के चक्कर में विनोद बंसल कहीं राजीव मित्तल का रोटरी फाउंडेशन में किया गया 'इन्वेस्टमेंट' मुसीबत में न फँसवा दें ?

नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी के एक प्रोजेक्ट के साथ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार अजीत जालान की संलग्नता ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल की भूमिका को एक बार फिर विवाद व चर्चा में ला दिया है । रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी विनोद बंसल के क्लब के रूप में जाना/पहचाना जाता है, और अजीत जालान को विनोद बंसल के उम्मीदवार के रूप में ही देखा/पहचाना जाता है । गंभीर आरोप यह है कि अजीत जालान को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव विनोद बंसल रोटरी के पैसे से लड़वा रहे हैं । दरअसल रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी का सेनेटरी पैड्स बनाने और बाँटने का एक बड़ा महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट है; क्लब के लोगों का ही कहना/बताना है कि अजीत जालान को इस प्रोजेक्ट से जोड़ कर उन्हें चुनावी लाभ दिलवाने का आईडिया विनोद बंसल का ही है । विनोद बंसल पहले भी, केआर रविंद्रन के प्रेसीडेंट-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड से फटकार खा चुके हैं । उम्मीद की गई थी कि उस फटकार से उन्होंने सबक लिया होगा । विनोद बंसल लेकिन जिस तरह से अपने क्लब के एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट का राजनीतिक इस्तेमाल कर/करवा रहे हैं, और अजीत जालान को रोटरी के पैसे से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव 'लड़वा' रहे हैं - उससे लग/दिख रहा है कि उन्होंने केआर रविंद्रन के प्रेसीडेंट-वर्ष में पड़ी व दर्ज हुई उस फटकार से कोई सबक नहीं लिया है ।
रोटरी क्लब दिल्ली राजधानी का सेनेटरी पैड्स का जो प्रोजेक्ट है, वह संकल्प फाउंडेशन नाम की एक स्वयंसेवी संस्था के 'सहयोग' से चल रहा है । मजे की बात यह है कि विनोद बंसल के क्लब की तमाम गतिविधियाँ इसी संस्था के सहयोग से चल रही हैं, जिसे लेकर क्लब के अन्य कुछेक सदस्यों के बीच गहरी नाराजगी है । यह संस्था दरअसल क्लब के ही एक सदस्य राजीव मित्तल की है । राजीव मित्तल ने रोटरी फाउंडेशन में बड़ा दान देने की तैयारी की हुई है; वह शायद एकेएस सदस्य बनेंगे । क्लब के सदस्यों का ही कहना लेकिन यह है कि राजीव मित्तल रोटरी फाउंडेशन में जो पैसा देंगे, वह कोई 'दान' नहीं है, बल्कि 'इन्वेस्टमेंट' है - जिसके बदले वह रोटरी फाउंडेशन से चार गुना पैसा विभिन्न प्रोजेक्ट्स के नाम पर लेंगे । विनोद बंसल ने यही 'समझा' कर राजीव मित्तल को रोटरी फाउंडेशन में 'दान' देने के लिए प्रेरित किया है । विनोद बंसल ने रोटरी फाउंडेशन में 'पैसा दो, और उसका चार गुना लो' फार्मूले के जरिये रोटरी फाउंडेशन के लिए पैसे इकट्ठे करने के काम में 'मास्टरी' पाई हुई है । इसी फार्मूले से वह वह अपने क्लब के राजेश गुप्ता को एकेएस सदस्य बनवा चुके हैं; जिसके ऐवज में राजेश गुप्ता ने प्रोजेक्ट के नाम पर रोटरी फाउंडेशन से जो पैसे लिए - उस पर क्लब में और रोटरी में भारी बबाल रहा; जिसके चलते रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से तीन बार उस प्रोजेक्ट का ऑडिट हुआ, वह प्रोजेक्ट क्लब से छिना और अंततः राजेश गुप्ता को भी उस प्रोजेक्ट से अलग किया गया । हालाँकि तब तक राजेश गुप्ता रोटरी फाउंडेशन से मिली रकम का सारा 'लाभ' ले चुके थे ।  
क्लब के ही लोगों का कहना है कि रोटरी फाउंडेशन से करीब चार गुना पैसा दिलवाने का वास्ता देकर विनोद बंसल ने जिस तरह राजेश गुप्ता को एकेएस बनवाया था, उसी फार्मूले के अनुसार उन्होंने राजीव मित्तल को एकेएस बनने और रोटरी फाउंडेशन में 'इन्वेस्ट' करने के लिए तैयार किया है । यही कारण है कि राजीव मित्तल को रोटरी में बड़ा 'फायदा' दिखने लगा है और क्लब की गतिविधियों में राजीव मित्तल की संस्था की संलग्नता काफी बढ़ गई है । क्लब के कुछेक सदस्यों का तो यहाँ तक कहना/बताना है कि उन्हें तो कभी कभी लगता है कि जैसे क्लब को संकल्प फाउंडेशन में गिरवी रख दिया गया है । रोटरी के पैसे से क्लब चलाने के आरोप तो क्लब के सदस्यों की तरफ से सुने जा रहे हैं, डिस्ट्रिक्ट के दूसरे लोग यह देख कर हैरान हैं कि विनोद बंसल ने अपने उम्मीदवार अजीत जालान को रोटरी के पैसे से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव लड़वाने का तरीका भी खोज लिया है । रोटरी फाउंडेशन से पैसे लेने/निकलवाने तथा उनका विविधता के साथ इस्तेमाल करने के मामले में विनोद बंसल ने सचमुच बड़ा 'इनोवेशन' किया है - लेकिन उनके इनोवेशंस उनके लिए फजीहत का कारण बन रहे हैं; और उनके लिए मुसीबत की बात यह है कि उनकी फजीहत के कारण उनके अपने क्लब के सदस्य ही बन रहे हैं । उल्लेखनीय है कि राजेश गुप्ता के मामले में आरोप व विरोध के स्वर क्लब में ही उठे थे, जिसके चलते राजेश गुप्ता का प्रोजेक्ट पहले क्लब से छिना और फिर उनसे; लेकिन राजेश गुप्ता खुशकिस्मत रहे कि जब तक आरोप व विरोध के स्वर उठे और उनसे चीजें छिनी - तब तक वह 'खेल' कर चुके थे; राजीव मित्तल लेकिन शुरू से ही मुसीबत में फँसते/घिरते दिख रहे हैं । क्लब में राजीव मित्तल के नजदीकियों का मानना/कहना है कि यह मामला प्रोजेक्ट के बहाने अजीत जालान को चुनावी फायदा दिलवाने की विनोद बंसल की योजना से भड़का है । राजीव मित्तल के नजदीकियों को डर है कि अजीत जालान के चक्कर में विनोद बंसल कहीं राजीव मित्तल का 'इन्वेस्टमेंट' मुसीबत में न फँसवा दें ?