Thursday, October 3, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3110 में नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू द्वारा की गई मनमानी व नियमों की अनदेखी के आरोपों के चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की पवन अग्रवाल की उम्मीदवारी मुसीबत में फँसेगी क्या ?

बरेली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी झमेले में रोटरी के प्रमुख कामों तथा उसके नियम-कानूनों की अनदेखी तथा ऐसीतैसी करने के कारण रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों और नेताओं की 'निगाह' में आ गए हैं, जिसे उनके और डिस्ट्रिक्ट के लिए अच्छा नहीं समझा जा रहा है । दिल्ली में अभी हाल ही में आयोजित हुए नेशनल लेबल के पोलियो कार्यक्रम में उपस्थित रहना जरूरी समझने की बजाये डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में सक्रिय रहने को तरजीह देने के कारण किशोर कातरू रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों व नेताओं के बीच आलोचना का शिकार बन रहे हैं । किशोर कातरू की इस हरकत के चलते इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी को भी नीचा देखना पड़ा है । चर्चा रही कि कमल सांघवी के जोन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पोलियो कार्यक्रम की महत्ता नहीं समझ रहे हैं । उक्त कार्यक्रम में देशभर के रोटरी डिस्ट्रिक्ट्स के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स तथा रोटरी के बड़े पदाधिकारी व नेता उपस्थित हुए थे । इस कार्यक्रम में किशोर कातरू की अनुपस्थिति ने उनकी और डिस्ट्रिक्ट 3110 की छवि खराब करने का काम किया । दरअसल कुछेक पदाधिकारियों और नेताओं को डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से बता दिया गया है कि किशोर कातरू को जिस समय पोलियो के कार्यक्रम में शामिल होना था, उस समय वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार पवन अग्रवाल को लेकर अलीगढ़ के क्लब्स में राजनीतिक प्रचार में जुटे हुए थे । दिल्ली में हुए नेशनल लेबल के पोलियो कार्यक्रम में किशोर कातरू की अनुपस्थिति दरअसल इसलिए तुरंत से नोटिस में आ गई, क्योंकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके मनमाने व नियम-विरुद्ध कार्य-व्यवहार को लेकर ढेरों शिकायतें रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों व नेताओं के पास पहले से ही पहुँची हुई हैं ।
नोमीनेटिंग कमेटी के लिए चलने वाली चुनावी प्रक्रिया को लेकर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों व बड़े नेताओं के पास किशोर कातरू की बहुत सी शिकायतें पहुँची हुई हैं । आरोप हैं कि उक्त चुनावी प्रक्रिया में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में किशोर कातरू ने जी भर कर मनमानियाँ की हैं और रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों का तरह तरह से खूब उल्लंघन किया है । नोमीनेटिंग कमेटी में प्रतिनिधित्व के लिए जोन में आने वाले क्लब्स का निर्धारण गुपचुप तरीके से किया गया और इस बात को डिस्ट्रिक्ट के लोगों से छिपाया गया । आरोपों के अनुसार, चुनाव से दो दिन पहले तक क्लब्स को जोन में जोड़ने/घटाने काम किया गया । नए बने छह क्लब्स को मनमाने तरीके से जोन्स में शामिल किया गया और इस काम में भी कोई पारदर्शिता नहीं रखी गई तथा जानकारी माँगने वालों को जबाव तक नहीं दिए गए । कई क्लब्स के पदाधिकारियों को तो ऐन मौके पर ही पता चला कि वह किस जोन में हैं, और नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उनके उम्मीदवार कौन हैं । आरोप है कि किशोर कातरू ने यह सब 'अपने' उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया, ताकि वह नोमीनेटिंग कमेटी में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए पवन अग्रवाल को अधिकृत उम्मीदवार चुनवा सकें ।
किशोर कातरू को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मनमानियाँ करने का हौंसला इसलिए भी मिला, क्योंकि उनकी कारगुजारियों की शिकायतों पर रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से कोई कार्रवाई होती हुई नहीं दिखी । मजे की बात यह रही कि शिकायत करने वालों को रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से इस बात की भी जानकारी नहीं मिली कि उन्हें कोई शिकायत मिली भी है । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के इस व्यवहार को किशोर कातरू को इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी के समर्थन के रूप में देखा/पहचाना गया है । लोगों का कहना है कि कमल सांघवी की तरफ से शह मिलने के कारण ही किशोर कातरू के हौंसले खासे बुलंद हुए और चुनाव संबंधी नियम-कानूनों का मजाक बना देने में उन्होंने कोई संकोच नहीं किया । किशोर कातरू के लिए मुसीबत व फजीहत की बात यह हो गई है कि पवन अग्रवाल के कई समर्थकों व शुभचिंतकों को डर हो गया है कि किशोर कातरू की मनमानियाँ कहीं पवन अग्रवाल की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने का काम न करें । दरअसल नोमीनेटिंग कमेटी के लिए हुए चुनाव में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में किशोर कातरू ने जो और जिस तरह की मनमानियाँ की हैं, उसके कारण कई क्लब्स के प्रेसीडेंट्स व पदाधिकारियों ने अपने आपको अपमानित महसूस किया है । कई क्लब्स के प्रेसीडेंट्स व अन्य पदाधिकारियों को लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में किशोर कातरू उन पर अपने फैसले थोपने की कोशिश कर रहे हैं, और उन्हें मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं । क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से किशोर कातरू के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करने वाली बातों को सुन कर ही पवन अग्रवाल की उम्मीदवारी के समर्थकों व शुभचिंतकों को आशंका हो चली है कि किशोर कातरू की मनमानियाँ और उनके कारण होने वाली उनकी बदनामी कहीं पवन अग्रवाल की उम्मीदवारी के अभियान की कहीं हवा न निकाल दे ?