नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली मोनार्क के निवर्त्तमान प्रेसीडेंट (आईपीपी) नमन जैन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की लगातार बढ़ती माँग ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों को खासा असमंजस में डाल दिया है । नमन जैन चूँकि निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (आईपीडीजी) सुभाष जैन के सुपुत्र हैं; इसलिए डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों को लगता है कि नमन जैन यदि उम्मीदवारी के रास्ते से होते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने, तो डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के सारे समीकरण बदल जायेंगे और तब दूसरे नेताओं के लिए बहुत ही सीमित मौके बचेंगे और सुभाष जैन पर उनकी निर्भरता बढ़ जाएगी । नमन जैन की तरफ से, और सुभाष जैन की तरफ से भी - हालाँकि अभी तक नमन जैन की उम्मीदवारी को लेकर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं; लेकिन दूसरे लोगों को लगता है कि नमन जैन को उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर यदि इसी तरह चर्चा चलती व बढ़ती रही तो नमन जैन की उम्मीदवारी आने में देर भी नहीं लगेगी । यूँ भी नमन जैन रोटरी तथा उसकी गतिविधियों में खासी दिलचस्पी लेते देखे गए हैं । पिछले रोटरी वर्ष में क्लब की तरफ से डिस्ट्रिक्ट की पहली मोबाइल मेमोग्राफी वैन तैयार करने व एक अस्पताल को देने में तथा मौजूदा रोटरी वर्ष में अपने क्लब द्वारा स्पॉन्सर रोट्रेक्ट क्लब के सदस्यों व पदाधिकारियों के साथ प्लानिंग करने में नमन जैन ने जिस तरह की पहलभरी सक्रियता दिखाई है, उसे देख/जान कर ही लोगों को लगा है कि रोटरी को लेकर उनमें उत्साह भी है और स्पष्ट नजरिया भी ।
मजे की बात यह है कि नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की चर्चा शुरू तो सुभाष जैन के नजदीकियों ने की थी, लेकिन बढ़ते बढ़ते उक्त चर्चा में ऐसे लोग भी शामिल दिखने लगे हैं जो व्यक्तिविशेष की बजाए डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के हितों को प्रमुखता देते हैं । ऐसे लोगों का मानना/कहना है कि नमन जैन ने पिछले कुछ समय में जिस तरह की सक्रियता दिखाई है, उससे लगता है कि नमन जैन अपने पिता से भी अच्छे व प्रभावी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर साबित होंगे । ऐसा मानने/कहने के पीछे उनका तर्क है कि नमन जैन को स्वाभाविक रूप से सुभाष जैन के अनुभवों का जो फायदा मिलेगा, उसे वह अपनी समझ व सामर्थ्य से और विस्तार दे सकेंगे - और इस तरह सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में जो थोड़ी-बहुत कमी रह गई थी, उसे भी दूर कर लिया जायेगा तथा डिस्ट्रिक्ट के कामकाज को विविधता भी दी जा सकेगी । दरअसल मौजूदा रोटरी वर्ष में दीवाली मेले को लेकर जैसा नाटक चल रहा है, और टिकटों की बिक्री की स्थिति जिस तरह से ठंडी पड़ी हुई है - उसे देख/जान कर डिस्ट्रिक्ट के लोग पिछले रोटरी वर्ष के दीवाली मेले को याद कर रहे हैं । लोगों को याद है कि पिछले रोटरी वर्ष में सुभाष जैन के प्रयत्नों से लोगों के बीच दीवाली मेले को लेकर खासा जोश था, जिसके चलते करीब डेढ़ महीने पहले ही सभी टिकट बिक चुके थे । इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता दीवाली मेले को लेकर लोगों के बीच जोश पैदा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं और इसी का नतीजा है कि दीवाली मेले का दिन नजदीक आ रहा है, लेकिन दीपक गुप्ता को अभी उसके टिकट बेचने के लिए ही माथापच्ची करना पड़ रही है । डिस्ट्रिक्ट में लोग महसूस कर रहे हैं कि सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट में कार्यक्रमों की खासी गहमागहमी थी और सुभाष जैन ने क्लब्स के पदाधिकारियों व वरिष्ठ रोटेरियंस को प्रेरित व उत्साहित किया हुआ था, जिसके चलते डिस्ट्रिक्ट में एक अलग ही माहौल बना हुआ था ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता की नीरसता व असफलता ने चार महीनों में ही सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष की गतिविधियों व सक्रियताओं की लोगों को जिस तरह से याद दिला दी है, उसके कारण ही वास्तव में नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की माँग उठी है । लोगों को लगता है कि नमन जैन के गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट एक बार फिर से वैसी ही रौनक व सक्रियता प्राप्त कर सकेगा, जैसी कि सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में थी । यह कहने/बताने वाले लोगों की भी कमी नहीं है कि अगले रोटरी वर्ष में जो चुनावी हालात व समीकरण बनते दिख रहे हैं, उसमें नमन जैन के लिए चुनाव जीतना कोई मुश्किल भी नहीं होगा । उल्लेखनीय है कि शुरू में जब यह माँग उठने की आवाजें सुनाई दी थीं, तब डिस्ट्रिक्ट में किसी ने इस माँग को गंभीरता से नहीं लिया था । तब लोगों को लग रहा था कि सुभाष जैन के नजदीक रहने वाले लोग सुभाष जैन को खुश करने/रखने के लिए नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की बात कर रहे हैं, और उनकी माँग में ज्यादा दम नहीं है । लेकिन अभी हाल ही में एक वरिष्ठ रोटेरियन के बेटे के विवाह से संबद्ध कार्यक्रम में पहुँचे ऐसे रोटेरियन भी जब नमन जैन को उम्मीदवार बनाये जाने की जरूरत रेखांकित करते देखे/सुने गए, जो रोटरी व डिस्ट्रिक्ट के हितों पर जोर देने की बातें करते रहे हैं - तब डिस्ट्रिक्ट की राजनीति के खिलाड़ियों के कान खड़े हुए और उन्हें भी लगा है कि नमन जैन को उम्मीदवार बनाये जाने की माँग जिस तरह जोर पकड़ती जा रही है, वह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में जरूर कोई बड़ा गुल खिलायेगी ।
मजे की बात यह है कि नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की चर्चा शुरू तो सुभाष जैन के नजदीकियों ने की थी, लेकिन बढ़ते बढ़ते उक्त चर्चा में ऐसे लोग भी शामिल दिखने लगे हैं जो व्यक्तिविशेष की बजाए डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के हितों को प्रमुखता देते हैं । ऐसे लोगों का मानना/कहना है कि नमन जैन ने पिछले कुछ समय में जिस तरह की सक्रियता दिखाई है, उससे लगता है कि नमन जैन अपने पिता से भी अच्छे व प्रभावी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर साबित होंगे । ऐसा मानने/कहने के पीछे उनका तर्क है कि नमन जैन को स्वाभाविक रूप से सुभाष जैन के अनुभवों का जो फायदा मिलेगा, उसे वह अपनी समझ व सामर्थ्य से और विस्तार दे सकेंगे - और इस तरह सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में जो थोड़ी-बहुत कमी रह गई थी, उसे भी दूर कर लिया जायेगा तथा डिस्ट्रिक्ट के कामकाज को विविधता भी दी जा सकेगी । दरअसल मौजूदा रोटरी वर्ष में दीवाली मेले को लेकर जैसा नाटक चल रहा है, और टिकटों की बिक्री की स्थिति जिस तरह से ठंडी पड़ी हुई है - उसे देख/जान कर डिस्ट्रिक्ट के लोग पिछले रोटरी वर्ष के दीवाली मेले को याद कर रहे हैं । लोगों को याद है कि पिछले रोटरी वर्ष में सुभाष जैन के प्रयत्नों से लोगों के बीच दीवाली मेले को लेकर खासा जोश था, जिसके चलते करीब डेढ़ महीने पहले ही सभी टिकट बिक चुके थे । इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता दीवाली मेले को लेकर लोगों के बीच जोश पैदा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं और इसी का नतीजा है कि दीवाली मेले का दिन नजदीक आ रहा है, लेकिन दीपक गुप्ता को अभी उसके टिकट बेचने के लिए ही माथापच्ची करना पड़ रही है । डिस्ट्रिक्ट में लोग महसूस कर रहे हैं कि सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट में कार्यक्रमों की खासी गहमागहमी थी और सुभाष जैन ने क्लब्स के पदाधिकारियों व वरिष्ठ रोटेरियंस को प्रेरित व उत्साहित किया हुआ था, जिसके चलते डिस्ट्रिक्ट में एक अलग ही माहौल बना हुआ था ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता की नीरसता व असफलता ने चार महीनों में ही सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष की गतिविधियों व सक्रियताओं की लोगों को जिस तरह से याद दिला दी है, उसके कारण ही वास्तव में नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की माँग उठी है । लोगों को लगता है कि नमन जैन के गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट एक बार फिर से वैसी ही रौनक व सक्रियता प्राप्त कर सकेगा, जैसी कि सुभाष जैन के गवर्नर-वर्ष में थी । यह कहने/बताने वाले लोगों की भी कमी नहीं है कि अगले रोटरी वर्ष में जो चुनावी हालात व समीकरण बनते दिख रहे हैं, उसमें नमन जैन के लिए चुनाव जीतना कोई मुश्किल भी नहीं होगा । उल्लेखनीय है कि शुरू में जब यह माँग उठने की आवाजें सुनाई दी थीं, तब डिस्ट्रिक्ट में किसी ने इस माँग को गंभीरता से नहीं लिया था । तब लोगों को लग रहा था कि सुभाष जैन के नजदीक रहने वाले लोग सुभाष जैन को खुश करने/रखने के लिए नमन जैन को उम्मीदवार बनाने की बात कर रहे हैं, और उनकी माँग में ज्यादा दम नहीं है । लेकिन अभी हाल ही में एक वरिष्ठ रोटेरियन के बेटे के विवाह से संबद्ध कार्यक्रम में पहुँचे ऐसे रोटेरियन भी जब नमन जैन को उम्मीदवार बनाये जाने की जरूरत रेखांकित करते देखे/सुने गए, जो रोटरी व डिस्ट्रिक्ट के हितों पर जोर देने की बातें करते रहे हैं - तब डिस्ट्रिक्ट की राजनीति के खिलाड़ियों के कान खड़े हुए और उन्हें भी लगा है कि नमन जैन को उम्मीदवार बनाये जाने की माँग जिस तरह जोर पकड़ती जा रही है, वह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में जरूर कोई बड़ा गुल खिलायेगी ।