Saturday, October 5, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में जल्दी चुनाव के फार्मूले के हिट/फिट रहने से प्रियतोश गुप्ता भी आलोक गुप्ता के नजदीक होकर उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव जल्दी करवाने के लिए राजी करने की कोशिश में जुटेंगे क्या ?

गाजियाबाद । करीब नब्बे प्रतिशत वोटिंग हो जाने के बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनावी नतीजा ललित खन्ना के पक्ष में आने/रहने की संभावना के साथ अगले रोटरी वर्ष में आलोक गुप्ता द्वारा भी जल्दी चुनाव करवाने की चर्चा चल पड़ी है । लोगों को लगता है कि यह 'काम' डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तथा उसके पसंदीदा उम्मीदवार - दोनों का भला करता है, इसलिए हो न हो आलोक गुप्ता भी इस 'प्रथा' को अपना लेंगे । अगले रोटरी वर्ष में संभावित उम्मीदवार के रूप में देखे/पहचाने जा रहे प्रियतोश गुप्ता के नजदीकियों व समर्थकों को उम्मीद है कि प्रियतोश गुप्ता अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में आलोक गुप्ता का समर्थन जुटा लेंगे और फिर जल्दी चुनाव करवाने के लिए उन्हें राजी भी कर लेंगे । सच क्या है, यह तो आलोक गुप्ता व प्रियतोश गुप्ता ही जानते होंगे - डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच चर्चा लेकिन यह है कि पेम वन के आयोजन में प्रियतोश गुप्ता ने खासा सहयोग दिया है, और जिसके जरिए उन्होंने आलोक गुप्ता के नजदीक होने की कोशिश की है । प्रियतोश गुप्ता और उनके नजदीकियों व समर्थकों को लगता है कि चूँकि अभी और किसी संभावित उम्मीदवार ने अपनी तैयारी नहीं दिखाई है, इसलिए उनके सामने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी को लेकर बढ़त बनाने का अच्छा मौका है ।
अगले रोटरी वर्ष में संभावित उम्मीदवारों के रूप में दो-तीन अन्य नाम लोगों के बीच चर्चा में जरूर हैं, लेकिन अभी तक किसी ने चूँकि कोई तैयारी नहीं दिखाई है - इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि प्रियतोश गुप्ता का चुनावी मुकाबला आखिर किससे होगा ? अन्य संभावित उम्मीदवारों के बीच फैले/बने इसी अनिश्चय का फायदा प्रियतोश गुप्ता उठाना चाहते हैं । हालाँकि प्रियतोश गुप्ता को जानने/पहचानने वाले लोगों का कहना यह भी है कि चुनावी मुकाबले के टेंशन को झेल पाना उनके लिए मुश्किल होगा, और यदि जरा भी मुश्किल चुनौती उनके सामने खड़ी हुई तो फिर उनकी उम्मीदवारी मुसीबत में फँस जाएगी । ऐसे में, उनके सामने बचाव का एक ही रास्ता बचा रह जाता है और वह यह कि एक तरफ तो वह उम्मीदवार के रूप में अपनी सक्रियता को इतना बढ़ा लें, कि किसी भी दूसरे उम्मीदवार के लिए उनका पीछा करना मुश्किल हो जाए; और दूसरी तरफ वह तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में आलोक गुप्ता का समर्थन पक्का कर लें । इस मामले में प्रियतोश गुप्ता के नजदीकियों व समर्थकों की उन्हें ललित खन्ना के कार्य-व्यवहार से सबक लेने की नसीहत है ।
प्रियतोश गुप्ता के नजदीकियों व समर्थकों का कहना है कि प्रियतोश गुप्ता को ललित खन्ना जैसे तौर-तरीकों को अपनाना चाहिए । ललित खन्ना ने अपनी उम्मीदवारी घोषित करते ही दो काम बड़े तत्परता से किए - एक तरफ उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को अपने समर्थन में किया, और दूसरी तरफ अपनी उम्मीदवारी को लेकर खासी तेजी से संपर्क अभियान चलाया । ललित खन्ना ने शुरू में ही जो बढ़त बना ली थी, उसका फायदा यह हुआ कि बाद में लगे झटकों के बावजूद ललित खन्ना को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता की हरकतों व बदनामी के कारण हो सकने वाले नुकसान से बचने के लिए ललित खन्ना ने वोटिंग शुरू होने से पहले दीपक गुप्ता से दूरी बना ली और लोगों से तर्क भी किया कि दीपक गुप्ता से नाराजगी का बदला उन्हें उनसे क्यों लेना चाहिए । ललित खन्ना की इस रणनीति ने लोगों के बीच दीपक गुप्ता के प्रति पैदा हुई नाराजगी से उन्हें बचाने का काम किया । उम्मीदवार के रूप में ललित खन्ना के तौर-तरीके प्रियतोश गुप्ता के नजदीकियों व समर्थकों को पूरी तरह परफेक्ट लग/दिख रहे हैं और इसीलिए उन्हें लग रहा है कि प्रियतोश गुप्ता को जल्दी से जल्दी ललित खन्ना की राह पर चल पड़ना चाहिए । यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा कि जल्दी चुनाव के फार्मूले से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनने' वाले आलोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जल्दी चुनाव करवाते हैं या नहीं ?