Friday, October 4, 2019

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के पूर्व प्रेसीडेंट अमरजीत चोपड़ा नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल में बेईमानी से पैसे बनाने की बात पर पहले तो जोश में आए थे, लेकिन अविनाश गुप्ता द्वारा परिस्थितजन्य साक्ष्य देने के बाद चुप बैठ गए लगते हैं

नई दिल्ली । इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट अमरजीत चोपड़ा ने नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में कुछेक सदस्यों पर रीजनल काउंसिल की गतिविधियों के नाम पर पैसा कमाने के आरोपों को लेकर पहले तो खासे तेवर दिखाए और जताया कि उन्हें यदि सुबूत मिलें, तो वह कार्रवाई करें/करवायेंगे - लेकिन सुबूत दिए जाने के बाद वह चुप्पी लगा गए हैं । वह यदि कोई कार्रवाई कर रहे हैं तो यह सिर्फ उन्हें ही पता होगा - सुबूत माँगने और देने का काम पब्लिक डोमेन में हुआ है; कार्रवाई की कोई बात लेकिन पब्लिक डोमेन में नहीं है । उल्लेखनीय है कि एक सार्वजनिक चर्चा में नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउन्सिल. के सदस्य अविनाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउन्सिल. के कुछेक सदस्य काउंसिल की गतिविधियों की आड़ में पैसे बना रहे हैं । अमरजीत चोपड़ा तुरंत इस बहस में कूदे और उन्होंने अविनाश गुप्ता से कहा कि उनका आरोप बहुत ही गंभीर है और उनके आरोप यदि सच हैं तो वह सुबूत बताएँ/दिखाएँ । इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के पूर्व सदस्य संजीव चौधरी ने भी अविनाश गुप्ता से इसी तरह की बातें कहीं । अविनाश गुप्ता ने तुरंत से इस तरह की बातें बताईं, जो उनके आरोप को सच साबित करती दिखती/दिखाती हैं । लेकिन उसके बाद अमरजीत चोपड़ा और संजीव चौधरी ने चुप्पी साध ली है । कुछेक लोगों को लगता है कि हो सकता है कि अविनाश गुप्ता द्वारा दिए गए तथ्य अमरजीत चोपड़ा व संजीव चौधरी को आरोप साबित करने के मामले में पर्याप्त न लगे हों, और इसीलिए वह चुप हो गए हैं ।
यह मामला एक मशहूर किस्से जैसा बन पड़ा है, जो है तो फूहड़ लेकिन प्रासंगिक है । किस्सा यह है कि एक व्यक्ति पर उसकी पत्नी और पत्नी के भाईयों ने दुश्चरित्र होने का आरोप लगाया और शिकायत उसके पिता से की । पिता ने उनसे पूछा के उनके बेटे को दुश्चरित्र साबित करने के लिए उनके पास कोई सुबूत है क्या ? तब उन्हें यह कहते हुए एक वीडियो दिखाया कि कल शाम आपका बेटा आपसे यह कह कर बाहर गया था कि उसके एक दोस्त का बड़ा भयंकर एक्सीडेंट हो गया है और वह उसे देखने अस्पताल जा रहा है; लेकिन यह देखिए, उस समय वह किसी अस्पताल नहीं बल्कि एक होटल में गया है; होटल की लॉबी में लगी घड़ी समय बता रही है, आप देख सकते हैं । आगे देखिए, लॉबी में पहले से बैठी महिला आपके बेटे को देखते ही उठ खड़ी हुई और उसकी तरह बढ़ी । वीडियो में देखिए, दोनों ने एक दूसरे को आलिंगन में ले लिया है और वह एक दूसरे को किस कर रहे हैं । इसके बाद दोनों एक दूसरे की बाँहों में बाँहें डाले लिफ्ट की तरफ बढ़ रहे हैं । और यह देखिए, यहाँ लिफ्ट से निकल कर दोनों पहले से बुक करवाए गए कमरे में गए हैं और कमरा बंद करने से पहले उन्होंने दरवाजे पर 'डू नॉट डिस्टर्ब' का फलैग टाँग दिया है । पिता ने प्रश्नवाचक निगाह से पूछा, हाँ इसके आगे क्या हुआ ? उन्हें बताया गया कि इसके आगे क्या हुआ, उसे तो वह वीडियो पर रिकॉर्ड नहीं कर पाए हैं; लेकिन जितना बताया/दिखाया - उससे क्या उनके आरोप की पुष्टि नहीं होती है ? पिता का कहना रहा कि जो कुछ उन्हें दिखाया/बताया गया है, उससे यह तो साबित होता है कि उनके बेटे ने उनसे झूठ बोला है और घायल दोस्त को देखने अस्पताल जाने की बजाए वह एक होटल में महिला से मिलने गया; लेकिन जब तक उन्हें कोई पक्का सुबूत नहीं दिया जायेगा वह यह स्वीकार नहीं करेंगे कि उनका बेटा दुश्चरित्र है ।
अमरजीत चोपड़ा लगता है कि इस किस्से में जो पिता है, उसके दूर के रिश्तेदार हैं ।अविनाश गुप्ता ने उन्हें बताया कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में परचेज कमेटी की संस्तुति लिए बिना होटल के रेट बढ़ा दिए गए और बढ़े रेट के हिसाब से भुगतान भी कर दिए गए हैं । अविनाश गुप्ता ने उन्हें बताया कि कई मामलों में संबंधित पदाधिकारियों व सदस्यों की जानकारी में लाए बिना पेमेंट्स किए गए हैं । अविनाश गुप्ता ने दावा किया कि कई मामलों में तो चेयरमैन की अनुमति लिए बिना पेमेंट्स किए गए हैं । अविनाश गुप्ता ने बताया कि वह रीजनल काउंसिल के सदस्य हैं, लेकिन उन्हें भी रीजनल काउंसिल के अकाउंट्स देखने की अनुमति नहीं मिली है और बार-बार के उनके अनुरोधों को लगातार टाला जाता रहा है । लेकिन लगता है कि अमरजीत चोपड़ा को इन सब बातों से यह साबित होता हुआ नहीं दिख/लग रहा है कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में कोई बेईमानी हो रही है । किस्से वाले पिता की तरह अमरजीत चोपड़ा को भी पक्के सुबूत की जरूरत है, जो यह साबित करे कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में कुछेक सदस्य बेईमानी कर रहे हैं और पैसे बना रहे हैं । लगता है कि पक्का सुबूत न मिलने के कारण ही अमरजीत चोपड़ा ने उत्साह दिखाने के बावजूद मामले में अब चुप्पी साध ली है । उल्लेखनीय है कि अमरजीत चोपड़ा सिर्फ इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट ही नहीं हैं; वह अभी भी कई रूपों में इंस्टीट्यूट की कार्य-प्रणाली से जुड़े हुए हैं; दरअसल इसीलिए अविनाश गुप्ता के आरोप पर उन्होंने जब दिलचस्पी दिखाई थी - तब कई लोगों को लगा था कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में चलने वाली बेईमानियों पर लगाम लगाने के लिए वह सचमुच कुछ करेंगे; लेकिन अमरजीत चोपड़ा के चुप्पी साध लेने से उन लोगों को खासी निराशा हुई है ।