Wednesday, October 30, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में होने वाले इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान के नाम पर रमेश अग्रवाल को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की 'राजनीति' करने का मौका देने तथा खर्च का बोझ क्लब्स पर डालने के कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता मुसीबत में फँसे   

नई दिल्ली । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान में होने वाला कार्यक्रम क्लब्स से 50/50 हजार रुपए माँगने के कारण विवाद में फँस गया है । लोगों के बीच चर्चा सुनी जा रही है कि उक्त कार्यक्रम को पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश अग्रवाल की राजनीति का जरिया बना कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता क्लब्स पर नाहक ही बोझ डाल रहे हैं और इस तरह रमेश अग्रवाल को क्लब्स के पैसों पर इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहे हैं । कुछेक लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि रमेश अग्रवाल ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में दीपक गुप्ता को फँसा दिया है, और दीपक गुप्ता ने क्लब्स को फँसा दिया है । उल्लेखनीय है कि पिछले रोटरी वर्ष में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी चुने जाने पर सुशील गुप्ता का दिल्ली में जो स्वागत/सम्मान समारोह हुआ था, उसे डिस्ट्रिक्ट 3012 और डिस्ट्रिक्ट 3011 ने मिल कर किया था । उसी तर्ज पर दीपक गुप्ता के सामने इस वर्ष शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान समारोह को आयोजित करने का ऑफर था । दीपक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, दीपक गुप्ता इसके लिए राजी भी थे; लेकिन रमेश अग्रवाल ने दीपक गुप्ता को समझा लिया कि उक्त समारोह अकेले करना ही उचित होगा । समझा जाता है कि रमेश अग्रवाल चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार होने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए उन्हें लगा कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान समारोह के जरिये वह अपनी डायरेक्टर पद की उम्मीदवारी के लिए 'माहौल' बना सकेंगे ।   
रमेश अग्रवाल की उम्मीदवारी के लिए माहौल बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान समारोह के लिए दीपक गुप्ता ने क्लब्स से 50 हजार रुपए देने की माँग की है, जिसके बदले में क्लब को पाँच युगल्स के लिए समारोह में शामिल होने का अवसर देने की बात की गई है । उल्लेखनीय है कि रोटरी में इस तरह के आयोजनों के लिए पैसे जुटाने का काम व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन के जरिये किया जाता है; और या कुछेक सक्रिय रोटेरियंस से स्पॉन्सरशिप ली जाती है । पिछले रोटरी वर्ष में हुए समारोह में कुछेक लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, तथा कई लोगों को तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन द्वारा ली गई स्पॉन्सरशिप के बदले में प्रवेश मिला था । लोगों का कहना है कि सुभाष जैन की ही तरह दीपक गुप्ता को और रमेश अग्रवाल को समारोह का खर्च जुटाने के लिए स्पॉन्सरशिप लेना चाहिए; दीपक गुप्ता ने लेकिन क्लब्स पर बोझ डाल कर नाहक ही विवाद पैदा कर दिया है । इस 'व्यवस्था' के चलते समारोह में हिस्सा लेने के लिए क्लब के पाँच युगल्स का चयन करने को लेकर क्लब्स में झगड़े होने की आशंका व्यक्त की जा रही है । लोगों का कहना है कि शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान समारोह के खर्च के लिए दीपक गुप्ता को पिछले वर्ष जैसी ही व्यवस्था अपनाना चाहिए थी - जिससे न कोई झंझट पैदा होता, न किसी झगड़े की आशंका होती और न क्लब पर कोई बोझ पड़ता ।
शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान समारोह का मुखिया रमेश अग्रवाल को बनाने के दीपक गुप्ता के फैसले पर पूर्व गवर्नर मुकेश अरनेजा भी नाराज बताये/सुने जा रहे हैं । मुकेश अरनेजा चूँकि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर हैं, इसलिए वह उम्मीद कर रहे थे कि दीपक गुप्ता उक्त समारोह के आयोजन की जिम्मेदारी उन्हें देंगे । मुकेश अरनेजा को यह उम्मीद इसलिए भी थी क्योंकि पिछले रोटरी वर्ष में सुशील गुप्ता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में हुए स्वागत/सम्मान समारोह की जिम्मेदारी सुभाष जैन ने तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर शरत जैन को दी थी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता ने लेकिन उक्त समारोह की जिम्मेदारी के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा पर भरोसा करने की बजाये रमेश अग्रवाल को चुना और मुकेश अरनेजा को निराश किया और झटका दिया । रमेश अग्रवाल को समारोह की जिम्मेदारी मिलने से शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान में होने वाला समारोह रमेश अग्रवाल का राजनीतिक तमाशा बन गया है, जिसके खर्च का बोझ क्लब्स पर डालने के कारण वह विवादपूर्ण भी बन गया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता के पिछले कार्यक्रम, खासतौर से डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारियों का अधिष्ठापन कार्यक्रम और फिर दीवाली मेला - लोगों से सहयोग न मिलने के कारण बुरी तरह से 'पिटे' और फ्लॉप रहे हैं; शेखर मेहता के स्वागत/सम्मान के कार्यक्रम को लेकर दीपक गुप्ता की तैयारी जिस विवाद में फँस/पड़ गई है, उसके कारण डर पैदा हुआ है कि कहीं इस समारोह का हश्र भी उनके पिछले कार्यक्रमों जैसा तो नहीं होगा ?