Tuesday, July 14, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में चुनावी फायदे के लिए बड़ी संख्या में क्लब्स व सदस्य बना कर, नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में दीपक तलवार से आगे निकलने की, विनय भाटिया की तैयारी पर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले ने पानी फेरा

नई दिल्ली । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के एक फैसले के कारण पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया के लिए 'सिर मुँडाते ओले पड़ने' वाले हालात बन गए हैं । विनय भाटिया ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी का चुनाव जीतने के उद्देश्य से 'अपने' वोट बनाने के लिए कई नए क्लब बनाये, लेकिन रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के एक फैसले के चलते इस वर्ष बने क्लब्स को इस वर्ष होने वाले चुनाव में वोट देने का अधिकार नहीं मिलेगा - और इस तरह 'फर्जी' वोट बना कर चुनाव जीतने की विनय भाटिया की तैयारी शुरू होते ही औंधे मुँह गिर पड़ी है । उल्लेखनीय है कि रोटरी में होने वाले चुनावी मुकाबले में अपने आप को कमजोर समझने वाले उम्मीदवार फर्जी किस्म के नए क्लब बना कर तथा क्लब्स की सदस्यता फर्जी तरीके से बढ़ा कर 'अपने' वोट बनाते/बढ़ाते हैं, और चुनाव जीतने का जुगाड़ लगाते हैं । चुनाव संपन्न होते ही वोट बनाने/बढ़ाने के उद्देश्य से बने क्लब और सदस्य फिर गायब हो जाते हैं । चुनावी फायदे के लिए नए क्लब और नए सदस्य बनाने को लेकर रोटरी इंटरनेशनल को बहुत शिकायतें मिलती रही हैं - उन्हीं शिकायतों का संज्ञान लेकर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने कुछेक अन्य देशों के साथ-साथ भारत के लिए भी मौजूदा वर्ष से यह नियम बना दिया है कि इस वर्ष बनने वाले क्लब्स तथा नए सदस्यों को इस वर्ष के चुनाव में वोट देने/डालने का अधिकार नहीं मिलेगा । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के इस फैसले ने फर्जी वोट बना कर इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए बनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में बढ़त बनाने की विनय भाटिया की तैयारी पर पानी फेर दिया है ।        
उल्लेखनीय है कि फर्जी तरीके से आठ दिन के लिए डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन 'बने' विनय भाटिया ने डिस्ट्रिक्ट वर्ष के पहले ही दिन 16 नए क्लब तथा करीब 500 नए सदस्य बनाने/बनवाने का काम किया था । उनकी तरफ से दावा किया गया था कि वह जल्दी ही 12 और नए क्लब बनायेंगे/बनवायेंगे तथा कुछेक क्लब्स की सदस्यता में वृद्धि करें/करवायेंगे । एकदम से कई नए क्लब बनाने/बनवाने की उनकी कार्रवाई को वास्तव में उनकी चुनावी तैयारी के रूप में ही देखा/पहचाना गया - और इस बारे में रोटरी इंटरनेशनल के विभिन्न पदाधिकारियों से शिकायतें भी की गईं । शिकायतों में साफ साफ कहा/बताया गया कि विनय भाटिया ने जो नए क्लब तथा सदस्य बनाये/बनवाये हैं, उनमें रोटरी इंटरनेशनल द्वारा तय की गई प्रक्रिया को नहीं अपनाया है, और 'कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा / भानुमती का कुनबा जोड़ा' वाली तर्ज पर क्लब्स बना दिए गए हैं, और जो चुनावी फायदा पहुँचा कर बंद हो जायेंगे । इस बारे में जोन 4 के रोटरी कोऑर्डीनेटर गुरजीत सिंह सेखों तथा असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डीनेटर प्रियेश भंडारी से भी शिकायत की गई; जिन्होंने लेकिन यह कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें तो सिर्फ इस बात से मतलब है कि उनके 'कार्यकाल' में रोटरी की सदस्यता बढ़ रही है । रोटरी में दरअसल यह 'बीमारी' पक्का घर बना चुकी है कि हर पदाधिकारी रिकॉर्ड बनाने के चक्कर में रहता है - और इसके लिए किसी भी स्तर का फर्जीवाड़ा करने के तैयार रहता है, और/या फर्जीवाड़े पर आँखें बंद कर लेता है । विनय भाटिया द्वारा नए क्लब्स व सदस्य बनाने के अभियान को इसीलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव राय मेहरा ने बढ़चढ़ कर न सिर्फ सहयोग दिया, बल्कि रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों को रौंदते हुए उन्होंने विनय भाटिया को फर्जी तरीके से डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन बनाने की भी कोशिश की - जिसके लिए उन्हें खासी लताड़ सुनने को मिली और अपने फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
विनय भाटिया के लिए मुसीबत की बात यह रही कि फर्जी तरीके से डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन का पद पाने और फिर हटाये जाने के मामले में हुई फजीहत के चलते उनके नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव अभियान पर खासा प्रतिकूल असर पड़ा, और लोगों से उन्हें सुनने को मिला कि रोटरी इंटरनेशनल नियम-कानूनों से धोखा करने की उनकी कोशिशों को देखते हुए उन्हें किसी भी पद के भला क्यों चुना जाना चाहिए ? इसके आलावा, नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी करते सुने जा रहे वरिष्ठ पूर्व गवर्नर दीपक तलवार के मुकाबले विनय भाटिया को विभिन्न पैमानों के आधार पर कमजोर ही देखा/माना जा रहा है । रोटरी में काम करने का रिकॉर्ड हो, या रोटरी सक्रियता व प्रभाव का मामला हो - विनय भाटिया हर मामले में दीपक तलवार से बहुत ही 'हलके' पड़ते/लगते हैं । दीपक तलवार और विनय भाटिया के बीच तुलना करने के मौकों को हालाँकि विनोद बंसल ने विनय भाटिया के पक्ष में करने की यह कहते/बताते हुए कोशिश की कि विनय भाटिया उनके प्रतिनिधि हैं, इसलिए विनय भाटिया की कमजोरियों तथा उनके हल्केपन पर ध्यान मत दो । विनय भाटिया दरअसल विनोद बंसल के उम्मीदवार हैं, इसलिए उनका कहना/बताना है कि विनय भाटिया जैसे भी हैं और जो भी हैं - ध्यान रखने की बात सिर्फ यह है कि वह उनके प्रतिनिधि हैं; और यही मान कर उनका समर्थन करना है । विनोद बंसल की वैशाखी और फर्जी वोटों के सहारे विनय भाटिया अपनी उम्मीदवारी के अभियान को खड़ा करने की कोशिश कर ही रहे थे, कि रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड का फैसला आ गया - जिसने विनय भाटिया की सारी तैयारी को चारों खाने चित्त कर दिया है ।
विनय भाटिया हालाँकि अभी रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले की लिखावट के शब्दों को पकड़कर लोगों को - और शायद अपने आपको भरोसा देने/दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड का फैसला डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव  संदर्भ में है; और नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में उक्त फैसला लागू नहीं होगा तथा उनके बनाये क्लब्स के वोटों का लाभ उन्हें मिलेगा । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड का फैसला जिन कारणों से और जिस बड़े स्तर पर लागू हुआ है, उसे देखते/समझते हुए अधिकतर लोगों को लेकिन यही विश्वास है कि उक्त फैसला सभी चुनावों पर लागू होगा, और इस फैसले ने विनय भाटिया के फर्जी वोट बना कर चुनाव जीतने के प्रयासों पर ग्रहण लगा दिया है ।