लखनऊ । बीएम श्रीवास्तव के कैबिनेट सेक्रेटरी बनने में, उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'चुने' जाने की राह खुलती/बनती हुई नजर आ रही है । माना/समझा जा रहा है कि बीएम श्रीवास्तव को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाने का फैसला डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कमल शेखर गुप्ता ने वरिष्ठ पूर्व गवर्नर गुरनाम सिंह के दबाव में लिया है । बीएम श्रीवास्तव को पूर्व गवर्नर केएस लूथरा के नजदीकी के रूप में देखा/पहचाना जाता है, और इस नाते कमल शेखर गुप्ता उन्हें कैबिनेट सेक्रेटरी बनाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन गुरनाम सिंह के दबाव के सामने उनकी एक न चली और उन्हें बीएम श्रीवास्तव को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाने के लिए मजबूर होना ही पड़ा । बीएम श्रीवास्तव को कैबिनेट सेक्रेटरी बनवाने में गुरनाम सिंह ने जिस तरह से दिलचस्पी ली है, उसे देख कर ही समझा जा रहा है कि गुरनाम सिंह ने बीएम श्रीवास्तव को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में 'देखना' शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि नेगेटिव वोटिंग के कारण जगदीश अग्रवाल के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने में असफल रहने के बाद, खाली रह गए फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद के लिए चुनाव/चयन होना है - जिसके लिए बीएम श्रीवास्तव को प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । मजे की बात यह है कि इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट की सत्ता में वह लोग हैं, जो करीब पंद्रह महीने पहले हुए चुनाव में बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी के खिलाफ थे, और जिनकी खिलाफत के कारण बीएम श्रीवास्तव चुनाव हार गए थे । लेकिन पिछले पंद्रह महीनों में गोमती में बहुत से पानी बह गया है, और हालात इस कदर बदल गए हैं कि जगदीश अग्रवाल को नेगेटिव वोटिंग के जरिये बाहर कर दिया गया है - और फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी खाली हो गई है ।
मजे की बात यह भी है कि बीएम श्रीवास्तव को भले ही केएस लूथरा के नजदीकी के रूप देखा/पहचाना जाता है, लेकिन पिछले से पिछले लायन वर्ष में हुए चुनाव में बीएम श्रीवास्तव ने केएस लूथरा को अपने चुनाव अभियान से दूर रख कर 'लगभग बेइज्जत' किया था । बीएम श्रीवास्तव का कहना था कि केएस लूथरा उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में यदि सक्रिय 'दिखेंगे' तो उन्हें वोटों का नुकसान पहुँचायेंगे; बीएम श्रीवास्तव की हिदायत थी कि केएस लूथरा उन्हें दूर से ही समर्थन दें, उन्हें चुनाव जितवाने का काम मनोज रुहेला कर लेंगे । मनोज रुहेला उस समय फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे, और बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी की कमान उनके ही हाथ में थी । उस समय लेकिन बीएम श्रीवास्तव चुनाव हार गए थे - और सिर्फ चुनाव ही नहीं हार गए थे, चुनाव अभियान के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में 'वोटरों को लुभाने का सामान' ले जाने के मामले में पुलिसिया झमेले में भी फँस गए थे । बहरहाल, जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि तब से अब तक गोमती में बहुत सा पानी बह चुका है, और डिस्ट्रिक्ट में हालात खासे बदल चुके हैं । डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक समीकरणों में एक बड़ा बदलाव गुरनाम सिंह और केएस लूथरा के नजदीक आने के रूप में हुआ है । दरअसल, गुरनाम सिंह का नाम लेकर विशाल सिन्हा ने जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट में अपनी 'दुकान' जमाने/चलाने की कोशिश की, उससे गुरनाम सिंह को खासा तगड़ा झटका लगा । वास्तव में, विशाल सिन्हा की शह पर ही जगदीश अग्रवाल कई पूर्व गवर्नर्स के साथ-साथ गुरनाम सिंह को लेकर भी तरह तरह की बकवासबाजी कर रहे थे । उसके बाद ही, गुरनाम सिंह ने जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा से एकसाथ पीछा छुड़ाने की तैयारी की, जिसमें उन्हें केएस लूथरा का पूरा सहयोग मिला । समझा जाता है कि जिन केएस लूथरा को पिछले से पिछले लायन वर्ष में बीएम श्रीवास्तव ने अपने चुनाव अभियान से दूर रखा था, उन्हीं केएस लूथरा की कोशिशों से गुरनाम सिंह नेगेटिव वोटिंग के कारण खाली हुई फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी के लिए बीएम श्रीवास्तव के नाम पर विचार के लिए तैयार हुए हैं ।
केएस लूथरा की सिफारिश पर बीएम श्रीवास्तव के नाम पर तैयार होने के लिए गुरनाम सिंह पर लायंस क्लब शाहजहाँपुर विशाल के वरिष्ठ सदस्य तेजेंद्रपाल सिंह की भी सिफारिश है । तेजेंद्रपाल सिंह इस वर्ष होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार होने/बनने की तैयारी में हैं, और उन्हें गुरनाम सिंह के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । उनके साथ-साथ लायंस क्लब काशीपुर ग्रेटर के वरिष्ठ सदस्य अपूर्व मेहरोत्रा को भी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी में देखा/सुना जा रहा है, जिन्हें केएस लूथरा का समर्थन बताया/सुना जा रहा है । तेजेंद्रपाल सिंह के लिए मुसीबत की बात यह है कि शाहजहाँपुर के दोनों पूर्व गवर्नर्स - प्रमोद सेठ और संजय चोपड़ा उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ हैं, और इस कोशिश में हैं कि कैसे भी करके वह उनका खेल बिगाड़े और शाहजहाँपुर में तीसरा गवर्नर न बनने दें । ऐसे में, तेजेंद्रपाल सिंह को केएस लूथरा की मदद की जरूरत है, केएस लूथरा के साथ उनके अच्छे संबंध रहे भी हैं - उन अच्छे संबंधों को अब वह राजनीतिक समीकऱण में बदलना चाहते हैं । तेजेंद्रपाल सिंह के नजदीकियों का कहना/बताना है कि तेजेंद्रपाल सिंह ने गुरनाम सिंह को सलाह दी है कि वह यदि बीएम श्रीवास्तव को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवा देते हैं, तो इस वर्ष होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में केएस लूथरा को समर्थन के लिए राजी किया जा सकेगा - अपूर्व मेहरोत्रा को अगली बार के लिए हरी झंडी दे दी जाएगी । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की खाली सीट को भरने के लिए गुरनाम सिंह क्या फैसला करेंगे, यह तो जब फैसला होगा तभी पता चलेगा - लेकिन बीएम श्रीवास्तव के कैबिनेट सेक्रेटरी बनने से यह संकेत जरूर मिलता है कि बीएम श्रीवास्तव को लेकर गुरनाम सिंह का रवैया सकारात्मक तो हुआ है ।
मजे की बात यह भी है कि बीएम श्रीवास्तव को भले ही केएस लूथरा के नजदीकी के रूप देखा/पहचाना जाता है, लेकिन पिछले से पिछले लायन वर्ष में हुए चुनाव में बीएम श्रीवास्तव ने केएस लूथरा को अपने चुनाव अभियान से दूर रख कर 'लगभग बेइज्जत' किया था । बीएम श्रीवास्तव का कहना था कि केएस लूथरा उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में यदि सक्रिय 'दिखेंगे' तो उन्हें वोटों का नुकसान पहुँचायेंगे; बीएम श्रीवास्तव की हिदायत थी कि केएस लूथरा उन्हें दूर से ही समर्थन दें, उन्हें चुनाव जितवाने का काम मनोज रुहेला कर लेंगे । मनोज रुहेला उस समय फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे, और बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी की कमान उनके ही हाथ में थी । उस समय लेकिन बीएम श्रीवास्तव चुनाव हार गए थे - और सिर्फ चुनाव ही नहीं हार गए थे, चुनाव अभियान के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में 'वोटरों को लुभाने का सामान' ले जाने के मामले में पुलिसिया झमेले में भी फँस गए थे । बहरहाल, जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि तब से अब तक गोमती में बहुत सा पानी बह चुका है, और डिस्ट्रिक्ट में हालात खासे बदल चुके हैं । डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक समीकरणों में एक बड़ा बदलाव गुरनाम सिंह और केएस लूथरा के नजदीक आने के रूप में हुआ है । दरअसल, गुरनाम सिंह का नाम लेकर विशाल सिन्हा ने जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट में अपनी 'दुकान' जमाने/चलाने की कोशिश की, उससे गुरनाम सिंह को खासा तगड़ा झटका लगा । वास्तव में, विशाल सिन्हा की शह पर ही जगदीश अग्रवाल कई पूर्व गवर्नर्स के साथ-साथ गुरनाम सिंह को लेकर भी तरह तरह की बकवासबाजी कर रहे थे । उसके बाद ही, गुरनाम सिंह ने जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा से एकसाथ पीछा छुड़ाने की तैयारी की, जिसमें उन्हें केएस लूथरा का पूरा सहयोग मिला । समझा जाता है कि जिन केएस लूथरा को पिछले से पिछले लायन वर्ष में बीएम श्रीवास्तव ने अपने चुनाव अभियान से दूर रखा था, उन्हीं केएस लूथरा की कोशिशों से गुरनाम सिंह नेगेटिव वोटिंग के कारण खाली हुई फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी के लिए बीएम श्रीवास्तव के नाम पर विचार के लिए तैयार हुए हैं ।
केएस लूथरा की सिफारिश पर बीएम श्रीवास्तव के नाम पर तैयार होने के लिए गुरनाम सिंह पर लायंस क्लब शाहजहाँपुर विशाल के वरिष्ठ सदस्य तेजेंद्रपाल सिंह की भी सिफारिश है । तेजेंद्रपाल सिंह इस वर्ष होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार होने/बनने की तैयारी में हैं, और उन्हें गुरनाम सिंह के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । उनके साथ-साथ लायंस क्लब काशीपुर ग्रेटर के वरिष्ठ सदस्य अपूर्व मेहरोत्रा को भी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की तैयारी में देखा/सुना जा रहा है, जिन्हें केएस लूथरा का समर्थन बताया/सुना जा रहा है । तेजेंद्रपाल सिंह के लिए मुसीबत की बात यह है कि शाहजहाँपुर के दोनों पूर्व गवर्नर्स - प्रमोद सेठ और संजय चोपड़ा उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ हैं, और इस कोशिश में हैं कि कैसे भी करके वह उनका खेल बिगाड़े और शाहजहाँपुर में तीसरा गवर्नर न बनने दें । ऐसे में, तेजेंद्रपाल सिंह को केएस लूथरा की मदद की जरूरत है, केएस लूथरा के साथ उनके अच्छे संबंध रहे भी हैं - उन अच्छे संबंधों को अब वह राजनीतिक समीकऱण में बदलना चाहते हैं । तेजेंद्रपाल सिंह के नजदीकियों का कहना/बताना है कि तेजेंद्रपाल सिंह ने गुरनाम सिंह को सलाह दी है कि वह यदि बीएम श्रीवास्तव को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवा देते हैं, तो इस वर्ष होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में केएस लूथरा को समर्थन के लिए राजी किया जा सकेगा - अपूर्व मेहरोत्रा को अगली बार के लिए हरी झंडी दे दी जाएगी । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की खाली सीट को भरने के लिए गुरनाम सिंह क्या फैसला करेंगे, यह तो जब फैसला होगा तभी पता चलेगा - लेकिन बीएम श्रीवास्तव के कैबिनेट सेक्रेटरी बनने से यह संकेत जरूर मिलता है कि बीएम श्रीवास्तव को लेकर गुरनाम सिंह का रवैया सकारात्मक तो हुआ है ।