Saturday, July 25, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 के निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता सदस्यता वृद्धि तथा फाउंडेशन की जमा राशि के मामले में उलटे नतीजे देकर, डिस्ट्रिक्ट और रोटरी को पीछे घसीटने पर शर्मिंदा होने की बजाये, अपनी उपलब्धियों का ढोल पीटने तथा खुद ही खुद को शाबासी देने में क्यों लगे हुए हैं ?

गाजियाबाद । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता सच्चाई को छिपाते तथा तथ्यों से खिलवाड़ करते हुए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच झूठी वाहवाही लेने की कोशिश भले ही कर रहे हों, लेकिन रोटरी जगत में यही माना/पहचाना जा रहा है कि उनके गवर्नर वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3012 तथा रोटरी को नुकसान ही हुआ है - तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट व रोटरी को पीछे ही ले गए हैं । सदस्य-संख्या के मामले में तो दीपक गुप्ता गोलमोल बातें बनाते हुए अपनी उपलब्धि का झूठा ही श्रेय लेने की कोशिश करते हुए 'रंगे हाथ' पकड़े गए हैं । उल्लेखनीय है कि वह जोरशोर से यह तो बता रहे हैं कि उनके गवर्नर वर्ष में 12 नए क्लब बने तथा 500 से अधिक नए सदस्य रोटरी से जुड़े - लेकिन यह बताते हुए वह धूर्तता यह दिखा रहे हैं कि वह यह नहीं बता रहे हैं कि उनके गवर्नर रहते हुए डिस्ट्रिक्ट की सदस्य संख्या क्या से क्या हुई है ? दरअसल वह यह इसलिए नहीं बता रहे हैं कि यह बात सामने आते ही उनकी पोल खुल जायेगी और लोगों को पता चल जायेगा कि उनके गवर्नर रहते हुए डिस्ट्रिक्ट व रोटरी को फायदा नहीं - बल्कि घाटा हुआ है । रोटरी इंटरनेशनल के रिकॉर्ड के अनुसार, एक जुलाई 2019 को जब दीपक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार संभाला था, तब डिस्ट्रिक्ट की सदस्य-संख्या 3709 थी - लेकिन 30 जून 2020 को जब दीपक गुप्ता गवर्नर की कुर्सी से उतरे, तब सदस्य-संख्या घटकर 3695 रह गई । क्लब्स की औसत सदस्यता के संदर्भ में तो यह घाटा और भी बड़ा है, क्योंकि इस दौरान क्लब्स की संख्या 95 से बढ़कर 105 हुई है । सिर्फ इतना ही नहीं, रोटरी इंटरनेशनल के महिलाओं की सदस्यता को प्रोत्साहित करने के अभियान को पूरा करने के मामले में भी दीपक गुप्ता बुरी तरह असफल रहे हैं । उनके गवर्नर वर्ष में महिला सदस्यों की हिस्सेदारी 25.96 प्रतिशत से घटकर 23.57 प्रतिशत रह गई है ।
रोटरी फाउंडेशन के लिए जमा हुई रकम को लेकर भी दीपक गुप्ता तथ्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं, और पूरी सच्चाई बताये बिना अपने आपको शाबासी दिए जा रहे हैं - जबकि सच्चाई यह है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्होंने रोटरी फाउंडेशन का अकाउंट भरने का नहीं, बल्कि खाली करने का काम किया है । दीपक गुप्ता रोटरी फाउंडेशन के लिए 10 लाख डॉलर से अधिक की रकम जमा होने की बात तो बता रहे हैं, लेकिन इस तथ्य को बहुत ही चालाकी से छिपा ले रहे हैं कि इसमें पाँच लाख डॉलर से अधिक की रकम तो टर्म गिफ्ट के रूप में है, जिसके बदले में तीन से चार गुना रकम ग्लोबल ग्रांट के रूप में रोटरी फाउंडेशन से ली जायेगी - यानि उक्त रकम दान नहीं है, बल्कि इन्वेस्टमेंट है; और यह रकम रोटरी फाउंडेशन के अकाउंट में जमा रकम को बढ़ाने का नहीं, उलटे घटाने का काम करेगी । इस तरह, दीपक गुप्ता ने रोटरी फाउंडेशन को चूना लगाने का ही काम नहीं किया है - बल्कि उनकी असफलता इस मामले में भी है कि टर्म गिफ्ट के नाम पर भी वह कुल करीब छह/आठ क्लब्स से ही पैसे जुटा पाए हैं और डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर क्लब्स की तरफ से उन्हें ठेंगा ही मिला है ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी का विकास सदस्यता वृद्धि तथा फाउंडेशन की जमा राशि पर ही निर्भर करता है, और इसीलिए रोटरी इंटरनेशनल इन दोनों क्षेत्रों में अधिक से अधिक ध्यान देने पर जोर देता है - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता ने लेकिन दोनों ही क्षेत्रों में उलटे नतीजे देकर वास्तव में रोटरी को आगे बढ़ाने की बजाये, पीछे घसीटने का ही काम किया है । हद की बात यह है कि अपनी असफलता पर शर्मिंदा होने की बजाये वह आधी-अधूरी बातें बता कर दोनों ही क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों का ढोल पीट रहे हैं और खुद ही खुद को शाबासी देने में लगे हुए हैं ।