आगरा । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मधु सिंह के सवालों और आरोपों का जबाव देने के लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पारस अग्रवाल के खुद मैदान में उतर आने से उनके बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर लंबा खिंचता दिख रहा है, जिसके सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनीता बंसल के लिए मुसीबत भरा साबित होने का अनुमान लगाया जा रहा है । डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को आशंका हो चली है कि मधु सिंह तथा पारस अग्रवाल के बीच चल रही तू-तू मैं-मैं के कारण सुनीता बंसल का हाल कहीं डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन के जगदीश अग्रवाल जैसा न हो जाए ? जगदीश अग्रवाल पिछले लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे, जिन्होंने अपने रवैये और व्यवहार से डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख पूर्व गवर्नर्स को नाराज कर लिया था - जिसके चलते पूर्व गवर्नर्स ने उनके खिलाफ 51 प्रतिशत से अधिक नेगेटिव वोटिंग करवा दी और फलस्वरूप जगदीश अग्रवाल फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन सके और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की उनकी तैयारी पर पानी फिर गया । जगदीश अग्रवाल ने कोशिश की कि लायंस इंटरनेशनल चुनावी नतीजे को इग्नोर करके उन्हें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बना दे, लेकिन लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने भी साफ कर दिया कि सेकेंड से फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट बनने के लिए जरूरी 51 प्रतिशत वोट वह चूँकि नहीं पा सके हैं, इसलिए वह (फर्स्ट वाइस) डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की पात्रता खो चुके हैं । डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू में सुनीता बंसल को चूँकि मधु सिंह के नजदीकी के रूप में देखा/पहचाना जाता है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को लग रहा है कि मधु सिंह और पारस अग्रवाल के बीच चलने वाली कीचड़-उछाल राजनीति के चलते सुनीता बंसल का हाल जगदीश अग्रवाल जैसा ही होगा ।
उल्लेखनीय है कि सुनीता बंसल ने पिछले से पिछले लायन वर्ष में मधु सिंह के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, पारस अग्रवाल और जितेंद्र चौहान की जोड़ी ने लेकिन उन्हें जीतने नहीं दिया । पिछले लायन वर्ष में सुनीता बंसल फिर से मधु सिंह के सहयोग/समर्थन के भरोसे चुनावी दौड़ में शामिल हुईं । जितेंद्र चौहान चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में एंडोर्समेंट लेने के चक्कर में थे, इसलिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति से दूर रहने की घोषणा की - और ऐसा लगा कि सुनीता बंसल निर्विरोध ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जायेंगी । लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही जब दो और उम्मीदवार मैदान में आ कूदे तो डिस्ट्रिक्ट में हलचल मची और सुनने को मिला कि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच पैसों को लेकर अनबन हो गई है, और मधु सिंह ने सुनीता बंसल से पैसे बसूलने के लिए फर्जी उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं । उनमें से एक उम्मीदवार के पारस अग्रवाल के क्लब का सदस्य होने के कारण इस चर्चा को भी बल मिला कि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच होने वाली अनबन का फायदा उठा कर पारस अग्रवाल एक बार फिर सुनीता बंसल का काम बिगाड़ना चाहते हैं । लेकिन जल्दी ही, चूँकि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच 'सौदा' पट गया और पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी भी डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में ज्यादा फँसना/पड़ना नहीं चाहती थी - इसलिए सुनीता बंसल के लिए रास्ता साफ हो गया । सुनीता बंसल का तो काम बन गया, लेकिन जो तमाशा हुआ - उसके चलते मधु सिंह की बड़ी किरकिरी हुई; लोगों के बीच बातें सुनने को मिलीं कि मधु सिंह ने सुनीता बंसल से 'इतने' रुपए लिए कि 'उतने' रुपए लिए । मधु सिंह ने अपनी इस फजीहत के लिए पारस अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि लोगों के बीच पारस अग्रवाल ही इस तरह की बातें फैला रहे हैं और उन्हें बदनाम कर रहे हैं ।
मधु सिंह ने जबावी हमला करते हुए पारस अग्रवाल के मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के अकाउंट को मुद्दा बनाया और तरह तरह के सवाल उठाते तथा आरोप लगाते हुए पारस अग्रवाल पर कीचड़ उछालना शुरू किया । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के समीकरणों के कारण मधु सिंह के पारस अग्रवाल विरोधी अभियान को खूब हवा भी मिली । मधु सिंह के सवालों और आरोपों का अभी हाल ही में जबाव देते हुए खुद पारस अग्रवाल भी मैदान में कूद पड़े हैं, जिसके बाद वाट्सऐप ग्रुपों में मधु सिंह और पारस अग्रवाल को लेकर तू-तू मैं-मैं और बढ़ गई है । पारस अग्रवाल के खुद मैदान में आ जाने से लोगों को लग रहा है कि पारस अग्रवाल और उनके साथियों ने मधु सिंह को 'ईंट का जबाव पत्थर से' देने की तैयारी कर ली है; और आने वाले दिनों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मधु सिंह के अकाउंट को लेकर सवाल तथा आरोप उछाले जायेंगे । इस झमेले में सुनीता बंसल के लिए मुसीबतें बढ़ती देखी जा रही हैं । सुनीता बंसल अभी तक मधु सिंह के साथ 'दिखती' रही हैं - पारस अग्रवाल और जितेंद्र चौहान की जोड़ी उन्हें लेकिन मधु सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपने साथ करना चाहेगी; लोगों को लगता है कि ऐसे में, सुनीता बंसल ने यदि मधु सिंह के प्रति जरा भी नजदीकियत दिखाई, तो पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी उनके खिलाफ नेगेटिव वोटिंग करवा कर उन्हें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बनने देगी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी तक पहुँचने के लिए सुनीता बंसल को दो बार चुनाव का सामना करना है और दोनों बार 51 प्रतिशत वोट पाने हैं, जो पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी के समर्थन के बिना उनके लिए मुश्किल क्या - असंभव ही होगा । इसीलिए मधु सिंह और पारस अग्रवाल के बीच भड़कती दिख रही कीचड़-उछाल होड़ सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनीता बंसल के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है ।
उल्लेखनीय है कि सुनीता बंसल ने पिछले से पिछले लायन वर्ष में मधु सिंह के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, पारस अग्रवाल और जितेंद्र चौहान की जोड़ी ने लेकिन उन्हें जीतने नहीं दिया । पिछले लायन वर्ष में सुनीता बंसल फिर से मधु सिंह के सहयोग/समर्थन के भरोसे चुनावी दौड़ में शामिल हुईं । जितेंद्र चौहान चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में एंडोर्समेंट लेने के चक्कर में थे, इसलिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति से दूर रहने की घोषणा की - और ऐसा लगा कि सुनीता बंसल निर्विरोध ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जायेंगी । लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही जब दो और उम्मीदवार मैदान में आ कूदे तो डिस्ट्रिक्ट में हलचल मची और सुनने को मिला कि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच पैसों को लेकर अनबन हो गई है, और मधु सिंह ने सुनीता बंसल से पैसे बसूलने के लिए फर्जी उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं । उनमें से एक उम्मीदवार के पारस अग्रवाल के क्लब का सदस्य होने के कारण इस चर्चा को भी बल मिला कि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच होने वाली अनबन का फायदा उठा कर पारस अग्रवाल एक बार फिर सुनीता बंसल का काम बिगाड़ना चाहते हैं । लेकिन जल्दी ही, चूँकि मधु सिंह और सुनीता बंसल के बीच 'सौदा' पट गया और पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी भी डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में ज्यादा फँसना/पड़ना नहीं चाहती थी - इसलिए सुनीता बंसल के लिए रास्ता साफ हो गया । सुनीता बंसल का तो काम बन गया, लेकिन जो तमाशा हुआ - उसके चलते मधु सिंह की बड़ी किरकिरी हुई; लोगों के बीच बातें सुनने को मिलीं कि मधु सिंह ने सुनीता बंसल से 'इतने' रुपए लिए कि 'उतने' रुपए लिए । मधु सिंह ने अपनी इस फजीहत के लिए पारस अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि लोगों के बीच पारस अग्रवाल ही इस तरह की बातें फैला रहे हैं और उन्हें बदनाम कर रहे हैं ।
मधु सिंह ने जबावी हमला करते हुए पारस अग्रवाल के मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के अकाउंट को मुद्दा बनाया और तरह तरह के सवाल उठाते तथा आरोप लगाते हुए पारस अग्रवाल पर कीचड़ उछालना शुरू किया । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के समीकरणों के कारण मधु सिंह के पारस अग्रवाल विरोधी अभियान को खूब हवा भी मिली । मधु सिंह के सवालों और आरोपों का अभी हाल ही में जबाव देते हुए खुद पारस अग्रवाल भी मैदान में कूद पड़े हैं, जिसके बाद वाट्सऐप ग्रुपों में मधु सिंह और पारस अग्रवाल को लेकर तू-तू मैं-मैं और बढ़ गई है । पारस अग्रवाल के खुद मैदान में आ जाने से लोगों को लग रहा है कि पारस अग्रवाल और उनके साथियों ने मधु सिंह को 'ईंट का जबाव पत्थर से' देने की तैयारी कर ली है; और आने वाले दिनों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मधु सिंह के अकाउंट को लेकर सवाल तथा आरोप उछाले जायेंगे । इस झमेले में सुनीता बंसल के लिए मुसीबतें बढ़ती देखी जा रही हैं । सुनीता बंसल अभी तक मधु सिंह के साथ 'दिखती' रही हैं - पारस अग्रवाल और जितेंद्र चौहान की जोड़ी उन्हें लेकिन मधु सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपने साथ करना चाहेगी; लोगों को लगता है कि ऐसे में, सुनीता बंसल ने यदि मधु सिंह के प्रति जरा भी नजदीकियत दिखाई, तो पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी उनके खिलाफ नेगेटिव वोटिंग करवा कर उन्हें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बनने देगी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी तक पहुँचने के लिए सुनीता बंसल को दो बार चुनाव का सामना करना है और दोनों बार 51 प्रतिशत वोट पाने हैं, जो पारस अग्रवाल व जितेंद्र चौहान की जोड़ी के समर्थन के बिना उनके लिए मुश्किल क्या - असंभव ही होगा । इसीलिए मधु सिंह और पारस अग्रवाल के बीच भड़कती दिख रही कीचड़-उछाल होड़ सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनीता बंसल के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है ।