Sunday, July 19, 2020

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल की वर्चुअल सीपीई मीटिंग में पंकज गुप्ता की भागीदारी देख कर लोगों को विश्वास हो चला है कि शशांक अग्रवाल ने आखिरकार पंकज गुप्ता को 'मैनेज' कर लिया है, और अब सभी वेंडर्स व फैकल्टीज के भुगतान हो जायेंगे

नई दिल्ली । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन शशांक अग्रवाल को अंततः ट्रेजरर पंकज गुप्ता के सामने समर्पण करने के लिए मजबूर होना ही पड़ा, और कल शाम आयोजित हुई एक वर्चुअल सीपीई मीटिंग के निमंत्रण पत्र पर उनकी तस्वीर छाप कर शशांक अग्रवाल ने पंकज गुप्ता की नाराजगी को खत्म करने की कोशिश की । शशांक अग्रवाल हालाँकि कोशिश तो कर रहे थे कि पंकज गुप्ता उनके सामने समर्पण करेंगे, लेकिन उनकी कोशिशें सफल नहीं हो सकीं - और उन्हें ही पंकज गुप्ता के सामने झुकना पड़ा । पंकज गुप्ता को खुश करने व रखने के लिए शशांक अग्रवाल ने पंकज गुप्ता के नजदीकी विजय गुप्ता को भी, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए अमेरिका में अवसर तलाशने के मुद्दे पर हुई वर्चुअल सीपीई मीटिंग में शामिल किया और उनकी भी तस्वीर निमंत्रण पत्र में प्रकाशित की । उम्मीद की जा रही है कि पंकज गुप्ता के सामने समर्पण करके तथा उन्हें खुश करने की कोशिशो से शशांक अग्रवाल ट्रेजरर के रूप में पंकज गुप्ता से वेंडर्स व जीएमसीएस कोर्स की फैकल्टीज को दिए जाने वाले चेक्स पर हस्ताक्षर करवा लेंगे, तथा भुगतान न हो पाने के आरोपों से छुटकारा पा लेंगे । उल्लेखनीय है कि पिछले महीने आयोजित हुई रीजनल काउंसिल की एक ऑनलाइन मीटिंग में रीजनल काउंसिल को विभिन्न सर्विसेज उपलब्ध करवाने वाले वेंडर्स तथा जीएमसीएस कोर्स की फैकल्टीज को महीनों से भुगतान न होने का मुद्दा उठाया गया था, जिसका ठीकरा शशांक अग्रवाल ने ट्रेजरर पंकज गुप्ता के सिर पर यह कहते/बताते हुए फोड़ दिया था कि उन्होंने तो सब हिसाब बना/बनवा लिए हैं - लेकिन चेक्स पर ट्रेजरर पंकज गुप्ता द्वारा हस्ताक्षर न किए जाने के कारण भुगतान नहीं हो पाए हैं । मीटिंग के बाद शशांक अग्रवाल ने हालाँकि लोगों को आश्वस्त किया था कि वह पंकज गुप्ता को 'मैनेज' कर लेंगे ।
कल शाम हुई मीटिंग के निमंत्रण पत्र को देखने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को आभास हो चला है कि पंकज गुप्ता 'मैनेज' हो गए हैं । पंकज गुप्ता के नजदीकियों का कहना/बताना है कि पंकज गुप्ता ज्यादा 'डिमांडिंग' नहीं हैं, उन्हें इस बात से ज्यादा मतलब नहीं है कि चेयरमैन के रूप में शशांक अग्रवाल कहाँ कैसे क्या कर रहे हैं - वह तो सिर्फ इतना चाहते हैं कि ट्रेजरर के रूप में उनसे जिन चेक्स पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाए, उसका पूरा विवरण उन्हें दिया जाए । नजदीकियों के अनुसार, शशांक अग्रवाल ने जिन मामलों में विवरण दिए, पंकज गुप्ता ने उनके भुगतान को तुरंत हरी झंडी दे दी । शशांक अग्रवाल के नजदीकियों का कहना लेकिन यह रहा है कि पंकज गुप्ता रीजनल काउंसिल के हर कार्यक्रम में विशेष तवज्जो पाने की उम्मीद करते हैं, और सिर्फ अपने लिए ही नहीं - बल्कि अपने साथियों को भी तवज्जो देने की माँग करते रहे हैं, और 'माँग पूरी न होने पर' ही उन्होंने भुगतान रोक कर शशांक अग्रवाल के लिए परेशानी पैदा करना शुरू किया । पंकज गुप्ता को ऐसा करने का मौका उन आरोपों से मिला, जिनमें शशांक अग्रवाल पर अपने नजदीकियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से मनमाने तरीके से वेंडर्स व फैकल्टीज नियुक्त करने तथा उन्हें अनाप-शनाप तरीके से भुगतान करने की कोशिश करने की बातें कहीं गईं । इस तरह के आरोप चूँकि काउंसिल सदस्यों ने ही लगाए, और शशांक अग्रवाल काउंसिल सदस्यों के आरोपों पर जिस तरह से चुप्पी साधते व छिपते/बचते नजर आए - उससे शशांक अग्रवाल आरोपों के घेरे में और फँसते गए । ट्रेजरर के रूप में पंकज गुप्ता ने शशांक अग्रवाल द्वारा बनाये/बनवाये गए हिसाब पर आँखमूंद कर हस्ताक्षर करने से इंकार करके उस घेरे को और कसने का काम किया ।
शशांक अग्रवाल के नजदीकियों का कहना/बताना है कि हिसाब के विवरण की बात तो एक बहाना है, असल समस्या रीजनल काउंसिल के कार्यक्रमों में तवज्जो पाना है - इसलिए अब जब रीजनल काउंसिल की वर्चुअल सीपीई मीटिंग में पंकज गुप्ता तथा उनके साथी विजय गुप्ता को शामिल कर लिया गया है, और उनकी तस्वीरें भी निमंत्रण पत्र में प्रमुखता से छापी हैं; तो अब देखियेगा कि सभी चेक्स धड़ाधड़ हस्ताक्षरित हो जायेंगे और सभी वेंडर्स व फैकल्टीज के भुगतान हो जायेंगे । रीजनल काउंसिल के पदाधिकारियों व सदस्यों के बीच कार्यक्रमों में मंच पर बैठने तथा निमंत्रण पत्र व बैकड्रॉप में नाम/तस्वीर होने को लेकर 'झगड़े' हालाँकि हमेशा होते रहे हैं - लेकिन मौजूदा टर्म में यह झगड़े बहुत ही निचले स्तर पर पहुँचे हुए नजर आ रहे हैं । इसी चक्कर में रीजनल काउंसिल के मौजूदा टर्म का पहला और पिछ्ला वर्ष बर्बाद हुआ; दूसरे व मौजूदा वर्ष में लॉकडाउन के कारण हालाँकि ज्यादा मौके नहीं बने - लेकिन फिर भी पदाधिकरियों ने झगड़ने के मौके बना लिए, जिसके चलते भुगतान अटके और कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा । कल शाम हुई वर्चुअल सीपीई मीटिंग में पंकज गुप्ता को विजय गुप्ता के साथ तवज्जो मिली देख लोगों को उम्मीद बनी है कि इससे शशांक अग्रवाल व पंकज गुप्ता के बीच झगड़ा खत्म होगा, और रीजनल काउंसिल का काम पटरी पर लौटेगा ।