Wednesday, February 19, 2014

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 के क्लब गाजियाबाद आईडियल में राजीव गोयल ने जेके गौड़ की शह पर जिस तरह संजय शर्मा को अपमानित किया, उसके चलते एक बार फिर क्लब में फूट के आसार पैदा हो गए दिख रहे हैं

गाजियाबाद । राजीव गोयल ने सीओएल के चुनाव में जेके गौड़ के प्रति अपनी वफादारी निभाने के चक्कर में अपने ही क्लब - रोटरी क्लब गाजियाबाद आईडियल - के अध्यक्ष संजय शर्मा की जैसी/जो बेइज्जती की/करवाई है, उसके कारण क्लब में उनके खिलाफ नाराजगी मुखर होने लगी है । संजय शर्मा की पूरे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के तथा दूसरे क्लब्स के अध्यक्षों के सामने जो खुली बेइज्जती हुई, उसकी बातें सुनकर क्लब के कई सदस्य कहने लगे हैं कि राजीव गोयल को रोटरी के नाम पर यदि जेके गौड़ की गुलामी ही करनी है तो उन्हें रोटरी क्लब गाजियाबाद रॉयल में ट्रांसफर ले लेना चाहिए - जहाँ अगले रोटरी वर्ष में उनकी पत्नी राधा गोयल अध्यक्ष होंगी । यह सलाह देने वाले लोग शायद नहीं जानते हैं कि गाजियाबाद रॉयल महिलायों का क्लब है और राजीव गोयल चाहें भी, तो भी उसमें ट्रांसफर नहीं ले सकते हैं । बहरहाल, राजीव गोयल क्या करें - यह राजीव गोयल जानें, मुख्य बात यह है कि जेके गौड़ के प्रति अपनी वफादारी दिखाने के चलते उन्होंने अपने ही क्लब के अध्यक्ष को जिस तरह अपमानित किया/कराया, उसके चलते क्लब में राजीव गोयल के प्रति गहरी नाराजगी है और क्लब के सदस्यों का कहना है कि राजीव गोयल ने जो किया है, उसके कारण कई लोग क्लब छोड़ सकते हैं ।
राजीव गोयल ने आखिर किया क्या ? सीओएल के लिए हुई वोटिंग में राजीव गोयल ने मौके पर मौजूद होने के बावजूद क्लब के अध्यक्ष संजय शर्मा को वोट नहीं डालने दिया और खुद वोट डाला । रोटरी में नियमानुसार वोट डालने का अधिकार अध्यक्ष का है । हाँ, वह यदि मौजूद न हो सकता हो तो अपना यह अधिकार किसी और को दे सकता है । सीओएल के लिए हुई वोटिंग में लेकिन रोटरी क्लब गाजियाबाद आईडियल की तरफ से जब राजीव गोयल ने वोट डाला, तब क्लब के अध्यक्ष संजय शर्मा मौके पर मौजूद थे । संजय शर्मा के नजदीकियों के अनुसार, राजीव गोयल ने उनका अधिकार छीन कर खुद वोट दरअसल इसलिए डाला क्योंकि उन्हें आशंका थी कि संजय शर्मा वायदा करने के बावजूद रमेश अग्रवाल को वोट नहीं देंगे, और आशीष घोष को वोट देंगे । संजय शर्मा के नजदीकियों के अनुसार, राजीव गोयल ने जेके गौड़ से रमेश अग्रवाल को वोट देने के लिए सौदा किया हुआ था । संजय शर्मा और क्लब के दूसरे प्रमुख सदस्यों का कहना था कि उन्हें भी गाजियाबाद के दूसरे क्लब्स के साथ ही रहना चाहिए; और जब गाजियाबाद के अधिकतर क्लब्स तथा ज्यादातर प्रमुख रोटेरियंस आशीष घोष के साथ हैं, तो उन्हें भी आशीष घोष के साथ ही रहना चाहिए । राजीव गोयल पर लेकिन जेके गौड़ का जादू छाया हुआ था । राजीव गोयल ने संजय शर्मा पर दबाव बना कर पहले तो रमेश अग्रवाल के पक्ष में कॉन्करेंस दिलवा दी, और फिर रमेश अग्रवाल के पक्ष में वोट देने का दबाव बनाने लगे । कॉन्करेंस देने के कारण संजय शर्मा को गाजियाबाद के अपने साथी अध्यक्षों के बीच यूँ भी अपमानित-सा महसूस करना पड़ रहा था, इसलिए वह खुल कर रमेश अग्रवाल के साथ दिखने से बचने की कोशिश करना चाहते थे ।
संजय शर्मा और क्लब के दूसरे कुछेक सदस्यों ने रोटरी क्लब गाजियाबाद प्लेटिनम के अमित अग्रवाल का उदाहरण देकर भी राजीव गोयल को समझाया । अमित अग्रवाल को जेके गौड़ के बिलकुल पक्के वाले आदमी के रूप में पहचाना जाता है । लेकिन सीओएल के चुनाव में अमित अग्रवाल ने जेके गौड़ के दबाव में आने से साफ इंकार कर दिया और गाजियाबाद के बहुमत लोगों के साथ रहने का फैसला किया । अमित अग्रवाल का साफ कहना रहा कि जेके गौड़ के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, इसका मतलब यह थोड़े ही है कि वह जेके गौड़ की गलत बात भी मानेंगे । अमित अग्रवाल के रवैये ने जेके गौड़ को गाजियाबाद में तगड़ा झटका दिया । अमित अग्रवाल से मिले इस झटके के लिए जेके गौड़ ने हालाँकि विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहराया । जेके गौड़ ने कई लोगों से कहा कि विनोद बंसल ने वैसे तो सीओएल के चुनाव में किसी का पक्ष न लेने का दावा किया लेकिन अवार्ड का लालच देकर उन्होंने कई लोगों को आशीष घोष के समर्थन में किया । जेके गौड़ का दावा रहा कि अमित अग्रवाल ने पहले उन्हें रमेश अग्रवाल का समर्थन करने का भरोसा दिया था, लेकिन फिर अचानक से पाला बदल लिया । जेके गौड़ का आरोप रहा कि अमित अग्रवाल को विनोद बंसल ने अवार्ड का लालच देकर तोड़ा । अमित अग्रवाल ने हालाँकि अपने आप को दोनों तरफ दिखाने की कोशिश की, और इस कोशिश में वह कभी रमेश अग्रवाल के नजदीक तो कभी आशीष घोष व अमित जैन के नजदीक बैठे । राजीव गोयल को भी उनके क्लब के लोगों ने सलाह दी थी कि अमित अग्रवाल की तर्ज पर दोनों तरफ दिखो । राजीव गोयल को लेकिन जेके गौड़ दबोच लेने में सफल रहे ।
संजय शर्मा की बातों से जेके गौड़ और राजीव गोयल ने समझ लिया कि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता । जेके गौड़ ने राजीव गोयल को हिदायत दी कि वोट डालने का काम संजय शर्मा को हरगिज न दिया जाये और राजीव गोयल ही वोट डालने का काम करें । सीओएल के चुनाव में यूँ तो कई क्लब्स की तरफ से वोट डालने का काम अध्यक्ष की बजाये दूसरे सदस्यों ने किया, लेकिन उन मामलों में अध्यक्ष मौके पर उपस्थित नहीं थे । रोटरी क्लब गाजियाबाद आईडियल ही अकेला ऐसा क्लब है, जिसके अध्यक्ष संजय शर्मा मौके पर उपस्थित थे लेकिन वोट डालने का काम राजीव गोयल ने किया । संजय शर्मा और क्लब के दूसरे कई सदस्यों ने राजीव गोयल की इस हरकत पर गहरी नाराजगी दिखाई है ।
यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि अभी दो वर्ष पहले ही राजीव गोयल की जेके गौड़ के प्रति भक्ति के कारण ही क्लब के अध्यक्ष अतुल सालवान निवृतमान होते ही क्लब के चार्टर अध्यक्ष रवि छावड़ा तथा कई अन्य सदस्यों के साथ क्लब छोड़ गए थे । उस समय भी झगड़ा यही था कि जेके गौड़ ने राजीव गोयल के जरिये क्लब का समर्थन रवि चौधरी को दिलवाने का प्रयास किया था, लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष ने राजीव गोयल के दबाव में आने से इंकार करते हुए संजय खन्ना का समर्थन किया था । खुन्नस में राजीव गोयल ने क्लब में ऐसे हालात पैदा किये कि अतुल सालवान और रवि छावड़ा अन्य कई सदस्यों के साथ क्लब और रोटरी ही छोड़ गए । राजीव गोयल ने जेके गौड़ की शह पर अभी जिस तरह संजय शर्मा को अपमानित किया है, उसके चलते एक बार फिर क्लब में फूट के आसार पैदा हो गए दिख रहे हैं ।