नई दिल्ली । पोलियो पर जीत के जश्न में शामिल
होने आये रोटरी के बड़े नेताओं ने सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिसलेशन) के चुनाव
के संदर्भ में रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा और जेके गौड़ की भूमिका पर भले ही
नाराजगी दिखाई हो, लेकिन उनकी नाराजगी का रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा और जेके गौड़ पर कोई असर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है ।
रोटरी के बड़े नेताओं ने काउंसिल ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों के बीच कहा कि
सीओएल के चुनाव को लेकर डिस्ट्रिक्ट 3010 में जो तमाशा चल रहा है उससे
रोटरी की दुनिया में डिस्ट्रिक्ट 3010 की और रोटरी से बाहर की दुनिया में
रोटरी की बदनामी हो रही है । उनका कहना रहा कि सीओएल का चुनाव कोई ऐसा
चुनाव नहीं है, जिसे सड़कछाप तरीके से लड़ा जाये और रोटरी की भावना तथा रोटरी
की प्रतिष्ठा को कलंकित किया जाये । रोटरी के सभी बड़े नेताओं का कहना
रहा कि सीओएल के चुनाव को नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले तक पूरा हो जाना चाहिए
तथा नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले को ही स्वीकार कर लेना चाहिए । दिल्ली में
जुटे राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू, कल्याण बनर्जी, पीटी प्रभाकर, मनोज देसाई, शेखर मेहता जैसे रोटरी के बड़े नेता सीओएल के चुनाव के संदर्भ में रमेश अग्रवाल, मुकेश
अरनेजा और जेके गौड़ द्धारा की जा रही हरकतों के बारे में सुन/जान कर वास्तव
में हैरान भी हो रहे थे, और शर्मिंदा भी हो रहे थे कि रोटरी में क्या-क्या
होने लगा है ।
सीओएल के चुनाव के संदर्भ में की जा रही रमेश अग्रवाल, मुकेश
अरनेजा और जेके गौड़ की कारस्तानियों के बारे में सुन/जान कर रोटरी के बड़े
नेता भले ही हैरान और शर्मिंदा हो रहे हों - लेकिन रमेश अग्रवाल, मुकेश
अरनेजा और जेके गौड़ पर उसका कोई असर नहीं हुआ । इनके नजदीकियों का कहना
है कि इन्होँने जब अपने डिस्ट्रिक्ट के बड़े नेताओं - पूर्व इंटरनेशनल
डायरेक्टर सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता की नहीं सुनी/मानी, तो फिर
डिस्ट्रिक्ट से बाहर के पदाधिकारियों व नेताओं को क्यों तवज्जो दें ?
उल्लेखनीय है कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता ने अभी हाल ही में
प्रयास किया था कि सीओएल के लिए चुने गए अधिकृत उम्मीदवार आशीष घोष की
उम्मीदवारी को चेलैंज करके रमेश अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट में एक गलत परंपरा न
डालें, लेकिन रमेश अग्रवाल ने उनकी बात पर ध्यान देना जरूरी ही नहीं समझा ।
जेके गौड़ ने भी सुशील गुप्ता की उस सलाह पर कोई गौर नहीं किया, जिसमें
सुशील गुप्ता ने उन्हें किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में पार्टी न बनने की
बात कही थी । जेके गौड़ के हौंसले खूब बुलंद हैं । किसी ने उनसे सुशील
गुप्ता के नाराज होने की बात कही, तो जेके गौड़ ने पलट कर जबाव दिया कि
सुशील गुप्ता ज्यादा दिन नाराज नहीं रहेंगे - क्योंकि सुशील गुप्ता को उनके
गवर्नर-काल में अपने प्रोजेक्ट के लिए उनसे पैसे लेने हैं न !
सीओएल को लेकर जो तमाशा हो रहा है, उसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी जेके गौड़ की असलियत
खुल कर सामने आई है । 'कलाकारी' में जेके गौड़ तो मुकेश अरनेजा और रमेश
अग्रवाल के भी 'बाप' साबित हो रहे हैं । जेके गौड़ को जैसे ही पता चला कि
कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उनसे रमेश अग्रवाल का साथ देने के कारण खफा
हो रहे हैं तथा रोटरी इंटरनेशनल में उनकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं
तो उन्होंने दोहरा रवैया अपना लिया - एक तरफ तो उन्होंने पूर्व
गवर्नर्स से मिल मिल कर उन्हें सफाई दी कि रमेश अग्रवाल के लिए समर्थन
जुटाने के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया और इस संबंध में उन्हें नाहक ही
बदनाम किया जा रहा है; साथ ही लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने अन्य कुछेक लोगों
के सामने दावा किया कि पूर्व गवर्नर्स उनके खिलाफ शिकायत करने की बातें
चाहें जितनी करें, किंतु कोई भी शिकायत करेगा नहीं क्योंकि सभी को उनके
गवर्नर-काल में महत्वपूर्ण पद चाहिएँ और विभिन्न आयोजनों में अच्छी अच्छी
सीट ।
रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा और जेके गौड़ इसी वजह से डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स को और उनकी बातों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं; और इसी कारण से वह
रोटरी के बड़े नेताओं की भी परवाह नहीं कर रहे हैं । ये जान/समझ रहे हैं कि
रोटरी के बड़े नेता पब्लिक डोमेन में चाहें जो कह रहे हों, पर्सनल डोमेन में
इनकी 'उपयोगिता' समझते हैं और इसलिए इनके लिए रोटरी के बड़े नेताओं की बात को सुनना/मानना बिलकुल भी जरूरी नहीं है ।