नोएडा । प्रवीन निगम की उम्मीदवारी को नोएडा के क्लब्स के पदाधिकारियों व प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति में जिस जोश के साथ प्रस्तुत किया गया और उनकी उम्मीदवारी को कामयाब बनाने के लिए काम करने की योजना पर जिस दिलचस्पी के साथ विचार-विमर्श किया गया, उसने अगले रोटरी वर्ष में होने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के समीकरणों को बुरी तरह उलट-पलट दिया है । पिछले दिनों सुभाष जैन की अचानक प्रस्तुत हुई उम्मीदवारी से जो अशोक गर्ग अभी कल तक बहुत खुश दिख रहे थे, वही अशोक गर्ग अब प्रवीन निगम की उम्मीदवारी के जोरशोर से प्रस्तुत होने की खबर सुनकर सकते में आ गए हैं । प्रवीन निगम की उम्मीदवारी की चर्चा यूँ तो काफी दिनों से थी; लेकिन चूँकि उनकी कोई सक्रियता नहीं देखी जा रही थी, इसलिए प्रवीन निगम की उम्मीदवारी को लेकर संदेह बना हुआ था और कोई भी उनकी उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लेता दिख रहा था । पिछले कुछ दिनों में प्रवीन निगम किंतु जब लोगों के बीच सक्रिय होते हुए दिखना शुरू हुए, तो उनकी उम्मीदवारी की ठंडी पड़ती चर्चा एक बार फिर गर्म होने लगी, जिसका पारा नोएडा के क्लब्स की संयुक्त मीटिंग ने खासा ऊपर चढ़ा दिया । इस ऊपर चढ़े पारे ने दूसरे उम्मीदवारों, खासकर अशोक गर्ग की स्थिति को पिघलाने का खतरा पैदा कर दिया है ।
किसी भी चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवारों की स्थिति में डेंट करने की संभावना तो पैदा करता ही है, इसलिए सुभाष जैन की उम्मीदवारी ने यदि प्रसून चौधरी के लिए तथा प्रवीन निगम की उम्मीदवारी की सक्रियता ने अशोक गर्ग के लिए मुसीबत खड़ी की है, तो यह चुनावी राजनीति का एक स्वाभाविक सीन है । अशोक गर्ग के लिए मुसीबत की बात यह हुई कि सुभाष जैन की उम्मीदवारी के कारण प्रसून चौधरी की स्थिति पर पड़ सकने वाले प्रतिकूल प्रभाव का आकलन करते हुए वह अपने पक्ष में समीकरणों का जुगाड़ बैठाते, उससे पहले ही प्रवीन निगम ने उनकी उम्मीदों की जड़ों में मट्ठा डाल दिया । दरअसल अशोक गर्ग के कई समर्थकों में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स हैं, जिनके अब प्रवीन निगम के साथ जुड़ने की संभावना है । प्रवीन निगम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स प्रोफेशन में एक बड़ा नाम है, जिन्होंने प्रोफेशन के एकेडमिक पक्ष के साथ-साथ प्रोफेशन के प्रशासनिक व राजनीतिक पक्ष में भी अपनी प्रभावी पैठ बनाई हुई है । इस नाते अधिकतर चार्टर्ड एकाउंटेंट्स प्रवीन निगम के संपर्क में या तो हैं, और या उनके संपर्क में रहना/होना चाहते हैं । रोटरी की राजनीति में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स कोई अलग समूह तो नहीं बनाते हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से वह महत्वपूर्ण भूमिका जरूर ही निभाते हैं । चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के नाते अशोक गर्ग को व्यक्तिगत हैसियत में कई एक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का सहयोग व समर्थन मिल रहा था - या मिलने का विश्वास था । प्रवीन निगम की उम्मीदवारी के कारण उनका सहयोग व समर्थन लेकिन अब अशोक गर्ग से छिन जाने का खतरा पैदा हो गया है ।
अशोक गर्ग के सामने एक और समस्या आन पड़ी है । अशोक गर्ग अभी जिन मुकेश अरनेजा के समर्थन का दावा करते हैं, और इस दावे के भरोसे अपनी उम्मीदवारी को परवान चढ़ते देख/मान रहे हैं - उन मुकेश अरनेजा के प्रवीन निगम के क्लब के प्रमुख सदस्य प्रशांत माथुर के साथ अच्छे संबंध बताये/सुने जाते हैं । ऐसे में अशोक गर्ग के लिए मुकेश अरनेजा के समर्थन को अपने साथ बनाये रखने की चुनौती पैदा हो गई है । अशोक गर्ग के लिए डर यह पैदा हुआ है कि प्रशांत माथुर यदि मुकेश अरनेजा का समर्थन प्रवीन निगम के लिए ले उड़े, तो उनका क्या होगा ?
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के जो उम्मीदवार नोएडा में अपने अपने लिए समर्थन खोज/बना रहे थे, उन्हें प्रवीन निगम की सक्रियता से और नोएडा के लोगों के उनके समर्थन में खड़ा होने से झटका लगा है । दूसरे उम्मीदवारों का हालाँकि कहना तो है कि नोएडा क्षेत्र के क्लब्स के लोगों ने अभी भले ही प्रवीन निगम की उम्मीदवारी के प्रति विश्वास और समर्थन दिखाया हो, लेकिन जैसे जैसे अभियान आगे बढ़ेगा वैसे वैसे समर्थन की वास्तविकता सामने आयेगी और ऐसा नहीं होगा कि नोएडा क्षेत्र के सारे वोट प्रवीन निगम ही ले जायेंगे । दूसरे उम्मीदवारों का ऐसा सोचना और कहना हालाँकि कोई गलत नहीं है, किंतु एक तथ्य अवश्य ही ध्यान में रखने योग्य है और वह यह कि नोएडा क्षेत्र के क्लब्स का रोटरी के काम करने के मामले में अच्छा ट्रेक रिकॉर्ड है; और रोटरी के काम करने के इस रिकॉर्ड के चलते उनके बीच अच्छी बॉन्डिंग है । प्रवीन निगम और उनके क्लब ने जो कई प्रोजेक्ट्स किये हैं, तथा कई एक प्रोजेक्ट्स में जो सहभागिता की है - उसके कारण नोएडा के दूसरे क्लब्स के लोगों के साथ उनके गहरे संबंध बने हैं । प्रवीन निगम और उनके समर्थकों ने यदि व्यावहारिक तरीका अपनाया तो नोएडा की रोटरी में लोगों के साथ उनकी जो बॉन्डिंग बनी हुई है, वह चुनावी राजनीति में उनके काम अच्छे से आ सकती है ।
प्रवीन निगम की सक्रियता ने तथा नोएडा में जाहिर हुए उनकी उम्मीदवारी के समर्थन ने अगले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों के चुनावी-प्रबंधन को गड़बड़ाने के साथ-साथ उनके सामने मुश्किलें खड़ी करने का काम तो किया ही है; चुनाव को खासा दिलचस्प भी बना दिया है ।