Saturday, July 13, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट से निकाले जाने से बचने का मौका खोज रहे पूर्व गवर्नर रवि चौधरी को रोटरी क्लब दिल्ली साऊथएक्स में शरण मिलने के बाद अशोक कंतूर का आरोप कि पूर्व गवर्नर रमेश चंदर अब उन्हें भी क्लब से निकलवाना चाहते हैं

नई दिल्ली । अपनी हरकतों के चलते अपने क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट से निकलने के लिए मजबूर किए गए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी को अंततः रोटरी क्लब दिल्ली साऊथएक्स में शरण मिल गई है, और अब अशोक कंतूर पर भी दबाव बनाया जा  रहा है कि वह भी क्लब से निकल लें ! रवि चौधरी और अशोक कंतूर क्लब में होने वाली अपनी दुर्दशा के लिए क्लब के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश चंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । उल्लेखनीय है कि पिछले रोटरी वर्ष में ही रवि चौधरी को क्लब से निकालने की तैयारी हो गई थी, लेकिन रवि चौधरी ने किसी तरह क्लब के पदाधिकारियों को इस बात के लिए राजी कर लिया था कि वह उन्हें क्लब से न निकालें, क्योंकि तब रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में उनकी बहुत बदनामी होगी - उन्होंने क्लब के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वह स्वयं ही किसी दूसरे क्लब में ट्रांसफर ले लेंगे, ताकि क्लब से निकाले जाने की बदनामी से बच सकें । रवि चौधरी के लिए बदकिस्मती की बात लेकिन यह रही कि उन्होंने जिस भी क्लब के लोगों से अपनी सदस्यता की बात की, उन्होंने रवि चौधरी के हाथ जोड़ लिए । दरअसल रवि चौधरी की हरकतों को तथा डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनकी बदनामी को देखते/पहचानते हुए कोई भी क्लब रवि चौधरी को अपने यहाँ लेने के लिए तैयार नहीं हुआ । मजे की बात यह रही कि रवि चौधरी ने अपनी इस बदनामीभरी स्थिति से शर्मसार होने की बजाये इसका लाभ उठाने की कोशिश की, और अपने क्लब में तर्क किया कि उन्हें चूँकि कोई और क्लब नहीं ले रहा है, इसलिए उन्हें दिल्ली वेस्ट में ही रहने दिया जाए । लेकिन रवि चौधरी की यह चालबाजी चली नहीं और उन्हें स्पष्ट कर दिया गया कि जल्दी से वह अपने लिए कोई क्लब खोज लें, अन्यथा उन्हें दिल्ली वेस्ट से तो निकाल ही दिया जायेगा । तब रवि चौधरी ने किसी तरह रोटरी क्लब दिल्ली साऊथएक्स के पदाधिकारियों को राजी किया और उसमें शरण ली ।
रवि चौधरी के निकलने के बाद रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट में अब अशोक कंतूर पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि वह भी अपने लिए कोई और क्लब खोज लें ताकि उनकी हरकतों से क्लब का माहौल खराब न हो और क्लब अपनी पहचान व प्रतिष्ठा को बनाये/बचाये रख सके । क्लब के लोगों का कहना है कि रवि चौधरी और अशोक कंतूर की हरकतों के कारण क्लब का माहौल काफी खराब हो गया था; रवि चौधरी तो गवर्नर रह चुके थे, और अशोक कंतूर को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (नॉमिनी) चुने जाने का पूरा भरोसा था -  इसलिए दोनों लोग क्लब में अपनी मनमानी चलाने लगे थे, जिसके चलते क्लब के पदाधिकारियों के लिए काम कर पाना मुश्किल हो गया था । क्लब में खराब होते माहौल के लिए रवि चौधरी को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया और उन्हें क्लब से निकालने की तैयारी शुरू हो गई । रवि चौधरी ने पहले तो दादागिरी दिखाते हुए पदाधिकारियों को हड़काने की कोशिश की, लेकिन पदाधिकारियों को क्लब के दूसरे सदस्यों का समर्थन मिलता देख वह समझौते पर आ गए और किसी दूसरे क्लब में ट्रांसफर लेने की बात करने लगे । बाद में भी वह दिल्ली वेस्ट में बने रहने की तिकड़में करते रहे, लेकिन उनकी दाल गली नहीं । अंततः रवि चौधरी को रोटरी क्लब दिल्ली साऊथएक्स में शरण मिल गई है । रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट के पदाधिकारी और सदस्य अब अशोक कंतूर पर भी दबाव बना रहे हैं कि रवि चौधरी की तरह वह भी किसी और क्लब में ट्रांसफर ले लें । दिल्ली वेस्ट के पदाधिकारियों और सदस्यों को दरअसल लगता है कि रवि चौधरी के 'आदमी' के रूप में अशोक कंतूर यदि क्लब में रहेंगे, तो क्लब रवि चौधरी की हरकतों से वास्तव में मुक्त नहीं हो पायेगा । रवि चौधरी, अशोक कंतूर के जरिये दिल्ली वेस्ट की गतिविधियों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे और क्लब में गंद फैलाने का काम करेंगे । क्लब यदि सचमुच रवि चौधरी की हरकतों से आजाद होना चाहता है तो जरूरी है कि अशोक कंतूर भी क्लब छोड़ें । 
रवि चौधरी और अशोक कंतूर रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट में अपने खिलाफ बने माहौल के लिए क्लब के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश चंदर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । अशोक कंतूर ने तो पिछले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में मिली पराजय के लिए भी रमेश चंदर को जिम्मेदार ठहराया था ।अशोक कंतूर का आरोप था कि रमेश चंदर ने उनके साथ धोखा किया था; और वास्तव में उनके साथ नहीं, बल्कि क्लब के साथ धोखा किया था - क्योंकि वह क्लब की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार थे । अशोक कंतूर का कहना है कि उनकी उम्मीदवारी के साथ धोखा करके रमेश चंदर ने असल में क्लब के साथ धोखा किया था - और इसलिए उन्हें क्लब से निकाला जाना चाहिए, न कि उन्हें या रवि चौधरी को । अशोक कंतूर के लिए मुसीबत की बात यह रही कि उनके इस तर्क को क्लब में कोई समर्थन नहीं मिला, और रवि चौधरी को तो क्लब से निकलने के लिए मजबूर होना ही पड़ा है, उन पर भी क्लब छोड़ने के लिए दबाव पड़ रहा है । अशोक कंतूर लेकिन रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट की अपनी सदस्यता बचाने की जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं; दरअसल उन्हें डर है कि रवि चौधरी की तरह यदि कहीं उन्हें भी क्लब छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा तो यह बात डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उंनकी उम्मीदवारी के लिए बड़ा नुकसान पहुँचाने वाली होगी । यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली वेस्ट की अपनी सदस्यता बचा सकने में फेल होने के बाद अशोक कंतूर कैसे अपनी सदस्यता बचा पाते हैं - बचा भी पाते हैं या नहीं ?