Monday, July 8, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा के इंस्टॉलेशन समारोह में 'बिन बुलाए' आए यश पाल दास को मिली तवज्जो तथा शाजु पीटर व जेपीएस सिबिया की मौजूदगी को डिस्ट्रिक्ट की राजनीति में राजा साबू गिरोह की वापसी करने की तैयारी के संकेतों के रूप में देखा जा रहा है

चंडीगढ़ । जितेंद्र ढींगरा के गवर्नर-वर्ष के डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह में राजेंद्र उर्फ राजा साबू के साथ-साथ उनके नजदीकी पूर्व गवर्नर्स की उपस्थिति ने डिस्ट्रिक्ट की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों का सर चकराने का काम किया है । उल्लेखनीय है कि जितेंद्र ढींगरा के कार्यक्रमों में राजा साबू तो आते रहे हैं; लेकिन यश पाल दास, शाजु पीटर, जेपीएस सिबिया जैसे उनके नजदीकी पूर्व गवर्नर्स कभी नहीं दिखे हैं । इसीलिए इनकी उपस्थिति पर लोगों को हैरानी हुई और फुसफुसाहटें शुरू हुईं कि यह लोग कैसे आ गए ? इन पूर्व गवर्नर्स का आरोप रहा है कि जितेंद्र ढींगरा ने इन्हें कभी अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित ही नहीं किया । पिछले एक कार्यक्रम में कुछेक लोगों के सामने राजा साबू ने जितेंद्र ढींगरा से यह शिकायत करते हुए उन्हें सुझाव दिया था कि वह इन पूर्व गवर्नर्स को भी आमंत्रित किया करें । समझा गया कि राजा साबू के सुझाव पर जितेंद्र ढींगरा ने इन पूर्व गवर्नर्स को भी आमंत्रित कर लिया होगा, और इसलिए यह जितेंद्र ढींगरा के कार्यक्रम में आ पहुँचे । जितेंद्र ढींगरा ने लेकिन कई मौकों पर अलग अलग लोगों के सामने स्पष्ट कहा कि उन्होंने इन्हें 'खासतौर' से नहीं आमंत्रित किया था । जितेंद्र ढींगरा का कहना रहा कि उन्होंने तो पहले की तरह ही सभी के लिए एक आम निमंत्रण भेजा था - पहले यह उस निमंत्रण को निमंत्रण नहीं मानते थे, लेकिन अब की बार उन्होंने मान लिया; तो इस बदले हुए रवैये का कारण वही जानते होंगे । दरअसल पिछले करीब तीन वर्षों में डिस्ट्रिक्ट में जो राजनीतिक व प्रशासनिक गंद मचा रहा, उसके लिए राजा साबू के इन तीन नजदीकी पूर्व गवर्नर्स को ही मुख्य रूप से जिम्मेदार माना/ठहराया जाता रहा है । इसीलिए पहले टीके रूबी के गवर्नर-वर्ष में इन्हें कोई तवज्जो नहीं मिली, और अब जितेंद्र ढींगरा के गवर्नर-वर्ष में भी इनके साथ वैसा ही सुलूक होने की उम्मीद की जा रही थी । इसीलिए लोगों को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट में अपना 'वनवास' खत्म करने के लिए ही राजा साबू के नजदीकी पूर्व गवर्नर्स यश पाल दास, शाजु पीटर और जेपीएस सिबिया 'बिन बुलाए' ही जितेंद्र ढींगरा के कार्यक्रम में आ पहुँचे ।
दरअसल राजा साबू और उनके नजदीकी पूर्व गवर्नर्स डिस्ट्रिक्ट की प्रशासनिक व्यवस्था व राजनीति में पुनर्वापसी के लिए लगातार हाथ-पैर मार रहे हैं । अपनी पुनर्वापसी का विश्वास उन्हें मौजूदा व भावी गवर्नर्स - जितेंद्र ढींगरा, रमेश बजाज व अजय मदान के 'व्यवहार' से भी हुआ । इन तीनों के 'व्यवहार' से राजा साबू और उनके नजदीकी गवर्नर्स को लगा कि यह तीनों उनके नजदीक आना/रहना चाहते हैं । राजा साबू के नजदीकी मनमोहन सिंह को जितेंद्र ढींगरा द्वारा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाए जाने से राजा साबू और उनके नजदीकी गवर्नर्स का पुनर्वापसी का हौंसला और बढ़ा । राजा साबू और उनके नजदीकी गवर्नर्स लेकिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के प्रति अपनी खुन्नस को नहीं छोड़ पाए और उन्हें लगा कि जितेंद्र ढींगरा, रमेश बजाज व अजय मदान के ढीले-ढाले रवैये में वह टीके रूबी को निशाना बना लेंगे । इसी के तहत अभी हाल तक, राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों ने टीके रूबी के डीआरएफसी (डिस्ट्रिक्ट रोटरी फाउंडेशन चेयरमैन) बनने में अड़चनें डालने के प्रयास किए । इन प्रयासों पर लेकिन जितेंद्र ढींगरा के कड़ा रवैया अपनाने से पानी फिर गया । जितेंद्र ढींगरा के 'कभी नर्म तो कभी गर्म' रहने पर राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों को इतना तो शायद समझ में आ गया है कि जितेंद्र ढींगरा, रमेश बजाज व अजय मदान के साथ उनके नजदीक तो आ सकते हैं - लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह तीनों उन्हें टीके रूबी के साथ 'बदतमीजी' करने का मौका दे देंगे । माना/समझा जा रहा है कि इसीलिए राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों ने अब यह योजना बनाई है कि तवज्जो न दिए जाने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट के कार्यक्रमों में उन्हें अपनी उपस्थिति बनानी और 'दिखानी' चाहिए; इससे वह सत्ता में न होते हुए भी मेडीकल मिशन जैसे अपने स्वार्थी 'काम' बना सकेंगे - और इसीलिए यश पाल दास, शाजु पीटर व जेपीएस सीबिया 'बिन बुलाए' ही जितेंद्र ढींगरा के इंस्टॉलेशन कार्यक्रम में आ पहुँचे ।
दरअसल राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट के कार्यक्रमों में शामिल होकर वह एक तरफ तो अपने 'काम' बनाने/निकालने के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह संकेत दे सकते हैं कि जितेंद्र ढींगरा और उनके साथियों ने उनके साथ नजदीकी बनाना शुरू कर दिया है और इसीलिए वह उन्हें अपने कार्यक्रमों में शामिल कर रहे हैं; और दूसरी तरफ वह विभिन्न मुद्दों पर अपनी अलग राय रख कर वह जितेंद्र ढींगरा और उनके साथियों के बीच खटराग पैदा करने का मौका पा सकते हैं । राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों ने इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत हुई नवीन गुलाटी की उम्मीदवारी के मामले में अपनी अलग राय देकर अपने इरादे जाहिर भी कर दिए हैं । खुद राजा साबू ने जितेंद्र ढींगरा को सलाह दी है कि इस वर्ष किसी महिला को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुना जाना चाहिए । इस सलाह के जरिए राजा साबू ने वास्तव में नवीन गुलाटी की उम्मीदवारी को विवादास्पद बनाने का दाँव चला है । जितेंद्र ढींगरा ने हालाँकि अभी तो नवीन गुलाटी की उम्मीदवारी पर कोई 'समझौता' करने से इंकार कर दिया है; लेकिन कौन जानता है कि राजा साबू ने जो दाँव चला है, उसके चलते डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में टीके रूबी व जितेंद्र ढींगरा की जो धाक जमी है, वह बिखर न जाए ! जितेंद्र ढींगरा के कई एक नजदीकियों का कहना है कि उन्हें यह बात समझ नहीं आती है कि जितेंद्र ढींगरा जब यह मानते हैं और कहते भी रहते हैं कि राजा साबू और उनके संगी-साथी अपनी 'हरकतों' से बाज नहीं आयेंगे, तब फिर वह उन्हें तवज्जो देते हुए हरकतें करने का मौका क्यों दे रहे हैं ? पिछले तीन वर्षों में राजा साबू और उनके गिरोह के साथ छिड़ी लड़ाई में टीके रूबी और जितेंद्र ढींगरा का लगातार साथ देने वाले कई लोगों का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति और व्यवस्था में राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों को जब पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया है, तब फिर उन्हें किसी भी तरह की तवज्जो देकर उनके लिए वापसी का रास्ता क्यों तैयार किया जा रहा है ? डिस्ट्रिक्ट के कई लोग इंस्टॉलेशन कार्यक्रम में यश पाल दास को मिली तवज्जो तथा शाजु पीटर व जेपीएस सिबिया की मौजूदगी को पिछले तीन वर्षों की 'लड़ाई' में मिली जीत पर पानी फिरने की शुरुआत के रूप में भी देख/पहचान रहे हैं ।