गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट 3012 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता रोटरी फाउंडेशन के करीब एक लाख 25 हजार डॉलर की रकम का कोई घपला करने का प्रयास कर रहे हैं क्या ? यह शक जाहिर करने वाले लोग दीपक गुप्ता पर रोटरी फाउंडेशन के ट्रस्टी गुलाम वहनवती के साथ 'धोखा' करने का आरोप तो सीधा सीधा ही लगा रहे हैं । हालाँकि कई लोगों के लिए इस बात पर यकीन करना काफी मुश्किल भी हो रहा है; लेकिन रोटरी में जिस तरह के किस्से सामने आ रहे हैं, उन्हें देखते/सुनते हुए कुछ भी 'असंभव' नहीं लगता है । पिछले दिनों ही डिस्ट्रिक्ट 3054 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल अग्रवाल को रोटरी फाउंडेशन के पैसे हड़प जाने के आरोप में रोटरी में प्रतिबंधित करने का फैसला हुआ है । उससे पहले भी कुछेक पूर्व गवर्नर्स व गवर्नर्स को घपलेबाजियों के आरोप में सजाएँ सुनाई गईं हैं । और तो और, अभी हाल ही में रॉन बुर्टोन को रोटरी फाउंडेशन के चेयरमैन पद से हटाया गया है, जबकि चेयरमैन के रूप में उनका कार्यकाल कुल दो महीने ही बाकी बचा था । इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि रोटरी में घपलेबाजियों, बेईमानियों और धोखाधड़ियों की बातें आम हैं, और किसी भी पद पर बैठा व्यक्ति यह सब कर सकता है; सच बल्कि यह है कि जो जितने बड़े पद पर है, वह ज्यादा बड़ी लूट-खसोट कर सकता है - करता है और सजा तक पा चुका है । इसलिए दीपक गुप्ता भी यदि आरोपों के घेरे में हैं तो उसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है । मजे की बात यह है कि आरोपों का यह घेरा दीपक गुप्ता ने खुद ही अपने लिए बुना/बनाया/कसा है ।
उल्लेखनीय है कि दीपक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन में शामिल होने वाले प्रत्येक रोटेरियन और उनके जीवनसाथी पर रोटरी फाउंडेशन के नाम पर ढाई सौ डॉलर देने की शर्त रखी थी । उनके द्वारा जारी किए गए एक परिपत्र में साफ कहा गया था कि जो कोई 250 डॉलर रोटरी फाउंडेशन के लिए देगा, उसे ही डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन का अधिकृत निमंत्रण मिलेगा । डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह में करीब पाँच सौ लोगों के जुटने का दावा किया गया है । इस हिसाब से डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह में रोटरी फाउंडेशन के नाम पर करीब एक लाख 25 हजार डॉलर की रकम इकट्ठा होने का सीधा सीधा अनुमान लगाया गया है । कुछेक लोगों ने रोटरी फाउंडेशन में और भी ज्यादा रकम दी है, जिसके चलते रोटरी फाउंडेशन के नाम पर इकट्ठा हुई रकम के और भी ज्यादा होने का अनुमान है । लेकिन रोटरी फाउंडेशन तक यह रकम नहीं पहुँची है । ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी रकम आखिर गई कहाँ ? डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह की तैयारी से जुड़े लोगों का कहना है कि समारोह में इतनी रकम जमा ही नहीं हुई । उनका कहना है कि ढाई सौ डॉलर देने की शर्त के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन समारोह में शामिल होने में जब कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, तो समारोह को 'पिटने' से बचाने के लिए उन्होंने ढाई सौ डॉलर की शर्त को हटा दिया था । इस बारे में लेकिन कोई अधिकृत परिपत्र जारी नहीं किया गया था और यह काम दीपक गुप्ता ने 'चोरी-छिपे' ही किया । उन्होंने लोगों को फोन कर कर के बताया कि ढाई सौ डॉलर की शर्त को हटा लिया गया है, और समारोह में शामिल होने का कोई पैसा नहीं लिया जायेगा । समझा जाता है कि यह 'काम' दीपक गुप्ता ने चोरी-छिपे इसलिए किया, ताकि जिन कुछेक लोगों ने उनकी झाँसेबाजी में आकर रजिस्ट्रेशन के ढाई सौ डॉलर दिए हैं, वह कहीं वापस न माँग लें ।
दीपक गुप्ता ने रोटरी फाउंडेशन के ट्रस्टी गुलाम वहनवती को धोखे में रखने के उद्देश्य से भी ढाई सौ डॉलर वाली शर्त हटाने की घोषणा को अधिकृत रूप से प्रकट नहीं किया । उनके नजदीकियों का ही कहना है कि गुलाम वहनवती को समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करते हुए दीपक गुप्ता ने यही झाँसा दिया था कि समारोह में शामिल होने वाले प्रत्येक रोटेरियन से रोटरी फाउंडेशन में ढाई सौ डॉलर मिलेंगे । उनकी योजना के फेल होने की पोल न खुल जाए और उनका झूठ पकड़ा न जाए, इसलिए दीपक गुप्ता ने ढाई सौ डॉलर वाली शर्त को हटाने की बात को छिपाए ही रखा । रोटरी फाउंडेशन के पदाधिकारियों को दीपक गुप्ता की इस चालबाजी का पता नहीं है, इसलिए वह बेचारे तो पाँच सौ लोगों की उपस्थिति के आधार पर एक लाख 25 हजार डॉलर तथा उससे भी अधिक रकम के आने का इंतजार कर रहे हैं - लेकिन दीपक गुप्ता उन्हें यह रकम सौंप ही नहीं रहे हैं । रोटरी में अनुभवी लोगों का मानना और कहना है कि दीपक गुप्ता ने शर्त के रूप में अपनी जो योजना बनाई थी, उसे सफल बनाना कोई मुश्किल नहीं था; किंतु उन्होंने बिना किसी तैयारी के अपनी योजना को जबर्दस्ती लोगों पर थोपने की जो कोशिश की - वह उन्हें उलटी पड़ गई और फिर उन्हें हर किसी के साथ अलग अलग रूप में धोखाधड़ी करना पड़ी; किसी से कुछ कहा और किसी से कुछ छिपाया । खास बात यह है कि अभी भी उनकी तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि डिस्ट्रिक्ट इंस्टॉलेशन में कितने लोगों ने ढाई सौ डॉलर के साथ रजिस्ट्रेशन करवाया था । बातें और दावे तो लंबे-चौड़े हैं, लेकिन तथ्य गायब हैं । दरअसल इसीलिए समारोह की तैयारी से जुड़े लोगों को भी इस बात की हवा नहीं है कि रोटरी फाउंडेशन के नाम पर सचमुच कितना पैसा आया है । इसी से लोगों को शक हो रहा है कि ढाई सौ डॉलर की शर्त के नाम पर डिस्ट्रिक्ट के लोगों, रोटरी फाउंडेशन तथा रोटरी फाउंडेशन के ट्रस्टी गुलाम वहनवती तक से धोखाधड़ी करने वाले दीपक गुप्ता कहीं रोटरी फाउंडेशन की रकम में कोई घपला तो नहीं कर रहे हैं ?