गाजियाबाद । बड़े क्लब्स के पदाधिकारियों तथा सदस्यों के दूर रहने के कारण सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को समर्थन दिलवाने तथा 'दिखाने' के उद्देश्य से कल देर शाम मुकेश गोयल द्वारा आयोजित की गई मीटिंग को फेल हुआ माना जा रहा है । मीटिंग में उपस्थित हुए लोगों के अनुसार ही, गाजियाबाद क्षेत्र के बड़े क्लब्स - पाँच और उससे अधिक वोट वाले क्लब्स के पदाधिकारियों तथा सदस्यों को मीटिंग में अनुपस्थित देख कर खुद मुकेश गोयल तथा दूसरे नेताओं को भारी झटका लगा और उनके मुँह लटक गए । मुकेश गोयल को सबसे तगड़ा झटका लायंस क्लब गाजियाबाद से ही लगा; क्लब के सदस्य पूर्व गवर्नर अजय सिंघल तो कार्यक्रम में थे, लेकिन उनके साथ क्लब के एक ही सदस्य पहुँचे । लायंस क्लब गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट का सबसे बड़ा क्लब है; बड़ा क्लब होने के नाते इस क्लब में हर खेमे के समर्थक हैं; इस नाते किसी भी कार्यक्रम में दस/पंद्रह सदस्यों का पहुँचना/होना एक सामान्य बात रही है । मुकेश गोयल का इस क्लब के सदस्यों के बीच विशेष प्रभाव भी रहा है, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि मुकेश गोयल के कार्यक्रम में लायंस क्लब गाजियाबाद के सदस्यों की बड़ी संख्या देखने को मिलेगी । लेकिन अजय सिंघल सहित कुल दो सदस्यों को कार्यक्रम में पहुँचा देख कर मुकेश गोयल का माथा गर्मा गया । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि गाजियाबाद में किसी उम्मीदवार की मीटिंग हो, और उसमें लायंस क्लब गाजियाबाद के कम से कम दस/पंद्रह सदस्य न पहुँचे हों । लायंस क्लब गाजियाबाद के अलावा, क्षेत्र के और जो क्लब पाँच या उससे अधिक वोटों के हैं, उनके पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी मुकेश गोयल के निमंत्रण को अनदेखा/अनसुना किया ।
मुकेश गोयल के नजदीकियों ने इसका ठीकरा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय मित्तल के सिर फोड़ा । उनका आरोप है कि विनय मित्तल ने क्लब्स के पदाधिकारियों व सदस्यों को कार्यक्रम में जाने से रोका । उनका दावा है कि इसके बावजूद कार्यक्रम में 24 क्लब्स के 85 से ज्यादा लायंस उपस्थित हुए । मुकेश गोयल के नजदीकियों द्वारा विनय मित्तल पर लगाए जा रहे आरोप को यदि सच मान लें, तो इससे यही बात साबित होती है कि क्लब्स के पदाधिकारियों व सदस्यों पर विनय मित्तल का प्रभाव मुकेश गोयल से ज्यादा है । उल्लेखनीय है कि इससे पहले मेरठ में अलेक्जेंडर एथलेटिक क्लब में होने वाले एक कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा पंकज बिजल्वान का नाम निमंत्रण पत्र से उड़ा देने की घटना हो चुकी है । मुकेश गोयल लाख कोशिशों के बावजूद पंकज बिजल्वान का नाम निमंत्रण पत्र में नहीं जुड़वा सके हैं । मुकेश गोयल के नजदीकियों ने इसके लिए भी विनय मित्तल को जिम्मेदार ठहराया हुआ है । इन घटनाओं से लग रहा है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के मुकेश गोयल के प्रयास अपेक्षित नतीजा नहीं दे पा रहे हैं; और मुकेश गोयल के नजदीकी हालात की गंभीरता व नाजुकता को स्वीकारने तथा समझने की बजाए अपनी हर असफलता व कमजोरी के लिए विनय मित्तल को जिम्मेदार ठहरा दे रहे हैं ।
इससे कई लोगों को यह आशंका भी हो चली है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी बनी भी रह सकेगी, या वह कोई समझौता करके बीच में ही अपनी उम्मीदवारी को वापस ले लेंगे । गाजियाबाद में हुई मीटिंग में कई लोगों ने अपनी यह आशंका व्यक्त की और पंकज बिजल्वान से सीधे ही सवाल पूछा कि उम्मीदवारी के मामले में कहीं धोखा तो नहीं दोगे । पंकज बिजल्वान ने हालाँकि उन्हें अपनी उम्मीदवारी के संदर्भ में आश्वस्त तो किया है; लेकिन उनके 'व्यवहार' से ज्यादा लोग आश्वस्त नहीं हुए हैं । कार्यक्रम में उपस्थित रहे कुछेक लोगों ने इन पंक्तियों के लेखक को बताया कि पंकज बिजल्वान 'मंच' पर अधिकतर समय तो अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहे । अरुण मित्तल जब लोगों को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी बात सुनने तथा उनकी बात से लोगों के बीच पैदा होने वाली प्रतिक्रिया पर ध्यान देने और उसे समझने की कोशिश करने की बजाए पंकज बिजल्वान के मोबाइल में व्यस्त रहने की तस्वीर ने लोगों को बताया/दिखाया है कि अपनी ही उम्मीदवारी के अभियान में वह स्वयं गंभीर नहीं हैं । इसीलिए कार्यक्रम में पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी पर आशंका व्यक्त करने वाले सवाल उठने तथा उसका जबाव देने/मिलने के बाद भी पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को लेकर आशंका कम होने की बजाए गहरा और गई है । लोगों को भी लग रहा है कि मुकेश गोयल के कार्यक्रम जब फेल हो रहे हैं, और वह पंकज बिजल्वान का नाम कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में नहीं छपवा पा रहे हैं, और उनके कार्यक्रमों से बड़े क्लब्स के पदाधिकारी व सदस्य दूर रह रहे हैं, तब पंकज बिजल्वान उम्मीदवार बने भी आखिर किसके भरोसे रहेंगे ?
मुकेश गोयल के नजदीकियों ने इसका ठीकरा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय मित्तल के सिर फोड़ा । उनका आरोप है कि विनय मित्तल ने क्लब्स के पदाधिकारियों व सदस्यों को कार्यक्रम में जाने से रोका । उनका दावा है कि इसके बावजूद कार्यक्रम में 24 क्लब्स के 85 से ज्यादा लायंस उपस्थित हुए । मुकेश गोयल के नजदीकियों द्वारा विनय मित्तल पर लगाए जा रहे आरोप को यदि सच मान लें, तो इससे यही बात साबित होती है कि क्लब्स के पदाधिकारियों व सदस्यों पर विनय मित्तल का प्रभाव मुकेश गोयल से ज्यादा है । उल्लेखनीय है कि इससे पहले मेरठ में अलेक्जेंडर एथलेटिक क्लब में होने वाले एक कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा पंकज बिजल्वान का नाम निमंत्रण पत्र से उड़ा देने की घटना हो चुकी है । मुकेश गोयल लाख कोशिशों के बावजूद पंकज बिजल्वान का नाम निमंत्रण पत्र में नहीं जुड़वा सके हैं । मुकेश गोयल के नजदीकियों ने इसके लिए भी विनय मित्तल को जिम्मेदार ठहराया हुआ है । इन घटनाओं से लग रहा है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के मुकेश गोयल के प्रयास अपेक्षित नतीजा नहीं दे पा रहे हैं; और मुकेश गोयल के नजदीकी हालात की गंभीरता व नाजुकता को स्वीकारने तथा समझने की बजाए अपनी हर असफलता व कमजोरी के लिए विनय मित्तल को जिम्मेदार ठहरा दे रहे हैं ।
इससे कई लोगों को यह आशंका भी हो चली है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी बनी भी रह सकेगी, या वह कोई समझौता करके बीच में ही अपनी उम्मीदवारी को वापस ले लेंगे । गाजियाबाद में हुई मीटिंग में कई लोगों ने अपनी यह आशंका व्यक्त की और पंकज बिजल्वान से सीधे ही सवाल पूछा कि उम्मीदवारी के मामले में कहीं धोखा तो नहीं दोगे । पंकज बिजल्वान ने हालाँकि उन्हें अपनी उम्मीदवारी के संदर्भ में आश्वस्त तो किया है; लेकिन उनके 'व्यवहार' से ज्यादा लोग आश्वस्त नहीं हुए हैं । कार्यक्रम में उपस्थित रहे कुछेक लोगों ने इन पंक्तियों के लेखक को बताया कि पंकज बिजल्वान 'मंच' पर अधिकतर समय तो अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहे । अरुण मित्तल जब लोगों को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी बात सुनने तथा उनकी बात से लोगों के बीच पैदा होने वाली प्रतिक्रिया पर ध्यान देने और उसे समझने की कोशिश करने की बजाए पंकज बिजल्वान के मोबाइल में व्यस्त रहने की तस्वीर ने लोगों को बताया/दिखाया है कि अपनी ही उम्मीदवारी के अभियान में वह स्वयं गंभीर नहीं हैं । इसीलिए कार्यक्रम में पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी पर आशंका व्यक्त करने वाले सवाल उठने तथा उसका जबाव देने/मिलने के बाद भी पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को लेकर आशंका कम होने की बजाए गहरा और गई है । लोगों को भी लग रहा है कि मुकेश गोयल के कार्यक्रम जब फेल हो रहे हैं, और वह पंकज बिजल्वान का नाम कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में नहीं छपवा पा रहे हैं, और उनके कार्यक्रमों से बड़े क्लब्स के पदाधिकारी व सदस्य दूर रह रहे हैं, तब पंकज बिजल्वान उम्मीदवार बने भी आखिर किसके भरोसे रहेंगे ?