गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए वोटिंग शिड्यूल जल्दी शुरू करने को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट के लोगों, खासकर प्रेसीडेंट्स से लताड़ सुनने को मिल रही है । प्रेसीडेंट्स तथा दूसरे वरिष्ठ रोटेरियंस का रोना/कहना है कि चुनावी घोषणा के कारण उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने पितृ पक्ष में अपने पितरों को याद करने की उनकी तैयारियों में बाधा पहुँचाई हुई है और उनके लिए धार्मिक कर्मकांड करना मुश्किल बना दिया है । उल्लेखनीय है कि इन दिनों चल रहे पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को याद करते हुए धार्मिक कर्मकांडों में व्यस्त हैं; लेकिन उनका कहना है कि उम्मीदवार और उनके समर्थक फोन कर कर के उन्हें परेशान कर रहे हैं और उनके लिए धार्मिक कर्मकांड कांड कर पाना मुश्किल हो जाता है । समस्या यह है कि किसी उम्मीदवार या उसके समर्थक का फोन न उठा पाओ, तो वह समझता है कि 'यह' दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में चला गया है - और तब वह और और लोगों से फोन करवाता है, जिससे मामला और बिगड़ जाता है ।
प्रेसीडेंट्स तथा दूसरे रोटेरियंस इस स्थिति के लिए दीपक गुप्ता को कोस रहे हैं । उनका कहना है कि दीपक गुप्ता यदि अभी चुनाव घोषित न करते तो यह स्थिति पैदा न होती । दीपक गुप्ता द्वारा चुनाव की घोषणा किए जाने से बेचारे उम्मीदवार और उनके समर्थक भी मजबूर हैं । प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस इस बात पर भी खफा हैं कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र शुरू हो जायेंगे और जब तक नवरात्र पूरे होंगे, तब तक चुनाव 'संपन्न' हो चुके होंगे - और इस तरह चुनाव से जुड़ी प्रेसीडेंट्स व रोटेरियंस की उम्मीदें पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में अभी तक क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह ही होते रहे हैं; मौजूदा रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट का कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं हुआ है जिसमें सभी क्लब्स के पदाधिकारी व सदस्य एकजुट हो सकें और आपस में एक दूसरे को तथा अपने डिस्ट्रिक्ट को जान/पहचान सकें । ऐसे कार्यक्रम के रूप में लोगों को दीवाली मेले का इंतजार रहता है । दीवाली मेले में वास्तव में उस वर्ष के क्लब-पदाधिकारियों को अपने 'डिस्ट्रिक्ट' को जानने/पहचानने का मौका मिलता है और इसीलिए दीवाली मेले को लेकर प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस की कुछ खास उम्मीदें होती हैं, लेकिन दीपक गुप्ता ने जल्दी चुनाव करवा कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है ।
जल्दी चुनाव करवाने को लेकर दीपक गुप्ता के प्रति पैदा हुई प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस की नाराजगी को सुनील मल्होत्रा व उनकी उम्मीदवारी के समर्थक अपने फायदे के रूप में देख रहे हैं । उन्हें लग रहा है कि दीपक गुप्ता के प्रति पैदा होने वाली यह नाराजगी उन्हें चुनावी लाभ पहुँचाएगी । जल्दी चुनाव करवाने की दीपक गुप्ता की कार्रवाई को वैसे भी उनके चुनावी हथकंडे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । सुनील मल्होत्रा व उनके समर्थकों को लग रहा है कि दीपक गुप्ता के इस चुनावी हथकंडे ने लेकिन उल्टा ही असर किया है और इस तरह यह सुनील मल्होत्रा के लिए फायदे का कारण बनता नजर आ रहा है । दीपक गुप्ता को लेकर लोगों के बीच इस हद तक नाराजगी है, कि कई लोग दीपक गुप्ता की तरफ से आने वाले फोन को टेप तक करने लगे हैं, ताकि दीपक गुप्ता चुनाव को प्रभावित करने वाली कोई बात करें तो उन्हें दीपक गुप्ता की रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करने का मौका मिले और वह दीपक गुप्ता को सबक सिखा सकें । इस तरह जल्दी चुनाव करवाने की घोषणा करके दीपक गुप्ता फजीहत का शिकार तो बन ही रहे हैं, और उनकी इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य को खासा रोमांचक भी बना दिया है ।
प्रेसीडेंट्स तथा दूसरे रोटेरियंस इस स्थिति के लिए दीपक गुप्ता को कोस रहे हैं । उनका कहना है कि दीपक गुप्ता यदि अभी चुनाव घोषित न करते तो यह स्थिति पैदा न होती । दीपक गुप्ता द्वारा चुनाव की घोषणा किए जाने से बेचारे उम्मीदवार और उनके समर्थक भी मजबूर हैं । प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस इस बात पर भी खफा हैं कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र शुरू हो जायेंगे और जब तक नवरात्र पूरे होंगे, तब तक चुनाव 'संपन्न' हो चुके होंगे - और इस तरह चुनाव से जुड़ी प्रेसीडेंट्स व रोटेरियंस की उम्मीदें पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में अभी तक क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह ही होते रहे हैं; मौजूदा रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट का कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं हुआ है जिसमें सभी क्लब्स के पदाधिकारी व सदस्य एकजुट हो सकें और आपस में एक दूसरे को तथा अपने डिस्ट्रिक्ट को जान/पहचान सकें । ऐसे कार्यक्रम के रूप में लोगों को दीवाली मेले का इंतजार रहता है । दीवाली मेले में वास्तव में उस वर्ष के क्लब-पदाधिकारियों को अपने 'डिस्ट्रिक्ट' को जानने/पहचानने का मौका मिलता है और इसीलिए दीवाली मेले को लेकर प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस की कुछ खास उम्मीदें होती हैं, लेकिन दीपक गुप्ता ने जल्दी चुनाव करवा कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है ।
जल्दी चुनाव करवाने को लेकर दीपक गुप्ता के प्रति पैदा हुई प्रेसीडेंट्स व अन्य रोटेरियंस की नाराजगी को सुनील मल्होत्रा व उनकी उम्मीदवारी के समर्थक अपने फायदे के रूप में देख रहे हैं । उन्हें लग रहा है कि दीपक गुप्ता के प्रति पैदा होने वाली यह नाराजगी उन्हें चुनावी लाभ पहुँचाएगी । जल्दी चुनाव करवाने की दीपक गुप्ता की कार्रवाई को वैसे भी उनके चुनावी हथकंडे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । सुनील मल्होत्रा व उनके समर्थकों को लग रहा है कि दीपक गुप्ता के इस चुनावी हथकंडे ने लेकिन उल्टा ही असर किया है और इस तरह यह सुनील मल्होत्रा के लिए फायदे का कारण बनता नजर आ रहा है । दीपक गुप्ता को लेकर लोगों के बीच इस हद तक नाराजगी है, कि कई लोग दीपक गुप्ता की तरफ से आने वाले फोन को टेप तक करने लगे हैं, ताकि दीपक गुप्ता चुनाव को प्रभावित करने वाली कोई बात करें तो उन्हें दीपक गुप्ता की रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करने का मौका मिले और वह दीपक गुप्ता को सबक सिखा सकें । इस तरह जल्दी चुनाव करवाने की घोषणा करके दीपक गुप्ता फजीहत का शिकार तो बन ही रहे हैं, और उनकी इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य को खासा रोमांचक भी बना दिया है ।