Sunday, September 8, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संजीव राय मेहरा का पहला ही कार्यक्रम प्रमुख पदाधिकारियों व वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स की बेइज्जती करने तथा पैसा कमाने का जरिया बनने के आरोपों के चलते बदनामी व फजीहत का शिकार हुआ

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संजीव राय मेहरा की अपने पहले कार्यक्रम - पेम वन में मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अनूप मित्तल, पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रंजन ढींगरा व विनय अग्रवाल की एक साथ 'बेइज्जती' करने के मुद्दे पर जैसी फजीहत हुई है, वैसी डिस्ट्रिक्ट में इससे पहले शायद ही कभी किसी की हुई होगी । फजीहत का शिकार होने के बाद संजीव राय मेहरा ने सारी कमियों/गलतियों का ठीकरा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रवि चौधरी के सिर फोड़ कर अपने को बचाने की कोशिश की है; लेकिन इसके लिए भी उन्हें लोगों से सुनने को मिल रहा है कि छोटी और घटिया सोच रखने वाले रवि चौधरी को उन्होंने जब डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लिया है, तो उन्हें उस पर लगाम रखना भी तो सीखना पड़ेगा । संजीव राय मेहरा के नजदीकियों व शुभचिंतकों ने उन्हें आगाह किया है कि उन्होंने यदि रवि चौधरी की हरकतों पर लगाम नहीं लगाई तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें सिर्फ फजीहत और बदनामी ही झेलने को मिलेगी । पेम वन के आयोजन के नाम पर तथा डिस्ट्रिक्ट टीम के प्रमुख पदों को 'बेचने' के जरिये मोटी रकम कमाने/बनाने के आरोप भी संजीव राय मेहरा पर लग रहे हैं; हालाँकि कई लोग यह कहते हुए भी सुने गए हैं कि पता नहीं संजीव राय मेहरा को कुछ मिलेगा भी, या सारी रकम रवि चौधरी खुद अकेले ही हड़प जायेंगे ?
संजीव राय मेहरा ने पेम वन के आयोजन में पहला झटका डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन को दिया । उल्लेखनीय है कि रोटरी में नियम और व्यवस्था के अनुसार डिस्ट्रिक्ट में कोई भी कार्यक्रम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की तरफ से ही होता है - और हो सकता है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के भी जो कार्यक्रम होते हैं; प्रोटोकॉल के अनुसार, उनका निमंत्रण भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की तरफ से ही जाता है । संजीव राय मेहरा ने लेकिन मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन को पूरी तरह इग्नोर करते हुए तथा प्रोटोकॉल की ऐसीतैसी करते हुए निमंत्रण अपनी तरफ से दिया । सुरेश भसीन की इस बेइज्जती के लिए कुछेक लोग सुरेश भसीन को भी यह तर्क देते हुए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं कि सुरेश भसीन रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करते तो संजीव राय मेहरा और रवि चौधरी यह हरकत नहीं कर पाते; लेकिन जब सुरेश भसीन ही अपनी बेइज्जती पर चुप लगा गए तो फिर दूसरा कौन उनकी मदद कर सकता है । वरिष्ठ रोटेरियंस ने अमित जैन के गवर्नर-वर्ष में हुए इसी से मिलती-जुलती हरकत को याद करते हुए बताया कि उस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में असित मित्तल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार विनोद बंसल के साथ मिल कर अमित जैन को इग्नोर करते हुए अपने एक कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी थी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अमित जैन को चूँकि जितेंद्र गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थन में देखा जा रहा था, इसलिए अमित जैन को बेइज्जत करने की असित मित्तल की मुहिम में विनोद बंसल भी बढ़चढ़ कर सहयोग कर रहे थे । आमतौर पर झगड़े-झंझट से दूर रहने वाले अमित जैन ने रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत कर उक्त कार्यक्रम को 'नल एंड वॉइड' घोषित करने का अनुरोध कर दिया, जिसकी जानकारी मिलने पर असित मित्तल ने फिर अमित जैन से विचार-विमर्श करके कार्यक्रम तय किया और प्रोटोकॉल के हिसाब से कार्यक्रम हुआ । लोगों का कहना है कि सुरेश भसीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं, वह चाहें तो संजीव राय मेहरा को प्रोटोकॉल के हिसाब से कार्यक्रम करने के लिए 'मजबूर' कर सकते हैं - और अपने आप को बेइज्जत होने से बचा सकते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अनूप मित्तल का प्रोफाइल डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी में नहीं छापा गया; इसके लिए बड़ा फनी कारण बताया गया कि प्रोफाइल माँगने और तैयार करने के बावजूद उसे इसलिए नहीं छापा जा सका, क्योंकि डायरेक्टरी में पेज नहीं बचा था । रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयर जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर होने के बावजूद कार्यक्रम के महत्त्वपूर्ण मौकों पर मंच पर नहीं बुलाया गया । अनूप मित्तल और रंजन ढींगरा ने लोगों के बीच खुलकर अपनी नाराजगी को प्रदर्शित किया । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय अग्रवाल के लिए मुसीबत की बात यह रही कि अपनी उपेक्षा पर वह बेचारे खुलकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त नहीं कर सके । दरअसल उन्हें तथा अन्य लोगों को उम्मीद थी कि संजीव राय मेहरा व रवि चौधरी की जोड़ी उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडवाइजरी काउंसिल में अवश्य ही रखेंगे; लेकिन जब उन्हें वहाँ नहीं देखा/पाया गया, तो उन्होंने शिकायती स्वर में कुछ कहने/बोलने की कोशिश की तो लोगों ने यह कहते हुए उनका ही मजाक बनाना शुरू कर दिया कि आप तो इन दोनों की बड़ी तरफदारी करते रहे हैं, फिर भी इन्होंने आपको अपनी एडवाइजरी काउंसिल में रखने लायक नहीं समझा । कुछेक लोगों ने विनय अग्रवाल के साथ चुटकी भी ली कि आप क्या समझते थे कि रवि चौधरी सिर्फ दूसरों के साथ बदतमीजी करेगा, आपके साथ नहीं करेगा - अब जब उसकी 'बदतमीजी' का शिकार आप भी हो गए हैं, तो कैसा लग रहा है ? इस तरह की बातें सुनकर विनय अग्रवाल ने समझ लिया कि वह तो एडवाइजरी काउंसिल में जगह न मिलने का रोना भी किसी के सामने नहीं रो सकते हैं; यदि रोयेंगे तो हर कोई उनसे हमदर्दी दिखाने की बजाये उनका मजाक ही बनायेगा । 
संजीव राय मेहरा पेम वन के आयोजन तथा डिस्ट्रिक्ट टीम के प्रमुख पदों को 'बेचने' के जरिये मोटी रकम 'कमाने' के आरोपों के घेरे में भी फँसे हैं । पेम वन के आयोजन को उन्होंने 26 क्लब्स से स्पॉन्सर करवाया, जिसके तहत प्रत्येक क्लब से 60 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक लिए गए । कुछेक रोटेरियंस ने व्यक्तिगत रूप से आयोजन को स्पॉन्सर किया । कई लोगों को लगता है कि संजीव राय मेहरा ने जितना पैसा इकट्ठा किया, खर्च उसका आधा भी नहीं हुआ । डायरेक्टरी में पेज कम पड़ जाने के कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का प्रोफाइल नहीं छापे जा सकने वाली बात पर गौर करें, तो समझ सकते हैं कि संजीव राय मेहरा ने पैसे खर्च करने के मामले में कैसी कैसी कंजूसी व बचत की होगी और कितने पैसे बचाये होंगे ? अपनी डिस्ट्रिक्ट टीम के प्रमुख पदों के लिए चुने गए लोगों से भी संजीव राय मेहरा द्वारा मोटी मोटी रकमें बसूलने की चर्चा है । लोगों के बीच चर्चा सुनी जा रही है कि संजीव राय मेहरा ने अपनी गवर्नरी को पैसा कमाने/जुटाने का जरिया बना लिया है । संजीव राय मेहरा के नजदीकियों व शुभचिंतकों का कहना है कि असल में पैसों के मामले में रवि चौधरी की चूँकि खासी बदनामी रही है और उनके एकाउंट को लेकर भी खासी फजीहत वाली स्थिति रही थी, इसलिए भी संजीव राय मेहरा की हर कार्रवाई को शक/संदेह की निगाह से देखा जायेगा और यदि उन्होंने अपने तौर-तरीकों में पारदर्शिता नहीं रखी तो उनके हिस्से में भी रवि चौधरी जैसी ही बदनामी आएगी - और जो आना शुरू भी हो गई है ।