Thursday, September 26, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3110 में आईएस तोमर की चौधराहट को बचाने के लिए शैलेंद्र कुमार राजु तथा अरुण जैन की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल को इस्तेमाल करने की रणनीति के चलते डिस्ट्रिक्ट में खासी घमासान वाली स्थिति बन गई है

अलीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन/चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी में अपने अपने सदस्यों को 'भेजने' के लिए दोनों खेमों के नेताओं की जोरआजमाइश ने क्लब्स में 'जूता-लात' चलने जैसे माहौल बना दिए हैं । नोमीनेटिंग कमेटी के लिए होने वाले चुनाव के चक्कर में कई क्लब्स में झगड़े हो गए हैं, और वह टूटने के कगार पर पहुँच गए हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चुनाव तो पवन अग्रवाल तथा सतीश जायसवाल के बीच होना है; लेकिन वास्तव में यह चुनाव पूर्व गवर्नर्स रवि अग्रवाल व आईएस तोमर के बीच प्रतिष्ठा व चौधराहट की लड़ाई बन गई है - कोढ़ में खाज वाली बात यह हुई है कि पवन अग्रवाल/रवि अग्रवाल की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू तथा सतीश जायसवाल/आईएस तोमर की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल ने मोर्चा संभाला हुआ है । यानि चुनाव पवन अग्रवाल व सतीश जायसवाल के बीच है, लेकिन मुकाबला रवि अग्रवाल व आईएस तोमर का है - और जो किशोर कातरू व मुकेश सिंघल की लड़ाई बन गया है । मुकेश सिंघल को निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अरुण जैन व पूर्व गवर्नर शैलेंद्र कुमार राजु का समर्थन है । चर्चा और आरोप है कि रोटरी क्लब बरेली मैग्नेट सिटी में धोखे व फर्जी तरीके से प्रेसीडेंट की ईमेल आईडी इस्तेमाल करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू व पूर्व गवर्नर रवि अग्रवाल को बदनाम करने की जो कोशिश हुई थी, उसके पीछे वास्तव में मुकेश सिंघल, अरुण जैन व शैलेंद्र कुमार राजु का ही हाथ था । 
डिस्ट्रिक्ट में चर्चा और आरोप हैं कि डिस्ट्रिक्ट में आईएस तोमर की चौधराहट को बचाने की जिम्मेदारी इन्हीं तीनों - मुकेश सिंघल, अरुण जैन व शैलेंद्र कुमार राजु ने ले ली है । मजे की बात यह है कि इससे पहले डिस्ट्रिक्ट में आईएस तोमर की चौधराहट को बनाने तथा बनाये रखने की जिम्मेदारी रवि अग्रवाल ने ले रखी थी; उन्हीं रवि अग्रवाल ने - जो अब आईएस तोमर के लिए चुनौती बने हुए हैं । रवि अग्रवाल को कई लोगों ने बार बार समझाया था कि आईएस तोमर उन्हें खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, और उन्हें एक खिलौने से ज्यादा कुछ नहीं समझते हैं, इसलिए उनके चक्कर में ज्यादा न पड़ो/रहो - लेकिन रवि अग्रवाल को तब किसी की बात समझ में नहीं आती थी । बाद में लेकिन उन्होंने महसूस किया और पाया कि लोग उनसे ठीक ही कहते थे, उन्होंने ही आईएस तोमर को समझने व पहचानने में देर कर दी । यही कहानी अब मुकेश सिंघल, अरुण जैन व शैलेंद्र कुमार राजु के साथ घट रही है । इन तीनों में भी मुकेश सिंघल की स्थिति ज्यादा पेचीदा है । डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी होने के नाते मुकेश सिंघल को इतना खुल कर एक पक्ष नहीं बनना चाहिए; इससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें परेशानी उठाना पड़ेगी और फजीहत का शिकार होना पड़ेगा । लेकिन मुकेश सिंघल पर अभी इस समझाइस का असर पड़ता नहीं दिख रहा है ।
डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है और वह कह रहे हैं कि मुकेश सिंघल तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति में ज्यादा नहीं पड़ना/फँसना चाहते हैं, लेकिन शैलेंद्र कुमार राजु तथा अरुण जैन ने मुकेश सिंघल को जबरन फाँसा हुआ है - और वह इनके दबाव में मजबूर बने हुए हैं । शैलेंद्र कुमार राजु तथा अरुण जैन ने मुकेश सिंघल को जबरन इसलिए फाँसा/फँसाया हुआ है क्योंकि वह जान/समझ रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू के क्लब्स पदाधिकारियों के बीच बने प्रभाव से निपटने के लिए उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल की मदद की जरूरत होगी ही; मुकेश सिंघल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की धौंस देकर ही वह क्लब्स के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं तथा उन्हें अपने साथ आने के लिए लालायित कर सकते हैं । मुकेश सिंघल के गवर्नर वर्ष में पद देने का लालच देकर ही यह तिकड़ी क्लब्स के लोगों को बहला/फुसला/भड़का रही है, जिस कारण से क्लब्स में झगड़े पैदा हो रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के जरिये डिस्ट्रिक्ट में आईएस तोमर की चौधराहट को बचाने व बनाये रखने के लिए शैलेंद्र कुमार राजु तथा अरुण जैन की मुकेश सिंघल को इस्तेमाल करने की रणनीति के चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल के बीच जो टकराव खड़ा हो गया है, उसके चलते डिस्ट्रिक्ट में खासी घमासान वाली स्थिति बन गई है ।